शिक्षा एवं रोजगार समाचार 15.06.2020


1.*दो घंटे पहले पहुंचना होगा एग्जाम सेंटर, स्क्रीनिंग के बाद एंट्री मिलेगी*
*12वीं बोर्ड परीक्षा: CBSE के इतिहास में पहली बार अपने होम स्कूल में ही पेपर देंगे बच्चे, पेपर से एक घंटे पहले बंद हो जाएगी एंट्री, मास्क के साथ एक हॉल में 17 स्टूडेंट्स ही बैठेंगे, जुलाई अंत तक रिजल्ट जारी करेगा बोर्ड*
अगले महीने एक से 15 जुलाई तक CBSE 12वीं क्लास की बची हुई परीक्षाएं आयोजित कराएगा। लॉकडाउन की वजह से बोर्ड एग्जाम को रोकना पड़ा था। 12वीं क्लास के कुल 41 विषयों के पेपर बाकी हैं, इनमें से 12 पेपर बोर्ड ने इस वर्ष नहीं कराने का निर्णय लिया है। बाकी 29 विषयों के पेपर में भी मुख्य नौ ही पेपर हैं, जिनमें ज्यादा स्टूडेंट्स अपीयर होते हैं।
CBSE के इतिहास में पहली बार स्टूडेंट्स अपनी होम स्कूल में ही एग्जाम होंगे। CBSE सूत्रों के अनुसार एक रूम में 12 बच्चे ही बैठेंगे। एग्जाम हॉल में एक होम स्कूल के पर्यवेक्षक सहित दूसरे स्कूल का भी पर्यवेक्षक होगा। बच्चों को दो घंटे पहले ही एग्जाम सेंटर पर पहुंचना होगा। स्टूडेंट्स अपने साथ पारदर्शी पानी की बोतल ला सकेंगे। बोर्ड की ओर से सिर्फ उन्हीं स्टूडेंट्स के अगले हफ्ते एडमिट कार्ड जारी किए जाएंगे, जिन्होंने अपने एग्जाम सेंटर बदले हैं।
*एंट्री और एग्जिट पॉइंट होंगे ज्यादा*
स्टूडेंट्स को एग्जाम से दो घंटे पहले सेंटर पर पहुंचना होगा। थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही एंट्री दी जाएगी। एंट्री और एग्जिट पॉइंट भी ज्यादा होंगे। मास्क पहनना जरूरी होगा। पेपर और आंसर शीट के बंडल को सेनेटाइज किया जाएगा। अगर किसी बच्चे की तबीयत खराब है या उसमें कोरोना के लक्षण हैं तो उसे स्कूल को पूर्व में लिखित में सूचित करना होगा। ऐसे बच्चे का अलग कमरे में एग्जाम लिया जाएगा।
*कंटेनमेंट एरिया में नहीं होंगे सेंटर*
सूत्रों ने बताया कि बोर्ड स्कूलों को एन्क्रिप्टेड क्वेश्चन पेपर भेजने पर भी विचार कर रहा है। पेपर शुरू होने से आधा घंटे पहले स्कूलों को यूजर आईडी और पासवर्ड भेजे जाएंगे। जिनके प्रिंट लेकर पेपर बांटे जाएंगे। बोर्ड ने ये डिटेल्स भी मांगी है कि कही स्कूल कंटेनमेंट एरिया में तो नहीं है। कंटेनमेंट एरिया में स्थित स्कूलों को एग्जाम सेंटर नहीं बनाया जाएगा।
*पहले हो चुके पेपर्स का इवैल्यूएशन पूरा*
सूत्रों ने बताया कि कोरोना के पहले आयोजित हो चुके एग्जाम की सभी कॉपीज भी चैक की जा चुकी हैं। बचे हुए 29 पेपर्स में से मुख्य 9 पेपर के एग्जाम भी शुरू में ही रखे गए हैं। इनमें बिजनेस स्टडीज, इंफोर्मेटिक प्रेक्टिसेज, कम्प्यूटर साइंस, ज्योग्राफी, बॉयोटेक्नोलॉजी, हिंदी कोर और सोश्योलॉजी जैसे सब्जेक्ट्स शामिल हैं। जुलाई के अंत तक बोर्ड रिजल्ट भी जारी कर देगा।


