1.*परीक्षार्थियों ने तीन घंटे तक मुंह पर बांधे रखा मास्क, 12वीं बोर्ड की शेष परीक्षाएं शुरू*
*-परीक्षा केन्द्रों पर थर्मल स्कैनर से परीक्षार्थियों की हुई जांच*
*-कोरोना को लेकर अभिभावकों के चेहरे पर नजर आयी चिंता की लकीरें*
जोधपुर.
कोरोना के चलते राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की स्थगित हुई शेष परीक्षाएं शुरू हो गई। जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय की ओर से इस संबंध में बुधवार को सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। परीक्षा केन्द्रों पर छात्रों के बैठने के इंतजाम भी सीमित किए गए है। महात्मा गांधी स्कूल में 24 सीटिंग के अरेजमेंट में अब तब्दीली कर उसे 15 की क्षमता का बनाया गया है। परीक्षा देने आए परीक्षार्थियों की बाहर थर्मोस्केनर से जांच कर हाथों को सेनिटाइज किया गया। ताकि कोरोना के खतरे का ध्यान रखा जा सके। कोरोना के चलते शहर में कई अभिभावक भी चिंता में हैं।
डीईओ माशि मुख्यालय डॉ. भल्लूराम खिंचड़ ने बताया कि परीक्षा के समय सुबह साढ़े आठ से पौने बारह बजे तक परीक्षार्थी अपने मुंह पर मास्क लगाकर परीक्षा देते नजर आए। थर्मल स्कैनर से स्वास्थ्य विभाग की टीमें प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर जांच करने पहुंची। परीक्षा के मद्देनजर अजमेर बोर्ड की 5 फ्लाइंग और स्थानीय स्तर पर 5 फ्लाइंग नकलचियों पर नजर रख रही थी। कुल 282 केन्द्रों के अलावा 6 उप परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं। शहर में एक उप परीक्षा केन्द्र बनाया गया है, जो राजीव गांधी कच्ची बस्ती स्कूल में है।
डीईओ माशि मुख्यालय डॉ. भल्लूराम खिंचड़ ने बताया कि परीक्षा के समय सुबह साढ़े आठ से पौने बारह बजे तक परीक्षार्थी अपने मुंह पर मास्क लगाकर परीक्षा देते नजर आए। थर्मल स्कैनर से स्वास्थ्य विभाग की टीमें प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर जांच करने पहुंची। परीक्षा के मद्देनजर अजमेर बोर्ड की 5 फ्लाइंग और स्थानीय स्तर पर 5 फ्लाइंग नकलचियों पर नजर रख रही थी। कुल 282 केन्द्रों के अलावा 6 उप परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं। शहर में एक उप परीक्षा केन्द्र बनाया गया है, जो राजीव गांधी कच्ची बस्ती स्कूल में है।
*चिंता में अभिभावक*
कई अभिभावकों का कहना है कि सरकार को बच्चों और अभिभावकों की पीड़ा समझनी चाहिए थी। कोरोनाकाल में बच्चों को संक्रमित इलाकों में भेजना न्यायसंगत नहीं है। गर्मी में तीन घंटे तक बच्चे कैसे मुंह पर मास्क बांध बैठे रहेंगे।
2.*कफर्यू क्षेत्र से परीक्षा सेंटर बदलने की मांग, कलेक्टर को ज्ञापन*
*जयपुर में कोरोना संक्रमित क्षेत्रों से बोर्ड की परीक्षा सेंटर हटाए जाएं, जिससे जिन इलाकों में संक्रमित मरीज हैं, उन से फैल रहा संक्रमण उन परीक्षा सेंटर के बच्चों तक ना पहुंचे।*
जयपुर।
टोंक फाटक के आदर्श बाजार बरकत नगर में कोरोना के मरीज की पुष्टि होने के बाद यहां कफ्र्यू लगा हुआ है। जनभावना समिति के संयोजक व अध्यक्ष रोहित अजमेरा ने बताया कि आदर्श बाजार व्यापार मंडल ने भी संयुक्त रूप से कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और मांग की है कि जयपुर में कोरोना संक्रमित क्षेत्रों से बोर्ड की परीक्षा सेंटर हटाए जाएं, जिससे जिन इलाकों में संक्रमित मरीज हैं, उन से फैल रहा संक्रमण उन परीक्षा सेंटर के बच्चों तक ना पहुंचे।
व्यापार मंडल महामंत्री कल्लू शर्मा ने बताया कि किसी भी प्रकार यदि संक्रमण और अधिक फैलता है तो व्यापारियों को प्रतिष्ठान और अधिक समय तक बंद रखने पड़ेंगे, जिससे व्यापारियों को नुकसान होगा। ज्ञापन में मांग की है कि जयपुर में कोरोना संक्रमित क्षेत्रों से बोर्ड की परीक्षा सेंटर हटाए जाएं, जिससे जिन इलाकों में संक्रमित मरीज हैं, उन से फैल रहा संक्रमण उन परीक्षा सेंटर के बच्चों तक ना पहुंचे। ज्ञापन के दौरान जन भावना समिति के जय सिंह कुमावत, राकेश सैनी, अंकित गर्ग, ओमप्रकाश सैनी भी मौजूद थे।
व्यापार मंडल महामंत्री कल्लू शर्मा ने बताया कि किसी भी प्रकार यदि संक्रमण और अधिक फैलता है तो व्यापारियों को प्रतिष्ठान और अधिक समय तक बंद रखने पड़ेंगे, जिससे व्यापारियों को नुकसान होगा। ज्ञापन में मांग की है कि जयपुर में कोरोना संक्रमित क्षेत्रों से बोर्ड की परीक्षा सेंटर हटाए जाएं, जिससे जिन इलाकों में संक्रमित मरीज हैं, उन से फैल रहा संक्रमण उन परीक्षा सेंटर के बच्चों तक ना पहुंचे। ज्ञापन के दौरान जन भावना समिति के जय सिंह कुमावत, राकेश सैनी, अंकित गर्ग, ओमप्रकाश सैनी भी मौजूद थे।
3.*यहां सोशल डिस्टिंग के साथ शरू हुई बोर्ड परीक्षा, थर्मल स्क्रीनिंग के आदेश की उड़ती नजर आई धज्जियां*
करौली।
लॉकडाउन के चलते माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की शेष रही परीक्षाएं गुरुवार से शुरू हुई हैं। आज पहले दिन जिले के 47 परीक्षा केंद्रों पर 12वीं कक्षा के गणित विषय की परीक्षा शुरू हुई है। कोरोना महामारी के मद्देनजर सभी परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा को लेकर पहले परीक्षा केंद्रों को सेनेटाइज कराया गया। उसके बाद प्रत्येक परीक्षार्थी के हाथों को सेनेटाइज कराने के बाद ही प्रवेश दिया गया। हालांकि इस दौरान लगभग सभी केंद्रों पर थर्मल स्क्रीनिंग के आदेश की धज्जियां उड़ती नजर आई।
जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखने के बावजूद अधिकतर परीक्षा केंद्रों पर कोई भी चिकित्सा कर्मी थर्मल स्क्रिनिंग करने के लिए नहीं पहुंचा। इसके चलते बिना स्क्रिनिंग के ही परीक्षार्थियों को प्रवेश देना पड़ा। इसे लेकर जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक भरत लाल मीणा ने बताया कि हमारी ओर से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र भेज दिया गया था। उनके द्वारा थर्मल स्क्रिनिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए थी। हालांकि सैनेटाइजर और अन्य सुरक्षा के बंदोबस्त सभी परीक्षा केंद्रों पर किए गए हैं। परीक्षार्थियों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बिठाया गया। इस दौरान छात्र और शिक्षक मास्क लगाए नजर आए। साथ ही हाथ धोने के लिए साबुन और पानी की भी प्रबंध किए गए हैं।
हिंडौनसिटी में भी शेष रहीं 12 वीं बोर्ड परीक्षाएं शुरू हुई। राजकीय उच्च माध्य विद्यालय सहित अनेक परीक्षा केंद्रों पर सुबह 8:30 बजे से विज्ञान वर्ग की गणित विषय की परीक्षा हुई। इस दौरान विद्यार्थियों को हाथ धुलाकर व सोशल डिस्टेंसिंग से प्रवेश दिया गया। राजकीय उच्च माध्य विद्यालय परीक्षा केंद्र पर 257 परीक्षार्थी प्रविष्ट हुए। वहीं सबसे कम 16 परीक्षार्थी मोहन नगर के निजी विद्यालय में प्रविष्ट हुए।
4.*सरकारी स्कूलों में बनेंगे स्मार्ट क्लास रूम, ई-कंटेंट भी करवाया जाएगा उपलब्ध*
जयपुर
राज्य के चयनित 100 राजकीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम लगाए जांएगे। इस पर एक करोड़ 85 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। कक्षा एक से 12 तक पाठ्यक्रम का ई-कन्टेन्ट भी उपलब्ध करवाया जाएगा। इसे लेकर त्रिपक्षीय एमओयू साइन किया गया है। शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने बताया कि राज्य सरकार ने इसके लिए पावर ग्रिड काॅरपोरेशन आॅफ इण्डिया, एजूकेशनल काॅन्स्युटेंट इण्डिया लिमिटेड के मध्य एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है। इसके तहत प्रदेश के 100 विद्यालयों में स्मार्टक्लास रूम लगाने के साथ ही कक्षा एक से 12 तक पाठ्यक्रम का ई-कन्टेन्ट भी उपलब्ध कराया जाएगा। शिक्षामंत्री ने बताया कि सभी 100 विद्यालयों के प्रत्येक विद्यालय के 4 शिक्षकों को स्मार्टक्लास रूम में पढ़ाने के लिए बाकायदा प्रशिक्षित भी किया जाएगा।
*इन स्कूलों को प्राथमिकता*
इसके साथ ही यह भी तय किया गया है कि जिन विद्यालयों में स्मार्ट क्लास रूम स्थापित किए जाएंगे, वहां भविष्य में उनके रख-रखाव और अध्ययन-अध्यापन में किसी तरह की बाधा नहीं हो। ऐसे विद्यालयों में स्मार्ट क्लारूम स्थापित किए जाने को प्राथमिकता दी गयी है जो सुदूर स्थानों पर हों और जहां कम्यूटर शिक्षक, प्रयोगशाला सहायक पदस्थापित हों ताकि स्मार्ट क्लासरूम का समुचित उपयेाग हो सकें।
5.*अक्षय पात्र ने बांटे खराब गेहूं*
*स्कूलों से आई शिकायत, विभाग ने दिया नोटिस*
राजसमंद.
जिले के खमनोर, राजसमंद ब्लॉक के कुछ स्कूलों में मिड-डे-मील के तहत बांटे जा रहे गेहूं के गुणवत्ताहीन होने का मामला सामने आया है। इन स्कूलों में गेहूं का वितरण अक्षय पात्र द्वारा किया गया है। खराब गेहूं स्कूलों में पहुंचने पर संस्थाप्रधानों ने शिक्षा विभाग से इसकी शिकायत की, जिसके बाद विभाग ने अक्षय पात्र को नोटिस जारी कर गुणवत्ता युक्त गेहूं बांटने के आदेश दिए हैं।
दरअसल लॉकडाउन होने से स्कूल लम्बे समय तक बंद थे, ऐसे में बच्चों को मिलने वाला मिड-डे-मील का वितरण नहीं हुआ। अब अनलॉक होने पर सरकार ने बच्चों के घर मिड-डे-मील का गेहूं पहुंचाने का निर्णय लिया। राजसमंद और खमनोर ब्लॉक के स्कूलों के लिए गेहूं वितरण की जिम्मेदारी अक्षयपात्र ने ली। पिछले चार-पांच दिन से गेहूं का वितरण भी शुरू कर दिया गया। ऐसे में अब कुछ स्कूलों ने शिक्षा विभाग से शिकायत की है कि जो गेहूं बांटा गया है, उसमें आधे से ज्यादा कचरा है, सड़ा-गला है। इसके बाद शिक्षा विभाग ने अक्षय पात्र को गेहंू का सैम्पल जांचकर वितरण करने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल लॉकडाउन होने से स्कूल लम्बे समय तक बंद थे, ऐसे में बच्चों को मिलने वाला मिड-डे-मील का वितरण नहीं हुआ। अब अनलॉक होने पर सरकार ने बच्चों के घर मिड-डे-मील का गेहूं पहुंचाने का निर्णय लिया। राजसमंद और खमनोर ब्लॉक के स्कूलों के लिए गेहूं वितरण की जिम्मेदारी अक्षयपात्र ने ली। पिछले चार-पांच दिन से गेहूं का वितरण भी शुरू कर दिया गया। ऐसे में अब कुछ स्कूलों ने शिक्षा विभाग से शिकायत की है कि जो गेहूं बांटा गया है, उसमें आधे से ज्यादा कचरा है, सड़ा-गला है। इसके बाद शिक्षा विभाग ने अक्षय पात्र को गेहंू का सैम्पल जांचकर वितरण करने के निर्देश दिए हैं।
*सीबीईओ से की शिकायत*
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने सीबीईओ को पत्र भेजकर बताया कि अक्षय पात्र द्वारा दिए गए गेहूं सड़े-गले हैं, तथा इसमें आधे से ज्यादा कचरा भरा पड़ा है।
*नोटिस दिया है...*
कुछ स्कूलों से शिकायत आई थी, इसपर अक्षयपात्र को नोटिस जारी कर गुणवत्ता सुधार कर सप्लाई करने को कहा है।
-सोहनलाल रेगर, मुख्य जिला शिक्षाधिकारी, राजसमंद
-सोहनलाल रेगर, मुख्य जिला शिक्षाधिकारी, राजसमंद
6.*पहले दिन गणित के फेर में उलझे विद्यार्थी*
*-12वीं की परीक्षाएं पुन: शुरू*
राजसमंद.
