शिक्षा एवं रोजगार समाचार 16.06.2020


1.*कोरोना संकट में अब शिक्षक बनने की राह खुली*
जयपुर
प्रारंभिक शिक्षक  बनने का सपना देख रहे अभ्यर्थियों के लिए अच्छी खबर है। कोरोना संकट के सरकारी कामकाज अब फिर से पटरी पर आने लगे हैं। इस क्रम में शिक्षा विभाग ने डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन यानि डीएलएड में प्रवेश के लिए होने वाली प्री-परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। राज्य की करीब 24 हजार सीटों पर दाखिले के लिए अभ्यर्थी 15 जून से ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए परीक्षा शुल्क 17 जुलाई तक जमा करवाया जा सकेगा।
शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने बताया कि द्विवर्षीय अध्यापक शिक्षा पाठ्यक्रम (डिप्लोमा इन एलीमेन्ट्री एजूकेशन) में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली सार्वजनिक प्रतियोगी परीक्षा के लिए अभ्यर्थी ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इससे प्रदेश में बड़ी संख्या में युवाओं को प्रारंभिक शिक्षा में अध्यापक बनने के अवसर मिल सकेंगे। डीएलएड की परीक्षा प्रदेशभर में आगामी 30 अगस्त को आयोजित की जाएगी। इसके लिए विभिन्न स्तरों पर तैयारियों करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। अभ्यर्थी वेबसाइट Www.Predeled.Com पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। विस्तृत जानकारी वेबसाइट पर देखी जा सकती है।
*पिछले साल 7 लाख से ज्यादा आवेदन*
परीक्षा के समन्वयक शिव प्रसाद ने बताया कि प्री-डीएलड के लिए पिछले साल आयोजित परीक्षा के लिए राज्यभर से 7 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। पिछले साल 26 मई को यह परीक्षा हुई थी। परीक्षा के समन्वयक शिव प्रसाद ने बताया कि इस बार कोरोना संकट के चलते इस परीक्षा का आयोजन अब 30 अगस्त को करने का निर्णय लिया गया है।
*पहले विवि स्तर पर होती थी परीक्षा*
उल्लेखनीय है कि यह परीक्षा पहले उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत विश्वविद्यालयों के स्तर पर आयोजित की जाती रही है। शिक्षा मंत्री डोटासरा की पहल से अब पिछले साल से इस परीक्षा का आयोजन अब प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अधीन संचालित राज्य स्तरीय कार्यालय, पंजीयक शिक्षा विभागीय परीक्षाएं के द्वारा करवाया जा रहा है।


2.*सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए शुरू हुए साक्षात्कार*
जयपुर
राज्य सरकार की ओर से शुरू किए गए अंग्रेजी माध्यम के राजकीय महात्मा गांधी स्कूलों में कार्मिकों के चयन के लिए आज से साक्षात्कार की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके साथ ही इन साक्षात्कारों में शामिल होने के इच्छुक शिक्षकों का असमंजस भी अब विभाग ने दूर कर दिया है। अब शिक्षक बोर्ड परीक्षा का कार्य करने के साथ ही साक्षात्कारों में शामिल हो सकेंगे। शिक्षक संगठनों की मांग के बाद शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को राहत दी है।
दरअसल, शिक्षा विभाग ने 169 महात्मा गांधी विद्यालयों में साक्षात्कार के लिए 15 से 19 जून तक साक्षात्कार लेने का कार्यक्रम घोषित किया है। निदेशक माध्यमिक शिक्षा की ओर से जारी कार्यक्रम के मुताबिक प्रिंसिपल पद के लिए बीकानेर, वरिष्ठ अध्यापक के लिए संभाग स्तर पर,तृतीय श्रेणी के लिए जिला स्तर साक्षात्कार होने हैं। महात्मा गांधी विद्यालय में करीब 3060 पदों के साक्षात्कार लिए जाएंगे।
पहले शिक्षक इस बात से परेशान थे कि उनकी ड्यूटी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से 18 जून से शुरू होने वाली परीक्षाओं में लगा दी गई है। ऐसे में भला वे कैसे साक्षात्कार दे पाएंगे। शिक्षकों की यह समस्या जब शिक्षामंत्री डोटासरा के पास पहुंची तो मंत्री के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने नई व्यवस्था करके शिक्षकों की परेशानी को दूर किया है। आपको बता दें कि राज्य में अभी 33 ब्लॉक में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम के स्कूल संचालित हैं। 169 नए अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए यह साक्षात्कार शुरू किए गए हैं।
*शिक्षक कर सकेंगे आवेदन*
नई व्यवस्था के मुताबिक परीक्षा केन्द्र पर कार्यरत कार्मिक शालादर्पण के माध्यम से आॅनलाइन आवेदन कर सकेंगे। ऐसे शिक्षकों को साक्षात्कार की तिथि के बारे में फोन कर जानकारी दे दी जाएगी। ऐसे कार्मिक बोर्ड परीक्षा के अलावा यानि 15 से 19 जून के बीच अन्य दिवस में साक्षात्कार के लिए हाजिर होकर अपना पंजीयन करवा साक्षात्कार दे सकेंगे। इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारियों को प्रबंधन करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि बोर्ड परीक्षा प्रभावित नहीं हो। साथ ही इच्छुक कार्मिकों को इंटरव्यू देने का अवसर भी मिल सके। आपको बता दें कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इस बारे में आदेश जारी कर दिए हैं। साक्षात्कार के लिए विभाग ने जिला, संभाग और राज्य स्तर पर चयन समितियों का गठन किया है जो कि अंग्रेजी माध्यम के महात्मा गांधी स्कूलों के लिए शिक्षकों का साक्षात्कार लेंगी। राजस्थान प्राथमिक माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष शशिभूषण शर्मा का कहना है कि संगठन ने शिक्षकों से जुड़े इस मामले को प्रमुखता से उठाया था।


