1.*10 वीं और 12 वी बोर्ड के शेष एग्जाम के लिए टाइम टेबल जारी*
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने किया जारी
12 वी के पेपर 18 से 30 जून तक होंगे
10 वीं सामाजिक विज्ञान पेपर 29 जून को होगा
10 वीं गणित का पेपर 30 जून को होगा
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2.राजस्थान यूनिवर्सिटी ने 15 जून तक बढ़ाया ग्रीष्मावकाश, परीक्षाएं जून में नहीं
जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय ने शनिवार को ग्रीष्मावकाश की अवधि 1 जून से 15 जून तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस अवधि के दौरान विश्वविद्यालय के सभी शैक्षणिक विभागों एवं संघटक महाविद्यालयों में शैक्षणिक कार्य नहीं होंगे।
कुलपति प्रो. आर.के. कोठारी ने बताया कि पहले अवकाश 31 मई तक के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए इसे 15 जून तक बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया है। कुलपति ने बताया कि पिछले दिनों राज्यपाल और कुलाधिपति कलराज मिश्र को ग्रीष्मावकाश बढ़ाने का सुझाव दिया था। साथ ही 15 जून से 10 जुलाई तक सेमेस्टर के बचे कोर्स की पढ़ाई करवाने के लिए भी कहा गया है। जबकि परीक्षाओं को लेकर अभी निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन जून में परीक्षाएं संभव नहीं होंगी। इसलिए इन्हें अब जुलाई में ही करवाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी ने जून के पहले हफ्ते से परीक्षाएं कराने का निर्णय लिया था, लेकिन यूनिवर्सिटीज परिस्थितियां अनुकूल नहीं मान रहीं। हालांकि परीक्षाओं पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, जिससे असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
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3.प्रो.आरके धूडिय़ा बने प्रसार शिक्षा के निदेशक
प्रो.आरके धूडिय़ा राजूवास के प्रसार शिक्षा निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार
प्रो.आरके धूडिय़ा बने प्रसार शिक्षा के निदेशक
बीकानेर.
वेटरनरी विश्वविद्यालय में प्रसार शिक्षा निदेशक के पद का कार्यभार प्रो.राजेश कुमार धूडिय़ा को सौपा गया। कुलसचिव की ओर से शनिवार को जारी इन आदेशों के तहत प्रो. ए.ए. गौरी के सेवानिवृत होने के बाद प्रसार शिक्षा निदेशक के पद पर प्रो.धूडिय़ा को लगाया गया है। वर्तमान में प्रो.धूडिय़ा पशु पोषण के विभागाध्यक्ष के साथ-साथ प्रसार शिक्षा निदेशक का अतिरिक्त कार्य भी करेंगे।
*एक हजार शब्दों के बराबर होता है एक चित्र*
हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में शनिवार को बदलाव की गाथा गाते चित्र पुस्तक व ई-संस्करण का विमोचन किया गया। पुस्तक में कुलपति प्रो.आरके सिंह के कार्यभार संभालने से लेकर विश्वविद्यालय की अब तक की उपलिब्धयों, नवाचारों, कृषि शिक्षा, अनुसंधान और प्रसार क्षेत्र में किए गए प्रमुख कार्यों के लगभग 150 चित्र संकलित किए गए हैं
इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि एक चित्र हजार शब्दों के बराबर होता है। इन्हें समझना अधिक आसान होता है। पुस्तिका में अब तक के कार्यों के चित्रों का संकलन कर इसे संग्रहणीय बनाया गया है। हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर यह पहल सराहनीय है। इस मौके पर सहायक निदेशक हरिशंकर आचार्य, सहायक आचार्य डॉ.नरेन्द्र पारीक मौजूद रहे।
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4.*यूजीसी ने विश्वविद्यालयों से कहा, विद्यार्थियों की समस्याओं का करें समाधान*
एक महीने का दिया था समय, शिकायत प्रकोष्ठ गठित करने का आज है अंतिम दिन, शैक्षणिक कैलेण्डर और परीक्षा की तारीखों को लेकर आई शिकायतें
जयपुर। यूजीसी ने देशभर के विश्वविद्यालयों से एक बार फिर कहा है कि कोरोना महामारी के इस काल में विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए एक शिकायत प्रकोष्ठ गठित किया जाए। यदि अभी तक विश्वविद्यालयों ने इसे नहीं बनाया है तो इसे 30 मई यनि आज शाम तक हर हाल में बना लें, जिससे विद्यार्थी इस पर अपनी समस्याएं बता सकें और विश्वविद्यालय उनका निवारण कर सकें।
यूजीसी ने विश्वविद्यालयों के शिकायत प्रकोष्ठ के लिए एक समय सीमा निर्धारित की थी। अब ठीक एक माह बाद यूजीसी ने फिर देशभर के सभी विश्वविद्यालयों को इसके लिए चेताया है और इसकी डेटलाइन तय की है, जिसके अनुसार आज शाम तक हर विश्वविद्यालय को स्टूडेंट्स की समस्याओं और परीक्षा की तारीखों और शैक्षणिक कैलेंडर से संबंधित समस्याओं के लिए एक सेल गठित करनी होगी।
यूजीसी ने इस संबंध में 29 अप्रेल को जारी गाइडलाइन्स को ध्यान में रखने के लिए कहा है। यूजीसी के अध्यक्ष प्रो.धीरेन्द्र पाल सिंह ने इस संबंध में एक नोटिस जारी किया है। इसके लिए यूजीसी ने हेल्पलाइन नंबर और मेल एड्रेस भी जारी किए हैं, जिन पर स्टूडेंटस ने अपनी समस्या बता सकते हैं।
*यहां करा सकते हैं शिकायत दर्ज*
यूजीसी की ओर से जारी किए गए टास्क-फोर्स के हेल्पलाइन नंबर हैं 011-23236374 पर या ईमेल आईडी [email protected] सम्पर्क किया जा सकता है। साथ ही, विद्यार्थी यूजीसी के पोर्टल पर बनाए गए पेज https:// www. ugc.ac.in/grievance/student_reg.aspx पर भी अपनी शिकायत या समस्या ऑनलाइन रजिस्टर करा सकते हैं।
*ऐसी मिल रही शिकायतें*
यूजीसी की ओर से जारी नोटिस में बताया है कि संबंधित हेल्पलाइन नंबर और मेल पर देशभर के विद्यार्थियों ने एकेडेमिक, परीक्षा, उनके दाखिले, फीस, फैकल्टी ने अपने वेतन आदि से जुड़ी कई शिकायतें की हैं। वहीं विद्यार्थियों ने भी सिलेबस, ऑनलाइन क्लासेस में आ रही तकनीकी समस्याओं, लाइव क्लास आदि की शिकायतें दर्ज कराई हैं।
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5.*Corona impact: कोरोना से बढ़ा संकट, सम्बद्धता देने में होगी देरी*
अजमेर.
