शिक्षा एवं रोजगार समाचार 09.06.2020


1.*पीटीआई ग्रेड तृतीय भर्ती-नॉन ज्वाईनिंग वाले पदों को प्रतीक्षा सूची से नहीं भरने पर जवाब तलब*
जयपुर
हाईकोर्ट ने (PTI Gr 3 Recruitment 2018 ) पीटीआई ग्रेड तृतीय भर्ती 2018 में (Non Joining Posts) नॉन ज्वाईनिंग वाले पदों को (Waiting List) प्रतीक्षा सूची से (Categorywise) श्रेणीवार (Non Filling) नहीं भरने पर (Suordinate Selection Board) अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड और (Elementray Education) प्रारंभिक शिक्षा विभाग से (Reply) जवाब मांगा है। न्यायाधीश एस.पी.शर्मा ने यह अंतरिम आदेश विक्रम शर्मा की याचिका पर दिए। कोर्ट ने कहा है कि यदि कोई नियुक्ति होती है तो वह याचिका के अंतिम निर्णय के अध्यधीन रहेगीं।
एडवोकेट शोभित तिवाडी ने कोर्ट को बताया कि टीएसपी एरिया के 116 अभ्यर्थियों ने टीएसपी और गैर—टीएसपी एरिया में आवेदन कर दिए थे और उनका चयन भी दोनों ही एरिया में हो गया था। अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड और राज्य सरकार ने इन अभ्यर्थियों से एक एरिया चुनने को कहा तो सभी 116 ने टीएसपी एरिया चुना था। इसके साथ ही सरकार ने गैर—टीएसपी एरिया के 116 पदों को नॉन ज्वाईनिंग के आधार पर रिक्त माना। अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड भर्ती परिणाम जारी होने के बाद अभी तक प्रतीक्षा सूची जारी नहीं की है। जबकि सरकार के नियम और हाईकोर्ट के जयशंकर यादव मामले में दिए फैसले के अनुसार नॉन ज्वाईनिंग के पदों को केवल प्रतीक्षा सूची से श्रेणीवार ही भरा जा सकता है। यानि एससी का पद एससी से और एसटी का पद एसटी से तथा सामान्य श्रेणी का पद सामान्य के अभ्यर्थी से ही भरा जा सकता है। लेकिन,बोर्ड प्रतीक्षा सूची जारी किए बिना इन 116 पदों को मैरिट में बहुत नीचे रहने वाले अभ्यर्थियों से मनमर्जी से भर रहा है और सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के हित प्रभावित हो रहे हैं। याचिका में 116 पदों को कैटेगरी के अनुसार प्रतीक्षा सूची से ही भरने के निर्देश देने की गुहार की है।