3.*सोशल डिस्टेंसिंग के साथ हुआ बोर्ड प्रश्न पत्रों का वितरण*
जयपुर
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से 18 जून से शुरू होने वाली शेष रही परीक्षाओं के लिए सोमवार को जयपुर जिले के परीक्षा केन्द्रों के लिए प्रश्न पत्रों का वितरण किया गया। हर साल प्रश्न पत्रों के वितरण में पुलिस की कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था होती रही है, लेकिन इस बार प्रश्न पत्रों के वितरण पर कोरोना संकट का असर साफ तौर पर नजर आया। प्रश्न पत्रों के वितरण में सेनेटाइजेशन के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया। प्रश्न पत्र वितरण के दौरान कार्मिक सेहत की सुरक्षा के लिए चेहरे पर मास्क लगाकर पेपर वितरण का काम करते हुए नजर आए।
जयपुर जिले में प्रश्न पत्रों का वितरण गांधी सर्किल स्थित राजकीय पोद्दार स्कूल से किया गया। जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक रामचंद्र पिलानियां ने बताया कि जिले में प्रश्न पत्रों का वितरण करने के लिए 25 रूट तय किए गए। इन सभी रूटों पर पुलिस सुरक्षा और विभागीय कार्मिकों की मौजूदगी में प्रश्न पत्रों का वितरण किया गया। पिलानियां ने बताया कि कोरोना संकट को देखते हुए राज्यभर में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करने के लिए नए उपकेन्द्र भी बनाए गए हैं।
इन सभी उप केन्द्रों पर 10 वीं के प्रश्न पत्रों का वितरण करवाया गया। साथ ही सभी परीक्षा केन्द्रों पर 12 वीं बोर्ड की शेष रही परीक्षाओं के लिए नए सिरे से प्रश्न पत्रों का वितरण करवाया गया। प्रश्न पत्रों के वितरण के दौरान प्रत्येक रूट के लिए बस में पुलिस के दो हथियारबद्ध जवानों के साथ ही शिक्षा विभाग के दो राजपत्रित अधिकारी स्तर के कार्मिकों की ड्यूटी लगाई गई। केन्द्राधीक्षकों, अतिरिक्त केन्द्राधीक्षकों और पेपर कॉर्डिनेटर की मौजूदगी में सुरक्षा के साथ थानों में पेपर रखवाए गए। जयपुर जिले में 503 परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा होगी। इनमें 40 उप केन्द्र नए बनाए गए हैं।


4.*इंजीनियर और अफसर खा गए गरीबों का गेहूं*
*वसूली के लिए संबंधित विभागों का भेजा पत्र, मची खलबली*
कोटा.
खाद्य सुरक्षा में गलत तरीके से नाम जुड़वाकर गरीबों के हक का गेहूं डकारने वाले कर्मचारियों व सम्पन्न लोगों को वसूली के नोटिस मिलने के बाद खलबली मची हुई है। जांच में गड़बड़झाले का खुलासा होने के बाद कई कर्मचारी तो अब आगे होकर खाद्य सुरक्षा की सूची से नाम हटाने के लिए आवेदन कर रहे हैं। कोटा जिले के लाडपुरा, सांगोद, कनवास, दीगोद और इटावा के उपखण्ड क्षेत्र में अपात्रों के नाम हटा दिए हैं। अब वसूली की प्रक्रिया शुरू दी है।
जिले में अपात्र घोषित किए गए लोगों की सूची का पत्रिका टीम ने विश्लेषण किया तो हैरान करने वाले तथ्य सामने आए। इंजीनियर, प्रिंसिपल, अधिकारी, व्याख्याता, पुलिस कांस्टेबल, पटवारी समेत बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारियों के नाम सामने आए हैं। जिन कर्मचारियों और अधिकारियों का महीने का वेतन 50 से 70 हजार रुपए है, वे भी गरीबों को बांटे जाने वाला दो रुपए किलो का गेहूं उठा रहे थे।
ऐसे कर्मचारियों व अधिकारियों से अब वसूली की जा रही है। इटावा उपखण्ड कार्यालय की ओर से जारी सूची में 134 सरकारी अफसर व कर्मचारी है, जो अपात्र घोषित किए गए हैं। इसमें कई अधिकारी तो कोटा में रहते है और गांव में राशन कार्ड बनवाकर अनुचित तरीके से लाभ उठाया है। यही स्थिति सांगोद, कनवास, दीगोद और लाडपुरा उपखण्ड क्षेत्र के अपात्र सरकारी कर्मचारियों की है। अब गेहूं की 27 रुपए प्रति किलो की दर से वसूली की जाएगी।