कोरोना वायरस संक्रमण ने शिक्षण संस्थानों की परेशानी बढ़ा दी है। सीबीएसई और राज्य के विश्वविद्यालयों के लिए स्कूल-कॉलेज को सम्बद्धता देना आसान नहीं है।
सत्र 2020-21 में ऑनलाइन फार्म, फीस लेने के बाद निरीक्षण जैसी औपचारिकताएं को समय पर पूरा करना चुनौती है।सीबीएसई, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और राज्य के विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष नई अथवा अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूल, कॉलेज को सम्बद्धता देते हैं। स्कूल और कॉलेज निर्धारित फीस देकर ऑनलाइन आवेदन करते हैं। बोर्ड और विश्वविद्यालयों की टीम इनका निरीक्षण कर सम्बद्धता के लिए अनुशंषा करती है। बोर्ड और यूनिवर्सिटी एक या दो सत्र की एकमुश्त सम्बद्धता जारी करते हैं।
*सीबीएसई ने दो बार बढ़ाई तिथि*
सीबीएसई से 30 हजार निजी, 25 हजार सरकारी, 1350 केंद्रीय विश्वविद्यालय, 600 जवाहर नवोदय विद्यालय, 15 तिब्बत स्कूल सम्बद्ध हैं। दिल्ली, प्रयागराज, पुणे, भोपाल, अजमेर, देहरादून, पटना, भुवनेश्वर, चेन्नई और अन्य रीजन के स्कूल को 2021-22 की सम्बद्धता लेनी है। लॉकडाउन के चलते बोर्ड ने 30 जून सम्बद्धता आवेदन तिथि बढ़ाई हैं। स्कूल के आवेदनों के बाद बोर्ड द्वारा निरीक्षण, रिपोर्ट तैयार करने जैसी औपचारिकताओं में समय लगेगा।
*मदस विश्वविद्यालय*
अजमेर, भीलवाड़ा, नागौर और टोंक जिले के 300 से ज्यादा सरकारी, निजी कॉलेज सम्बद्ध हैं। अस्थाई सम्बद्धता वाले कॉलेज प्रतिवर्ष फीस जमा कराते हैं। इन्हें एक या तीन साल की एकमुश्त सम्बद्धता मिलती है। विश्वविद्यालय में करीब 2012-13 से कई कॉलेज की सम्बद्धता बकाया है। कई कॉलेज पर पेनल्टी लगाई थी। कॉलेज इसके खिलाफ कोर्ट चले गए हैं। बकाया सम्बद्धता मामलों के निस्तारण और नए आवेदनों पर निर्णय लेना आसान नहीं है।
शिक्षा विभाग और राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड
शिक्षा विभाग और राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड निजी और सरकारी स्कूल को सम्बद्धता देते हैं। राज्य के 33 जिलों के सरकारी और निजी स्कूल बोर्ड से सम्बद्ध हैं। बोर्ड में सम्बद्धता को लेकर ज्यादा दिक्कतें नहीं हैं। ऑनलाइन आवेदन और फीस लेने के बाद बोर्ड इनकी जांच करता है। बोर्ड प्रबंध मंडल की बैठक में इनका अनुमोदन किया जाता है।
*यूं जरूरी है सम्बद्धता*
-सम्बद्ध स्कूल-कॉलेज की कराई जाती है परीक्षाएं
-बोर्ड और विश्वविद्यालयों से मान्यता की पहचान
-डिग्री/अंकतालिका की वैधता
-सम्बद्धता होती है कॉलेज
-स्कूल की शैक्षिक पहचान
*फैक्ट फाइल*
सीबीएसई स्कूल में विद्यार्थी-32 लाख
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में विद्यार्थी-20 लाख
राज्य के विश्वविद्यालयों में विद्यार्थी-45 लाख
स्थिति सामान्य होते ही सम्बद्धता आवेदन को प्राथमिकता में लेंगे। समय रहते कामकाज पूरा करने की योजना बनाएंगे।
प्रो. आर. पी. सिंह, कुलपति मदस विश्वविद्यालय
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6.*NEET PG काउंसलिंग राउंड 2: 3 जून से शुरू होगा रजिस्ट्रेशन, शेड्यूल यहां देखें*
NEET PG counselling round 2: NEET स्नातकोत्तर स्कोर के आधार पर एमडी, एमएस और एमडीएस सीटों के लिए काउंसलिंग के राउंड 2 के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 3 जून से शुरू होगी और 9 जून को समाप्त होगी। भुगतान खिड़की 9 जून को दोपहर को बंद हो जाएगी। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट mcc.nic.in पर आवेदन कर सकते हैं।
*इस दिन करें चयन*
पंजीकरण करने के बाद छात्रों को अपनी पसंद के संस्थान और पाठ्यक्रम का चयन 4 जून से 9 जून तक रात 11:55 बजे तक करना होगा। सीट आवंटन 10 और 11 जून को होगा और परिणाम की अंतिम सूची 12 जून को जारी की जाएगी। चयनित छात्रों को 12 से 18 जून तक रिपोर्ट करना होगा। दूसरे दौर के लिए पंजीकरण अप्रैल में आयोजित किया जाना था। हालांकि, कोरोनोवायरस महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।
*बाद में होगा दस्तावेज़ सत्यापन*
सीट बुक करने के लिए उम्मीदवारों को दस्तावेज़ सत्यापन से गुजरना होगा और शुल्क जमा करना होगा। जो सीटें खाली रह जाएंगी उन्हें काउंसलिंग के तीसरे दौर में पेश किया जाएगा। पहले दौर की काउंसलिंग मार्च में शुरू की गई थी।
*तुरंत करें सम्पर्क*
एमसीसी ने एक आधिकारिक नोटिस में कहा गया है कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीसी) ने 330 छात्रों की सूची जारी की है, जिन्हें काउंसलिंग के दूसरे दौर में उपस्थित होने के लिए चुना गया है। "जिन उम्मीदवारों को सूची में सत्यापित नहीं किया गया है, उन्हें तुरंत आईपी विश्वविद्यालय के अधिकारियों से संपर्क करने की सलाह दी जाती है क्योंकि राउंड -2 3 जून, 2020 से शुरू होने वाला है। पात्र उम्मीदवारों के ऐसे डेटा को केवल 4 जून, 2020 तक विश्वविद्यालय द्वारा एमसीसी द्वारा स्वीकार किया जाएगा।
*इन्हें छोड़नी होगी सीट*
एमसीसी ने एक नोटिस में कहा कि काउंसलिंग के राउंड 1 में कॉलेजों को आवंटित किए गए 8983 उम्मीदवारों की सूची भी जारी की गई है। “कोई भी उम्मीदवार जो राज्य काउंसलिंग में भाग लेना चाहता है, उसे स्टेट कोटा सीट में शामिल होने के लिए आगे बढ़ने से पहले अखिल भारतीय कोटा के एनईईटी-पीजी, 2020 के राउंड 1 से अपनी मौजूदा सीट से इस्तीफा दे देना चाहिए और उन्हें राज्य कोटे में प्रवेश करने से पहले त्याग पत्र देना चाहिए।
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7.*राजस्थान/ स्कूल आते ही स्टूडेंट्स को देना होगा पास होने का प्रमाण पत्र, माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जारी किये आदेश*
ग्रीष्मावकाश खत्म होते ही विद्यार्थियों को स्कूल आते ही स्कूल संचालकों को उन्हें कक्षा क्रमोन्नति प्रमाण पत्र व अंकतालिका मुहैया करानी होगी।
जयपुर। ग्रीष्मावकाश खत्म होते ही विद्यार्थियों को स्कूल आते ही स्कूल संचालकों को उन्हें कक्षा क्रमोन्नति प्रमाण पत्र व अंकतालिका मुहैया करानी होगी। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने आदेश जारी किए हैं।
राजस्थान में कोरोना वायरस महामारी के फैलाव को देखते हुए राज्य सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश में कक्षा 1 से 9 तथा 11वीं के विद्यार्थियों को अगली कक्षाओं में क्रमोन्नत किया जा चुका है। सभी संस्थाप्रधानों को शाला दर्पण पर उपलब्ध कक्षोन्नति प्रमाण पत्र डाउनलोड कर विद्यालय खुलने पर सभी विद्यार्थियों को विद्यालय स्तर पर निर्मित अंकतालिका के साथ वितरित करनी होगी। निदेशालय ने माना है कि इस संबंध में निर्देश दिए जाने के बावजूद अब तक अधिकांश सरकारी स्कूलों में यह प्रक्रिया उपयोग में नहीं लाई गई है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि शिविरा पंचागानुसार सत्र 2019-20 में ग्रीष्मावकाश के बाद 24 जून से सभी शिक्षकों को विद्यालय में उपस्थिति दी जानी है। सभी संस्थाप्रधान आगामी कक्षा में क्रमोन्नत किए जा चुके विद्यार्थियों के कक्षा क्रमोन्नति प्रमाण पत्र शाला दर्पण अथवा प्राइवेट स्कूल पोर्टल (गैर राजकीय विद्यालयों द्वारा) से डाउनलोड करेंगे। कक्षा 9 व 11 के सभी विद्यार्थियों को क्रमश कक्षा 10 तथा 12 में क्रमोन्नत किया जा चुका है, इसलिए सभी संस्थाप्रधान व कक्षाध्यापक इन कक्षाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों की अंकतालिका स्कूल स्तर पर तैयार करवाना सुनिश्चित करेंगे।
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8.*कभी इधर ड्यूटी तो कभी उधर, शिक्षा मंत्री के बाद अब शिक्षकों ने भी जताया विरोध*
जयपुर: राजस्थान के करीब दो लाख शिक्षकों की इस समय कोरोना वारियर्स के रूप में ड्यूटी लगी हुई है और यह शिक्षक प्रदेश के हर प्रभावित कोने में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन द्वारा शिक्षकों की ड्यूटी अलग-अलग कार्यों में लगाने से लगातार हंगामे खड़े हो रहे हैं. पिछले दिनों शिक्षकों की ड्यूटी नरेगा कार्यों में लगाने को लेकर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने भी विरोध जताया था.