2.*अभिभवाकों को मिलेगा पोषाहार*
*लॉक डाउन की अवधि में विद्यालय बंद रहने से मिड डे मील योजना के तहत खाद्यान्न का वितरण नहीं हुआ था। अब खाद्यान्न अभिभावकों में वितरण किया जाना है।*
बीकानेर.
लॉक डाउन की अवधि में विद्यालय बंद रहने से मिड डे मील योजना के तहत खाद्यान्न का वितरण नहीं हुआ था। अब खाद्यान्न अभिभावकों में वितरण किया जाना है। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों, पदेन जिला परियोजना समन्वयकों व जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए है। इसके अनुसार २५ जून से पहले विद्यालयों में खाद्यान्न का वितरण होना है, ऐसे में निर्धारित अवधि के लिए कक्षा एक से आठ तक संचालित होने वाली विद्यालयों को खोलने एवं अध्यापकों को उपस्थित होने के लिए पाबंद किया जाए। गौरतलब है कि गेहूं व चावल का वितरण किया जाना है।
*बोर्ड परीक्षाओं के लिए शिक्षकों अन्य कार्यों से मुक्त किया जाए*
राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) की ओर से प्रदेशव्यापी विरोध कार्यक्रम चलाया जाएगा। शनिवार को कार्यकारिणी ने इसका निर्णय किया है। संगठन के पदाधिकारियों ने का कहना है कि
शिक्षकों को बोर्ड परीक्षा के लिए अन्य कार्यों से मुक्त किया जाना चाहिए।
जिलाध्यक्ष संजय पुरोहित ने बताया कि शिक्षकों की ड्यूटी गैर शैक्षिक कार्यों में लगाए जाने के विरोध में रणनीति बनाई जाएगी।
जिला मंत्री भंवर पोटलिया, प्रदेश मंत्री श्रवण पुरोहित ने शिक्षकों को गैर शैक्षिक कार्यों में लगाए जाने से शिक्षण की गुणवत्ता और नामांकन अभिवृद्धि पर प्रतिकुल प्रभाव पड़ा है। संगठन ने बोर्ड परीक्षाओं के लिए शिक्षकों को अन्य कार्यों से मुक्त करने की मांग उठाई है।


3.*सीएम की घोषणा को 5 महीने गुजरे, अभी तक 11 लाख को रीट का इंतजार*
जयपुर
प्रदेश में शिक्षक भर्ती के लिए रीट परीक्षा की घोषणा को पांच महीने गुजरने के बावजूद अभी तक इस भर्ती को लेकर शिक्षा विभाग कोई खास तैयारी नहीं कर पाया है। स्थिति यह है कि सितंबर में इस परीक्षा को करवाने की घोषणा के बावजूद अभी तक न ही रीट का भर्ती पैटर्न तय हुआ है और न ही भर्ती की विज्ञप्ति अब तक जारी हो पाई है। सिर्फ इस परीक्षा को लेकर बैठकें जरूर हो चुकी हैं लेकिन अंतिम रूप से कुछ तय नहीं होने के कारण राज्य के करीब 11 लाख बेरोजगारों को इस भर्ती का अभी तक इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसे में इस भर्ती की विज्ञप्ति, सिलेबस और लेवल टू का पैटर्न समेत अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां जारी करने की मांग को लेकर बेरोजगार ट्ववीटर पर सक्रिय हो गए हैं। रविवार को बेरोजगारों की यह मांग ट्वीवटर पर ट्रेंड पर भी रही।
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश प्रवक्ता उपेन यादव का कहना है कि पांच महीने से अधिक समय गुजरने के बावजूद बेरोजगारों को इस भर्ती का इंतजार है। शिक्षामंत्री गोविंदसिंह डोटासरा रीट का आयोजन अब 2 सितंबर को करवाने की बात कह चुके हैं, लेकिन इस परीक्षा की तैयारियों की चाल इतनी सुस्त है कि अभी तक इसकी भर्ती विज्ञप्ति तक जारी नहीं हुई है। महासंघ का कहना है कि पिछले साल 24 दिसंबर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 31000 पदों पर तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती रीट के माध्यम से करवानी की घोषणा थी, लेकिन 5 महीने से अधिक का समय गुजरने के बावजूद सरकार की तरफ से ना तो रीट की विज्ञप्ति जारी हो पाई है और ना ही रीट लेवल टू का पैटर्न जारी हो पाया। इन स्थितियों में बेरोजगार असमंजस में हैं। महासंघ ने सरकार से मांग की है कि जल्द ही इस परीक्षा की विज्ञप्ति जारी करवाई जाए।
*पार्टियां बनाती रही हैं रीट को मुद्दा*
महासंघ का कहना है कि इस परीक्षा को कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस मुद्दा बनाती रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सहित कई भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं ने रीट को लेकर कांग्रेस की घेराबंदी कर चुके हैं और उस समय कांग्रेस पार्टी बैकफुट पर आ गई थी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ को लिखित में लैटर दिया था। सरकार बनते ही रीट की विसंगतियों को दूर करने और रीट के अभ्यर्थियों को जल्द से जल्द नियुक्ति देने का दिया था। कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में डाला था कि कांग्रेस सरकार आते ही प्राथमिकता के साथ रीट की सभी विसंगतियों को दूर करके जल्द से जल्द रीट के माध्यम से बेरोजगारों को नियुक्ति दी जाएगी। लेकिन 5 माह 21 दिन बीत जाने के बाद भी ना तो रीट की विसंगतियां दूर हो पाई है और ना ही विज्ञप्ति जारी हो पाई है। इससे प्रदेश के बेरोजगारों में सरकार के प्रति रोष बढ़ता जा रहा है।
*वेटेज किया जाए खत्म*
महासंघ ने मांग की है कॉमर्स के विद्यार्थियों को रीट में शामिल किया जाए। एमए के आधार पर बीएड करने वाले अभ्यर्थियों को भी मौका दिया जाए। साथ में ही रीट लेवल टू में स्नातक का वेटेज समाप्त किया जाए, जिससे लाखों बेरोजगारों को राहत मिल सके। बेरोजगारों की ओर से ट्ववीटर पर की जा रही मांग को आरएलपी पार्टी के विधायक नारायण बेनीवाल ने भी हैशटेग के माध्यम से ट्वीट करके महासंघ के इस अभियान का समर्थन किया है। 