5.*जुलाई में होने वाली सीए परीक्षा छोड़ सकते हैं स्टूडेंट्स, जुलाई की बजाय नवंबर में होने वाली परीक्षा में हो सकते हैं शामिल*
*परीक्षा छोड़ने वाले स्टूडेंट्स को 17 जून से 20 जून के बीच सबमिट करना होगा घोषणा पत्र*
*परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों की होगी थर्मल स्कैनिंग, मास्क पहनना होगा जरूरी*
दैनिक भास्कर
देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोनावायरस के मामलों को देखते हुए इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (ICAI) ने जुलाई में होने वाली सीए (CA) की परीक्षा को लेकर एक बड़ी घोषणा की है। इंस्टीट्यूट ने कहा है कि जो उम्मीदवार जुलाई में सीए की परीक्षा नहीं देना चाहते, वे बाद में नवंबर में होने वाली परीक्षा दे सकते हैं। इस बारे में इंस्टीट्यूट ने ऑफिशियल वेबसाइट पर एक नोटिफिकेशन जारी किया है। नोटिफिकेशन में बताया गया कि, "मई 2020 एग्जामिनेशन के लिए पहले ही ऑनलाइन एप्लिकेशन सबमिट कर चुके स्टूडेंट्स परीक्षा न देने का विकल्प चुन सकते हैं और नवंबर में होने वाली परीक्षा दे सकते हैं।"
*घोषणा पत्र करना होगा सबमिट*
नोटिफिकेशन ने यह भी कहा गया कि ऐसे मामले में एग्जामिनेशन फीस या अगर कोई छूट होती है तो उसे नवंबर में होने वाली परीक्षा में जोड़ लिया जाएगा। वहीं, अब जो स्टूडेंट्स जुलाई में होने वाली सीए परीक्षा को छोड़ना चाहते हैं, उन्हें 17 जून से 20 जून के बीच एक घोषणा पत्र सबमिट करना होगा। इसके अलावा जो स्टूडेंट्स जुलाई की परीक्षा देना चाहते हैं, उन्हें बताया गया कि परीक्षा के लिए जरूरी व्यवस्था की जाएगी और कोविड-19 से संबंधित सावधानियों का खास ख्याल रखा जाएगा।
*परीक्षा केंद्र फिर बदल सकेंगे स्टूडेंट्स*
परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी। साथ ही सैनिटाइजेशन का खास ख्याल रखा जाएगा और मास्क पहनना जरूरी होगा। परीक्षा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना भी अनिवार्य होगा और सरकार की तरफ से जारी सभी नियमों का सख्ती से पालन किया जाएगा। इसके अलावा परीक्षा देने वाले कैंडिडेट्स को परीक्षा केंद्र एक बार फिर से बदलने का भी मौका दिया जाएगा। उम्मीदवार 17 जून से 20 जून तक अपने परीक्षा केंद्र बदल सकेंगे।


6.*देश में खुलेंगे चार नए केंद्रीय विद्यालय, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने दी जानकारी*
*इन विद्यालयों में से दो यूपी, एक उत्तराखंड और एक झारखंड में खोले जाएंगे*
*अब देश में कुल केंद्रीय विद्यालयों की संख्या बढ़कर 1239 हो गई है*
दैनिक भास्कर
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश में चार नए केंद्रीय विद्यालय खोलने का ऐलान किया है। देश के अलग-अलग राज्यों में खोले जाने वाले केंद्रीय विद्यालयों के बारे में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने जानकारी दी। इन विद्यालयों में से दो यूपी, एक उत्तराखंड और एक झारखंड में खोले जाएंगे। यूपी में एक विद्यालय फतेहपुर के मधुपुरी में और दूसरा हमीरपुर के सुमेरपुर में होगा। वहीं, तीसरा KV एसएसबी, चंपावत, उत्तराखंड और चौथा KV रेलवे, डांगोवापोसी, झारखंड में होगा।
*देश में अब कुल 1239 केंद्रीय विद्यालय*
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने अपने दूसरे ट्वीट में सभी स्टूडेंट्स और पैरेंट्स को बधाई देते हुए लिखा, "मैं नए केन्द्रीय विद्यालयों से लाभन्वित होने वाले सभी स्टूडेंट्स और पैरेंट्स को हार्दिक बधाई देता हूँ और आशा करता हूँ कि हमारे ये केंद्रीय विद्यालय इसी प्रकार देश के कोने-कोने में शिक्षा का प्रकाश फैलाते रहेंगे। चार नए केंद्रीय विद्यालयों के ऐलान के बाद अब देश में कुल केंद्रीय विद्यालयों की संख्या बढ़कर 1239 हो जाएंगी।
*एक ही सेक्शन से होगी शुरुआत*
इन केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन की प्रक्रिया शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक होगी। इस बारे में केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि," शैक्षणिक सत्र 2020-2021 के दौरान इन विद्यालयों में कक्षा 1 से कक्षा 5 तक की पढ़ाई शुरू की जाएगी और उसके बाद व्यवहार्यता के आधार पर क्लास बढ़ाई जाएंगी। फिलहाल हर क्लास की शुरुआत सिर्फ एक ही सेक्शन से की जाएगी।"