2.*नवीं-ग्यारहवीं मेंं अब बोर्ड की अनुमति से ही होगा एडमिशन*
*सीबीएसई बोर्ड में इस सत्र से लागू होगी व्यवस्था: शपथ-पत्र भी देना होगा*
झालावाड़.
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबंध स्कूलों में अब नवीं और ग्यारहवी कक्षा में प्रवेश लेना आसान नहीं रहा। स्कूल हर एडमिशन बोर्ड की अनुमति के बाद ही करेगा। एक लंबी कवायद के बाद इस सत्र से लागू बंदिश में स्कूल बदलने के कारण का शपथ-पत्र देना भी आवश्यक होगा। खराब पढ़ाई के चलते स्कूल बदलने के कारण को प्रूव करना होगा। सूत्रों ने बताया यह नई व्यवस्था उलझन बढ़ाने वाली भी है। लंबी प्रक्रिया के बाद यदि बोर्ड ने स्वीकृति नहीं दी तो बच्चों को नुकसान होने की आशंका रहेगी। इस नई गाइड-लाइन में स्कूल बदलने की जो रियायतें दी है, उन्हे भी मय कागज-सबूत के पेश करना जरूरी होगा। पहले इन दोनों क्लासों में एडमिशन आसान था, जिसे अब जटिल बना दिया है। जानकारों ने बताया कि जब दसवीं-बारहवीं के लिए यह व्यवस्था पहले से थी तो इनसे जुड़ी नवीं और ग्यारहवीं कक्षा को भी इनके साथ किया जाना जरूरी हो गया था। झालावाड़ जिले में सीबीएसई के 11 स्कूलों में ये व्यवस्था लागू होगी। जिले में करीब 11 हजार विद्यार्थी सीबीएसई के स्कूलों में अध्ययन कर रहे हैं।
*निर्धारित संख्या से अधिक एडमिशन नहीं दे सकेंगे-*
सीबीएसइ की गाइड लाइन के अनुसार तय संख्या से एक भी बच्चा अधिक क्लास में नहीं बैठेगा, यानि किसी स्कूल की नवीं क्लास में दो सेक्शन है और दोनों में चालीस- चालीस बच्चे हैं तो एक भी बच्चे को एडमिशन देने का मतलब तीसरा सेक्शन हो, ऐसे में निर्धारित संख्या से अधिक पर एडमिशन भी मुश्किल होगा।
*नहीं हो सकेगी गड़बड़ी-*
सीबीएसई बोर्ड ने सभी स्कूलों से इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है पर ऑनलाइन इस सिस्टम में इसकी संभावना जीरो है। पूरा प्रोसेस ऑनलाइन होगा। बच्चों के पेरेंटस सभी आवश्यक दस्तावेज व शपथ पत्र देंगे। यदि कोई स्कूल गड़बड़ करके दो-तीन एडमिशन कर भी लेगा तो उनका एनरोलमेंट- रजिस्ट्रेशन कैसे होगा, यह पोल अपने आप गड़बड़ी का खुलासा कर देगी। इसलिए इसमें चोरी-छीपे एडमिशन नहीं हो सकेंगे।
*प्रवेश में इनको मिलेगी प्राथमिकता-*
सूत्रों ने बताया कि गाइड लाइन के अनुसार पेरेंटस के नौकरी अथवा बिजनेस ट्रांसफर और आवास बदलने या फिर बच्चे के हॉस्टल से घर पर रहने की अनिवार्यता को प्रमुखता दी गई है। इसके साथ पुराने स्कूल में आगे कक्षा न होना या फिर इच्छित सब्जेक्ट नहीं होने का कारण भी एडमिशन में सहायक होगा। स्कूल दूर होना या फिर उसमें पढ़ाई अच्छी न होने को भी इसका आधार बनाया गया है। हालांकि अभिभावकों को यह दावा करना होगा कि पुराने स्कूल में पढ़ाई सही नहीं होने की वजह से वे स्कूल बदल रहे हैं। इसमें पुराना स्कूल संचालक, प्रिंसीपल से भी बच्चे की पढ़ाई पर टिप्पणी दी जाएगी। ऐसी स्थिति में यह मामला थोड़ा अधिक मुश्किल है, क्योंकि कोई स्कूल अथवा नया स्कूल जहां बच्चे को प्रवेश मिल रहा हो, इस तरह के विवाद को पैदा करेंगे। जबकि बोर्ड में एडमिशन के कारण में इसे भी अहम माना गया है।
*हर नए छात्र की बनेंगी फाइल-*
सूत्रों ने बताया कि किसी दूसरे स्कूल से एडमिशन के लिए आए हर स्टूडेंट की फाइल बनेगी। पहले चरण में तो संबंधित प्रिंसीपल यह जांच लेगा कि बच्चे का किस क्राइट एरिया में प्रवेश हो सकता है। बिना किसी कारण बच्चे के अभिभावक को एडमिशन देने से मना कर दिया जाएगा। नियम-शर्तों के अनुसार स्टूडेंट के फार्म भरने के साथ संबंधित दस्तावेज व दो शपथ-पत्र पेश होंगे। स्वीकृति में बीस- बाईस दिन लगेंगे। सब कुछ ऑनलाइन होगा। जानकारों ने बताया कि एडमिशन से जुड़े कई मामले पूर्व में कोर्ट में जा चुके हैं, इसके बाद बोर्ड ने गाइड लाइन जारी की है।
*अनुमति लेना अनिवार्य होगा-*
नवीं और ग्यारहवीं में अब सीबीएसई के हर स्कूल को एडमिशन के लिए बोर्ड से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। सभी दस्तावेज पेश करने के बाद ही बोर्ड अंतिम रूप से स्वीकृति जारी करेगा तभी अन्य स्कूल में प्रवेश हो सकेगा। इसके लिए ऑनलाइन प्रोसेस होगा।
जीआर मीणा, प्रिंसीपल केन्द्रीय विद्यालय,झालावाड़।


