शिक्षा एवं रोजगार समाचार 08.06.2020


1.*नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने फिर स्थगित की NCHM JEE 2020, नई तारीख का ऐलान जल्द, 22 जून को आयोजित होनी थी परीक्षा*
*मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर दी जानकारी*
*इससे पहले अप्रैल में होने वाली परीक्षा को जून तक के लिए टाल दिया गया था*
दैनिक भास्कर
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने एक बार फिर होटल मैनेजमेंट में एडमिशन के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा - नेशनल काउंसिल फॉर होटल मैनेजमेंट जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (NCHM JEE) 2020 को स्थगित कर दिया है। इस बारे में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर जानकारी दी। यह परीक्षा देशभर में 22 जून को आयोजित होनी थी। लेकिन मौजूदा हालात के मद्देनजर इसे फिर से स्थगित कर दिया है। फिलहाल परीक्षा की नई तारीख को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है।
*पहले भी स्थगित हुई थी परीक्षा*
यह पहली बार नहीं हैै जब परीक्षा को निरस्त किया गया हो। इससे पहले यह परीक्षा अप्रैल में आयोजित होने वाली थी, बाद में जिसे जून तक के लिए टाल दिया गया था और अब एक फिर से इसे स्थगित क दिया है। परीक्षा में उम्मीदवारों को तीन घंटे में 200 प्रश्नों को हल करना होगा। हर सही उत्तर के लिए चार अंक दिए जाएंगे और गलत उत्तर के लिए एक अंक काट लिया जाएगा। हॉस्पिटेलिटी और हॉस्टल एडमिनिस्ट्रेशन के बीएससी पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए हर साल हजारों स्टूडेंट्स आवेदन करते हैं। एंट्रेंस एग्जाम में मिले नंबर के आधार पर उम्मीदवारों को देश के 63 शीर्ष रैंक वाले NCHM संबद्ध इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (IHM) में एडमिशन मिलता है।
*जुलाई में होगा जेईई मेन, नीट*
दुनियाभर के लाखों लोगों को अपनी चपेट में ले चुके कोरोना महामारी के कारण देश क सभी शिक्षण संस्थान 16 मार्च से लगातार बंद है। इसके चलते सभी प्रतियोगी और प्रोफेशनल परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई है। इसी क्रम में जेईई मेन, नीट सहित अन्य कई राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई थी। लेकिन अब यह परीक्षाएं जुलाई में आयोजित की जाएंगी। NCHM JEE के बारे में ट्वीट करते हुए केंद्रीय मंत्री ने लिखा, “वर्तमान स्थिति और कई उम्मीदवारों से मिले अनुरोधों के मद्देनजर, मैंने @DG_NTA को प्रवेश परीक्षा स्थगित करने की सलाह दी है। नई तारीखों की घोषणा समय से पहले की जाएगी। ”


2.*लाॅकडाउन में पढ़ाई को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सिलेबस काे तर्कसंगत बनाने में जुटा बोर्ड, एक महीने में तैयार होगा नया पाठ्यक्रम*
*शिक्षा प्रणाली में अचानक बदलाव से भ्रम और अनिश्चितता पैदा हाे सकती है: अध्यक्ष मनोज आहूजा*
*सभी वर्गों के लिए अगले शैक्षणिक कैलेंडर में पाठ्यक्रम को कम करेगा CBSE*
दैनिक भास्कर
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) काेराेना महामारी के कारण लाॅकडाउन में स्कूलाें के बंद रहने से पाठ्यक्रम काे तर्कसंगत बनाने में जुटा है। एक महीने में नया पाठ्यक्रम तैयार हाे जाएगा। इस बारे में CBSE के अध्यक्ष मनोज आहूजा ने जानकारी दी। आहूजा ने कहा, "हम शिक्षा प्रणाली में अचानक बदलाव नहीं ला सकते। इससे भ्रम और अनिश्चितता पैदा हाे सकती है। पाठ्यक्रम में सुधार काे सीखने की प्रक्रिया से जाेड़ा जाएगा। आहूजा "स्कूलों का भविष्य: काेविड-19 की चुनाैतियां और आगे की दिशा' विषय पर अशाेक यूनिवर्सिटी की ओर ये आयाेजित वीडियाे काॅन्फ्रेंस में बाेल रहे थे।
*CBSE अध्यक्ष ने दी जानकारी*
CBSE अध्यक्ष ने कहा, "हम पाठ्यक्रम को तर्कसंगत बना रहे हैं। हमारी योजना मुख्य तत्वों को बनाए रखने की है। इससे पहले मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पाेखरियाल निशंक ने अप्रैल में घोषणा की थी कि CBSE कोविड-19 के चलते हुए लॉकडाउन के कारण खोए समय के लिए सभी वर्गों के लिए अगले शैक्षणिक कैलेंडर में पाठ्यक्रम को कम कर देगा। इसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विभिन्न ग्रेड के लिए वैकल्पिक कैलेंडर सॉन्च किया जो लॉकडाउन के दौरान सीखने की योजना का विस्तार करता है।
*जुलाई में होगा स्कूलों के खुलने पर फैसला*