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा गुरुवार से पुन: १२वीं की परीक्षाएं शुरू कर दी गईं। लम्बे समय से पढ़ाई बाधित होने के बाद शुरू हुई परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों के चेहरे में गणित की उलझन नजर आई। पहले दिन की परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुई। गौरतलब है कि प्रदेश में २१ मार्च से लॉकडाउन लगने के कारण परीक्षाएं निरस्त करवा दी गई थीं, जिन्हें अब पुन: शुरू किया गया है।
करीब ढाई माह बाद पुन: शुरू हुई परीक्षा के लिए सुबह साढ़े सात बजे से ही विद्यार्थियों को केंद्रों में प्रवेश शुरू कर दिया गया। सभी को सामाजिक दूरी के साथ खड़ाकर उनकी स्क्रीनिंग की गई, इसके बाद उन्हें कक्षाकक्षों में प्रवेश दिया गया। कक्षाकक्षों में भी करीब २ मीटर की दूरी पर विद्यार्थियों को बैठाया गया। यानि जिस कक्षा में २० छात्र बैठकर परीक्षा देते थे उसमें महज १२ विद्यार्थियों को ही बैठाया गया। परीक्षा देकर लौटे विद्यार्थियों ने बताया कि पेपर तो कठिन नहीं था, लेकिन लम्बे समय से पढ़ाई बाधित होने से काफी कुछ भूल गए, इससे पेपर में जो आया था उसे देखकर लग रहा था सबकुछ आता है, लेकिन हल करने के दौरान खासी परेशानी हुई।
करीब ढाई माह बाद पुन: शुरू हुई परीक्षा के लिए सुबह साढ़े सात बजे से ही विद्यार्थियों को केंद्रों में प्रवेश शुरू कर दिया गया। सभी को सामाजिक दूरी के साथ खड़ाकर उनकी स्क्रीनिंग की गई, इसके बाद उन्हें कक्षाकक्षों में प्रवेश दिया गया। कक्षाकक्षों में भी करीब २ मीटर की दूरी पर विद्यार्थियों को बैठाया गया। यानि जिस कक्षा में २० छात्र बैठकर परीक्षा देते थे उसमें महज १२ विद्यार्थियों को ही बैठाया गया। परीक्षा देकर लौटे विद्यार्थियों ने बताया कि पेपर तो कठिन नहीं था, लेकिन लम्बे समय से पढ़ाई बाधित होने से काफी कुछ भूल गए, इससे पेपर में जो आया था उसे देखकर लग रहा था सबकुछ आता है, लेकिन हल करने के दौरान खासी परेशानी हुई।
7.*लॉकडाउन के दौरान बदल गई स्कूल की सूरत,*
*भवन को बना दिया टे्रन का डिब्चारदीवारी पर कोरोना से बचाव का संदेश दे ग्रामीणों को किया जा रहा जागरूक*
धोरीमन्ना.
उपखंड के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भीमथल में स्कूल के भवन और चारदीवारी लॉकडाउन के बाद अब नए अंदाज में देखने को मिल रही है। गांव में अशिक्षित बच्चों को स्कूल से जोडऩे एंव ग्रामीणों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए स्कूल की चारदीवारी को भामाशाह के सहयोग से शिक्षकों ने नया रूप दिया है स्कूल में भवनों पर बच्चों का पढ़ाई के प्रति लगाव बढ़ाने को लेकर ट्रेन की बोगी की तरह सजाया गया है इस की पुताई ऐसे ढंग से की है कि दूर से देखने वाले भी हैरान रह जाते हैं। दिखने से ऐसे लगता है जैसे यहां ट्रेन खड़ी है, इस तरह की कलाकृति को देखने के लिए अन्य स्कूल से शिक्षक व ग्रामीण व बच्चे भी पहुंच रहे हैं। वन्यजीवों व पर्यावरण को बचाने के लिए चित्रकारीस्कूल में भवन के दीवारों पर वन्यजीवों एवं पर्यावरण को बचाने को लेकर भी संदेश दिया गया है। पर्यावरण एवं जीव जंतुओं के बारे में बाउंड्री वॉल, झरना, पहाड़, नदी, तालाब, पशु पक्षियों व आकर्षक चित्रकारी की गई है, जिसे स्कूली बच्चे फ्री समय में अपना मनोरंजन भी कर सकेंगे। साथ ही विभिन्न कमरों में विषय आधारित पेंटिंग भी की गई है। कोरोना से बचने के लिए लोगों को जागरूक करने का संदेशवर्तमान में कोरोना का कहर चल रहा है इसी बीच प्रधानाचार्य रूपसिंह जाखड़ व व्याख्याता शंकराराम विश्नोई ने पहल करते हुए स्कूल की चारदीवारी पर भामाशाह के सहयोग से ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए कोरोना से बचने के उपायों को कलाकृति के माध्यम से दर्शाया है। जिससे ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे लोगों में कोरोना से किस तरह से बचाव करना है उसको लेकर जागृति आएगी। सेवानिवृत्त शिक्षकों का भी रहा सहयोगविद्यालय में रंग रौनक एवं कलाकृति के माध्यम से निखार लाने के लिए भामाशाह के रूप में विद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षकों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। सेवानिवृत्त व्याख्याता नेमाराम विश्नोइ, अध्यापक सुजाराम ने भामाशाह के रूप में विद्यालय की रंगाई पुताई हो नया रूप देने में योगदान रहा। शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार करने के लिए स्कूल स्टाफ के साथ चर्चा हुई जिसके बाद भामाशाह के सहयोग से स्कूल में भवनों को ट्रेन के बोगी का आकार दिया तथा कोरोना से बचने के लिए ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए चारदीवारी पर पेंटिंग करवाई गई. - रूपसिंह जाखड़ प्रधानाचार्य भीमथल
8.*पहले किया सेनेटाइज, फिर दिया प्रवेश*
*- पूरी सुरक्षा के बीच शुरू हुई परीक्षा*
*-बदला-बदला सा था नजारा*
*- पहले दिन छह परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे*
चित्तौडग़ढ़.