3.*अगस्त से स्कूल-कॉलेज खोलने की तैयारी में केंद्र, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने दी जानकारी*
*22 जून को होने वाली नेशनल काउंसिल फॉर होटल मैनेजमेंट की संयुक्त प्रवेश परीक्षा स्थगित*
*NEET की प्रवेश परीक्षा 26 जुलाई और JEE की प्रवेश परीक्षा 18 जुलाई से 23 जुलाई तक होगी*
दैनिक भास्कर
देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना मामलों के बीच अब धीरे- धीरे जनजीवन सामान्य हो रहा है। इसी क्रम में आज से देश में अनलॉक फेज- 1 की शुरुआत हो रही है। इसके तहत अब धार्मिक स्थल, होटल, रेस्टोरेंट आदि खोले जाएंगे। हालांकि देश में अभी भी स्कूल-कॉलेज समेत सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। इस बारे में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने जानकारी दी कि जुलाई की बजाय अब स्कूल- कॉलेज अगस्त में खोले जाएंगे। मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि 33 करोड़ छात्रों की शिक्षा प्रभावित न हो, इस बात का ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि बोर्ड, जेईई मेन और नीट को लेकर स्टूडेंट्स और पैरेंट्स परेशान थे, इसलिए लॉकडाउन खत्म होने के साथ सबसे पहले परीक्षाओं को पूरा कराया जाएगा।
*नए सिरे से खुलेंगे स्कूल*
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब शिक्षण संस्थान खुलेंगे, तो सामाजिक दूरी का पूरा ध्यान रखना होगा। इसके लिए NCERT और UGC ने सुरक्षा के दिशा-निर्देश तैयार किए हैं, जिसे संस्थान खुलने पर लागू किया जाएगा। स्कूल- कॉलेज में अब सब कुछ बदला-बदला होगा। टीचर्स- स्टूडेंट्स को नए सिरे से क्लासेस में बैठना होगा, जिसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही मंत्री ने कहा कि रेडियो, टीवी और इंटरनेट के जरिए ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है। ऐसे में ऑनलाइन प्लेटफार्म को मजबूत किया जाएगा, ताकि ग्रामीण इलाके के हर स्टूडेंट को ऑनलाइन क्लास से जोड़ा जा सके।
*होटल मैनेजमेंट की परीक्षा स्थगित*
इससे पहले नेशलन टेस्टिंग एजेंसी ने 22 जून को होने वाली नेशनल काउंसिल फॉर होटल मैनेजमेंट की संयुक्त प्रवेश परीक्षा को स्थगित कर दिया है। इस बारे में मानव संसाधन विकास मंत्री ने बताया कि स्टूडेंट्स की मांग पर परीक्षा टालने का फैसला लिया है। इससे पहले यह परीक्षा 25 अप्रैल को होनी थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 22 जून कर दिया था। नई तारीख की घोषणा जल्द की जाएगी। वहीं, CBSE बोर्ड परीक्षा 1 जुलाई से 15 जुलाई तक आयोजित की जाएगी, जबकि ICSE / ISC परीक्षा 1 जुलाई से शुरू होकर 12 जुलाई तक चलेगी। NEET की प्रवेश परीक्षा 26 जुलाई और JEE की प्रवेश परीक्षा 18 जुलाई से 23 जुलाई तक होगी।


4.*भरें प्राध्यापक भर्ती के ऑनलाइन फार्म, 7 जुलाई तक मौका*
अजमेर.
राजस्थान लोक सेवा आयोग ने संस्कृत शिक्षा विभाग में विषयवार 22 प्राध्यापकों (विद्यालय) की भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। आवेदन सोमवार भरने शुरू हो गए हैं। परीक्षा राज्य के जिला/संभाग मुख्यालयों पर कराने का फैसला आयोग करेगा।
लॉकडाउन के चलते राज्य में भर्तियों, परीक्षाओं और साक्षात्कार का दौर थमा हुआ था। हाल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कार्मिक विभाग को भर्ती प्रक्रिया शुरू करने कहा। इसके तहत राजस्थान लोक सेवा आयोग ने संस्कृत शिक्षा विभाग में प्राध्यापक (विद्यालय)भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। आवेदन सोमवार सुबह से भरने शुरू हो गए हैं। अभ्यर्थी 7 जुलाई तक आयोग के पोर्टल पर उपलब्ध ऑनलाइन लिंक अथवा एसएसओ पोर्टल पर आवेदन कर सकेंगे।
*इन विषयों के लिए आवेदन*
राजनीति विज्ञान, गणित, अर्थशास्त्र, धर्मशास्त्र, यजुर्वेद, सामान्य दर्श, जैन दर्शन और न्याय दर्शन