कोरोना के बढ़ते प्रसार के कारण देश भर के सभी विश्वविद्यालयों और स्कूलों को 16 मार्च से बंद कर दिया गया था। बाद में सरकार द्वारा 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद सभी राज्यों की बोर्ड परीक्षा, CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षाओं के साथ ही सभी प्रतियोगी परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई थी। वहीं, अब देश में हो रहे अनलॉक के साथ ही कई शैक्षणिक गतिविधियां भी तेज हो गई है। हालांकि, अभी स्कूल- कॉलेज को दोबारा खोलने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया है। इस बारे में राज्य, केंद्र शासित प्रदेशों और पैरेंट्स की सलाह के बाद जुलाई में ही फैसला लिया जाएगा।


3.*कमेटी पर कमेटी, फिर भी नहीं मिला दो लाख कार्मिकों को 'हक'*
प्रदेश के संविदाकर्मियों के नियमितीकरण  की आस सरकार की कमेटियों में उलझी हुई है। पिछले 15 साल में हर सरकार में संविदाकर्मियों के लिए कमेटी बन जाती है, लेकिन हक अभी तक नहीं मिला है। इस वजह से दो लाख से अधिक कर्मचारी कम मानदेय में गुजर बसर करने को मजबूर हैं।
सीकर। प्रदेश के संविदाकर्मियों के नियमितीकरण की आस सरकार की कमेटियों में उलझी हुई है। पिछले 15 साल में हर सरका में संविदाकर्मियों के लिए कमेटी बन जाती है, लेकिन हक अभी तक नहीं मिला है। इस वजह से दो लाख से अधिक कर्मचारी (Staff) कम मानदेय (Honorarium) में गुजर बसर करने को मजबूर हैं। प्रदेश में फिलहाल पंचायतीराज, शिक्षा विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, जलदाय सहित कई विभागों में संविदा पर कर्मचारी कार्यरत हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान संविदाकर्मियों को नियमित करने का मुद्दा काफी गूंजा था। इस दौरान सरकार ने संविदाकर्मियों को राहत देने की बात कही थी, लेकिन अभी भी मामला कमेटियों के फेर में उलझा हुआ है।
पिछली भाजपा सरकार के समय तत्कालीन मंत्री गुलाबचंद कटारिया की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई थी। कमेटी संविदाकर्मियों के मामले को नियमितीकरण तक नहीं पहुंचा सकी। अब जलदाय मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में कमेटी बनी हुई है। पांच से अधिक बैठक कमेटियों की हो चुकी है, लेकिन सरकार ने कोई निर्णय नहीं किया है।
*वित्तीय भार को लेकर मांगी रिपोर्ट*
लोकसभा चुनाव के बाद सरकार ने कमेटी से संविदाकर्मियों को नियमित करने से पडऩे वाले वित्तीय भार को लेकर रिपोर्ट मांगी थी। कमेटी ने रिपोर्ट लगभग तैयार कर ली है। रिपोर्ट में कमेटी ने संविदाकर्मियों के वेतन व उनके समकक्ष नियमित कर्मचारियों के वेतन का भी जिक्र किया है।
*विद्यार्थी मित्रों के साथ यह हुआ*
सरकार ने पहले विद्यार्थी मित्रों को पंचायत सहायक के पदों पर समायोजित करने का दावा किया। बाद में आधे से कम को ही रोजगार मिल सका। जिनको ग्राम पंचायतों में रोजगार मिला वह भी न्यूनतम मानेदय पर कार्यरत है।
पहले बोनस अंकों के जरिए की थी भर्ती
कांग्रेस के पिछले कार्यकाल में संविदाकर्मियों को नियमित करने के लिए बोनस अंकों के जरिए कई भर्ती की गई। इनमें से कई भर्ती अभी उलझी हुई है। उस दौरान एक साल के अनुभव पर अधिकतम दस अंक दिए जाने का प्रावधान था। पंचायतीराज विभाग में पहले चरण में भर्ती हुई, लेकिन अगली भर्ती अटक गई। इसी तरह चिकित्सा विभाग में भी भर्ती अभी तक अटकी हुई है।


4.*स्कूलों को लेकर 9 राज्यों से रिपोर्ट / यूपी, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र सहित ज्यादातर राज्य स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं, ऑनलाइन और डिस्टेंस एजुकेशन पर ज्यादा जोर*
*कोरोना संक्रमण के बीच अनलॉक-1 में भी ज्यादातर राज्य स्कूल खोले जाने के पक्ष में नहीं हैं।*
*राज्यों ने कहा- ज्यादातर स्कूलों में क्वारैंटाइन सेंटर बनाए गए, उन्हें खाली कराना संभव नहीं*
*केंद्र सरकार से गाइडलाइन मिलने और पैरेंट्स से पूछने के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा*
दैनिक भास्कर
भोपाल. उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ सहित ज्यादातर राज्य जुलाई में स्कूलों को खोलने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि ऐसा संभव नहीं है। ज्यादातर राज्यों में स्कूलों को क्वारैंटाइन सेंटर बनाया गया है। काेरोना संक्रमण और संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इन्हें खाली करना संभव नहीं है।
वहीं, कई राज्याें को केंद्र की गाइडलाइन का भी इंतजार है। दो दिन बाद राज्यों से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की जाएगी। हालांकि, अंतिम निर्णय पैरेंट्स से पूछने के बाद ही लिया जाएगा। फिलहाल ऑनलाइन और डिस्टेंस एजुकेशन पर ज्यादा जोर है। स्कूलों को लेकर देश के 9 राज्यों और एक केंद्र शासित शहर से रिपोर्ट...