सुबह करीब साढ़े सात बजे। बच्चों को मास्क लगाकर कतार में खड़ा किया और उन्हें पूरी तरह से सेनेटाइज कर एक-एक को प्रवेश देते रहे। कोई सेनटेटाइज कर रहा था तो कोई थर्मल स्क्रीनिंग करता दिखाई दिया। जी हां यह नजारा था गुरुवार को परीक्षा केन्द्रों जहां पर पूरी कोविड-19 के प्रोटोकॉल के तहत ही परीक्षार्थियों को प्रवेश दिया गया। जिले में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से गुरुवार से शरू हुई परीक्षा में बाहरवीं कक्षा का पहला पेपर गणित हुआ। गणित की परीक्षा जिले में 43 केन्द्रों पर सम्पन्न करवाई गई। इसमें कुल 855 परीक्षार्थी पंजीकृत थे इसमें से 849 परीक्षा देने के लिए पहुंचे।
कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन में बोर्ड ने परीक्षाओं को स्थगित कर दिया था। बकाया प्रश्नपत्रों की परीक्षा गुरुवार से शुरू की गई। सुबह परीक्षा केन्द्रों पर बच्चों को एक घंटे पहले ही बुला लिया गया। जहां पर निर्धारित दूरी पर तैयार किए गए गोलों में बच्चों को खड़ा किया गया। फिर परीक्षा केन्द्रों पर मेडिकल टीम की ओर से हर परीक्षार्थी की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। बच्चों को एवं उनके पैन पैन्सिल आदि को भी सेनेटाइज किया गया। इसके बाद बारी-बारी से प्रवेश दिया गया। परीक्षा कक्षों को भी पूर्व में सेनेटाइज करने के बाद निर्धारित दूरी पर टेबलों को लगाया गया। परीक्षा अवधि में परीक्षा प्रारंभ से पूर्व प्रत्येक परीक्षार्थी एव परीक्षा केन्द्र पर प्रवेश होने वाले सभी कार्मिको को सैनेटाईज एव साबुन से हाथ धोकर एवं मास्क पहना कर ही प्रवेश दिया गया।
कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन में बोर्ड ने परीक्षाओं को स्थगित कर दिया था। बकाया प्रश्नपत्रों की परीक्षा गुरुवार से शुरू की गई। सुबह परीक्षा केन्द्रों पर बच्चों को एक घंटे पहले ही बुला लिया गया। जहां पर निर्धारित दूरी पर तैयार किए गए गोलों में बच्चों को खड़ा किया गया। फिर परीक्षा केन्द्रों पर मेडिकल टीम की ओर से हर परीक्षार्थी की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। बच्चों को एवं उनके पैन पैन्सिल आदि को भी सेनेटाइज किया गया। इसके बाद बारी-बारी से प्रवेश दिया गया। परीक्षा कक्षों को भी पूर्व में सेनेटाइज करने के बाद निर्धारित दूरी पर टेबलों को लगाया गया। परीक्षा अवधि में परीक्षा प्रारंभ से पूर्व प्रत्येक परीक्षार्थी एव परीक्षा केन्द्र पर प्रवेश होने वाले सभी कार्मिको को सैनेटाईज एव साबुन से हाथ धोकर एवं मास्क पहना कर ही प्रवेश दिया गया।
*किया निरीक्षण, देखी व्यवस्था*
सरकार के आदेश पर एडीएम मुकेश कलाल ने सुबह करीब 10.30 बजे मेजर नटवर सिंह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पहुंच कर परीक्षा केन्द्र का निरीक्षण किया। यहां पर उन्होंने प्रधानाचार्य प्रकाश शर्मा से बच्चों को कोविड-19 के प्रोटोकॉल के नियमानुसार प्रवेश देने एवं परीक्षा में बैठाने के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इसके बाद कलाल ने कहा कि यहां पर नियमानुसाी ही बच्चों को परीक्षा के लिए प्रवेश दिया गया है। यहां पर व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई गई है। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शांतिलाल सुथार एवं अन्य दलों ने भी विभिन्न परीक्षा केन्द्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान वहां पर भी व्यवस्था माकूल पाई गई।
*बच्चों का तापमान भी किया दर्ज*
जिले के कई विद्यालयों में बने परीक्षा केन्द्रों पर तो बच्चों को तापमान नापने के बाद उसे सूचीबद्ध भी किया गया। जिले के मण्डफिया स्थित विद्यालय में हर परीक्षार्थी की थर्मल स्क्रीनिंग हुई। उसके बाद मशीन में आए तापमान को सूची तैयार कर उसका रिकॉर्ड भी तैयार किया गया है।
9.*बोर्ड परीक्षा की नहीं, कोरोनावायरस की ज्यादा टेंशन*
*-12वीं बोर्ड की परीक्षा देने पहुंचे विद्यार्थी*
*-शेष रही पहली परीक्षा में मैथ्स ने छुड़ाए पसीने*
बाड़मेर.