साथ ही इसकी शिकायत मुख्य सचिव को भी की थी, लेकिन लगता है कि इस शिकायत का भी अधिकारियों पर कोई असर नजर नहीं आ रहा है. क्योंकि महज दो दिन में दो ऐसे आदेश आ गए हैं जिनका प्रदेशभर के शिक्षकों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. 2 दिन पहले उपखंड मजिस्ट्रेट इटावा ने शिक्षकों की ड्यूटी टिड्डी की निगरानी में लगाई. आदेश के अनुसार शिक्षकों को कृषि पर्यवेक्षकों के साथ मिलकर किसानों को बचाओ की जानकारी देनी होगी.
वहीं, 1 दिन पहले उपखंड अधिकारी छोटी सादड़ी ने शिक्षकों की ड्यूटी बाढ़ नियंत्रण कक्ष में लगाई. आदेश के तहत शिक्षकों को कोरोना नियंत्रण कक्ष के साथ ही बाढ़ नियंत्रण कक्ष में भी अपनी सेवाएं देनी होंगी. इन दोनों ही आदेशों का प्रदेश भर के शिक्षक संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया है.
राजस्थान प्रारंभिक माध्यमिक शिक्षक संघ के शिक्षक नेता विपिन प्रकाश शर्मा का कहना है कि, 'किसी भी प्राकृतिक आपदा के दौरान शिक्षक संगठन कंधे से कंधा मिलाकर अपना योगदान देते हैं और प्रशासन द्वारा दी गई हर जिम्मेदारी को शिक्षक निभाते हैं और इस समय प्रदेश में कोरोना वारियर्स के रूप में करीब दो लाख से ज्यादा शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन समय-समय पर अधिकारी शिक्षकों की ड्यूटी अनावश्यक कार्यों में लगाते हैं जिसको लेकर कई बार सरकार को पत्र भी लिखा जा चुका है. ऐसे में अब सरकार को कोई ऐसा कदम उठाना चाहिए जिसमें शिक्षकों को इस प्रकार के आदेश से निजात मिल सके.'
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9.*राजस्थान बोर्ड की शेष परीक्षाएं 18 जून से होंगी, जारी किया टाइम टेबल*
अजमेर। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की बची हुई परीक्षाएं 18 जून से प्रारंभ होगी। बारहवीं कक्षा की परीक्षाएं 18 से 30 जून तक और दसवीं की परीक्षाएं 27 से 30 जून तक आयोजित की जाएंगी। राज्य सरकार के निर्देश के तहत शिक्षा बोर्ड ने शनिवार को परीक्षा कार्यक्रम जारी कर दिया।
बोर्ड अध्यक्ष डॉ. डी.पी. जारोली ने बताया कि दसवीं परीक्षा के शेष रहे विषय सामाजिक विज्ञान की परीक्षा 29 जून आौर गणित की 30 जून को होगी।
बारहवीं की शेष रही गणित की परीक्षा 18 जून को, सूचना प्रौद्योगिकी और प्रोग्रामिंग 19, भूगोल व व्यावसायिक अध्ययन 22, गृह विज्ञान 23, चित्रकला 24, हिंदी साहित्य, उर्दू, सिंधी, गुजराती, पंजाबी, राजस्थानी, फारसी साहित्य, प्राकृत भाषा व टंकण लिपि अंग्रेजी 25 जून, संस्कृत साहित्य 26, अंग्रेजी साहित्य व टंकण लिपि हिंदी 27, कंठ संगीत, नृत्य कत्थक व वाद्य संगीत 29 व मनोविज्ञान विषय की परीक्षा 30 जून को ली जाएगी।
माध्यमिक व्यावसायिक की शेष रही परीक्षा 27 जून को होगी। उच्च माध्यमिक व्यवसायिक की शेष परीक्षा 20 जून को हाोगी। प्रवेशिका की शेष परीक्षाएं 27 से 30 जून तक ली जाएंगी, जबकि वरिष्ठ उपाध्याय की परीक्षाएं 18 से 30 जून के बीच आयोजित होंगी।
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10.*हाईकोर्ट का 10 वीं और 12 वीं की परीक्षा स्थगित करने के निर्देश से इनकार*
जयपुर
(Rajasthan Highcourt) हाईकोर्ट ने (Corona Pandemic) कोरोना महामारी के कारण 10 वीं और 12 वीं की (Board Examination) बोर्ड परीक्षाओं को (Cancel) निरस्त कर छ़ात्रों को (Next Class) अगली कक्षा में (Promote) प्रमोट करने के निर्देश देने से (Refused) इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि केन्द्र सरकार ने सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जरुरी सावधानियां अपनाकर परीक्षा करवाने के निर्देश दे दिए हैं और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर तथा सीबीएसई परीक्षा के दौरान केन्द्र व राज्यों की गाईड लाईंस की सख्ती से पालना करवाएं।
मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की बैंच ने पब्लिक अगेस्ट करप्शन संस्था की जनहित याचिका को निपटाते हुए यह निर्देश दिए। याचिका में कहा था कि इन बोर्ड परीक्षाओं में लाखों छात्र और करीब तीन लाख स्टाफ शामिल होगा। परीक्षा केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना संभव नहीं है और ना ही परीक्षा से पहले छात्रों की जांच संभव है। प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिकाओं को सेनेटाइज करना भी संभव नहीं है। ऐसे में परीक्षाओं को रद्द करके स्टूडेंट्स को अगली कक्षा में प्रमोट किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि 10 वीं और 12 वीं की परीक्षाएं जून में होगीं।
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11.*जो पांच साल पहले प्रमोशन पा चुके, अब उन्हें बता रहे थर्ड ग्रेड शिक्षक*
*-शिक्षकों की प्रमोशन प्रक्रिया पर भारी विभाग की लापरवाही*
*-संभाग के भरतपुर, धौलपुर, करौली व सवाईमाधोपुर जिले में सैकड़ों शिक्षकों के नाम सूची से गायब*
भरतपुर.