4.*कोरोना ने अटकाइ कृषि विवि की प्रवेश परीक्षा ‘ जेट’ , अब 2 अगस्त को*
*- प्रदेश के पांचों कृषि विश्वविद्यालयों में एक साथ होगी परीक्षा*
जोधपुर।
वैश्विक कोरोना महामारी के कारण जोधपुर सहित प्रदेश के सभी कृषि विश्वविद्यालयों में सत्र 2020-21 में प्रवेश के लिए होने वाली जॉइंट एन्ट्रेन्स टेस्ट (जेट) अब 2 अगस्त को होगी। परीक्षा आयोजक कृषि विश्वविद्यालय कोटा ने पूर्व में जेट परीक्षा की तिथि 7 जून निर्धारित की थी, लेकिन कोरोना व लॉकडाउन के कारण परीक्षा तिथि में बदलाव कर अब नई तिथि 2 अगस्त तय की गई है। इस दिन प्रदेश के पांचों कृषि विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए यह परीक्षा होगी। प्रदेश में जोधपुर के अलावा जोबनेर, उदयपुर, बीकानेर व कोटा में कृषि विश्वविद्यालय है।
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*इन कक्षाओं में प्रवेश के लिए होगी परीक्षा*
प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयो में बीएससी ऑनर्स एग्रीकल्चर, होर्टीकल्चर, फोरेस्ट्री, मत्स्य विज्ञान, फूड न्यूट्रीशन एण्ड डायटीटिक्स, कम्यूनिटी साइंस व होम साइंस में प्रवेश के लिए जेट परीक्षा होगी। इसके अलावा आगामी सत्र से शुरू होने वाले बीटेक डेयरी टेक्नोलॉजी व फूड टेक्नोलॉजी कक्षाओं में प्रवेश के लिए भी यह परीक्षा होगी।
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*स्नातकोत्तर व पीएचडी प्रवेश परीक्षा 5 को*
कृषि विश्वविद्यालय में विभिन्न विषयों में एमएससी व प्री पीएचडी में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा 5 अगस्त को होगी। यह परीक्षा एग्रीकल्चर, होर्टीकल्चर, फोरेस्ट्री व होम साइंस में प्रवेश के लिए होगी।
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कृषि विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए जेट परीक्षा की नई तिथि आ गई है। कोरोना के कारण इस बार परीक्षा लेट हो रही है।
डॉ एमएल मेहरिया, जनसंपर्क अधिकारी
कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर


5.*आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए सरकार की जेब खाली*
*- स्वयं सहायता समूहों को पोषाहार के एवज में एक वर्ष से भुगतान नहीं*
*- बजट के टोटे में फाइलों पर चढ़ी धूल*
*- महिला एवं बाल विकास विभाग का मामला*
डूंगरपुर.
प्रदेश सरकार के कुपोषण से मुक्ति के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। स्थितियां यह है कि जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत संचालित नौ परियोजनाओं में कुपोषित एवं धात्री महिलाओं को दिए जाने वाले गर्म पोषाहार, बेबी-मिक्स एवं नाश्ते आदि के बिलों पर बजट और उदासीनता की धूल चढ़ रही है। पर, बिलों की फाइले स्वीकृत ही नहीं हो रही हैं। ऐसे में छह माह से एक वर्ष की लाखों रुपए की बाकियात चढऩे से आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषाहार देने वाले स्वयं सहायता समूहों ने भी हाथ खिंचने शुरू कर दिए हैं।
*डूंगरपुर परियोजना की सर्वाधिक बाकियात*
जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत नौ परियोजना संचालित हैं। इसमें डूंगरपुर परियोजना को छोड़ सभी परियोजनाओं में दिसम्बर 2019 के बाद से गर्म पोषाहार, बेबी मिक्स और नाश्ते आदि में भुगतान ही नहीं हुआ है। यदि डूंगरपुर परियोजना की बात करें, तो यहां जून 2019 के बाद से स्वयं सहायता समूहों को एक रुपए का नया भुगतान नहीं हुआ है। हालात यह है कि स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी जरूरतमंद महिलाएं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और कार्यकर्ता पर्यवेक्षकों से संपर्क कर रही हैं। पर, भुगतान अटका हुआ है।
*प्रति समूह एक लाख रुपए की बाकियात चढ़ी*
परियोजना अंतर्गत पंजीकृत स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की छह माह से एक वर्ष तक की बाकियात चढऩे से स्थितियां यह है कि हर आंगनवाड़ी केन्द्र के समूह की मोटा-मोटा एक-एक लाख रुपए की बाकियात चढ़ गई है। ऐसे में निर्धन एवं जरूरतमंद परिवारों से जुड़ी महिलाएं उधारी पर पोषाहार लाकर खिला रही थी। पर, बाकियात चढऩे से अब उन्होंने भी हाथ खिंचने शुरू कर दिए हैं।
*इतना है स्वीकृत है बजट*
गर्म पोषाहार : 04.50 रुपए प्रति बालक प्रति दिन
बेबी-मिक्स : 55 रुपए धात्री एवं गर्भवती महिला प्रति गुरुवार तथा छह माह से तीन वर्ष के बच्चे के लिए 45 रुपए प्रति पैकेट हर
नाश्ता : 03.50 रुपाए प्रतिदिन प्रति बालक
*यह बजट भी फाइलों में अटका*
आंगनवाड़ी केन्द्र की पंजीकृत गर्भवती महिलाओं एवं धात्री महिलाओं के अन्नप्रशासन, गोद भराई के लिए ढाई सौ-ढाई रुपए का प्रावधान है। वहीं, प्रवेशोत्सव के मद में भी ढाई सौ रुपए दिए जाते हैं। पर, इसका भुगतान भी एक वर्ष से फाइलों में दबा पड़ा है। वहीं, यूनिफॉर्म, स्टेशनरी का एक हजार रुपए प्रति वर्ष गत तीन वर्ष से बजट अटका हुआ है।
*सबको 3.10 करोड़, डूंगरपुर को एक करोड़*
विभागीय सूत्रों अनुसार जिले की डूंगरपुर परियोजना को छोड़ शेष समस्त परियोजना को विभिन्न मद में 3.10 करोड़ रुपए बजट आवंटित किया जाता है। पर, तकनीकी गड़बड़ी के चलते गत लम्बे समय से डूंगरपुर परियोजना को केवल एक करोड़ रुपए ही बजट दिया जा रहा है। इसमें भी उन्हें 30 प्रतिशत ही व्यय करने के अधिकार दे रखे हैं। ऐसे मेें कोष कार्यालय बिल अटका रहा है। विभागीय अधिकारियों ने यह मसला जिला प्रशासन तक भी पहुंचाया है। पर, वहां कोई कार्रवाई नहीं हुई।
*लेखा शाखा की भी उदासीनता*
एक-एक वर्ष से बिलों की बाकियात में लेखा अधिकारियों की उदासीनता भी साफ नजर आ रही है। स्थितियां यह है कि समूहों से बिल प्राप्त कर पर्यवेक्षकों को देने में एक दिन भी ऊपर होने पर विभागीय अधिकारी अल्प मानदेयकर्मी इन कार्मिकों को नोटिस थमा कर सेवा से बेदखल करने की धमकियां दे देते हैं। जबकि, महीनों तक बिलों की फाइले लेखाधिकारियों के पास पड़ी रहती है। पर, विभागीय अधिकारियों अपने इन कार्मिकों पर कभी कोई कार्रवाई नहीं कर पाया है।
*इतने हैं आंगनवाड़ी केन्द्र*
परियोजना ........केन्द्र .........मिनी केन्द्र
आसपुर............. 266.............. 70
बिछीवाड़ा.......... 247 ..............40
दोवड़ा.............. 129................ 36
डूंगरपुर ............171.................. 41
झौथरी............. 142 .................44
सागवाड़ा प्रथम ...170................. 51
सागवाड़ा द्वितीय.... 249........... 89
सीमलवाड़ा ..............143............ 55
चीखली ...................129 ............45
कुल...................... 1646 .............471
*मानदेय नहीं, खुद की जेब से खरीदा गेहूं*
आंगनवाड़ी कार्मिकों के मानदेय की भी यहीं हालात है। उनको भी लम्बे समय से भुगतान ही नहीं हुआ है। ऐसे में महिला एवं बाल विकास विभाग ने कोविड-19 के तहत धात्री-गर्भवती एवं बच्चों को बाजार से गेहूं खरीद कर बांटने के निर्देश दे दिए हैं। योजना का प्रचार-प्रसार होने से लाभान्वित रोज केन्द्र पर पहुंच कर उगाई करने लगे। ऐसे में आंगनवाड़ी कार्मिकों ने मानदेय नहीं मिलने के बावजूद स्वयं की जेब से बाजार से गेहूं खरीद कर बांटा। उसका भी भुगतान अटका हुआ है।
*धरना देंगे...*
जिले में स्वयं सहायता समूहों ने पोषाहार देना बंद कर दिया है। एक-एक लाख रुपए की बाकियात चढ़ गई है। अभिभावक आंगनवाड़ी कार्मिकों को परेशान करने लगे हैं। विभागीय अधिकारियों ने जल्द ही भुगतान नहीं करवाया, तो जिले भर के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के साथ कलक्टरी के बाहर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
- लक्ष्मी जैन, जिलाध्यक्ष, जिला आंगनवाड़ी संघ
*बजट का अभाव*
. बजट की काफी समस्या है। हम फाइले लेकर नियमित कोष कार्यालय जा रहे हैं। लेकिन, उनके भी अमूक राशि तक ही बिल पास करने के नियम है। ऐसे में अन्य विभागों के बाद आईसीडीएस का नम्बर लग रहा है। इससे बिल अटक रहे हैं। बहुत समस्या आ रही है। पर, सरकार बजट दें, तो ही कुछ हो सकता है।
लक्ष्मी चरपोटा, उपनिदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग


6.*शिक्षा रैंकिंग में फिसला नागौर, तीन माह में 16 से 25 पर लुढ़का*

*फरवरी माह में जारी हुई सूची के बाद भी बढ़त हासिल नहीं कर पाए, राजस्थान कौंसिल ऑफ स्कूल एजुकेशन की जिलावार शिक्षा रैंकिंग जारी*


नागौर.

शिक्षा क्षेत्र में नवाचार के बाद भी नागौर जिला लगातार पिछड़ता जा रहा है। पिछले तीन माह में ही जिला नौ अंक तक लुढ़क चुका है। गत फरवरी माह में जारी हुई जिलावार रैंकिंग सूची में नागौर 16 नम्बर पर था, लेकिन मई माह की सूची में यह लुढककर 25 पर आ गया। निचली रैंक पर होने के बावजूद न तो अपना नम्बर सुधारने पर ध्यान दिया गया और न ही सुधार हुआ। नतीजतन, जिले की रैंक एकदम से गिर गई। शिक्षा रैंकिंग, राजस्थान कौंसिल ऑफ स्कूल एजुकेशन की ओर से जारी की गई है। साथ ही राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद, जयपुर की ओर से जारी रैंकिंग में सभी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों को अपने जिले की परफॉर्मेंस सुधारने को लेकर निर्देशित किया गया है।

*हनुमानगढ़ ऊपर तो प्रतापगढ़ सबसे नीचे*

शिक्षा नगरी के नाम से मशहूर कोटा 17 नम्बर पर है। हां, चौथे नम्बर पर रहते हुए सीकर की स्थिति फिर भी ठीक है। रैंकिंग में हनुमानगढ़ पहले, जयपुर दूसरे व चूरू जिला तीसरे स्थान पर है। बांसवाड़ा, धौलपुर व प्रतापगढ़ की रैंकिंग सबसे खराब मानी गई है। ये जिले निचले पायदान पर है।

*सघन मॉनिटरिंग के निर्देश*

प्रदेश की जिला रैंकिंग में अंतिम पायदान पर रहे तीन जिलों में सुधार के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जाने के निर्देश दिए हैं। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक ने इन तीनों जिलों के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी से रैंकिंग में सुधार की अपेक्षा की है। सीडीइओ को कहा है कि इसे प्राथमिकता देते हुए अंतिम स्थान पर रहने वाले इन तीनों जिलों की सघन मॉनिटरिंग करें। साथ ही इस स्थिति से ऊपर उठाने के सघन प्रयास करते हुए अपेक्षित सुधार लाया जाएं।

*मई माह में जिलावार रैंकिंग*

मई माह में प्रदेश की जिलावार शिक्षा रैकिंग में नागौर 25वें स्थान पर है। वहीं एक पर हनुमानगढ़, दूसरे स्थान पर जयपुर, तीसरे पर चूरू, चौथे पर सीकर, पांचवें पर चित्तौडग़ढ़, छह पर बूंदी, सात पर गंगानगर, आठ पर बारां, नौ पर अलवर, दस पर भरतपुर, 11 पर टोंक, 12 पर झुंझनूं, 14 पर पाली, 15 पर जोधपुर, 16 पर जैसलमेर, 17 पर कोटा, 18 पर डूंगरपुर, 19 पर दौसा, 20 पर बीकानेर, 21 पर करौली, 22 पर भीलवाड़ा, 23 पर झालावाड़, 24 पर जालोर, 26 पर सवाई माधोपुर, 27 पर अजमेर, 28 पर उदयपुर, 29 पर बाड़मेर, 30 पर राजसंमद, 31 पर बांसवाड़ा, 32 पर धौलपुर एवं अंतिम 33 वें पायदान पर प्रतापगढ़ जिला रहा।