परीक्षा देने जाते समय विद्यार्थी के सामने पेपर को लेकर टेंशन रहता है और चिंता इसकी रहती है कि कैसा होगा। लेकिन गुरुवार को माशिबो की 12वीं की परीक्षा देने पहुंचे विद्यार्थियों का टेंशन कोरोना को लेकर ज्यादा दिख रहा था। पेपर कैसा करना है, उससे ज्यादा कोरोना से बचाव कैसे करना है, इसकी हिदायत घर, दोस्तों से लेकर स्कूल पहुंचने तक सभी से मिल रही थी। पहले दिन गणित का पेपर हुआ।
बाड़मेर की स्टेशन रोड स्थित हाई स्कूल में परीक्षा के निर्धारित समय से पूर्व ही छात्र पहुंच गए। जहां पर पहले से तैयार टीम ने स्क्रङ्क्षनग की। इसके बाद सभी छात्रों के हाथ साबुन से धुलवाने की व्यवस्था भी की गई। इसके बाद पूरी तरह जांच-पड़ताल के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया गया।
बाड़मेर की स्टेशन रोड स्थित हाई स्कूल में परीक्षा के निर्धारित समय से पूर्व ही छात्र पहुंच गए। जहां पर पहले से तैयार टीम ने स्क्रङ्क्षनग की। इसके बाद सभी छात्रों के हाथ साबुन से धुलवाने की व्यवस्था भी की गई। इसके बाद पूरी तरह जांच-पड़ताल के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया गया।
*बच्चों से बनाई रखी दूरी*
जांच के दौरान कोराना के चलते बच्चों से दूरी बनाकर रखी गई। केंद्र में प्रवेश से पहले पूछा गया कि कुछ लेकर तो नहीं आए। इसके अलावा बच्चों की जांच नहीं की। सामान्यत: जांच के दौरान उडऩ दस्ता व पर्यवेक्षक पेपर और कॉपी चेक करता है, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं किया गया। कोरोना के कारण सभी ऐहतियात बरतते दिखे।
*परीक्षा कक्षों को किया सेनेटाइज*
परीक्षा से पहले बाड़मेर के स्टेशन रोड स्कूल में कक्षा-कक्षों को सेनेटाइज किया गया। विद्यार्थियों के पहुंचने से पहले पूरे कक्ष व टेबल-कुर्सी को संक्रमण मुक्त करने के लिए कार्मिकों ने सेनेटाइज कर दिया। इसके बाद सोशल डिस्टेंस बनाकर खड़े छात्रों को एक-एक करके प्रवेश दिया गया।
*प्रत्येक कक्ष में 16 की सीटिंग*
केंद्र के कक्षों में 16 परीक्षार्थियों के बैठने की व्यवस्था की गई। इसके चलते सभी को सोशल डिस्टेंस की पालना करने का भी कहा गया। इसके चलते छात्रों में काफी दूरी रही।
*पहले जैसा जोश बाद में नहीं रहता*
परीक्षा की तैयारी तो काफी बीच में छूट गई थी। फिर तिथि आने के बाद तैयारी में जुटे। अब पेपर तो देकर आए हैं, लेकिन जिस तरह का जोश और उत्साह परीक्षा देने का रहता है वह अब नहीं रहा। परीक्षा के साथ कोरोना का टेंशन काफी है।
अश्विनी कुमार, छात्र
अश्विनी कुमार, छात्र
10.*न्यू कोर्स / नए सेशन से 8वीं क्लास में नया कोर्स शुरू करेगा केंद्रीय विद्यालय संगठन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई करेंगे स्टूडेंट्स*
*सभी स्कूलों को 30 जून से पहले CBSE के साथ अपने विद्यालय का रजिस्ट्रेशन करना होगा*
*ये कोर्स स्टूडेंट्स को सीबीएसई और इंटेल कंपनी के सहयोग से पढ़ाया जाएगा*
दैनिक भास्कर
केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) ने देशभर में स्थित केंद्रीय विद्यालयों में एकेडमिक ईयर 2020-21 से 8वीं क्लास में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर एक कोर्स शुरू करने का ऐलान किया है। इसके लिए KVS ने सभी स्कूलों को 8वीं क्लास में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का कोर्स शुरू करने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के साथ रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहा है। CBSE इस कोर्स के एफिलिएशन और रजिस्ट्रेशन के लिए फीस नहीं लेगा। ये कोर्स स्टूडेंट्स को सीबीएसई और इंटेल कंपनी के सहयोग से पढ़ाया जाएगा।
*30 जून से पहले करना होगा नामांकन*
इस बारे में केवीएस के एडिशनल कमिश्नर इंदु कौशिक ने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को लिखे एक पत्र में कहा कि, "केंद्रीय विद्यालय संगठन ने सत्र 2020-21 से 8वीं क्लास में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोर्स शुरू करने का निर्णय लिया है। ऐसे में आपसे अनुरोध है कि सभी केन्द्रीय विद्यालयों के प्रिंसिपल्स को 30 जून से पहले CBSE के साथ अपना विद्यालय नामांकन कराने के लिए कहें, ताकि 8वीं क्लास में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोर्स की शुरुआत की जा सके। संगठन ने सभी केंद्रीय विद्यालयों से उन टीचर्स की सूची मांगी गई है, जो इस कोर्स को पढ़ाएंगे। इन टीचर्स को इंटेल और CBSE के प्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग चरणों में ट्रेनिंग दी जाएगी।
*देश में खुलेंगे 4 नए केंद्रीय विद्यालय*
इससे पहले मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश में चार नए केंद्रीय विद्यालय खोलने का ऐलान किया। देश के अलग-अलग राज्यों में खोले जाने वाले केंद्रीय विद्यालयों के बारे में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने जानकारी दी। इन विद्यालयों में से दो यूपी, एक उत्तराखंड और एक झारखंड में खोले जाएंगे। यूपी में एक विद्यालय फतेहपुर के मधुपुरी में और दूसरा हमीरपुर के सुमेरपुर में होगा। वहीं, तीसरा KV एसएसबी, चंपावत, उत्तराखंड और चौथा KV रेलवे, डांगोवापोसी, झारखंड में होगा। चार नए केंद्रीय विद्यालयों के ऐलान के बाद अब देश में कुल केंद्रीय विद्यालयों की संख्या बढ़कर 1239 हो जाएंगी।
11.*अनलॉक में परीक्षा / एग्जाम के बाद स्टूडेंट्स बोले- तीन महीने से इंतजार था, अब सुकून मिला; केंद्र पर भी दोस्तों से दूरी का गम*
*प्रदेशभर में 6 हजार से अधिक परीक्षा केंद्रों को सुबह सैनिटाइज कराया गया*
*30 जून तक चलने वाली बोर्ड की परीक्षा में कुल 20.58 लाख परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं*
दैनिक भास्कर
अजमेर.