7.*जालोर, पाली व सिरोही के शिक्षक आज से देंगे सवालों के जवाब*
*-राजकीय महात्मा गांधी विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम) के साक्षात्कार आज से*
पाली।
राज्य सरकार की ओर से ब्लॉक स्तर पर राजकीय महात्मा गांधी विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम)  स्थापित किए गए है। इन विद्यालयों में प्रारम्भिक व माध्यमिक शिक्षा में पढ़ाने वाले विषय अध्यापकों को ही नियुक्ति दी जाएगी। पाली स्कूल शिक्षा संभाग के अधीन पाली, जालोर व सिरोही में खोले गए 13 स्कूलों के लिए शिक्षकों का पाली के आदर्श नगर स्थित कार्यालय संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा संभाग पाली में 16 जून से साक्षात्कार लिया जाएगा। इसमें पहले दिन जालोर, दूसरे दिन पाली व तीसरे दिन सिरोही जिले के स्कूल में कार्य करने के इच्छुक शिक्षक आएंगे। जो सुबह नौ से दस बजे तक आवेदन करने व पंजीयन कराएंगे। इसके बाद 10 बजे से शिक्षकों का साक्षात्कार लिया जाएगा।
*इतने पदों के लिए लेंगे इंटरव्यू*
वरिष्ठ अध्यापक के इंटरव्यू प्रति विद्यालय छह पद के लिए होंगे। जो विषय के लिए एक होगा। इसमें अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, हिन्दी, संस्कृत, सामाजिक विज्ञान विषय है। वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक के प्रति विद्यालय एक और वरिष्ठ सहायक प्रति विद्यालय के एक पद के लिए साक्षात्कार लिया जाएगा।
*नहीं दिया जाएगा भत्ता*
इन पदों पर पद स्थापन के लिए किसी तरह का प्रतिनियुक्ति भत्ता नहीं दिया जाएगा। इसके लिए यात्रा भत्ता भी नहीं दिया जाएगा। इस चयन में अंग्रेजी भाषा सम्प्रेषण में दक्ष कार्मिकों को ही प्राथमिकता दी जाएगी।
*हमारी तरफ से तैयारी पूरी*
अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए साक्षात्कार की तैयारी पूरी कर ली गई है। सबसे अधिक स्कूल के साक्षात्कार जालोर जिले के लिए किए जाएंगे। -श्यामसुंदर सोलंकी, संयुक्त निदेशक, स्कूल शिक्षा पाली संभाग
*इन ब्लॉकों में खोले स्कूलों के लिए होंगे साक्षात्कार*
जालोर : आहोर, भीनमाल, चितलवाना, जालोर, जसवंतपुरा, सांचौर
पाली : पाली, मारवाड़ जंक्शन, बाली, रायपुर
सिरोही : आबूरोड, शिवगंज, सिरोही
बांगड़ स्कूल में देंगे साक्षात्कार
जिले में ब्लॉक स्तर पर नवस्थापित महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय अंग्रेजी माध्यम में तृतीय श्रेणी सहित विभिन्न पदों के लिए साक्षात्कार 16 व 17 जून को राजकीय बांगड़ उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित किए जाएंगे। सहायक निदेशक महेन्द्र नानीवाल ने बताया कि 16 जून को खुडाला व खैरवा के विद्यालय के लिए अध्यापक लेवल 1 व 2, पुस्कालयध्यक्ष ग्रेड तृतीय श्रेणी, प्रयोगशाला सहायक ग्रेड तृतीय श्रेणी, अध्यापक कम्प्यूटर शिक्षक, कनिष्ठ सहायक एवं सहायक कर्मचारी पद के लिए साक्षात्कार लिया जाएगा। इसी तरह 17 जून को खारची व बर के एमजीजीएस विद्यालयों के लिए इंटरव्यू लिए जाएंगे। साक्षात्कार के लिए सुबह 9 से 10 बजे तक पंजीयन किया जाएगा।