*मध्य प्रदेश: 30 जून तक छुटि्टयां घोषित, गाइडलाइन तैयार की जा रही*
प्रदेश में सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में 30 जून तक छुट्‌टी घोषित कर दी गई है। इस बारे में शनिवार को स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया। इसमें कहा गया है कि छात्रों के साथ सभी शिक्षकों का भी अवकाश रहेगा। इस दौरान सिर्फ ऑनलाइन पढ़ाई से लेकर स्कूल की गतिविधियां ही संचालित हो पाएंगी।
वहीं, लोक शिक्षण आयुक्त जयश्री कियावत ने बताया कि राज्य में अभी स्कूल खोलने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इसके अलावा, बोर्ड की ओर से जारी निर्देशों का आंकलन कर एक आदर्श गाइडलाइन तैयार की जाएगी। इस पर काम किया जा रहा है।
*राजस्थान: सरकार की ओर से स्कूल खोलने की कोई तैयारी नहीं*
राज्य में फिलहाल 30 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश है। सरकार की ओर से अभी स्कूल खोलने को लेकर कोई तैयारी नहीं है। स्कूलों को लेकर ना ही कोई कमेटी बनाई गई है। राज्य सरकार इस मामले में केंद्र से आने वाली गाइडलाइन का इंतजार कर रही है। इसके बाद ही आगे का फैसला लिया जाएगा।
हालांकि, राज्य सरकार ने बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर तिथियों की घोषणा जरूर कर दी थी। इसके बाद राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 18 जून से 30 जून तक 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा होनी है। ऐसे में प्रदेश का शिक्षा विभाग की तैयारी में जुटा हुआ है।
*उत्तर प्रदेश: तारीख अभी तय नहीं, पर जुलाई पर फोकस*
मुख्य सचिव आरके तिवारी ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि प्रदेश के समस्त स्कूल, कॉलेज, शैक्षिक, प्रशिक्षण, कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे। हालांकि, इस दौरान ऑनलाइन या दूरस्थ शिक्षा की अनुमति दी जा सकती है। वहीं, सरकार का कहना है कि स्कूल खोलने को जुलाई में कहा गया है। लेकिन, अभी कोई तारीख नहीं तय की गई है।
सरकार जुलाई में कोरोना संक्रमण के हालात को देखते हुए इस पर फैसला करेगी। हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा के साथ-साथ मेडिकल और पैरामेडिकल की ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के आदेश दिए हैं।
*महाराष्ट्र: जहां इंटरनेट नहीं, वहां खुलेंगे स्कूल, बाकी जगह ऑनलाइन शिक्षा*
कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र भी स्कूल खोलने की रणनीति पर काम कर रहा है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट किया है कि दूरवर्ती इलाकोें में जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी और संक्रमण नहीं है, वहां सामाजिक दूरी का पालन करते हुए स्कूलों को खोला जा सकता है।
उन्होंने कहा कि नया शैक्षणिक वर्ष जून में शुरू होना चाहिए, जैसा सामान्य समय में होता है। राज्य में ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था को विकसित और मजबूत करने की जरूरत है। जिन स्थानों पर स्कूलों को खोलने में समस्या है, वहां ऑनलाइन शिक्षा के विकल्प का इस्तेमाल किया जा सकता है।
*छत्तीसगढ़: जुलाई में नहीं खुलेंगे स्कूल, केंद्र से बात करने के बाद निर्णय*
राज्य में एक जुलाई से स्कूल नहीं खोले जाएंगे। राज्य सरकार ने इससे साफ इनकार कर दिया है। स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा है कि स्कूल को लेकर तैयारी करनी होगी। बहुत से स्कूल हैं, जिन्हें क्वारैंटाइन सेंटर बनाया गया है। उन्हें खाली किया जाएगा, स्कूल भी सैनिटाइज होंगे।