गुरुवार को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा 12वीं विज्ञान वर्ग के गणित का परीक्षा आयोजित की गई। परीक्षा देकर निकले परीक्षार्थियों के चेहरों पर खुशी थी। उनका कहना था कि देर से ही सही पेपर हो गया। आखिरकार कंफ्यूजन की स्थिति खत्म हुई। इससे पहले प्रदेश के सभी 6 हजार से अधिक परीक्षा केंद्रों को सुबह सैनिटाइज कराया गया था।
जानकारी के मुताबिक, दोपहर 11.45 बजे गणित का पेपर छूटते ही छात्र बाहर आए। ये सभी पिछले तीन महीने से अपने बचे हुए पेपर होने का इंतजार कर रहे थे। सावित्री उच्च माध्यमिक विद्यालय में परीक्षा केंद्र से पेपर देकर लौटे अनीश का कहना था कि लॉकडाउन के चलते परीक्षा की आस ही छोड़ दी थी। लंबा समय हो जाने पर पेपर की तैयारी भी नहीं हो रही थी। जब बोर्ड ने संशोधित टाइम टेबल जारी किया, तब वापस पढ़ाई शुरू की। आज पेपर अच्छा हुआ।
जानकारी के मुताबिक, दोपहर 11.45 बजे गणित का पेपर छूटते ही छात्र बाहर आए। ये सभी पिछले तीन महीने से अपने बचे हुए पेपर होने का इंतजार कर रहे थे। सावित्री उच्च माध्यमिक विद्यालय में परीक्षा केंद्र से पेपर देकर लौटे अनीश का कहना था कि लॉकडाउन के चलते परीक्षा की आस ही छोड़ दी थी। लंबा समय हो जाने पर पेपर की तैयारी भी नहीं हो रही थी। जब बोर्ड ने संशोधित टाइम टेबल जारी किया, तब वापस पढ़ाई शुरू की। आज पेपर अच्छा हुआ।
*एग्जाम देने पहुंचे, लेकिन दोस्तों से मिल नहीं पाए*
एक स्टूडेंट दिशा खन्ना ने कहा कि कोरोना की वजह से पहले ही बहुत डरे हुए थे। पहली बार मास्क लगा कर परीक्षा देने का अनुभव भी याद रहेगा। कोरोना की वजह से परीक्षा केंद्र पर सब से खुल कर भी नहीं मिल पा रहे थे। पेपर बड़ा था, लेकिन अच्छा हुआ।
*घर पर बैठे-बैठे बोर हो गए*
छात्र नावेद अहमद का कहना है कि एक पेपर की वजह से हर समय बेचैनी रहती थी। समय पर पेपर हो जाता तो अब तक परिणाम आ जाता। वहीं, सुरेश का कहना था कि तीन महीने तक घर में भी बोर हो गए। पढ़ाई भी कहां तक हो पाती, तैयारी पहले से भी थी। आज पेपर देखा तो राहत मिली। पेपर अच्छा था। अधिकांश सवाल हल कर लिए। कोरोना के बीच हुआ यह पेपर हमेशा याद रहेगा।
12.*परीक्षा पर सवाल? / जेईई मेन और नीट के आयोजन को लेकर 25 जून को होगा अंतिम फैसला, हालातों की समीक्षा के बाद होगा निर्णय*
*जुलाई में होने वाली परीक्षाओं को लेकर कई राज्यों और अभिभावकों ने जताई आपत्ति*
*एचआरडी मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय मिलकर करेंगे समीक्षा*
दैनिक भास्कर
कोविड-19 के लगातार बढ़ते संक्रमण की वजह से बोर्ड और प्रवेश परीक्षाएं अब राज्यों की सहमति पर निर्भर होंगी। इस बारे में केंद्र सरकार 25 जून तक कोरोना के कारण बने हालातों और सभी राज्य सरकारों के सुझावों के आधार पर समीक्षा करेगी। इसी आधार पर जुलाई में होने वाली बोर्ड परीक्षा, जेईई मेन और नीट प्रवेश परीक्षाओं के आयोजन के बारे में करवाने पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
*जुलाई में होनी है परीक्षा*
दरअसल, जुलाई में होने वाली CBSE की 10वीं- 12वीं की परीक्षा,जेईई मेन और नीट को लेकर कई राज्यों और अभिभावकों को आपत्ति है। उनका मानना है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लाखों स्टूडेंट्स को परीक्षा केंद्र तक बुलाना सही नहीं है। इससे पहले मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इन परीक्षाओं की डेट तय की थी, हालांकि, उस समय संक्रमण दर ज्यादा नहीं था।
कोरोना के बढ़ते मामले के कारण होगी समीक्षा
लेकिन, मध्य जून तक देशभर में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या, खासकर मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में खराब स्तिथि के मद्देनजर परीक्षा को लेकर फैसला किया जाएगा। ऐसे में सरकार 25 जून को कोरोना हालात का आकलन करेगी और उसके बाद कोई फैसला लेगी। इस बारे में एचआरडी मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय मिलकर इसकी समीक्षा करेंगे।
कोरोना के बढ़ते मामले के कारण होगी समीक्षा
लेकिन, मध्य जून तक देशभर में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या, खासकर मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में खराब स्तिथि के मद्देनजर परीक्षा को लेकर फैसला किया जाएगा। ऐसे में सरकार 25 जून को कोरोना हालात का आकलन करेगी और उसके बाद कोई फैसला लेगी। इस बारे में एचआरडी मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय मिलकर इसकी समीक्षा करेंगे।
13.*परीक्षा पर विवाद / सुप्रीम कोर्ट ने CBSE को बाकी परीक्षाएं रद्द करने पर विचार करने को कहा, 23 जून को जवाब देने के दिए निर्देश*
*आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट के बारे में भी सोचे:बोर्ड*
*परीक्षा के खिलाफ अभिभावकों के एक समूह ने दायर की याचिका*
दैनिक भास्कर
सुप्रीम कोर्ट ने CBSE से कहा है कि वह 10वीं और 12वीं की बाकी परीक्षाएं रद्द करने और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट जारी करने के बारे में सोचे। शीर्ष कोर्ट बुधवार को अभिभावकों के एक समूह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में कोरोना महामारी के मद्देनजर CBSE की शेष परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की गई है। इस दौरान CBSE ने कहा है कि वह स्थिति को देखते हुए अपने दिशा-निर्देश बताएगा।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने निर्देश दिया कि इस मामले में बोर्ड 23 जून को अगली सुनवाई में अपना जवाब पेश करे। बोर्ड की बाकी परीक्षाएं 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच होनी हैं। फिलहाल CBSE 12वीं के 29 मुख्य विषयों की ही परीक्षा ले रहा है। वहीं नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में दंगों की वजह से रद्द हुईं 10वीं की परीक्षाएं होंगी।
ICSE ने छात्रों से पूछा- पेपर देना है या प्रमोशन दें
ICSE ने परीक्षार्थियों से पूछा है कि वे दो जुलाई से शुरू होने वाली बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे या प्री-बोर्ड अथवा इंटरनल असेसमेंट के आधार पर प्रमोशन चाहते हैं। उन्हें अपना विकल्प निर्धारित प्रोफार्मा में भरकर 18 जून तक स्कूल को भेजना है।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने निर्देश दिया कि इस मामले में बोर्ड 23 जून को अगली सुनवाई में अपना जवाब पेश करे। बोर्ड की बाकी परीक्षाएं 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच होनी हैं। फिलहाल CBSE 12वीं के 29 मुख्य विषयों की ही परीक्षा ले रहा है। वहीं नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में दंगों की वजह से रद्द हुईं 10वीं की परीक्षाएं होंगी।
ICSE ने छात्रों से पूछा- पेपर देना है या प्रमोशन दें
ICSE ने परीक्षार्थियों से पूछा है कि वे दो जुलाई से शुरू होने वाली बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे या प्री-बोर्ड अथवा इंटरनल असेसमेंट के आधार पर प्रमोशन चाहते हैं। उन्हें अपना विकल्प निर्धारित प्रोफार्मा में भरकर 18 जून तक स्कूल को भेजना है।
*याचिकाकर्ता का तर्क- जुलाई माह में जोखिम न लिया जाए*
याचिकाकर्ताओं का तर्क दिया कि एम्स के आंकड़ों के अनुसार कोरोना महामारी जुलाई में पीक पर होगी। इसलिए बची हुई परीक्षाओं को रद्द कर दिया जाए। इसी तर्क के आधार पर पैरेंट्स ने 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच होनी वाली परीक्षाओं के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की है।
14.*अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2020 / घर बैठे क्विज और वीडियो ब्लॉगिंग कॉम्पिटिशन में हिस्सा ले सकेंगे स्टूडेंट्स, NCERT और आयुष मंत्रालय आयोजित कर रहे ऑनलाइन प्रतियोगिता*
क्विज कॉम्पिटिशन 21 जून से 20 जुलाई तक एक महीने आयोजित किया जाएगा
वीडियो ब्लॉगिंग के लिए इच्छुक उम्मीदवार 21 जून तक कर सकते हैं आवेदन.....