5.*एनटीए ने स्थ​गित की एनसीएचएम जेईई 2020 परीक्षा*
*22 जून को होनी थी परीक्षा, जल्द होगी नई तारीख की घोषणा, अब तक दो बार स्थगित हुई परीक्षा की तिथि*


जयपुर।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने नेशनल काउंसिल फॉर होटल मैनेजमेंट ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (एनसीएचएम) जेईई 2020 परीक्षा को फिलहाल स्थगित कर दिया है। यह परीक्षा 22 जून को होनी थी। अभी फिलहाल नई तारीखों की घोषणा नहीं की गई है। एनटीए ने उम्मीदवारों से प्राप्त विभिन्न अनुरोधों को देखते हुए परीक्षा स्थगित की है।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि वर्तमान स्थिति और कई उम्मीदवारों से प्राप्त अनुरोधों को देखते हुए यह परीक्षा स्थगित की गई है। इसके लिए उन्होंने भी एनटीए को परीक्षा स्थगित करने की सलाह दी है। नई तारीखों की जल्द ही घोषणा की जाएगी।
*पहले भी की स्थगित*
इससे पहले एनसीएचएम जेईई 2020 का आयोजन 25 अप्रेल को होना था, फिर इसकी तिथि 22 जून तय की गई। अब उसे भी स्थगित कर दिया है। एनटीए के आधिकारिक नोटिस के अनुसार, एडमिट कार्ड परीक्षा के आयोजन से 15 दिन पहले जारी कर दिए जाएंगे। उम्मीदवार अपने एनसीएचएम जेईई 2020 के एडमिट कार्ड आधिकारिक वेबसाइट Nta.Ac.In या Nchmjee.Nta.Nic.In से डाउनलोड कर सकेंगे।
परीक्षा के संबंध में किसी भी तरह की जानकारी उम्मीदवार इन पांच नंबरों से ले सकते हैं। ये नंबर हैं 8287471852, 8178359845, 9650173668,
9599676953, 8882356803


6.*दसवीं व बारहवीं बोर्ड की शेष परीक्षाएं 18 से, पहुंचना होगा एक घंटा पहले*
*-परीक्षा केन्द्र पर धुलवाएंगे हाथ*
*-जिले में नहीं बढ़ाए परीक्षा केन्द्र*
पाली।
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड  की लॉकडाउन [के कारण स्थगित की गई परीक्षाएं 18 जून से फिर शुरू होगी। जो 30 जून तक चलेगी। इस बार परीक्षा में खास यह रहेगा कि बिना मास्क लगाए किसी भी विद्यार्थी को परीक्षा केन्द्र में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही हर परीक्षार्थी को एक घंटा पहले परीक्षा केन्द्र पहुंचना होगा। वहां गेट पर उसके हाथ साबुन से धुलवाएं जाएंगे। इसके बाद हाथ सेनेटाइज [ Sanitize ] करवाकर परीक्षा कक्ष में प्रवेश दिया जाएगा। सेनेटाइजर के लिए हर केन्द्र को 300 रुपए की राशि दी जा रही है।
*हर कक्षा में 60 प्रतिशत बच्चे ही*
लॉकडाउन से पहले परीक्षा केन्द्रों की गई बैठक व्यवस्था में बदलाव किया गया है। सोशल डिस्टेंसिंग रखने के लिए हर कक्षा में 60 प्रतिशत परीक्षार्थी ही बैठाए जाएंगे। यानि पिछली बार यदि किसी कक्षा में 24 विद्यार्थी बैठे थे तो इस बार 17 ही बैठेंगे। शेष विद्यार्थियों के लिए परीक्षा केन्द्रों पर पुस्तकालय, प्रयोगशाला व अतिरिक्त कक्ष में व्यवस्था रहेगी।
*28 केन्द्रों पर लगानी पड़ेगी कनात*
पुस्तकालय, लेब व अतिरिक्त कक्ष का उपयोग करने के बावजूद विद्यार्थी अधिक होने पर बरामदे में बैठक व्यवस्था रहेगी। यह व्यवस्था जिले के 28 परीक्षा केन्द्रों पर की गई है। वहां बरामदे में विद्यार्थियों को बैठाने से पहले कनाते लगाई जाएगी। जिससे धूप से बचाव के साथ बाहर से परीक्षार्थी दिखे भी नहीं।
*थाने में ही रहेंगे प्रश्न पत्र*
लॉकडाउन से पहले कई परीक्षा केन्द्रों के प्रश्न पत्र निकट की पुलिस चौकी में रखवाएं गए थे। इस बार चौकी में प्रश्न पत्र नहीं रखे गए है। सभी प्रश्न पत्र थानों में रखे गए है। इस कारण वहां लगाए गए पेपर कोर्डिनेटर अब उपस्थिति मूल पद स्थान वाले कार्यालय व स्कूल में ही देंगे।
*पीइइओ करेंगे व्यवस्था*
परीक्षा केन्द्रों पर पूर्व में लगाए वीक्षक तो उपस्थिति देंगे ही15 को देनी होगी
उपस्थितिपरीक्षा केन्द्राधीक्षक व पेपर कोर्डिनेटर 15 जून को परीक्षा केन्द्रों पर उपस्थिति देंगे। वीक्षक 16 जून को केन्द्रों पर जाकर सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेंगे। विद्यार्थियों को परीक्षा से एक घंटा पहले केन्द्र पर बुलाया गया है।
जगदीशचंद राठौड़, जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक, मुख्यालय, पाली
*इतने विद्यार्थी है*
कक्षा 12वीं - 18 हजार 795
कक्षा 10वीं - 31 हजार 276 