संभाग के चारों जिलों के करीब ढाई हजार शिक्षकों की थर्ड ग्रेड से सेकंड ग्रेड पर प्रमोशन के लिए निकली सूची से पात्र होने के बाद भी सैकड़ों शिक्षकों के नाम गायब है। विभाग ने पांच साल पहले प्रमोशन पा चुके शिक्षकों के नाम ही सूची में शामिल कर दिए हैं। जिन्हें त्यागपत्र दिए लंबा समय गुजर चुका है, उनका भी विभाग प्रमोशन कर रहा है। हैरानी की बात यह है कि तमाम लापरवाही व गड़बड़ी सामने आने के बाद भी शिक्षा विभाग के अधिकारी नींद में सोए हुए हैं। इन गड़बडिय़ों के सुधार के लिए भी कोई योजना नहीं बनाई गई है। बल्कि उन पर पर्दा डालने के लिए काम किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने 27 मई अंक में जिनका वर्षों पहले प्रमोशन हो चुका, उनका भी दिया पात्रता सूची में नाम शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर मामले का खुलासा किया था। इसके बाद से ही इस मामले को प्रमुखता से उठाया जा रहा है।
राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत ने शुक्रवार को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के नाम जिला कलक्टर नथमल डिडेल को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में उल्लेख किया है कि तृतीय वेतन श्रृंखला से द्वितीय वेतन श्रृंखला में पदोन्नति के लिए अस्थायी वरिष्ठता सूची नौ मई 2020 को जारी कर परिवेदना 15 मई को वाहक स्तर पर कार्यालय संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा संभाग में मांगी गई। परिवेदना के लिए सात दिन का बहुत कम समय दिया गया। लॉकडाउन के कारण घर से नहीं निकलने व राजकीय कार्यों में ड्यूटी देने के कारण शिक्षक परिवेदना नहीं दे सके। विभिन्न शिक्षकों की योग्यता वृद्धि का परिणाम घोषित होने के बाद अंकतालिकाओं की प्रति मार्च के महीने में प्राप्त होती है, वो भी अभी प्राप्त नहीं हो पाई है। ऐसे अध्यापक संबंधित पीईईओ व सीबीईओ के माध्यम से लॉकडाउन के कारण कार्यालय बंद होने के कारण परिवेदना नहीं दे पाए हैं। इस सूची को संशोधित करने के लिए कम से कम 10 दिन का समय देकर समस्या का निस्तारण किया जाना चाहिए। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश संयुक्त मंत्री पवन शर्मा, प्रदेश संगठन मंत्री अशोक सिसोदिया व जिलाध्यक्ष सुखवीर सिंह आदि शामिल थे।
*अपात्रों को बताया पात्र, जिनका प्रमोशन होना वो सूची से बाहर*
धौलपुर जिले की सूची देखने पर सामने आया कि क्रम संख्या चार मंजू डागुर रामावि इनफेंट में 24 जुलाई 2013 से वरिष्ठ अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। फिर भी अस्थायी पात्रता सूची में नाम शामिल हैं। क्रम संख्या 15 पर रमाकांत गालव हैं, जो कि 15 फरवरी 2015 से सिटी कोतवाली महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यमिक स्कूल में कार्यरत है, वरिष्ठ अध्यापक होने के बाद भी थर्ड ग्रेड शिक्षक बताया गया है। क्रम संख्या 17 पर शारदा शर्मा वरिष्ठ अध्यापक के पद पर रामावि बाड़ा हिदरसा में 24 सितंबर 2012 से नियुक्त है। अंग्रेजी विषय में क्रम संख्या 14 पर योगेश कुमार, क्रम संख्या 18 पर रामकुमार मोदी क्रमश: 2015 से राउमावि बरैठा व कैंथरी में वरिष्ठ अध्यापक है। क्रम संख्या 78 पर उमेश कुमार राउमावि अबदलपुर में कार्यरत ही नहीं है। यह शिक्षक 21 जून 2017 से व्याख्याता के पद पर राजकीय उच्च माध्यमिक राजपुर में नियुक्त है। फिर भी सूची में नाम जोड़ा गया है। इसी प्रकार गणित विषय की सूची में क्रम संख्या 78 पर ऋचा गौतम रामावि चोरा खेड़ा सैंपऊ में वर्तमान नियुक्त ही नहीं है। वह 2015 में त्यागपत्र देकर चली गई। उनका नाम भी सूची में जोड़ा गया है। क्रम संख्या 92 पर सरिता शर्मा राउमावि फिरोजपुर में 29 दिसंबर 2014 से वरिष्ठ अध्यापक के पद पर कार्यरत है। हिंदी विषय में क्रम संख्या 79 पर राकेश कुमार पीएस शेरपुर, क्रम संख्या 113 पर आनंदस्वरूप रामावि महाराजपुरा, क्रम संख्या 163 पर मंजू शर्मा राउमावि बरैठा का नाम है, इनके पास स्नातक में हिंदी विषय ही नहीं है। हिंदी में इनको प्रमोशन देने की तैयारी है।
*सेवानिवृति में दो साल शेष, फिर भी प्रमोशन का इंतजार*
रामस्वरूप रामावि पूंठपुरा बसेड़ी, इनकी नियुक्ति तिथि 11 मई 1993 है। कॉमर्स से स्नातक है। इसका सामान्य की सूची में पात्र होते हुए भी नाम शामिल नहीं किया गया है। कला स्नातक नहीं होते हुए इस शिक्षक का नाम हिंदी की सूची में क्रम संख्या 24 पर व सामाजिक विज्ञान की सूची पर क्रम संख्या 69 पर शामिल किया गया है। सतेंद्र कुमार राउमावि बसई नवाब, रामस्वरूप रामावि पत्तीपुरा बसेड़ी, ये प्रमोशन की पात्रता नहीं रखते हैं। एसटीसी योग्यता धारी है। इनके नाम हिंदी व संस्कृत में शामिल कर दिए हैं।
*इन बिंदुओं से समझिए गड़बड़ी का खेल*
1. पोर्टल पर नाम दर्ज होने के बाद भी अपडेट नहीं किया जाता है।
2. ऑफिसों में अधिकारी-कर्मचारियों की फौज के बाद भी सूचियों का सत्यापन नहीं होता है।
3. अस्थायी पात्रता सूची को ही स्थायी पात्रता सूची बताकर आनन-फानन में जारी कर दिया जाता है।
4. डीईओ कार्यालय से सूचियां बनाने में मनमानी व गड़बड़ी वर्षों से की जाती रही है।
*किस विषय के कितने शिक्षक*
विषय शिक्षक
हिंदी 500
संस्कृत 400
सा. विज्ञान 550
अंग्रेजी 100
गणित 129
विज्ञान 150
सामान्य 220
शा.शिक्षक 396
-भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, चारों जिलों के शिक्षक परेशान हैं। उनके साथ अन्याय किया जा रहा है। जो पात्र शिक्षक हैं उनका नाम तक शामिल नहीं किया गया है। काफी संख्या में अपात्र शिक्षकों के नाम शामिल कर दिए गए हैं।
राजेश शर्मा
जिलाध्यक्ष
राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज संघ धौलपुर
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12.