वीडियो ब्लॉगिंग के लिए इच्छुक उम्मीदवार 21 जून तक कर सकते हैं आवेदन.....
जयपुर।
कोरोना काल के बीच इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2020 अलग तरीके से मनाया जाएगा। कोरोना के कारण घरों में कैद स्टूडेंट्स इस साल योग दिवस के अवसर पर एक ऑनलाइन कार्यक्रम का हिस्सा बन सकेंगे। साल 2015 से शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है। इसी अवसर पर NCERT और आयुष मंत्रालय स्टूडेंट्स के लिए दो ऑनलाइन कॉम्पिटीशन लेकर आए है। पहली प्रतियोगिता योग पर एक ऑनलाइन क्विज होगा, वहीं दूसरी प्रतियोगिता एक वीडियो ब्लॉगिंग होगी।
कोरोना काल के बीच इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2020 अलग तरीके से मनाया जाएगा। कोरोना के कारण घरों में कैद स्टूडेंट्स इस साल योग दिवस के अवसर पर एक ऑनलाइन कार्यक्रम का हिस्सा बन सकेंगे। साल 2015 से शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है। इसी अवसर पर NCERT और आयुष मंत्रालय स्टूडेंट्स के लिए दो ऑनलाइन कॉम्पिटीशन लेकर आए है। पहली प्रतियोगिता योग पर एक ऑनलाइन क्विज होगा, वहीं दूसरी प्रतियोगिता एक वीडियो ब्लॉगिंग होगी।
*पहली प्रतियोगिता- क्विज कॉम्पिटिशन*
NCERT द्वारा आयोजित यह ऑनलाइन नेशनल क्विज कॉम्पिटिशन इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम 'Yoga for Health and Harmony' पर आधारित होगा। यह क्विज कॉम्पिटिशन एक महीने तक आयोजित किया जाएगा, जो 21 जून से 20 जुलाई तक चलेगा। क्विज के लिए छात्रों को अपनी सुविधानुसार जवाब देने की सुविधा की जाएगी, लेकिन स्टूडेंट्स को एक निश्चित समय के अंदर ही जवाब देना होगा। यह कॉम्पिटिशन NCERT के योग के लिए तैयार किए गए उच्च प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाओं के सिलेबस पर बेस्ड होगा।
*दूसरी प्रतियोगिता- वीडियो ब्लॉगिंग*
प्रतियोगिता दूसरी एक वीडियो ब्लॉगिंग की होगी, जो आयुष मंत्रालय की 'मेरा जीवन मेरा योग' पर आयोजित की जाएगी। इस कॉम्पिटीशन में शामिल होने के लिए इच्छुक उम्मीदवार 21 जून तक आवेदन कर सकते हैं। वीडियो ब्लॉगिंग कॉम्पिटीशन के लिए स्टूडेंट MyLifeMyYoga2020 प्रतियोगिता पेज, MyGov प्रतियोगिता पेज या फेसबुक, इंस्टाग्राम या आयुष मंत्रालय के ट्विटर हैंडल पर अपनी एंट्री करा सकते हैं। इसके अलावा CBSE ने अपने सभी संबंधित स्कूलों से ऑनलाइन योग कक्षाओं से योग कर रहे बच्चों की वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर श्यर करने को कहा है।
15.*CBSE एग्जाम्स / मनीष सिसोदिया ने की बची परीक्षाएं रद्द करने की मांग, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को लिखा पत्र*
राज्य में 31 जुलाई तक करीब 5.30 लाख तक पहुंच सकते हैं कोरोना के मामले, वायरस के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर दिल्ली....
नई दिल्ली।
CBSE बोर्ड की बची परीक्षाओं को लेकर एक ओर पैरेंट्स चिंतित हैं, तो वहीं दूसरी ओर इस बारे में केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मानव संसाधन विकास मंत्री को पत्र भी लिखा है। एक से 15 जुलाई के बीच आयोजित होने आयोजित होने वाली परीक्षा अब रद्द करने की मांग की गई है। दिल्ली में कोरोना के कोरोना के बढ़के मामलों के बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस बारे में मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिख परीक्षा को रद्द करने की मांग की है।
CBSE बोर्ड की बची परीक्षाओं को लेकर एक ओर पैरेंट्स चिंतित हैं, तो वहीं दूसरी ओर इस बारे में केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मानव संसाधन विकास मंत्री को पत्र भी लिखा है। एक से 15 जुलाई के बीच आयोजित होने आयोजित होने वाली परीक्षा अब रद्द करने की मांग की गई है। दिल्ली में कोरोना के कोरोना के बढ़के मामलों के बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस बारे में मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिख परीक्षा को रद्द करने की मांग की है।
*आंतरिक मूल्यांकन पर दे ग्रेड*
पत्र में सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जो 31 जुलाई तक करीब 5.30 लाख तक पहुंच सकते हैं। ऐसी स्थिति में अगर स्टूडेंट्स या उसके परिवार में कोई पॉजिटिव हुआ तो उसको एग्जाम छोड़ना पड़ेगा, जिससे आगे और समस्या होगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में स्टूडेंट्स को स्कूल आधारित पिछले आंतरिक मूल्यांकन पर ग्रेड दिए जा सकते हैं।
*50 हजार के करीब मामले*
इसके अलावा मंत्री ने इस तथ्य को भी ध्यान में लाया कि दिल्ली में 242 कंटेनमेंट जोन हैं। दरअसल, राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामले दिन पर दिन तेजी बढ़ रहे हैं। देश में कोरोना वायरस के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों की लिस्ट में दिल्ली तीसरे नंबर पर है। दिल्ली में 50 हजार के करीब कोरोना वायरस के मरीजों की पुष्टि हो चुकी है।
16.*10वीं की सामाजिक विज्ञान में प्रताप के अलावा दूसरे महापुरुषों को भुलाया!*
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड : राजस्थान के कई महान शासकों को शामिल नहीं करने पर इतिहासकारों में नाराजगी....