7.*ऑनलाइन शिक्षा के लिए उपयोगी है स्वयंप्रभा, ऐसे लें काम*
अभी ऑनलाइन एजुकेशन का जो दौर शुरू हुआ है, वह आने वाले समय में और भी बढ़ेगा। एजुकेशन पोर्टल्स से शिक्षा प्राप्त करना आसान हुआ है।
पूरी दुनिया में लॉकडाउन के चलते स्कूल-कॉलेज बंद हैं, पर इस माहौल में भी सीखना बंद नहीं कर सकते हैं। आप ऑनलाइन टीचिंग और ई-लर्निंग के महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म स्वयं प्रभा से जुड़ सकते हैं। ऑनलाइन टीचिंग और ई-लर्निंग के एक महत्वपूर्ण प्लेटफार्म के रूप में स्वयं प्रभा इस दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्नीकल एजुकेशन ने 9 जुलाई 2017 को माइक्रोसॉफ्ट की मदद से शुरू किया था। लगभग 2000 कोर्स के साथ यह ऑनलाइन प्लेटफार्म सभी लर्नर्स को फ्री एक्सेस प्रदान करता है और कक्षा 9 से पोस्ट ग्रेजुएशन तक के लिए कोर्सेज का संचालन करता है।
*फ्री में सुविधा उपलब्ध*
यह 32 डीटीएच (डायरेक्ट टू होम) चैनल्स का समूह है जो उच्च गुणवत्ता वाले प्रोग्राम्स को टेलीकास्ट करता है। रोजाना न्यूनतम चार घंटे के नए कंटेंट का प्रोग्राम टेलीकास्ट किया जाता है। इसका कंटेंट और स्टडी मैटेरियल नेशनल प्रोग्राम ऑन टेक्नोलॉजी एनहांस्ड लर्निंग, आइआइटी, एनआइओएस, एनसीइआरटी, यूजीसी, इग्नू और सीइसी ने बनाया है।
*मुफ्त सर्विस है*
इसके 203 पार्टनर इंस्टीट्यूट्स कंटेंट्स के डवलपमेंट में योगदान देते हैं। इस फ्री वेब कोर्स के लिए लगभग डेढ़ करोड़ से भी अधिक स्टूडेंट्स एनरोल्ड हैं। स्वयं प्रभा द्वारा जारी किए जाने वाले कंटेंट को आप
Www.Swayamprabha.Gov.In वेबसाइट पर जाकर भी देख सकते हैं।
*कोर्स कवरेज*
इसके अंतर्गत टीचर्स की ट्रेनिंग के लिए मॉडयूल्स के साथ 9वीं से 12वीं कक्षाओं के स्टूडेंट्स के लिए लर्निंग टूल्स दिए जाते हैं। साथ ही ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन लेवल पर भी सभी कोर्सेज की पढ़ाई करवाई जाती है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी करवाई जाती है।
*टयूटोरियल्स*
इसके अंतर्गत डायरेक्ट टीचिंग का काम किया जाता है। इसमें सब्जेक्ट्स की जरूरत के मुताबिक वीडियो, पावर प्वॉइंट प्रेजेंटेशन, एनीमेशन, पॉडकास्ट आदि के माध्यम से स्टूडेंट्स को पढ़ाया जाता है।
*ई-कंटेंट*
इसके अंतर्गत ई-कंटेंट के रूप में ई-बुक्स, इलस्ट्रेशंस, केस स्टडीज, ओपन सोर्स कंटेंट्स, रेफरेन्स लिंक्स आदि को शामिल किया जाता है।
*डिस्कशन फोरम*
इसके अंतर्गत एक स्टूडेंट अन्य स्टूडेंट्स या फैकल्टी मेम्बर से अपने सवाल पूछ सकता है और कोई कन्फ्यूजन हो तो उसे भी क्लियर कर सकता है।
*सेल्फ-असेसमेंट*
इसमें स्टूडेंट्स की लर्निंग कैपेसिटी का असेसमेंट किया जाता है। यह असेसमेंट मल्टीपल क्वेश्चन्स, क्विज या फिर शॉर्ट-आंसर टाइप क्वेश्चन्स के रूप में होता है।