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13.
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14.
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15.
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16.
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माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने किया जारी
12 वी के पेपर 18 से 30 जून तक होंगे
10 वीं सामाजिक विज्ञान पेपर 29 जून को होगा
10 वीं गणित का पेपर 30 जून को होगा
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2.राजस्थान यूनिवर्सिटी ने 15 जून तक बढ़ाया ग्रीष्मावकाश, परीक्षाएं जून में नहीं
जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय ने शनिवार को ग्रीष्मावकाश की अवधि 1 जून से 15 जून तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस अवधि के दौरान विश्वविद्यालय के सभी शैक्षणिक विभागों एवं संघटक महाविद्यालयों में शैक्षणिक कार्य नहीं होंगे।
कुलपति प्रो. आर.के. कोठारी ने बताया कि पहले अवकाश 31 मई तक के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए इसे 15 जून तक बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया है। कुलपति ने बताया कि पिछले दिनों राज्यपाल और कुलाधिपति कलराज मिश्र को ग्रीष्मावकाश बढ़ाने का सुझाव दिया था। साथ ही 15 जून से 10 जुलाई तक सेमेस्टर के बचे कोर्स की पढ़ाई करवाने के लिए भी कहा गया है। जबकि परीक्षाओं को लेकर अभी निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन जून में परीक्षाएं संभव नहीं होंगी। इसलिए इन्हें अब जुलाई में ही करवाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी ने जून के पहले हफ्ते से परीक्षाएं कराने का निर्णय लिया था, लेकिन यूनिवर्सिटीज परिस्थितियां अनुकूल नहीं मान रहीं। हालांकि परीक्षाओं पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, जिससे असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
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3.प्रो.आरके धूडिय़ा बने प्रसार शिक्षा के निदेशक
प्रो.आरके धूडिय़ा राजूवास के प्रसार शिक्षा निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार
प्रो.आरके धूडिय़ा बने प्रसार शिक्षा के निदेशक
बीकानेर.
वेटरनरी विश्वविद्यालय में प्रसार शिक्षा निदेशक के पद का कार्यभार प्रो.राजेश कुमार धूडिय़ा को सौपा गया। कुलसचिव की ओर से शनिवार को जारी इन आदेशों के तहत प्रो. ए.ए. गौरी के सेवानिवृत होने के बाद प्रसार शिक्षा निदेशक के पद पर प्रो.धूडिय़ा को लगाया गया है। वर्तमान में प्रो.धूडिय़ा पशु पोषण के विभागाध्यक्ष के साथ-साथ प्रसार शिक्षा निदेशक का अतिरिक्त कार्य भी करेंगे।
*एक हजार शब्दों के बराबर होता है एक चित्र*
हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में शनिवार को बदलाव की गाथा गाते चित्र पुस्तक व ई-संस्करण का विमोचन किया गया। पुस्तक में कुलपति प्रो.आरके सिंह के कार्यभार संभालने से लेकर विश्वविद्यालय की अब तक की उपलिब्धयों, नवाचारों, कृषि शिक्षा, अनुसंधान और प्रसार क्षेत्र में किए गए प्रमुख कार्यों के लगभग 150 चित्र संकलित किए गए हैं
इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि एक चित्र हजार शब्दों के बराबर होता है। इन्हें समझना अधिक आसान होता है। पुस्तिका में अब तक के कार्यों के चित्रों का संकलन कर इसे संग्रहणीय बनाया गया है। हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर यह पहल सराहनीय है। इस मौके पर सहायक निदेशक हरिशंकर आचार्य, सहायक आचार्य डॉ.नरेन्द्र पारीक मौजूद रहे।
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4.*यूजीसी ने विश्वविद्यालयों से कहा, विद्यार्थियों की समस्याओं का करें समाधान*
एक महीने का दिया था समय, शिकायत प्रकोष्ठ गठित करने का आज है अंतिम दिन, शैक्षणिक कैलेण्डर और परीक्षा की तारीखों को लेकर आई शिकायतें
जयपुर। यूजीसी ने देशभर के विश्वविद्यालयों से एक बार फिर कहा है कि कोरोना महामारी के इस काल में विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए एक शिकायत प्रकोष्ठ गठित किया जाए। यदि अभी तक विश्वविद्यालयों ने इसे नहीं बनाया है तो इसे 30 मई यनि आज शाम तक हर हाल में बना लें, जिससे विद्यार्थी इस पर अपनी समस्याएं बता सकें और विश्वविद्यालय उनका निवारण कर सकें।
यूजीसी ने विश्वविद्यालयों के शिकायत प्रकोष्ठ के लिए एक समय सीमा निर्धारित की थी। अब ठीक एक माह बाद यूजीसी ने फिर देशभर के सभी विश्वविद्यालयों को इसके लिए चेताया है और इसकी डेटलाइन तय की है, जिसके अनुसार आज शाम तक हर विश्वविद्यालय को स्टूडेंट्स की समस्याओं और परीक्षा की तारीखों और शैक्षणिक कैलेंडर से संबंधित समस्याओं के लिए एक सेल गठित करनी होगी।
यूजीसी ने इस संबंध में 29 अप्रेल को जारी गाइडलाइन्स को ध्यान में रखने के लिए कहा है। यूजीसी के अध्यक्ष प्रो.धीरेन्द्र पाल सिंह ने इस संबंध में एक नोटिस जारी किया है। इसके लिए यूजीसी ने हेल्पलाइन नंबर और मेल एड्रेस भी जारी किए हैं, जिन पर स्टूडेंटस ने अपनी समस्या बता सकते हैं।
*यहां करा सकते हैं शिकायत दर्ज*
यूजीसी की ओर से जारी किए गए टास्क-फोर्स के हेल्पलाइन नंबर हैं 011-23236374 पर या ईमेल आईडी [email protected] सम्पर्क किया जा सकता है। साथ ही, विद्यार्थी यूजीसी के पोर्टल पर बनाए गए पेज https:// www. ugc.ac.in/grievance/student_reg.aspx पर भी अपनी शिकायत या समस्या ऑनलाइन रजिस्टर करा सकते हैं।
*ऐसी मिल रही शिकायतें*
यूजीसी की ओर से जारी नोटिस में बताया है कि संबंधित हेल्पलाइन नंबर और मेल पर देशभर के विद्यार्थियों ने एकेडेमिक, परीक्षा, उनके दाखिले, फीस, फैकल्टी ने अपने वेतन आदि से जुड़ी कई शिकायतें की हैं। वहीं विद्यार्थियों ने भी सिलेबस, ऑनलाइन क्लासेस में आ रही तकनीकी समस्याओं, लाइव क्लास आदि की शिकायतें दर्ज कराई हैं।
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5.*Corona impact: कोरोना से बढ़ा संकट, सम्बद्धता देने में होगी देरी*
अजमेर.