उदयपुर।
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 10वीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रम में राजस्थान के कई महापुरुषों और महिलाओं को नजरअंदाज करने का इतिहासकारों और शिक्षाविदें ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि नेशनल करीक्यूलर फ्रेमवर्क-2005 एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2015 और बाद के संशोधनों के मुताबिक केन्द्र और राज्य सरकारों की कई संस्थाओं के विषय विशेषज्ञ काफी मेहनत, चिन्तन, मनन के बाद पुस्तकों का लेखन करते हैं।
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 10वीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रम में राजस्थान के कई महापुरुषों और महिलाओं को नजरअंदाज करने का इतिहासकारों और शिक्षाविदें ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि नेशनल करीक्यूलर फ्रेमवर्क-2005 एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2015 और बाद के संशोधनों के मुताबिक केन्द्र और राज्य सरकारों की कई संस्थाओं के विषय विशेषज्ञ काफी मेहनत, चिन्तन, मनन के बाद पुस्तकों का लेखन करते हैं।
लेकिन सत्र-2020 की इस पुस्तक की निर्माण समिति एवं पाठ्यक्रम समिति की लम्बी फेहरिस्त होने के बावजूद उनके आगे विषय विशेषज्ञता का जिक्र नहीं है। 221 पेज की पुस्तक के कुल 22 अध्यायों में राजस्थान के इतिहास, संस्कृति एवं विरासत में केवल महाराणा प्रताप का एक चित्र पुस्तक मुख्य पृष्ठ पर मुद्रित है। यह गर्व का विषय है, लेकिन बाकी महापुरुषों को भुला दिया गया।
*इनका किताब में नहीं है जिक्र*
बप्पा रावल, खुमाण, महाराणा कुम्भा, राणा सांगा, पृथ्वीराज चौहान (पृथ्वीराज तृतीय), सवाई जयसिंह, दुर्गादास राठौड़, सूर्यमल मिश्रण, भक्तशिरोमणी मीरा, पन्नाधाय, भामाशाह, हकीम खां सूरी, राणापूंजा, गोविन्दगिरि, अमृतादेवी, राजा सूरजमल, लोकसंत तेजाजी, रामदेवजी, लोकसंत महाराज चतुरसिंह, जम्भोजी, राणी कर्णावती, जयमल-पत्ता, वीरवर हम्मीर चौहान, गागरोन के अचलदास, संत पीपा आदि।
*महापुरुषों को भुलाना अनुचित है*
इतिहास में बहुतों का योगदान है। महात्मा गांधी ने साफ-सफाई, कताई-बुनाई जैसे सेवो कार्य, लाल बहादुर शास्त्री ने हरित क्रांति तो प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छ भारत जैसी पहल से सोच बदली। आजादी से पूर्व के महापुरुषों का भी बेहद खास योगदान है।
- डॉ. जी.एल. मेनारिया, इतिहासकार
- डॉ. जी.एल. मेनारिया, इतिहासकार
राज्य के स्वतन्त्रता सेनानियों, जननायकों, महान महिलाओं तथा सभी क्षेत्रों के योगदान पर भी लिखा जाना चाहिए। आधुनिक राजस्थान के महान समाज सुधारकों प्रबुद्ध समाज सेवकों, लोकनायकों, शिक्षाविदों, लेखकों की एक तालिका सूची देकर इसे और प्रभावी बनाया जा सकता है। महाराणा फतहसिंह व भूपालसिंह, बीकानेर के गंगासिंह, जयपुर, जोधपुर, भरतपुर आदि के तत्कालीन शासकों के योगदान पर भी संक्षिप्त लिखा जाना चाहिए।
डॉ. गिरीशनाथ माथुर, इतिहासकार
डॉ. गिरीशनाथ माथुर, इतिहासकार
पूर्व मध्यकालीन भारत में मेवाड़ को गुहिल, सिसोदिया राजवंश भारतीय इतिहास का स्वर्णयुग कहा जाता है। जिसमें बाप्पा रावल, हम्मीर, महाराणा कुम्भा, राणा सांगा, महाराणा प्रताप जैसे महान शासक हुए, जिन्होंने अरबों, तूर्कों, मुगलों, पठानों के आक्रमणों के विरुद्ध देश के स्वाभिमान, स्वतन्त्रता, स्वराज्य, स्वसंस्कृति की रक्षा वीरतापूर्वक कर राष्ट्रीय अस्मिता को कायम रखा। राजपुताना के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक पक्षों की उपेक्षा की है।
अजात शुत्र सिंह शिवरती, शिक्षाविद्
अजात शुत्र सिंह शिवरती, शिक्षाविद्
सरकारें बदलती हैं, इसके साथ ही तथ्य और लेखक बदल जाते हैं। कई बार तथ्य वही रहते हैं, लेखक बदल जाते हैं। सामाजिक विज्ञान में भारतीय इतिहास को प्रभावित करने वाली घटनाओं को तवज्जो देना होगा। खानवा युद्ध से लेकर दिवेर तक लगातार संघर्ष चला था। इन सबको एकसाथ पिरोना होगा। संतुलित इतिहास को प्रस्तुत करना होगा।
डॉ. भानु कपिल, इतिहास विभागाध्यक्ष, बीएन विवि
डॉ. भानु कपिल, इतिहास विभागाध्यक्ष, बीएन विवि
इस बार का मुझे पता नहीं है। पिछली बार नौवीं-दसवीं की किताबों में राजस्थान के प्रमुख व्यक्तित्व को उचित स्थान दिया था। बार-बार पाठ्यक्रम बदलने से छात्रों को नुकसान होता है।
डॉ. देव कोठारी, पूर्व संयोजक, पाठ्यक्रम निर्माण समिति
डॉ. देव कोठारी, पूर्व संयोजक, पाठ्यक्रम निर्माण समिति
17.
18.
19.
20.
21.
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