केंद्र सरकार की गाइड लाइन का भी हमें इंतजार है। पैरेंट्स का भी कहना है कि फिलहाल स्कूल ना खोलें, उनकी बात भी सुनेंगे, तब जाकर फैसला लिया जाएगा। वहीं, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव आलोक शुक्ला ने कहा कि अभी किसी तरह का आदेश स्कूलों को खोले जाने को लेकर जारी नहीं हुआ है।
*झारखंड: अभी तक कोई निर्णय नहीं, पर स्कूल कर रहे प्लानिंग*
राज्य सरकार की ओर से अभी तक स्कूल खोलने को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं जारी की गई है। ऑनलाइन पढ़ाई जारी है, लेकिन सबसे बड़ी समस्या सरकारी स्कूल के बच्चों की है। उनके पास स्मार्ट फोन नहीं है। ऐसे में उन्हें ज्यादा दिक्कत आ रही है या वे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि, स्कूल खुद प्लानिंग कर रहे हैं, पर अभी कुछ तय नहीं हुआ है।
*चंडीगढ़: जुलाई या अगस्त में होगा स्कूल खोलने पर विचार*
शहर मेें स्कूलों को खोलने का अभी कोई फैसला नहीं किया गया है। जुलाई या अगस्त महीने में इस पर विचार हो सकता है। फिलहाल, अंतिम निर्णय केंद्र सरकार को लेना है। वहीं से दिशा-निर्देश मिलने के बाद आगे की तैयारी शुरू की जाएगी। हालांकि, 15 जून से कॉलेजों में कुछ ऑफिशियल कामकाज शुरू हो सकता है।
*हरियाणा: तीन चरणों में खुलेंगे स्कूल, 7 जून तक मांगी रिपोर्ट*
शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को कमेटियां बनाकर 7 जून तक रिपोर्ट मांगी है। सरकार का मानना है कि कोरोना जाने वाला नहीं है। ऐसे में इसी के साथ रहने की आदत डालनी पड़ेगी। वहीं, सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के घरों पर संसाधनों का अभाव है। ऐसे में वे डिजिटल माध्यम से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं।
शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा है कि तीन चरणों में स्कूल खुलेंगे। पहले चरण में 9वीं से 12वीं क्लास की पढ़ाई होगी। जब इन कक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और साफ-सफाई की आदत बच्चों की समझ में आ जाएगी, उसके बाद अगले चरण में अनुमति दी जाएगी। हालांकि, स्कूल कब से खुलेंगे इसको लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं है।
*बिहार: स्कूल खोलने पर 10 बिंदुओं से जिलों से मांगी रिपोर्ट*
राज्य में स्कूल-कॉलेज खोलने की तारीख जुलाई में तय होगी। जून के हालात की समीक्षा के बाद स्कूल, कॉलेज और कोचिंग आदि खोलने का फैसला होगा। स्कूल खोलने के लिए 10 बिंदुओं पर शिक्षा विभाग ने जिलों से 7 जून तक रिपोर्ट मांगी है। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी को विद्यालय प्रबंधन समितियों के सदस्यों और अभिभावकों से विमर्श कर रिपोर्ट देना है।
इन बिंदुओं में विद्यालय या शिक्षण संस्थान किस तिथि से खोला जाए, नामांकन कब से शुरू किया जाए, संचालन की अवधि क्या हो, क्लास में बच्चों की संख्या, बैठने की व्यवस्था सहित अन्य बिंदुओं पर रिपोर्ट देनी है।
*पंजाब: अभी कोई फैसला नहीं, 30 जून तक तो लॉकडाउन*
पंजाब में स्कूलों को खोलने का सरकार की तरफ से अभी कोई फैसला नहीं किया गया है। राज्य में 30 जून तक लॉकडाउन है। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 5वीं, 8वीं, 10वीं और 12वीं के सभी विद्यार्थियों को बिना परीक्षाएं पूरी हुए ही अगली कक्षाओं में प्रमोट कर दिया है। ऐसे में राज्य में स्कूल खोलने को लेकर अभी कोई तैयारी नहीं है। वहीं, राज्य केंद्र की गाइडलाइन का भी इंतजार कर रहा है।