कोरोना वायरस संक्रमण ने शिक्षण संस्थानों की परेशानी बढ़ा दी है। सीबीएसई और राज्य के विश्वविद्यालयों के लिए स्कूल-कॉलेज को सम्बद्धता देना आसान नहीं है।
सत्र 2020-21 में ऑनलाइन फार्म, फीस लेने के बाद निरीक्षण जैसी औपचारिकताएं को समय पर पूरा करना चुनौती है।सीबीएसई, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और राज्य के विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष नई अथवा अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूल, कॉलेज को सम्बद्धता देते हैं। स्कूल और कॉलेज निर्धारित फीस देकर ऑनलाइन आवेदन करते हैं। बोर्ड और विश्वविद्यालयों की टीम इनका निरीक्षण कर सम्बद्धता के लिए अनुशंषा करती है। बोर्ड और यूनिवर्सिटी एक या दो सत्र की एकमुश्त सम्बद्धता जारी करते हैं।
*सीबीएसई ने दो बार बढ़ाई तिथि*
सीबीएसई से 30 हजार निजी, 25 हजार सरकारी, 1350 केंद्रीय विश्वविद्यालय, 600 जवाहर नवोदय विद्यालय, 15 तिब्बत स्कूल सम्बद्ध हैं। दिल्ली, प्रयागराज, पुणे, भोपाल, अजमेर, देहरादून, पटना, भुवनेश्वर, चेन्नई और अन्य रीजन के स्कूल को 2021-22 की सम्बद्धता लेनी है। लॉकडाउन के चलते बोर्ड ने 30 जून सम्बद्धता आवेदन तिथि बढ़ाई हैं। स्कूल के आवेदनों के बाद बोर्ड द्वारा निरीक्षण, रिपोर्ट तैयार करने जैसी औपचारिकताओं में समय लगेगा।
*मदस विश्वविद्यालय*
अजमेर, भीलवाड़ा, नागौर और टोंक जिले के 300 से ज्यादा सरकारी, निजी कॉलेज सम्बद्ध हैं। अस्थाई सम्बद्धता वाले कॉलेज प्रतिवर्ष फीस जमा कराते हैं। इन्हें एक या तीन साल की एकमुश्त सम्बद्धता मिलती है। विश्वविद्यालय में करीब 2012-13 से कई कॉलेज की सम्बद्धता बकाया है। कई कॉलेज पर पेनल्टी लगाई थी। कॉलेज इसके खिलाफ कोर्ट चले गए हैं। बकाया सम्बद्धता मामलों के निस्तारण और नए आवेदनों पर निर्णय लेना आसान नहीं है।
शिक्षा विभाग और राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड
शिक्षा विभाग और राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड निजी और सरकारी स्कूल को सम्बद्धता देते हैं। राज्य के 33 जिलों के सरकारी और निजी स्कूल बोर्ड से सम्बद्ध हैं। बोर्ड में सम्बद्धता को लेकर ज्यादा दिक्कतें नहीं हैं। ऑनलाइन आवेदन और फीस लेने के बाद बोर्ड इनकी जांच करता है। बोर्ड प्रबंध मंडल की बैठक में इनका अनुमोदन किया जाता है।
*यूं जरूरी है सम्बद्धता*
-सम्बद्ध स्कूल-कॉलेज की कराई जाती है परीक्षाएं
-बोर्ड और विश्वविद्यालयों से मान्यता की पहचान
-डिग्री/अंकतालिका की वैधता
-सम्बद्धता होती है कॉलेज
-स्कूल की शैक्षिक पहचान
*फैक्ट फाइल*
सीबीएसई स्कूल में विद्यार्थी-32 लाख
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में विद्यार्थी-20 लाख
राज्य के विश्वविद्यालयों में विद्यार्थी-45 लाख
स्थिति सामान्य होते ही सम्बद्धता आवेदन को प्राथमिकता में लेंगे। समय रहते कामकाज पूरा करने की योजना बनाएंगे।
प्रो. आर. पी. सिंह, कुलपति मदस विश्वविद्यालय
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6.*NEET PG काउंसलिंग राउंड 2: 3 जून से शुरू होगा रजिस्ट्रेशन, शेड्यूल यहां देखें*
NEET PG counselling round 2: NEET स्नातकोत्तर स्कोर के आधार पर एमडी, एमएस और एमडीएस सीटों के लिए काउंसलिंग के राउंड 2 के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 3 जून से शुरू होगी और 9 जून को समाप्त होगी। भुगतान खिड़की 9 जून को दोपहर को बंद हो जाएगी। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट mcc.nic.in पर आवेदन कर सकते हैं।
*इस दिन करें चयन*
पंजीकरण करने के बाद छात्रों को अपनी पसंद के संस्थान और पाठ्यक्रम का चयन 4 जून से 9 जून तक रात 11:55 बजे तक करना होगा। सीट आवंटन 10 और 11 जून को होगा और परिणाम की अंतिम सूची 12 जून को जारी की जाएगी। चयनित छात्रों को 12 से 18 जून तक रिपोर्ट करना होगा। दूसरे दौर के लिए पंजीकरण अप्रैल में आयोजित किया जाना था। हालांकि, कोरोनोवायरस महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।
*बाद में होगा दस्तावेज़ सत्यापन*
सीट बुक करने के लिए उम्मीदवारों को दस्तावेज़ सत्यापन से गुजरना होगा और शुल्क जमा करना होगा। जो सीटें खाली रह जाएंगी उन्हें काउंसलिंग के तीसरे दौर में पेश किया जाएगा। पहले दौर की काउंसलिंग मार्च में शुरू की गई थी।
*तुरंत करें सम्पर्क*
एमसीसी ने एक आधिकारिक नोटिस में कहा गया है कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीसी) ने 330 छात्रों की सूची जारी की है, जिन्हें काउंसलिंग के दूसरे दौर में उपस्थित होने के लिए चुना गया है। "जिन उम्मीदवारों को सूची में सत्यापित नहीं किया गया है, उन्हें तुरंत आईपी विश्वविद्यालय के अधिकारियों से संपर्क करने की सलाह दी जाती है क्योंकि राउंड -2 3 जून, 2020 से शुरू होने वाला है। पात्र उम्मीदवारों के ऐसे डेटा को केवल 4 जून, 2020 तक विश्वविद्यालय द्वारा एमसीसी द्वारा स्वीकार किया जाएगा।
*इन्हें छोड़नी होगी सीट*
एमसीसी ने एक नोटिस में कहा कि काउंसलिंग के राउंड 1 में कॉलेजों को आवंटित किए गए 8983 उम्मीदवारों की सूची भी जारी की गई है। “कोई भी उम्मीदवार जो राज्य काउंसलिंग में भाग लेना चाहता है, उसे स्टेट कोटा सीट में शामिल होने के लिए आगे बढ़ने से पहले अखिल भारतीय कोटा के एनईईटी-पीजी, 2020 के राउंड 1 से अपनी मौजूदा सीट से इस्तीफा दे देना चाहिए और उन्हें राज्य कोटे में प्रवेश करने से पहले त्याग पत्र देना चाहिए।
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7.*राजस्थान/ स्कूल आते ही स्टूडेंट्स को देना होगा पास होने का प्रमाण पत्र, माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जारी किये आदेश*
ग्रीष्मावकाश खत्म होते ही विद्यार्थियों को स्कूल आते ही स्कूल संचालकों को उन्हें कक्षा क्रमोन्नति प्रमाण पत्र व अंकतालिका मुहैया करानी होगी।
जयपुर। ग्रीष्मावकाश खत्म होते ही विद्यार्थियों को स्कूल आते ही स्कूल संचालकों को उन्हें कक्षा क्रमोन्नति प्रमाण पत्र व अंकतालिका मुहैया करानी होगी। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने आदेश जारी किए हैं।
राजस्थान में कोरोना वायरस महामारी के फैलाव को देखते हुए राज्य सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश में कक्षा 1 से 9 तथा 11वीं के विद्यार्थियों को अगली कक्षाओं में क्रमोन्नत किया जा चुका है। सभी संस्थाप्रधानों को शाला दर्पण पर उपलब्ध कक्षोन्नति प्रमाण पत्र डाउनलोड कर विद्यालय खुलने पर सभी विद्यार्थियों को विद्यालय स्तर पर निर्मित अंकतालिका के साथ वितरित करनी होगी। निदेशालय ने माना है कि इस संबंध में निर्देश दिए जाने के बावजूद अब तक अधिकांश सरकारी स्कूलों में यह प्रक्रिया उपयोग में नहीं लाई गई है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि शिविरा पंचागानुसार सत्र 2019-20 में ग्रीष्मावकाश के बाद 24 जून से सभी शिक्षकों को विद्यालय में उपस्थिति दी जानी है। सभी संस्थाप्रधान आगामी कक्षा में क्रमोन्नत किए जा चुके विद्यार्थियों के कक्षा क्रमोन्नति प्रमाण पत्र शाला दर्पण अथवा प्राइवेट स्कूल पोर्टल (गैर राजकीय विद्यालयों द्वारा) से डाउनलोड करेंगे। कक्षा 9 व 11 के सभी विद्यार्थियों को क्रमश कक्षा 10 तथा 12 में क्रमोन्नत किया जा चुका है, इसलिए सभी संस्थाप्रधान व कक्षाध्यापक इन कक्षाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों की अंकतालिका स्कूल स्तर पर तैयार करवाना सुनिश्चित करेंगे।
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8.*कभी इधर ड्यूटी तो कभी उधर, शिक्षा मंत्री के बाद अब शिक्षकों ने भी जताया विरोध*
जयपुर: राजस्थान के करीब दो लाख शिक्षकों की इस समय कोरोना वारियर्स के रूप में ड्यूटी लगी हुई है और यह शिक्षक प्रदेश के हर प्रभावित कोने में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन द्वारा शिक्षकों की ड्यूटी अलग-अलग कार्यों में लगाने से लगातार हंगामे खड़े हो रहे हैं. पिछले दिनों शिक्षकों की ड्यूटी नरेगा कार्यों में लगाने को लेकर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने भी विरोध जताया था.