8.*कोरोना इफेक्ट: सीबीएसइ के बाद अब आरबीएसइ में भी दृष्टिबाधित व दिव्यांग विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा में छूट*
*बोर्ड परीक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के चलते लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय*
श्रीगंगानगर.
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने अपनी शेष बची हुई परीक्षाओं के लिए किसी सहायक की मदद से परीक्षा देने वाले 10वीं व 12वीं के दिव्यांग छात्रों को परीक्षा में शामिल होने से छूट का विकल्प दिया था। अब इसी श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर ने भी शुक्रवार को आदेश जारी कर बचे हुए विषयों की परीक्षा देने से छूट प्रदान की है। यह छूट केवल उन्हीं विद्यार्थियों को मिलेगी जिन्हें परीक्षा में लिखने के लिए अनिवार्य रूप से सहायक की आवश्यकता है। आरबीएसइ की स्थगित बोर्ड परीक्षाएं 18 जून से जबकि सीबीएसइ की परीक्षाएं जुलाई में शुरू होगी। गौरतलब है कि राजस्थान नेत्रहीन संघ व अन्य कई सामाजिक संस्थान इस छूट के लिए मांग कर रहे थे।
*अन्य विषयों के औसत प्राप्तांक बनेंगे परिणाम का आधार*
सीबीएसइ इस श्रेणी के विद्यार्थियों का परिणाम वैकल्पिक मूल्यांकन योजना के अनुसार घोषित करेगा। वहीं,आरबीएसइ ने जिन विषयों की परीक्षा लॉकडाउन के पहले सम्पन्न हो चुकी है, उन विषयों के औसत अंकों के आधार पर परिणाम जारी करेगी। बोर्ड का तर्क है कि यदि ये बच्चे किसी सहायक के साथ परीक्षा देने आते हैं तो कोरोना वायरस से निपटने में सोशल डिस्टेंसिंग की पालन नहीं होगी।
*इस वर्ष मिली ये सुविधाएं*
अजमेर बोर्ड ने इस वर्ष विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों को स्वयं से अधिक योग्यता का श्रुतिलेखक ले जाने, अंग्रेजी भाषा विषय संबंधी महत्वपूर्ण छूट प्रदान की थी जबकि सीबीएसइ में दिव्यांग विद्यार्थियों को अतिरिक्त समय, सहायक या पाठक, कम्प्यूटर या लैपटॉप (बिना इंटरनेट) लाने के अलावा सीडब्ल्यूएसएन वर्ग के तहत पंजीकृत छात्रों को कैलकुलेटर लाने की अनुमति भी प्रदान की थी। मुख्य रूप से इस श्रेणी में दृष्टिबाधित, डिस्लेक्सिक्स, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, स्पैस्टिक्स, लोकोमोटर दिव्यांगता वाले विद्यार्थी सम्मिलित हैं।
*फैक्ट फाइल*
*सीबीएसइ में सीडब्ल्यूएसएन श्रेणी में पंजीकृत विद्यार्थी*
(देशभर में)
कक्षा- 10 6,844
कक्षा -12 3718
कुल विद्यार्थी 10562
*आरबीएसइ में सीडब्ल्यूएसएन श्रेणी में पंजीकृत विद्यार्थी*
(राज्य में)
कक्षा-10 708
कक्षा -12 628
कुल विद्यार्थी 1328
बोर्ड परीक्षा-2020 में पंजीकृत विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों को मुख्य परीक्षा में चिकित्सीय प्रमाण पत्र के आधार पर श्रुतिलेखक उपलब्ध करवाया था। इस श्रेणी के विद्यार्थियों को सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के चलते बोर्ड ने शेष परीक्षाओं में छूट प्रदान की है जिन दिव्यांग विद्यार्थियों को श्रुतिलेखक की आवश्यकता नहीं थी उन विद्यार्थियों पर यह छूट लागू नहीं होगी।
-भूपेश शर्मा, जिला दिव्यागंता प्रकोष्ठ प्रभारी, माध्यमिक शिक्षा,श्रीगंगानगर


9.*निजी स्कूलों की तर्ज पर अब सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी में पढ़ाई*
*-हर ब्लाक में अंग्रेजी मीडियम की पढ़ाई, मोटी फीस से मिलेगी निजात*
श्रीगंगानगर.
शिक्षा के बदलते परिदृश्य के कारण देशभर में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई के बढ़ते महत्व को देखते हुए राज्य सरकार ने राज्य के प्रत्येक जिले में अंग्रेजी माध्यम के विवेकानंद मॉडल स्कूल खुले हुए हैं। ये सभी विद्यालय सीबीएसइ बोर्ड की तरफ से संचालित होते हैं। राज्य का शिक्षा विभाग इन विद्यालयों का संचालन केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर कर रहा है। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए सरकार ने पिछले साल सभी जिला मुख्यालयों पर एक-एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोला जोकि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर से संबद्ध हैं। इन विद्यालयों की अपार सफलता के कारण इस वर्ष 167 ब्लॉक में राजकीय महात्मा गांधी विद्यालय अंग्रेजी माध्यम शुरू किए गए हैं। अंग्रेजी माध्यम में पढऩे वाले बच्चों और उनके अभिभावकों में सरकार के इस फैसले से बेहद खुशी है।
*प्राथमिक स्तर पर 15 से 75 हजार तक खर्च*
सामान्यत: एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल में बच्चों को पढ़ाई करवाने के लिए अभिभावकों को विद्यालय के शैक्षणिक स्तर, भवन, स्टॉफ व सुविधाओं के आधार पर लगभग 1000 से 4000 रुपए मासिक फीस तथा स्टेशनरी, किताबें, यूनिफार्म, टाई, बेल्ट व सहशैक्षणिक गतिविधियों के नाम पर 15000 से लेकर करीबन 75 हजार रुपए तक सालाना चुकाने पड़ते हैं। इसके चलते सामान्य परिवारों से जुड़े अधिकांश अभिभावक या तो अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की पढ़ाई ही नहीं करवा पाते या फिर मोटी फीस चुकाने के लिए दूसरे खर्चो में कटौती करते हैं।
*गरीब परिवारों का सपना हुआ पूरा*
शहरों, कस्बों, तहसीलों व आसपास के गांवों में रहने वाले मध्यमवर्गीय या निर्धन परिवारों के बच्चों के लिए अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में नि:शुल्क पढ़ाई का मौका मिलने के कारण इन परिवारों का सपना पूरा हुआ है। क्योंकि अब इनके बच्चे भी अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई कर मुख्य धारा के साथ जुड़ सकेंगे। साथ ही इन विद्यालयों में किताबें, शुल्क आदि का भार राज्य सरकार वहन करेगी।
*यह खुले अंग्रेजी माध्यम स्कूल*
1.राउमावि नेतेवाला
2.राबाउमावि नई मंडी घड़साना
3.राबाउमावि करणपुर
4.राउमावि रायसिंहनगर
5.राउप्रावि नं. 1 सादुलशहर
6.राउप्रावि वार्ड नं-6 विजय नगर
7.राउप्रावि पदमपुर
*फैक्ट फाइल*
-राज्य में जिला मुख्यालय पर कुल अंग्रेजी माध्यम स्कूल-33
-विवेकानन्द मॉडल स्कूल-134
-ब्लॉक स्तर पर अंग्रेजी माध्यम स्कूल-167
-जिले में विवेकानन्द मॉडल स्कूल-2
-महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय-8
आम व्यक्ति के लिए दिहाड़ी मजदूरी करके बच्चों को निजी विद्यालयों में पढ़ाना संभव नहीं है। सरकारी स्कूलों में अब सारी सुविधाएं और अच्छी पढ़ाई होती है। बस बच्चे इंग्लिश मिडियम की जिद्द करते थे। अंग्रेजी माध्यम के सरकारी स्कूल शुरू होने से बच्चे अपनी रूची के हिसाब से पढ़ाई कर सकेंगे।
विजय यादव, न्यू प्रेम नगर, श्रीगंगानगर
महात्मा गांधी विद्यालय में प्रवेश के लिए बच्चों और अभिभावकों में पहले दिन से ही काफी रूझान है। मजबूरीवश शहर के नामी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों ने भी पुराना स्कूल छोडकऱ हमारे यहां प्रवेश के लिए आवेदन किया है। सीमित सीटों के कारण बहुत से विद्यार्थी प्रवेश नहीं ले पाते थे। अब नए स्कूलों से बड़ी राहत मिलेगी।
-रिंपा तलवार, प्रधानाचार्य, महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय अंग्रेजी माध्यम, श्रीगंगानगर