5.*कोरोना साइड इफैक्ट : पलायन कर चुके परिवारों से शिक्षा विभाग को कम नामांकन का खतरा*
जोधपुर ।
कोरोना महामारी में विशेषकर प्रवेशोत्सव जैसे कार्यक्रम सोशल डिस्टेंटसिंग के अभाव में रूकेंगे। जबकि शिक्षा विभाग स्कूलों में कई दिनों तक प्रवेशोत्सव मनाता है। रैलियां तक निकलती है, लेकिन इस बार ये प्लानिंग शामिल है या नहीं, इसके लिए आदेश का इंतजार है।
आगामी माह में अब शिक्षा विभाग के सरकारी स्कल भी खुलेंगे। लेकिन हर साल नामांकन के लिए दिए जाने वाले टारगेट में इस बार कमी आ सकती है। क्योंकि सरकारी स्कूलों में बच्चों को विद्यालय लाने में खासी मशक्कत करनी पड़ सकती है। क्योंकि इस बार गांवों व शहरों में कई परिवार पलायन कर चुके है। ऐसे में कोरोना महामारी के दौर में मौजूदा बच्चों को भी स्कूल लाना संस्था प्रधानों के लिए चुनौती से कम नहीं होगा।
*प्रवेशोत्सव आदि कार्यक्रम संभवत रूकेंगे*
कोरोना महामारी में विशेषकर प्रवेशोत्सव जैसे कार्यक्रम सोशल डिस्टेंटसिंग के अभाव में रूकेंगे। जबकि शिक्षा विभाग स्कूलों में कई दिनों तक प्रवेशोत्सव मनाता है। रैलियां तक निकलती है, लेकिन इस बार ये प्लानिंग शामिल है या नहीं, इसके लिए आदेश का इंतजार है। राजस्थान शिक्षक संघ राधाकृष्णन के जिलाध्यक्ष इन्द्रविक्रमसिंह चौहान ने कहा कि इस बार अध्ययनरत विद्यार्थियों की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाना चाहिए। वंचित विद्यार्थियों को शिक्षा से जोडऩे के लिए नई योजना के तहत कार्य होना चाहिए। ताकि संक्रमणकाल में कोई शिक्षा से वंचित नहीं रहे।
*इनका कहना है*
वैसे नामांकन का खतरा हो सकता है, लेकिन एक बात ये भी है कि कई प्रवासी वापस जोधपुर आए है, इनसे नामांकन बढ़ सकता है।
- संतोष, डीईओ प्राशि मुख्यालय, जोधपुर


6.*आरएससीईआरटी में प्रतिनियुक्ति पर लगेंगे 31 अधिकारी*
*जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर व्याख्याता तक लगेंगे*
जयपुर।
राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उदयपुर (आरएससीईआरटी)में प्रतिनियुक्ति पर अधिकारी लगाए जाएंगे। ये शिक्षा विभाग के अधिकारी होंगे। इनके चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए सभी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों को भी पत्र भेजा गया है।
*इन पदों पर होगी प्रतिनियुक्ति*
राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उदयपुर में जिला शिक्षा अधिकारी के 1 पद पर, प्रधानाचार्य के 10 पदों पर और व्याख्याता के 20 पदों पर चयन प्रक्रिया शुरू की गई है। परिषद ने 31 अकादमिक पदों पर प्रतिनियुक्ति पर साक्षात्कार पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। परिषद शिक्षकों की ट्रेनिंग कराती है और इनके कोर्स तैयार करती है।
*पोर्टल पर भी जानकारी*
संयुक्त निदेशक प्रशिक्षण माध्यमिक शिक्षा नूतनबाला कपिला ने बताया कि इस संबंध में शिक्षा विभाग की वेबसाइट और शाला दर्पण पोर्टल पर भी जानकारी दी गई है। सभी जिलों के शिक्षक इस प्रतिनियुक्ति के लिए पात्र होंगे। आवेदक को स्वयं की मेल से ही आवेदन करना होगा। इसमें किसी भी प्रकार को कोई संशोधन नहीं किया जा सकेगा।


7.*राजस्थान के लाखों बेरोजगार युवाओं को REET का इंतजार, राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ ने की यह मांग*
*प्रदेश के 11 लाख से ज्यादा बेरोजगार असमंजस की स्थिति में है, युवाओं को रीट भर्ती होने का इंतजार है ।*
अलवर.