साथ ही इसकी शिकायत मुख्य सचिव को भी की थी, लेकिन लगता है कि इस शिकायत का भी अधिकारियों पर कोई असर नजर नहीं आ रहा है. क्योंकि महज दो दिन में दो ऐसे आदेश आ गए हैं जिनका प्रदेशभर के शिक्षकों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. 2 दिन पहले उपखंड मजिस्ट्रेट इटावा ने शिक्षकों की ड्यूटी टिड्डी की निगरानी में लगाई. आदेश के अनुसार शिक्षकों को कृषि पर्यवेक्षकों के साथ मिलकर किसानों को बचाओ की जानकारी देनी होगी.
वहीं, 1 दिन पहले उपखंड अधिकारी छोटी सादड़ी ने शिक्षकों की ड्यूटी बाढ़ नियंत्रण कक्ष में लगाई. आदेश के तहत शिक्षकों को कोरोना नियंत्रण कक्ष के साथ ही बाढ़ नियंत्रण कक्ष में भी अपनी सेवाएं देनी होंगी. इन दोनों ही आदेशों का प्रदेश भर के शिक्षक संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया है.
राजस्थान प्रारंभिक माध्यमिक शिक्षक संघ के शिक्षक नेता विपिन प्रकाश शर्मा का कहना है कि, 'किसी भी प्राकृतिक आपदा के दौरान शिक्षक संगठन कंधे से कंधा मिलाकर अपना योगदान देते हैं और प्रशासन द्वारा दी गई हर जिम्मेदारी को शिक्षक निभाते हैं और इस समय प्रदेश में कोरोना वारियर्स के रूप में करीब दो लाख से ज्यादा शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन समय-समय पर अधिकारी शिक्षकों की ड्यूटी अनावश्यक कार्यों में लगाते हैं जिसको लेकर कई बार सरकार को पत्र भी लिखा जा चुका है. ऐसे में अब सरकार को कोई ऐसा कदम उठाना चाहिए जिसमें शिक्षकों को इस प्रकार के आदेश से निजात मिल सके.'
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9.*राजस्थान बोर्ड की शेष परीक्षाएं 18 जून से होंगी, जारी किया टाइम टेबल*
अजमेर। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की बची हुई परीक्षाएं 18 जून से प्रारंभ होगी। बारहवीं कक्षा की परीक्षाएं 18 से 30 जून तक और दसवीं की परीक्षाएं 27 से 30 जून तक आयोजित की जाएंगी। राज्य सरकार के निर्देश के तहत शिक्षा बोर्ड ने शनिवार को परीक्षा कार्यक्रम जारी कर दिया।
बोर्ड अध्यक्ष डॉ. डी.पी. जारोली ने बताया कि दसवीं परीक्षा के शेष रहे विषय सामाजिक विज्ञान की परीक्षा 29 जून आौर गणित की 30 जून को होगी।
बारहवीं की शेष रही गणित की परीक्षा 18 जून को, सूचना प्रौद्योगिकी और प्रोग्रामिंग 19, भूगोल व व्यावसायिक अध्ययन 22, गृह विज्ञान 23, चित्रकला 24, हिंदी साहित्य, उर्दू, सिंधी, गुजराती, पंजाबी, राजस्थानी, फारसी साहित्य, प्राकृत भाषा व टंकण लिपि अंग्रेजी 25 जून, संस्कृत साहित्य 26, अंग्रेजी साहित्य व टंकण लिपि हिंदी 27, कंठ संगीत, नृत्य कत्थक व वाद्य संगीत 29 व मनोविज्ञान विषय की परीक्षा 30 जून को ली जाएगी।
माध्यमिक व्यावसायिक की शेष रही परीक्षा 27 जून को होगी। उच्च माध्यमिक व्यवसायिक की शेष परीक्षा 20 जून को हाोगी। प्रवेशिका की शेष परीक्षाएं 27 से 30 जून तक ली जाएंगी, जबकि वरिष्ठ उपाध्याय की परीक्षाएं 18 से 30 जून के बीच आयोजित होंगी।
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10.*हाईकोर्ट का 10 वीं और 12 वीं की परीक्षा स्थगित करने के निर्देश से इनकार*
जयपुर
(Rajasthan Highcourt) हाईकोर्ट ने (Corona Pandemic) कोरोना महामारी के कारण 10 वीं और 12 वीं की (Board Examination) बोर्ड परीक्षाओं को (Cancel) निरस्त कर छ़ात्रों को (Next Class) अगली कक्षा में (Promote) प्रमोट करने के निर्देश देने से (Refused) इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि केन्द्र सरकार ने सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जरुरी सावधानियां अपनाकर परीक्षा करवाने के निर्देश दे दिए हैं और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर तथा सीबीएसई परीक्षा के दौरान केन्द्र व राज्यों की गाईड लाईंस की सख्ती से पालना करवाएं।
मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की बैंच ने पब्लिक अगेस्ट करप्शन संस्था की जनहित याचिका को निपटाते हुए यह निर्देश दिए। याचिका में कहा था कि इन बोर्ड परीक्षाओं में लाखों छात्र और करीब तीन लाख स्टाफ शामिल होगा। परीक्षा केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना संभव नहीं है और ना ही परीक्षा से पहले छात्रों की जांच संभव है। प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिकाओं को सेनेटाइज करना भी संभव नहीं है। ऐसे में परीक्षाओं को रद्द करके स्टूडेंट्स को अगली कक्षा में प्रमोट किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि 10 वीं और 12 वीं की परीक्षाएं जून में होगीं।
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11.*जो पांच साल पहले प्रमोशन पा चुके, अब उन्हें बता रहे थर्ड ग्रेड शिक्षक*
*-शिक्षकों की प्रमोशन प्रक्रिया पर भारी विभाग की लापरवाही*
*-संभाग के भरतपुर, धौलपुर, करौली व सवाईमाधोपुर जिले में सैकड़ों शिक्षकों के नाम सूची से गायब*
भरतपुर.