10.*बच्चों को घर बैठे मिलेगा पोषाहार राशन*
*अभिभावकों को स्कूल बुलाकर विभाग बांटेगा गेहूं व चावल*
बूंदी.
सरकारी स्कूलों के बच्चों को अब घर बैठे ही पोषाहार मिलेगा। जी हां! कक्षा 1 से आठवीं तक पढऩे वाले जिले के करीब 1 लाख 12 हजार 500 बच्चों के लिए यह खुशखबरी आई। मिड-डे-मील योजना के तहत ग्रीष्मावकाश की अवधि का पोषाहार बच्चों के माता-पिता या अभिभावकों को स्कूल बुलाकर सरकार की गाइडलाइन के अनुसार दिया जाएगा। जिला शिक्षा प्रारंभिक ने इसकी तैयारी पूर्ण कर ली। हालांकि कुछ मेट्रिक टन खाद्यान कम पडऩे की मांग विभागीय अधिकारियों ने जयपुर भिजवा दी। ऐसे में 15 जून से पहले उठाव करना होगा। इस संबंध में मिड-डे-मील आयुक्त अभिषेक भगोतिया ने प्रदेश के सभी जिला कलक्टर को आदेश जारी कर दिए।
मिड-डे-मील आयुक्त के उक्त आदेश के अनुसार कोविड-19 के कारण लॉकडाउन व ग्रीष्मावकाश के दौरान विद्यालय बंद रहे, 14 मार्च से 30 जून तक का मिड-डे-मील योजना का गेहूं सरकारी स्कूलों की कक्षा 1 से 8 वीं तक के विद्यार्थियों के माता-पिता अथवा अभिभावकों को वितरण होगा। जिले में कोरोना संक्रमण के चलते 22 मार्च से सभी शिक्षण संस्थान बंद हो गई थी। बच्चों ने घरों में रहते मोबाइल, रेडियो व टीवी के जरिए ही पढ़ाई की। इस कारण कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूली बच्चों का पोषाहार नहीं मिला। लेकिन कोरोना काल में स्टेडी फ्रॉम होम कर रहे स्कूली बच्चों के लिए अब खुशखबरी आई। पोषाहार बच्चों के बजाए उनके माता-पिता या अभिभावक को दिया जाएगा। इससे पहले आयुक्तालय मिड-डे-मील योजना के स्पष्ट आदेश नहीं आने से आवंटित पोषाहार को लेकर अधिकारी पशोपेश में थे।
*यह आया था खाद्यान्न*
जिले में मिड-डे-मील के लिए हर तीन माह के लिए सरकार ने हाल ही में करीब 428 मेट्रिक टन खाद्यान्न उपलब्ध कराया। जिसमें 265 मेट्रिक टन गेहूं व 163 मेट्रिक टन चावल जिला शिक्षा विभाग प्रारंभिक को आवंटित किया। अप्रेल, मई व जून के लिए भी आवंटन कर दिया। हालांकि कुछ शेष स्कूलों में पुराना भी राशन बताया।
*94 दिन का मिलेगा पोषाहार*
पांचवीं तक के विद्यार्थियों के परिजनों को कुल 94 कार्य दिवस के अनुसार प्रति छात्र सौ ग्राम के हिसाब से 9 किलो 400 ग्राम खाद्यान्न मिलेगा। कक्षा 6 से आठवीं के विद्यार्थियों को 150 ग्राम प्रति छात्र के हिसाब से कुल 14 किलो 100 ग्राम देय होगी। अगर विद्यालयों में चावल उपलब्ध हो तो 1 से 5 वीं कक्षा वालों को 6 किलो 400 ग्राम गेहूं व 3 किलो चावल तथा 6 से 8 वीं कक्षा वालों को 11 किलो 100 ग्राम गेहूं और 3 किलो चावल दिया जाएगा।
*300 मेट्रिक टन की भेजी मांग*
विभागीय अधिकारियों के अनुसार जिले में करीब एक लाख से अधिक बच्चों को पोषाहार राशन बंटेगा। ऐसे में करीब 1265 मेट्रिक टन पोषाहार की आवश्यकता रहेगी। वर्तमान में विभाग के पास 965 मेट्रिक टन खाद्यान्न उपलब्ध बताया जो सारे बच्चों के लिए पर्याप्त नहीं होगा। ऐसे में शेष 300 मेट्रिक टन खाद्यान्न कम पडऩे की मांग विभागीय अधिकारियों ने भिजवाई।
*जल्द वितरण शुरू होगा*
मिड-डे-मील योजना के तहत सरकार से आवंटित पोषाहार राशन को जल्द वितरण शुरू किया जाएगा। सरकार ने 428 मेट्रिक टन खाद्यान्न उपलब्ध कराया था। 15 जून से पहले उठाने व 25 जून से पहले वितरण के आदेश है। वितरण के दौरान विद्यालयों में आने वाले अभिभावकों को सोशल डिस्टेंसिंग रखने के साथ मास्क लगाना अनिवार्य होगा। विद्यार्थियों के परिजनों को जल्द सूचित किया जाएगा। वहीं कम पड़े खाद्यान्न की मांग जयपुर भिजवा दी।’
उदालाल मेघवाल, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) ,बूंदी