*इस तरह तय होती है रैंकिंग*

शिक्षा विभाग की ओर से हर महीने शिक्षा रैंकिंग जारी की जाती है। इसमें सुधार के लिए पीइइओ को अपने अधीन स्कूलों के 43 पेरामीटर की सूचनाएं शाला दर्पण पर अपलोड करनी होती है। जिसमें शाला दर्पण पर जिले के स्कूलों में समुदाय से राशि प्राप्त करने वाले स्कूलों की संख्या की फीडिंग, ज्ञान संपर्क पोर्टल में प्राप्त राशि, बिजली, पानी की सुविधा से जुड़े स्कूल समेत अन्य 43 पेरामीटर वाले बिंदुओं को अपलोड करना होता है।

*सुधार के प्रयास कर रहे हैं...*

जिलावार रैंकिंग में पिछडऩा वाकई चिंताजनक है। इसमें सुधार के लिए प्रयास कर रहे हैं। जिला स्तर पर समस्या समाधान के लिए कहा गया है। योजना भी बनाई है, जिसके कि ब्लॉक स्तरीय मॉनिटरिंग की जाएगी। अक्सर आंकड़ा फीडिंग करने में लापरवाही बरती जाती है, जिससे पिछड़ रहे हैं। इस तरह की समस्या ठीक करेंगे तथा आंकड़ा फीडिंग को लेकर भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। कुल ४३ प्वाइंट्स का ही आकलन करना होता है। उसमें से कुछ प्रतिशत भी ठीक कर ले तो रैंक बढ़ जाती है। स्कूल खुलने पर इसमें सुधार करवाएंगे।
- अजय बाजपेयी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी,


7.*College: अगली कक्षा में होंगे प्रमोट, ऑनलाइन प्रवेश नवीनीकरण 15 से*
अजमेर.
कोरोना संक्रमण स्थिति को देखते हुए राज्य के सरकारी कॉलेज में सोमवार से ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी। विद्यार्थियों को परीक्षा/परिणाम का इंतजार किए बिना अगली कक्षा में क्रमोन्नत किया जाएगा। द्वितीय, तृतीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर उत्तर्राद्र्ध के लिए 30 जून तक ऑनलाइन प्रवेश नवीनीकरण होंगे।
लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के चलते उच्च शिक्षा विभाग ने द्वितीय, तृतीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर उत्तर्राद्र्ध के विद्यार्थियों को प्रोविजनल प्रवेश देने का फैसला किया है। कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने इसकी तिथियां जारी कर दी हैं।
*30 तक नवीनीकरण*
कॉलेज शिक्षा आयुक्त प्रदीप बोरड़ ने बताया कि 15 से 30 जून तक द्वितीय, तृतीय वर्ष और स्नातकोत्तर उत्तर्रार्² के विद्यार्थियों के ऑनलाइन नवीनीकरण होंगे। सभी स्नातक पार्ट प्रथम, द्वितीय और स्नातकोत्तर पूर्वार्² में प्रवेशित विद्यार्थियों को बिना परीक्षा/परिणाम का इंतजार किए बिना अगली कक्षा में क्रमोन्नत करने की प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी करनी होगी। इनके अलावा 2019-20 में खोले गए 38 विद्यार्थियों को स्नातक पार्ट प्रथण के विद्यार्थियों का डाटा और मास्टर एन्ट्री पूर्ण करने का काम 20 जून पूरा किया जाएगा।
*1 जुलाई से पढ़ाई*
बोरड़ ने बताया कि सभी सरकारी कॉलेज में स्नातक पार्ट द्वितीय, तृतीय और स्नातकोत्तर उत्तर्रार्² में 1 जुलाई से पढ़ाई शुरू होगी। राज्य सरकार के आदेशानुसार यह तिथि लागू की जाएगी। सभी कॉलेज को विद्यार्थियों की दुर्घटना बीमा कार्रवाई तत्काल करनी होगी।
*बनाए जीसीए में प्रभारी*
एसपीसी-जीसीए के प्राचार्य डॉ.एम.एल.अग्रवाल के अनुसार स्नातक स्तर पर डॉ. संजय जैन और स्नातकोत्तर स्तर पर रमेश जोशई को प्रभारी बनाया गया है। कॉलेज 20 जून तक नवीनीकरण प्रक्रिया पूरी करेगा।