संभाग के चारों जिलों के करीब ढाई हजार शिक्षकों की थर्ड ग्रेड से सेकंड ग्रेड पर प्रमोशन के लिए निकली सूची से पात्र होने के बाद भी सैकड़ों शिक्षकों के नाम गायब है। विभाग ने पांच साल पहले प्रमोशन पा चुके शिक्षकों के नाम ही सूची में शामिल कर दिए हैं। जिन्हें त्यागपत्र दिए लंबा समय गुजर चुका है, उनका भी विभाग प्रमोशन कर रहा है। हैरानी की बात यह है कि तमाम लापरवाही व गड़बड़ी सामने आने के बाद भी शिक्षा विभाग के अधिकारी नींद में सोए हुए हैं। इन गड़बडिय़ों के सुधार के लिए भी कोई योजना नहीं बनाई गई है। बल्कि उन पर पर्दा डालने के लिए काम किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने 27 मई अंक में जिनका वर्षों पहले प्रमोशन हो चुका, उनका भी दिया पात्रता सूची में नाम शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर मामले का खुलासा किया था। इसके बाद से ही इस मामले को प्रमुखता से उठाया जा रहा है।
राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत ने शुक्रवार को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के नाम जिला कलक्टर नथमल डिडेल को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में उल्लेख किया है कि तृतीय वेतन श्रृंखला से द्वितीय वेतन श्रृंखला में पदोन्नति के लिए अस्थायी वरिष्ठता सूची नौ मई 2020 को जारी कर परिवेदना 15 मई को वाहक स्तर पर कार्यालय संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा संभाग में मांगी गई। परिवेदना के लिए सात दिन का बहुत कम समय दिया गया। लॉकडाउन के कारण घर से नहीं निकलने व राजकीय कार्यों में ड्यूटी देने के कारण शिक्षक परिवेदना नहीं दे सके। विभिन्न शिक्षकों की योग्यता वृद्धि का परिणाम घोषित होने के बाद अंकतालिकाओं की प्रति मार्च के महीने में प्राप्त होती है, वो भी अभी प्राप्त नहीं हो पाई है। ऐसे अध्यापक संबंधित पीईईओ व सीबीईओ के माध्यम से लॉकडाउन के कारण कार्यालय बंद होने के कारण परिवेदना नहीं दे पाए हैं। इस सूची को संशोधित करने के लिए कम से कम 10 दिन का समय देकर समस्या का निस्तारण किया जाना चाहिए। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश संयुक्त मंत्री पवन शर्मा, प्रदेश संगठन मंत्री अशोक सिसोदिया व जिलाध्यक्ष सुखवीर सिंह आदि शामिल थे।
*अपात्रों को बताया पात्र, जिनका प्रमोशन होना वो सूची से बाहर*
धौलपुर जिले की सूची देखने पर सामने आया कि क्रम संख्या चार मंजू डागुर रामावि इनफेंट में 24 जुलाई 2013 से वरिष्ठ अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। फिर भी अस्थायी पात्रता सूची में नाम शामिल हैं। क्रम संख्या 15 पर रमाकांत गालव हैं, जो कि 15 फरवरी 2015 से सिटी कोतवाली महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यमिक स्कूल में कार्यरत है, वरिष्ठ अध्यापक होने के बाद भी थर्ड ग्रेड शिक्षक बताया गया है। क्रम संख्या 17 पर शारदा शर्मा वरिष्ठ अध्यापक के पद पर रामावि बाड़ा हिदरसा में 24 सितंबर 2012 से नियुक्त है। अंग्रेजी विषय में क्रम संख्या 14 पर योगेश कुमार, क्रम संख्या 18 पर रामकुमार मोदी क्रमश: 2015 से राउमावि बरैठा व कैंथरी में वरिष्ठ अध्यापक है। क्रम संख्या 78 पर उमेश कुमार राउमावि अबदलपुर में कार्यरत ही नहीं है। यह शिक्षक 21 जून 2017 से व्याख्याता के पद पर राजकीय उच्च माध्यमिक राजपुर में नियुक्त है। फिर भी सूची में नाम जोड़ा गया है। इसी प्रकार गणित विषय की सूची में क्रम संख्या 78 पर ऋचा गौतम रामावि चोरा खेड़ा सैंपऊ में वर्तमान नियुक्त ही नहीं है। वह 2015 में त्यागपत्र देकर चली गई। उनका नाम भी सूची में जोड़ा गया है। क्रम संख्या 92 पर सरिता शर्मा राउमावि फिरोजपुर में 29 दिसंबर 2014 से वरिष्ठ अध्यापक के पद पर कार्यरत है। हिंदी विषय में क्रम संख्या 79 पर राकेश कुमार पीएस शेरपुर, क्रम संख्या 113 पर आनंदस्वरूप रामावि महाराजपुरा, क्रम संख्या 163 पर मंजू शर्मा राउमावि बरैठा का नाम है, इनके पास स्नातक में हिंदी विषय ही नहीं है। हिंदी में इनको प्रमोशन देने की तैयारी है।
*सेवानिवृति में दो साल शेष, फिर भी प्रमोशन का इंतजार*
रामस्वरूप रामावि पूंठपुरा बसेड़ी, इनकी नियुक्ति तिथि 11 मई 1993 है। कॉमर्स से स्नातक है। इसका सामान्य की सूची में पात्र होते हुए भी नाम शामिल नहीं किया गया है। कला स्नातक नहीं होते हुए इस शिक्षक का नाम हिंदी की सूची में क्रम संख्या 24 पर व सामाजिक विज्ञान की सूची पर क्रम संख्या 69 पर शामिल किया गया है। सतेंद्र कुमार राउमावि बसई नवाब, रामस्वरूप रामावि पत्तीपुरा बसेड़ी, ये प्रमोशन की पात्रता नहीं रखते हैं। एसटीसी योग्यता धारी है। इनके नाम हिंदी व संस्कृत में शामिल कर दिए हैं।
*इन बिंदुओं से समझिए गड़बड़ी का खेल*
1. पोर्टल पर नाम दर्ज होने के बाद भी अपडेट नहीं किया जाता है।
2. ऑफिसों में अधिकारी-कर्मचारियों की फौज के बाद भी सूचियों का सत्यापन नहीं होता है।
3. अस्थायी पात्रता सूची को ही स्थायी पात्रता सूची बताकर आनन-फानन में जारी कर दिया जाता है।
4. डीईओ कार्यालय से सूचियां बनाने में मनमानी व गड़बड़ी वर्षों से की जाती रही है।
*किस विषय के कितने शिक्षक*
विषय शिक्षक
हिंदी 500
संस्कृत 400
सा. विज्ञान 550
अंग्रेजी 100
गणित 129
विज्ञान 150
सामान्य 220
शा.शिक्षक 396
-भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, चारों जिलों के शिक्षक परेशान हैं। उनके साथ अन्याय किया जा रहा है। जो पात्र शिक्षक हैं उनका नाम तक शामिल नहीं किया गया है। काफी संख्या में अपात्र शिक्षकों के नाम शामिल कर दिए गए हैं।
राजेश शर्मा
जिलाध्यक्ष
राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज संघ धौलपुर
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