8.*सरकार ने दिए दिशा-निर्देश: बदले माहौल में खुलेंगे स्कूल, पढ़ने-पढ़ाने का बदल जाएगा तरीका*
कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए जब लॉकडाउन हुआ तो स्कूल-कॉलेजों के दरवाजे भी बंद हो गए। भारत के प्राथमिक स्तर से लेकर विश्वविद्यालय तक के 33 करोड़ से ज़्यादा विद्यार्थी घर पर बैठ गए। महामारी और लॉकडाउन का असर भारत समेत दुनियाभर के लगभग 70 फ़ीसदी छात्रों पर पड़ा है। जब बदले माहौल में स्कूल खुलेंगे, तो पढ़ने-पढ़ाने का तरीक़ा बदल जाएगा। पढ़ाई के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग भी उतनी ही महत्वपूर्ण होगी।
कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए जब लॉकडाउन हुआ तो स्कूल-कॉलेजों के दरवाजे भी बंद हो गए। भारत के प्राथमिक स्तर से लेकर विश्वविद्यालय तक के 33 करोड़ से ज़्यादा विद्यार्थी घर पर बैठ गए। महामारी और लॉकडाउन का असर भारत समेत दुनियाभर के लगभग 70 फ़ीसदी छात्रों पर पड़ा है। जब बदले माहौल में स्कूल खुलेंगे, तो पढ़ने-पढ़ाने का तरीक़ा बदल जाएगा। पढ़ाई के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग भी उतनी ही महत्वपूर्ण होगी।
अब जब धीरे-धीरे लॉकडाउन में ढील दी जा रही है, तो स्कूलों को भी 15 अगस्त के बाद खोलने की तैयारी है।
*एक दूसरे के खाने और सामान का इस्तेमाल करने पर रोक रहेगी*
वैश्विक महामारी कोविड-19 को देखते हुए जब भी शिक्षण संस्थान खुलेंगे तो छात्रों और शिक्षकों को एक दूसरे के खाने और सामान का इस्तेमाल करने पर रोक रहेगी। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने अनलॉक-1 में शिक्षण संस्थानों को खोलने का फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ दिया है। केंद्र ने स्कूल और कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए कोरोना से बचाव को लेकर अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर क्या करें, क्या न करे और किन कार्यों पर रोक रहेगी, की जानकारी दी है।
*ये दिए निर्देश*
स्कूल या कॉलेज परिसर में एक दूसरे से बिना हाथ और गले लगे मिलना, कम से कम एक मीटर की दूरी, हर समय मास्क लगना जरूरी बताया गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि दोबारा उपयोग में लाए जा सकने वाले मास्क का इस्तेमाल किया जाए। परिसर में रहने के दौरान हर थोड़ी-थोड़ी देर में साबुन से हाथ धोना या फिर हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करना होगा। बार बार अपने हाथों से चेहरा या मास्क न छुएं।
कैंटीन, प्रार्थना सभा, सेमिनार पर रोक
कैंटीन, प्रार्थना सभा या फिर अन्य जगह पर भीड़ लगाने पर रोक रहेगी। सार्वजनिक स्थल पर थूकने पर रोक रहेगी। घर पहुंचने पर मोबाइल, चाबी या अन्य सामान को सैनिटाइज से साफ करें। किसी भी सोशल मीडिया या व्हाट्सएप समूह पर कोविड-19 संबंधी संदेश को भेजने से पहले उसकी जांच करें। यदि कोविड-19 संबंधी कोई लक्षण दिखे या तबीयत खराब हो तो तो 1075 हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर तुरंत मदद मांगें।
*बदल जाएगा पढ़ाई का तरीक़ा?*
मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने दावा किया कि जब तक बच्चे स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं, तब तक ऑनलाइन क्लास के ज़रिए उनके स्कूल घर तक पहुंच गए हैं। मत्री ने कहा कि ई-लर्निंग के अलावा फ़िलहाल कोई और विकल्प नहीं है, छात्रों की पढ़ाई बिल्कुल नहीं हो पाती। उससे बेहतर है कि घर बैठे-बैठे उन्हें पढ़ने का मौक़ा मिल रहा है। शिक्षा मंत्रालय ने घरो पर बच्चों को एक साथ ऑनलाइन शिक्षा देने की कोशिश की है। हमने बच्चों को निराश नहीं होने दिया है, अभिभावकों को परेशान नहीं होने दिया है। आज अध्यापक और अभिभावक दोनों मिलकर बच्चों को संवार रहे हैं।
*गाइड लाइन्स में क्या है?*
लॉकडाउन को तीन फेज में बांटा गया है। इसमें पहले चरण में रेड जोन को छोड़कर सभी धार्मिक स्थल, होटल, रेस्टोरेंट खोले जाएंगे। दूसरे फेज में स्कूल-कॉलेज और फिर तीसरे फेज में इंटरनेशनल फ्लाइटों, मेट्रो रेल सेवाओं, सिनेमा हॉल, जिम, स्वीमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर, बार, ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल और इनके जैसी बाकी जगहों को आम लोगों के लिए खोलने की बात कही गई है।
*बोर्ड परीक्षा के लिए भी एचआरडी मंत्री ने जारी की थी गाइडलाइन*
बता दें कि हाल ही में सीबीएसई बोर्ड ने भी बची हुई परीक्षा करवाने के लिए गाइडलाइन जारी की। इसके तहत छात्रों को अपने स्कूलों में ही परीक्षा देनी थी लेकिन बाद में छात्रों की परेशानियों को देखते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने घोषणा की थीं कि छात्र अपने गृह जिले में ही परीक्षा दे पाएंगे, क्योंकि कुछ छात्र पढ़ने के लिए एक शहर से दूसरे शहर जाते हैं और लॉकडाउन के बाद वे अपने घर वापस लौट गए थे।