REET 2020: रीट को लेकर राजस्थान के युवाओं में असमंजस बरकरार है, युवाओं का कहना है कि ना रीट की विज्ञप्ति जारी हुई और ना रीट लेवल 2 का पैटर्न जारी हुआ है जिससे युवाओं में असमंजस बना हुआ है।24 दिसंबर 2019 को मुख्यमंत्री ने 31000 पदों पर तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2 अगस्त 2020 को रीट के माध्यम से करवानी की घोषणा थी लेकिन 5 महीने 13 दिन बीत जाने के बावजूद भी सरकार की तरफ से ना तो रीट की विज्ञप्ति जारी हो पाई है और ना ही रीट लेवल 2 का पैटर्न जारी हो पाया। ऐसे में प्रदेश के 11 लाख से ज्यादा बेरोजगार असमंजस की स्थिति में है।
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ लगातार सरकार से मांग कर रहा है कि रीट शिक्षक भर्ती 2020 की विज्ञप्ति और लेवल 2 का पैटर्न जल्द से जल्द जारी किया जाए जिससे बेरोजगार अपनी तैयारी अच्छे से जारी रख सके।
*पहले बना था राजनीति मुद्दा*
कांगेस के प्रदेश महासचिव सुशील शर्मा ने रीट 2018 में चयनित 26000 बेरोजगार अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया रोकने को लेकर चुनाव आयोग को लिखा था पत्र तब भाजपा सरकार ने रीट शिक्षक भर्ती 2018 के चयनित 26000 अभ्यर्थियों की नियुक्ति अटकाने का आरोप कांग्रेस पार्टी पर लगाया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सहित कई भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं ने रीट को लेकर कांग्रेस की घेराबंदी की थी और उस समय कांग्रेस पार्टी बैकफुट पर आ गई थी और उसी समय कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव को लिखित में लैटर दिया था और सरकार बनते ही रीट की विसंगतियों को दूर करने और रीट के अभ्यर्थियों को जल्द से जल्द नियुक्ति देने का आश्वासन दिया था।
इसके बाद राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ ने कांग्रेस को समर्थन देकर रीट विवाद में कांग्रेस को मजबूती प्रदान की थी और वहीं कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में डाला था कि कांग्रेस सरकार आते ही प्राथमिकता के साथ रीट की सभी विसंगतियों को दूर करके जल्द से जल्द रीट के माध्यम से बेरोजगारों को नियुक्ति दी जाएगी लेकिन 5 माह 13 दिन बीत जाने के बाद भी ना तो रीट की विसंगतियां दूर हो पाई है और ना ही विज्ञप्ति जारी हो पाई है।ऐसे में प्रदेश के बेरोजगारों में रोष बढ़ता जा रहा है।
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ ने मांग की है कॉमर्स के विद्यार्थियों को रीट में शामिल किया जाए।
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश प्रवक्ता उपेन यादव का कहना है कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में भी डाला गया था रीट की सभी विसंगतियां दूर की जाएंगी इसलिए सरकार से मांग है। ऐसे में सभी विसंगतियां दूर करते हुए जल्द से जल्द रीट 2020 की विज्ञप्ति रीट लेवल 2 का पैटर्न जारी किया जाए जिससे 11 लाख बेरोजगारों का इंतजार खत्म हो सके।


8.*देश में स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान अगस्त के बाद से पुनः खुल सकेंगे*
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश निशंक पोखरियाल ने कहा कि अगस्त 2020 के बाद स्कूल और कॉलेज पूरे भारत में फिर से खुलेंगे। विशेष रूप से, सभी शिक्षण संस्थानों को मार्च के मध्य से बंद कर दिया गया है, उनमें से कुछ कोरोनोवायरस महामारी के चलते 25 मार्च से जब देशव्यापी लॉकडाउन लगा था।
पोखरियाल ने एक साक्षात्कार में कहा, "हम इस सत्र से 15 अगस्त तक सभी परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने की कोशिश कर रहे हैं। इसका मतलब है कि वे परीक्षाएं जो पहले हो चुकी हैं और जो अभी हो रही हैं।"
दूसरी ओर, हरियाणा सरकार ने अगले महीने स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला किया है। पत्रकारों से बात करते हुए, शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि राज्य सरकार माता-पिता, शिक्षकों और विशेषज्ञों सहित हितधारकों से फीडबैक लेगी और फिर कक्षाओं को फिर से शुरू करने पर अंतिम फैसला लेगी।
पहले चरण में, कक्षा 10-12 जुलाई में शुरू की जाएगी, इसके बाद कक्षा 6-9 और अंतिम चरण में कक्षा 1-5 शुरू होगी। मंत्री ने कहा कि कॉलेज और विश्वविद्यालय कक्षाएं अगस्त में शुरू होंगी।
पिछले महीने, मीडिया के एक वर्ग ने रिपोर्ट किया था कि स्कूल और कॉलेज जुलाई तक ज़ोन-वार तरीके से फिर से खुल जाएंगे, जो पूरे देश में ग्रीन और ऑरेंज जिलों से शुरू होगा। बाद में, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि शिक्षा संस्थानों को खोलने पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
एक हिंदी समाचार चैनल की एक संपादित छवि, जिसमें दावा किया गया है कि गृह मंत्रालय (MHA) ने सभी राज्यों को स्कूल खोलने के लिए अनुमति दी है, वह भी सोशल मीडिया पर चक्कर लगा रहा था। हालांकि, माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर एमएचए के प्रवक्ता द्वारा अफवाह का पर्दाफाश किया गया था। 


9.*गफलत-मुश्किलों में उलझता रहा अभिरुचि दिवस*
*वॉट्सएप से शिक्षकों को तक पहुंची जानकारी भरने की आधिकारिक सूचना, सर्वर डाउन होने से 12 से पांच बजे तक बढ़ाया समय*
उदयपुर.