11.*CBSE: स्कूल और बोर्ड देंगे स्टूडेंट्स को होम परीक्षा केंद्र की सूचना*
*सीबीएसई की बकाया परीक्षाएं 1 जुलाई से।*
अजमेर.
सीबीएसई के बारहवीं और दिल्ली रीजन के दसवीं के विद्यार्थी अपने गृह जिले में परीक्षाएं दे सकेंगे। सीबीएसई और स्कूल 16 से 18 जून तक विद्यार्थियों को परीक्षा केंद्रों की जानकारी देंगे।
सीबीएसई के तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार स्कूल विद्यार्थियों से संकलित सूचना को अपलोड कर चुके हैं। बोर्ड औरस्कूल 16 से 18 जून तक विद्यार्थियों को परीक्षा केंद्रों की जानकारी देंगे।
*प्राइवेट विद्यार्थी 20 जून तक प्रवेश पत्र*
डाउनलोड कर सकेंगे। जबकि स्कूल 16 जून से ई-परीक्षा पोर्टल से विद्यार्थियों की सूची और अन्य सूचनाएं डाउनलोड कर सकेंगे।
मालूम हो कि कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के चलते कई विद्यार्थी अपने गृह जिलों में चले गए हैं। ऐसे विद्यार्थी 1 से 15 जुलाई तक बोर्ड परीक्षाएं अपने गृह जिले में दे सकेंगे। बोर्ड ने स्कूल के जरिए विद्यार्थियों से गृह जिले और परीक्षा केंद्र की जानकारी मांगी थी। इनमें नियमित और प्राइवेट विद्यार्थी शामिल हैं।


12.*रीट के आयोजन को लेकर बेचैनी, ट्वीटर पर चलाया ट्रेंड*
शिक्षा विभाग की ओर से पहले ही यह कहा जा चुका है कि पाठ्यक्रम एनसीटीई 2011 के अनुसार ही होगा। अतः विद्यार्थी परीक्षा की तैयारी पूर्व के तय पाठ्यक्रम के अनुसार करते रहें।
तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती के लिए दो सितंबर को प्रस्तावित राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) को लेकर छह महीने गुजरने के बाद भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। गत दिनों शिक्षा विभाग की बैठक में कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाने से 11 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों में बेचैनी है। इस संबंध में पंचायती राज विभाग की बैठक के बाद ही निर्णय हो पाएगा। इस बीच रविवार को अभ्यर्थियों ने ट्विटर पर रीट विज्ञप्ति और पैटर्न जारी करने की मांग की। इसके लिए अभ्यर्थियों ने हैशटैग रीट2020 विज्ञप्ति परीक्षा तिथि से 25 हजार से ज्यादा ट्वीट किए। दोपहर तक यह हैशटैग ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। वहीं, अभ्यर्थियों के समर्थन में खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल ने भी ट्वीट किया।
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश प्रवक्ता उपेन यादव ने बताया कि जनवरी में तिथि घोषित होने के बाद भी नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है। उन्होंने शिक्षा विभाग से जल्दी कैलेंडर जारी करने और पद बढ़ाने की मांग की है।
*जल्दी स्पष्ट हो स्थिति*
प्रतियोगी परीक्षा विषेशज्ञ राघव प्रकाश ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से पहले ही यह कहा जा चुका है कि पाठ्यक्रम एनसीटीई 2011 के अनुसार ही होगा। अतः विद्यार्थी परीक्षा की तैयारी पूर्व के तय पाठ्यक्रम के अनुसार करते रहें। दूसरे परीक्षा होगी या नहीं अथवा अन्य विषयों पर उच्च स्तर पर जल्द ही निर्णय हो सकता है। हालांकि सितंबर में परीक्षा के लिए परिस्थितियां अनुकूल दिखाई नहीं दे रही,
*अभ्यर्थियों की मांग पर स्थिति जल्द स्पष्ट होनी चाहिए।*
प्रतियोगी परीक्षा विशेषज्ञ कुंवर कनक सिंह ने बताया कि रीट की स्थिति स्पष्ट नहीं होने से अभ्यर्थियों में तनाव और घबराहट है। उनकी काउंसलिंग करवाई जा रही है। सिलेबस, पैटर्न, वेटेज अधिकारिक नोटिफिकेशन इसी महीने जारी हो जाए तो विद्यार्थी अपनी स्ट्रेटेजी के अनुसार परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं।