9.*इग्नू की ऑफिसियल वेबसाइट पर असाइनमेंट जारी*


10.*थर्ड ग्रेड टीचर भर्ती 2018 : दिव्यांग को गृह जिले में पदस्थापित नहीं करने पर मांगा जवाब*
हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती-2018 में चयनित दृष्टिहीन दिव्यांग को गृह जिले में नियुक्ति नहीं देने पर प्रमुख शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक से  जवाब मांगा है....
जयपुर।
हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती-2018 में चयनित दृष्टिहीन दिव्यांग को गृह जिले में नियुक्ति नहीं देने पर प्रमुख शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक से  जवाब मांगा है। न्यायाधीश एस.पी.शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश टोंक निवासी विभा शर्मा की याचिका पर दिए।
एडवोकेट लक्ष्मीकांत शर्मा ने कोर्ट को बताया कि दिव्यांग याचिकाकर्ता का भर्ती में चयन होने के बाद विभाग ने उसे स्वयं के गृह जिले में नियुक्ति देने के बजाए चार सौ किलोमीटर दूर जोधपुर जिला आवंटित कर दिया। जबकि याचिकाकर्ता से कम अंक वाले अभ्यर्थियों को आसपास के जिले आवंटित किए। याचिकाकर्ता सौ फीसदी दृष्टिबाधित होने के चलते स्वयं के दैनिक कार्य भी अकेले करने में असमर्थ है।
प्रशासनिक सुधार विभाग ने भी 21 अगस्त 2008 को परिपत्र जारी कर दिव्यांग को इच्छित स्थान पर पदस्थापित करने के निर्देश दे रखे हैं। इसके बावजूद याचिकाकर्ता को विभाग ने गृह जिले में पदस्थापित नहीं किया अत: याचिकाकर्ता को गृह जिले में ही पदस्थापित करने के आदेश दिए जाएं।