8.*सीएम की घोषणा को 5 महीने गुजरे, अभी तक 11 लाख को रीट का इंतजार*
जयपुर
REET EXAM 2020 : प्रदेश में शिक्षक भर्ती ( teacher recruitment ) के लिए रीट परीक्षा ( REET EXAM 2020 ) की घोषणा को पांच महीने गुजरने के बावजूद अभी तक इस भर्ती को लेकर शिक्षा विभाग ( Education Department ) कोई खास तैयारी नहीं कर पाया है। स्थिति यह है कि सितंबर में इस परीक्षा को करवाने की घोषणा के बावजूद अभी तक न ही रीट का भर्ती पैटर्न तय हुआ है और न ही भर्ती की विज्ञप्ति अब तक जारी हो पाई है। सिर्फ इस परीक्षा को लेकर बैठकें जरूर हो चुकी हैं लेकिन अंतिम रूप से कुछ तय नहीं होने के कारण राज्य के करीब 11 लाख बेरोजगारों को इस भर्ती का अभी तक इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसे में इस भर्ती की विज्ञप्ति, सिलेबस और लेवल टू का पैटर्न समेत अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां जारी करने की मांग को लेकर बेरोजगार ट्ववीटर पर सक्रिय हो गए हैं। रविवार को बेरोजगारों की यह मांग ट्वीवटर पर ट्रेंड पर भी रही।
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश प्रवक्ता उपेन यादव का कहना है कि पांच महीने से अधिक समय गुजरने के बावजूद बेरोजगारों को इस भर्ती का इंतजार है। शिक्षामंत्री गोविंदसिंह डोटासरा रीट का आयोजन अब 2 सितंबर को करवाने की बात कह चुके हैं, लेकिन इस परीक्षा की तैयारियों की चाल इतनी सुस्त है कि अभी तक इसकी भर्ती विज्ञप्ति तक जारी नहीं हुई है। महासंघ का कहना है कि पिछले साल 24 दिसंबर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 31000 पदों पर तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती रीट के माध्यम से करवानी की घोषणा थी, लेकिन 5 महीने से अधिक का समय गुजरने के बावजूद सरकार की तरफ से ना तो रीट की विज्ञप्ति जारी हो पाई है और ना ही रीट लेवल टू का पैटर्न जारी हो पाया। इन स्थितियों में बेरोजगार असमंजस में हैं। महासंघ ने सरकार से मांग की है कि जल्द ही इस परीक्षा की विज्ञप्ति जारी करवाई जाए।
*पार्टियां बनाती रही हैं रीट को मुद्दा*
महासंघ का कहना है कि इस परीक्षा को कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस मुद्दा बनाती रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सहित कई भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं ने रीट को लेकर कांग्रेस की घेराबंदी कर चुके हैं और उस समय कांग्रेस पार्टी बैकफुट पर आ गई थी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ को लिखित में लैटर दिया था। सरकार बनते ही रीट की विसंगतियों को दूर करने और रीट के अभ्यर्थियों को जल्द से जल्द नियुक्ति देने का दिया था। कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में डाला था कि कांग्रेस सरकार आते ही प्राथमिकता के साथ रीट की सभी विसंगतियों को दूर करके जल्द से जल्द रीट के माध्यम से बेरोजगारों को नियुक्ति दी जाएगी। लेकिन 5 माह 21 दिन बीत जाने के बाद भी ना तो रीट की विसंगतियां दूर हो पाई है और ना ही विज्ञप्ति जारी हो पाई है। इससे प्रदेश के बेरोजगारों में सरकार के प्रति रोष बढ़ता जा रहा है।
*वेटेज किया जाए खत्म*
महासंघ ने मांग की है कॉमर्स के विद्यार्थियों को रीट में शामिल किया जाए। एमए के आधार पर बीएड करने वाले अभ्यर्थियों को भी मौका दिया जाए। साथ में ही रीट लेवल टू में स्नातक का वेटेज समाप्त किया जाए, जिससे लाखों बेरोजगारों को राहत मिल सके। बेरोजगारों की ओर से ट्ववीटर पर की जा रही मांग को आरएलपी पार्टी के विधायक नारायण बेनीवाल ने भी हैशटेग के माध्यम से ट्वीट करके महासंघ के इस अभियान का समर्थन किया है।