13.*डीएलएड के लिए 16 जून से कर सकेंगे ऑनलाईन आवेदन*
जयपुर।
द्विवर्षीय अध्यापक शिक्षा पाठ्यक्रम (डिप्लोमा इन एलीमेन्ट्री एजूकेशन) में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली सार्वजनिक प्रतियोगी परीक्षा के लिए 16 जून से अभ्यर्थी ऑनलाईन आवेदन कर सकेंगे।
शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने बताया कि इस परीक्षा से प्रदेश में बड़ी संख्या में युवाओं को प्रारंभिक शिक्षा में अध्यापक बनने के अवसर मिल सकेंगे। उन्होंने बताया कि डीएलएड की परीक्षा प्रदेशभर में आगामी 30 अगस्त को आयोजित की जाएगी। इसके लिए विभिन्न स्तरों पर तैयारियों करने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
प्रारंभिक शिक्षा विभाग  में अध्यापक लेवल प्रथम की भर्ती के लिए द्विवर्षीय अध्यापक शिक्षा डिप्लोमा (डीएलएड) की योग्यता अनिवार्य हैं।
उल्लेखनीय है कि यह परीक्षा पहले उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत विश्वविद्यालयों के स्तर पर आयोजित की जाती रही है। शिक्षा राज्य मंत्री डोटासरा की पहल से ही वर्ष 2019 से ही इसे प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अधीन संचालित राज्य स्तरीय कार्यालय, पंजीयक शिक्षा विभागीय परीक्षाएं, की ओर से इसे पारदर्शिता के साथ आयोजित किया गया था। इस बार भी यह परीक्षा पंजीयक, शिक्षा विभागीय परीक्षाएं द्वारा ही प्रदेशभर में 30 अगस्त को आयोजित की जाएगी।


14.*गंभीर लापरवाही / तीन दिन बाद होनी है परीक्षा, एग्जाम सेंटर में अराम फरमा रहे हैं क्वारैंटाइन मजदूर*
*जिन स्कूलों में छात्रों की परीक्षाएं होनी हैं, वहां अभी भी मजदूरों को रखा गया है।*
*स्टेशन स्थित डाक बंगला बालिका स्कूल को खाली नहीं कराया*
*सफाई सेनेटाइजेशन तो दूर अभी तक खाली नहीं हुई बिल्डिंग*
दैनिक भास्कर
कोटा.
माध्यमिक शिक्षा बाेर्ड की ओर से 18 जून काे बाेर्ड की परीक्षाएं शुरू हाेगी। साेमवार से स्कूलाें में एडमिट कार्ड वितरण किया जाएगा। लेकिन, स्टेशन स्थित डाक बंगला गवर्नमेंट बालिका सीनियर स्कूल में दाे महीने से मजदूराें का विश्राम गृह बना हुआ है। शिक्षा विभाग और प्रशासन की ओर से इनके लिए अभी तक शिफ्टिंग की प्राेसेस नहीं हाे पाई है। जबकि यहां करीब 50 से अधिक मजूदर रह रहे हैं।
भास्कर ने इस संबंध में पड़ताल की ताे चाैंकाने वाली बात सामने आई। यहां काेराेना के खाैफ के चलते अभिभावक भी बेटियाें काे एडमिट कार्ड लेने के लिए नहीं भेजना चाह रहे हैं। साथ ही बेटियां भी यहां आने में झिझक रही हैं। जबकि अभी इस स्कूल की सफाई ताे दूर सैनिटाइज तक नहीं करवाया है।
दूसरी ओर रविवार शाम तक यहां मजदूर और अन्य लाेग विश्राम करते नजर आए। गंदगी भी नजर आई। प्रिंसिपल संताेष साहू ने कहा परीक्षाओं काे देखते हुए और बिल्डिंग काे सैनिटाइज के लिए विभाग, निगम और प्रशासन काे बता दिया है।
अधिकारियाें ने साेमवार काे इसे खाली करवाकर सैनिटाइज करवाने के लिए आश्वासन दिया है। इस संबंध में प्रिंसिपल ने अजमेर बाेर्ड मुख्यालय काे भी पत्र भिजवाया है। इसके अलावा निगम काे भी बिल्डिंग सेेनेटाइज करवाने के लिए पत्र भी लिखा है। जबकि बाेरखंडी स्कूल में बनाए विश्राम स्थल काे खाली करवाकर सेनेटाइज करवा दिया है।
*220 परीक्षार्थियाें का है सेंटर:*
यहां कक्षा 10वीं में 140 और 12वीं में 80 परीक्षार्थियाें के लिए सीटिंग की व्यवस्था है। ऐसे में यहां करीब दाे महीने से रह रहे मजदूराें के लिए आवास की व्यवस्था हाेने से यहां गदंगी सहित अन्य अव्यवस्थाएं बनी है।
^मजदूराें के लिए दूसरी जगह पर साेमवार को व्यवस्था करवा दी जाएगी। जिला प्रशासन की ओर से इसे खाली करवाने के निर्देश दिए हैं। -गंगाधर मीणा, डीईओ माध्यमिक मुख्यालय


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