11.*RBSE : 12 वीं के पेपर दोबारा छपे, 15 को सेंटर में बांटे जाएंगे*
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं 18 से....
जयपुर।
राजस्थान बोर्ड की 18 जून से प्रस्तावित परीक्षाओं के लिए जिला स्तर पर तैयारियां हो चुकी हैं। 12वीं के पेपर दोबारा छापे गए हैं, जिन्हें 15 जून को केन्द्रों में बांटा जाएगा।
*सेनेटाइज होंगे क्वॉरंटीन सेंट*
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक राम चंद्र पिलानिया ने बताया कि जिन केन्द्रों में क्वॉरंटीन सेंटर हैं, उन्हें 16 जून तक सेनेटाइज किया जाएगा। इसके लिए केन्द्राधीक्षकों को तैयारी करने के निर्देश दे दिए हैं। जयपुर में परीक्षा के लिए 557 पूर्व घोषित और 40 उप केन्द्र बनेंगे। एेसे वीक्षक जिनकी ड्यूटी 19 मार्च को जहां थी, उन्हें 16 जून को संबंधित सेंटर में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।
*आठ हजार शिक्षकों की ड्यूटी*
अतिरिक्त वीक्षकों की व्यवस्था के लिए सीबीईओ को जिम्मेदारी दी है। शिक्षकों को कोविड ड्यूटी से मुक्त और बोर्ड परीक्षा में लगाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा आदेश जारी किए जाएंगे। जयपुर में लगभग आठ हजार शिक्षकों की ड्यूटी वीक्षण कार्य हेतु लगाई जाएगी।


12.*लाखों बेरोजगारों की मांग कब होगी REET परीक्षा-विज्ञप्ति और परीक्षा पैटर्न की जानकारी देखे*
लाखों बेरोजगारों की मांग कब होगी रीट परीक्षा-विग्यप्ति और परीक्षा पैटर्न की जानकारी देखे....

जयपुर।
राजस्थान में रीट परीक्षा कब तक हो सकती है, राजस्थान लाखों बेरोजगारों को रीट परीक्षा की तिथि का इंतजार है,क्या रीट परीक्षा में कोरोना रोड़ा बन सकता है, रीट परीक्षा का नया पाठ्यक्रम जारी होगा या फिर पुराने पाठ्यक्रम के आधार पर होगी परीक्षा

*रीट परीक्षा 2020 कब हो सकती है-*
राजस्थान में वर्ष 2018 में रीट परीक्षा आयोजित हुई थी | अब वर्ष 2020 में रीट परीक्षा होने की संभावना है | लेकिन अभी तक रीट परीक्षा का विज्ञापन जारी नहीं हुआ है | शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा था, कि राजस्थान सरकार रीट परीक्षा का आयोजन 02 सितम्बर को ही करेगी | प्रदेश के लगभग 11 लाख से अधिक बेरोजगारों में अभी भी असमजंस्य की स्थति बनी हुई है | कि आखिर कब तक होगी रीट की परीक्षा |

*राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ ने रखी मांग-*
रीट परीक्षा 2020 को लेकर अभी तक राजस्थान के बेरोजगारों में असमंजस बरकरार है| उनका कहना है, कि राजस्थान सरकार द्वारा ना तो अभी तक रीट परीक्षा की विग्यप्ति जारी की गई है और ना ही रीट लेवल 2 का नया पाठ्यक्रम जारी हुआ | दिसम्बर 2019 में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने रीट के 31 हजार पदों पर भर्ती करने की घोषणा की गई थी | उस सूचना को आज 5 महीनों से ज्यादा समय बीत गया है |
लेकिन अभी तक विग्यप्ति जारी नहीं हुई है | ऐसे में राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ लगातार मांग कर रहा है, कि सरकार जल्द से जल्द रीट परीक्षा का विज्ञापन और लेवल 2 का पैटर्न जारी करे | जिससे अभ्यर्थी अच्छी तरह से तैयारी कर सके |

*कब तक हो सकती है-रीट परीक्षा 2020*
राजस्थान सरकार द्वारा जारी पूर्व सूचना के अनुसार रीट 2020 की लिखित परीक्षा सितम्बर माह में ही आयोजित करवाई जाएगी | लेकिन जून महीने के 10 दिन बीत चुके है और अगर सितम्बर माह में परीक्षा का आयोजन होता है, तो अभ्यर्थियों के पास तैयारी करने के लिए केवल 2 महीने 20 दिन शेष है | ऐसे में अगर आज ही विग्यप्ति जारी होती है, तो लगभग जुलाई महीने तक ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी |

*सितम्बर में होगी रीट परीक्षा 2020*
उसके बाद में देखा जाये तो केवल 1 महीना शेष बचता है |कोई भी परीक्षा आयोजित होती है, तो उसके लिए अभ्यर्थियों को कम से कम 2 महीने का समय जरूर दिया जाता है | इसलिए आप अनुमान लगा सकते है, कि क्या यह परीक्षा सितम्बर माह में आयोजित हो सकेगी या नहीं |


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