9.*सरकारी स्कूलों में निकली शिक्षकों की भर्ती, 18 जून को साक्षात्कार*
सीकर. जिले में ब्लॉक स्तर पर नव स्थापित महात्मा गांधी राजकीय स्कूल (अंग्रेजी माध्यम) के लिए 18 व 19 जून को विभिन्न पदों पर साक्षात्कार होंगे। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि डाइट मुख्यालय पर दो पारियों में साक्षात्कार चलेंगे। पहली पारी सुबह नौ से दस बजे तक एवं दूसरी पारी दोपहर एक से दो बजे तक चलेगी। जिसमें ब्लॉकवार सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के साक्षात्कार लिए जाएंगे। साक्षात्कार में उत्तीर्ण होने पर ही शिक्षकों की भर्ती होगी।
*यूं होंगे साक्षात्कार*
महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल के लिए दो पारियों में होने वाले साक्षात्कार पहले दिन पहली पारी में खंडेला व दांतारामगढ़ ब्लॉक की स्कूलों के लिए होंगे। जबकि दूसरी पारी में श्रीमाधोपुर, नीमकाथाना, पाटन ब्लॉक के होंगे। इसी तरह ा दूसरे दिन पहली पारी में पिपराली, लक्ष्मणगढ़ एवं दूसरी पारी में धोद व फतेहपुर ब्लॉक के साक्षात्कार होंगे।
जानकारी के अनुसार अध्यापक लेवल-2 (विषय अंग्रेजी व गणित), अध्यापक लेवल प्रथम विषय अंग्रेजी 2, हिंदी, गणित, पर्यावरण, पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड थर्ड, प्रयोगशाला सहायक ग्रेड थर्ड, अध्यापक ग्रेड थर्ड कम्प्यूटर शिक्षण के लिए योग्यताधारी कनिष्ठ सहायक, सहायक कर्मचारी के पद साक्षात्कार कार्यक्रम में शामिल किए गए हैं। साक्षात्कार में शामिल होने वाले सभी आशार्थियों को कोविड 19 के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए साक्षात्कार स्थल पर पहुंचना होगा।
*किस ब्लॉक में कहां स्कूल*
ब्लॉक मुख्यालय स्कूल
दांतारामगढ़ दांता
धोद धोद
फतेहपुर रोलसाबसर
खंड़ेला होद खंड़ेला
लक्ष्मणगढ़ वार्ड नंबर 10 लक्ष्मणगढ़
नीमकाथाना ढ़ाणी गुमान सिंह
पाटन चनेजा की नांगल
पिपराली गोकुलपुरा
श्रीमाधोपुर श्रीमाधोपुर


10.*अब घर बैठे A-4 साइज पेपर पर निकलेगा सर्टिफिकेट*
जयपुर
राज्य सरकार ने जनता को अपने डॉक्यूमेंट को सेल्फ अटेस्टेड करने के बाद अब एक और बडी राहत दी है। अब लोगों को अपने किसी भी प्रकार के सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए ई-मित्र और सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अपने आवेदन किए रजिस्ट्रेशन नंबर के जरिए घर बैठे ही A-4 साइज पर सत्यापित सर्टिफिकेट प्रिंट कर सकते है। यह सुविधा सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से एक अगस्त 2020 से शुरू हो जाएगी। इसके लिए ई-मित्र मैनेजमेंट टीम ने नोटिफिकेशन जारी करने के लिए आदेश दिए है।
*ऐसी सुविधाएं मिलेगी घर पर*
लोगों को जन्म—मृत्यु प्रमाण पत्र, विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र ( marriage certificate ) , मूल निवास, जाति प्रमाण पत्र ( Cast Certificate) , दिव्यांजन, आरपीएससी, आधार कार्ड भी, मेडिकल डायरी, पुलिस चरित्र सत्यापन सहित कई डिजिटल हस्ताक्षर वाले सर्टिफिकेट की भी सुविधाएं शामिल है।
*अभी प्री—प्रिंट पेपर पर सर्टिफिकेट*
अभी ये सभी सर्टिफिकेट ई-मित्र संचालक प्री—प्रिंट पेपर पर निकाल रहे है। विभाग की ओर से एजेंसी के जरिए प्रिंट कराए जाते है। इसके बाद ई-मित्र संचालक इन्हें खरीदते है। विभागीय जानकारी अनुसार अब प्री—प्रिंट करने वाली एजेंसी को भी आगे प्रिंट नहीं करने की सूचना दे दी है।
*क्या ई-मित्र कियोस्क पर पड़ेगी मार?*
ये सुविधा आमजन के लिए तो बेहतर है तो लेकिन ई-मित्र कियोस्क ( E mitra Kiosks ) संचालकों के लिए थोड़ी परेशानी में डाल सकती है। जानकारी अनुसार, राजस्थान में लगभग 72 हजार कियोस्क रजिस्टर्ड है। एक कियोस्क संचालक का कहना है कि लगभग इतने ई-मित्र संचालक अपना परिवार ई-मित्र से ही चला रहे है। ऐसे में यदि अब लोग घर पर ही प्रिंट निकालेंगे तो हमारे जैसे हजारों का क्या होगा। इसके बारे में भी विभाग को सोचना चाहिए।
*ई-मित्रों की संख्या*
राजस्थान में ई-मित्र — 72 हजार
जयपुर ई-मित्र — 7 हजार
जनता को सहुलियत देने की कोशिश की है। आगे उन्हें चक्कर नहीं काटने पड़ेगें। सरकार सुविधा घर बैठे देगी। जल्द ही नोटिफिकेशन जारी होगा।— आर. के. शर्मा, एडिशनल डायरेक्टर डीओआईटी


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