समग्र शिक्षा अभियान की ओर से प्रारम्भिक शिक्षा के शिक्षकों को उनकी रुचि के मुताबिक शैक्षणिक उन्नयन की प्रक्रिया में शुक्रवार को तय 'अभिरुचि दिवसÓ बंदइंतजामी और गफलतों का शिकार रहा। इसके बावजूद शिक्षा विभाग अपनी पीठ थपथपाने से नहीं चूका। उदयपुर जिले में अनुमानित शिक्षकों से ज्यादा तादाद में पोर्टल पर शिक्षकों ने पंजीयन कर तीसरा स्थान हासिल कर लिया।
दरअसल, शिक्षा विभाग छठवीं से आठवीं तक के विषयाध्यापकों को और ज्यादा दक्ष बनाना चाहता है। उन्हें उनकी कमजोरियों और जरूरत के मुताबिक प्रशिक्षण की रूपरेखा तय होगी। इसके लिए विभाग ने उनकी अभिरुचि जानी। शुक्रवार का दिन और समय सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक निर्धारित था। पोर्टल पर ट्रैफिक लोड बढऩे से यह क्रैश हो गया। पहले दो बजे तक और शिक्षक वंचित रहने पर बाद में इसे शाम पांच बजे तक खुला रखना पड़ा। हरेक शिक्षक ने 50 से ज्यादा सवालों के उत्तर ऑनलाइन फीड किए।
- वॉट्सएप पर संदेश लिखकर दी सूचना
विषयाध्यापकों को वेबपोर्टल पर अपनी अभिरुचि के अनुसार जानकारी भरनी थी। इसका आधिकारिक आदेश जारी करने की बजाय विभाग ने संयुक्त निदेशकों और जिला शिक्षा अधिकारियों के स्तर पर निचले स्तर तक वॉट्सएप के माध्यम से संदेश ठीक एक दिन पहले ही भेजा। कई शिक्षक कोरोना में फील्ड ड्यूटी पर थे, जिन्होंने आनन-फानन में नजदीकी कम्प्युटर सेंटर पर जाकर तो किसी ने मशक्कत कर मोबाइल से ही जानकारी फीड की।
*- विषयों का असमंजस*
यह भी गफलत रही कि अनिवार्य विषय विज्ञान, गणित, अंग्रेजी और हिन्दी की जानकारी ही भरने का आदेश था, जबकि आठवीं तक पढ़ाने वाले सामाजिक विज्ञान और संस्कृत के अध्यापकों में असमंजस रहा।
*- आकलन भी गलत*
विभाग ने उदयपुर सहित पूरे राज्य में विषयाध्यापकों का अनुमानित और अपेक्षित आंकड़ा रखा। सवाल यह कि जब शाला दर्पण पोर्टल पर पूरे राज्य में हरेक विद्यालय का पूरा डेटा संधारित है, तो अनुमानित आंकड़े क्यों दिए गए? विषयानुसार आंकड़े देने से स्थिति और ज्यादा स्पष्ट हो सकती थी कि किस विषय में कितने अध्यापक प्रशिक्षण चाहते हैं।
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अच्छी बात है कि उदयपुर में अपेक्षित सात हजार के मुकाबले 10583 शिक्षकों ने रुचि दिखाई और हम तीसरे स्थान पर रहे। लोड होने से पोर्टल धीमा चल रहा था, इसलिए समय बढ़ाया गया।
शिवजी गौड़, संयुक्त निदेशक, शिक्षा विभाग


10.*यूपी के इस जिले में भी अनामिका शुक्ला जैसे कई फर्जी शिक्षक, खुलासे से मचा हड़कंप*
*बाराबंकी के बीएसए वीपी सिंह द्वारा जारी की गई नोटिस के बाद ये फर्जी शिक्षक फरार हैं...*
बाराबंकी.
जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में भी कई अनामिका शुक्ला जैसे लोग फर्जी ढंग से नौकरी कर रहे हैं। जिले में एक बार फिर तीन फर्जी शिक्षकों का खुलासा हुआ है। बीएसए द्वारा जारी की गई नोटिस के बाद ये तीनों फरार हैं। इनमें रामनगर ब्लॉक के नारायनपुर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक शशिकांत मिश्रा, हैदरगढ़ ब्लॉक क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय पट्टी के सहायक अध्यापक रजत, सीठूमऊ के अभिषेक त्रिपाठी शामिल हैं। हालांकि बाराबंकी में ये कोई नया मामले नही हैं, पिछले एक वर्ष में ऐसे 15 फर्जी शिक्षकों का खुलासा हो चुका है, जिनको टर्मिनेट कर उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई भी की जा चुकी है। अनामिका शुक्ला द्वारा एक साथ 25 जिलों में नौकरी करने के गोरखधंधे का खुलासा होने के बाद, बाराबंकी जिले में भी ऐसे ही गोरखधंधों की पोल खुलने लगी है। यही नहीं एसटीएफ के रडार पर ऐसे कई शिक्षक हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
*तीनों फर्जी नाम से कर रहे थे नौकरी*
बाराबंकी के बीएसए वीपी सिंह ने बताया कि नौकरी कर रहे ये तीनों शिक्षक वो व्यक्ति हैं ही नहीं जिनके नाम पर ये नौकरी कर रहे हैं। संदेह होने पर बीएसए ने इन तीनों की गोपनीय जांच कराई, जिसके बाद इनके गोरखधंधे का खुलासा हुआ। बीएसए वीपी सिंह ने इनको अपने मूल दस्तावेजों के साथ हाजिर होने की नोटिस जारी की थी, लेकिन ये तीनों फरार हैं। बीएसए ने बताया कि अगर निश्चित समय के अंदर ये सभी अपने मूल दस्तावेजों के साथ पेश नहीं होते हैं. तो इन सभी की सेवा समाप्त कर दी जाएगी। साथ ही कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
*ये हैं मामले*
पहला मामला बाराबंकी के विकास खण्ड हैदरगढ़ के प्राथमिक विद्यालय पट्टी का है। जहां सहायक अध्यापक के पद पर रजत सिंह नाम का एक शिक्षक नौकरी कर रहा है। जबकि असली रजत सिंह लखनऊ के मटियारी में स्थित राष्ट्रीय उद्योग इंटर कालेज में सहायक अध्यापक है। इसका खुलासा तब हुआ जब फर्जी रजत ने अपना पैन नम्बर तीन बार बदला। मामला खुला तो बीएसए ने खाता सीज कर नोटिस जारी करने के साथ ही मामले की शिकायत एसटीएफ से की। तब से यह फर्जी रजत फरार है। दूसरा मामला विकास खण्ड हैदरगढ़ के पूर्व माध्यमिक विद्यालय सीठूमऊ का है। जहां सहायक अध्यापक पद पर अभिषेक त्रिपाठी उर्फ राजेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी के नाम पर फर्जी नौकरी कर रहा शिक्षक भी फरार है। असली अभिषेक त्रिपाठी खलीलाबाद में शिक्षक है। तीसरा मामला विकासखंड रामनगर के प्राथमिक विद्यालय नरायनपुर का है। यहां पर नौकरी कर रहा शशिकांत मिश्रा भी फर्जी है। यहां तक कि ये प्रधानाध्यापक भी बन चुका है।


11.*राजस्थान / बोर्ड परीक्षाओं के लिए 13 से शुरू होगा नियंत्रण कक्ष, 18 जून से शुरू होंगे संग्रहण केंद्र*
बोर्ड ने परीक्षाओं के सफल संचालन के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों को भी दिशा-निर्देश जारी किए, परीक्षक कोड नंबर जो बोर्ड द्वारा पूर्व में भेजे गए हैं, उन्हें निरस्त कर दिया गया.....
अजमेर।
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 18 जून से शुरू हो रहीं 10वीं व 12वीं की शेष परीक्षाओं के संचालन के लिए केंद्रीय नियंत्रण कक्ष 13 जून से शुरू हो जाएगा। जबकि परीक्षा शुरू होने वाले दिन से ही प्रदेश में संग्रहण केंद्रों की शुरूआत भी हो जाएगी। जानकारी अनुसार, बोर्ड की ओर से शेष परीक्षाओं के आयोजन की तैयारियां जारी हैं।
बोर्ड पहले चरण में 12वीं व समकक्ष परीक्षाओं का आयोजन करने जा रहा है। इसके बाद 10वीं व समकक्ष परीक्षाओं के आयोजन होंगे। बोर्ड ने परीक्षाओं के सफल संचालन के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों को भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बोर्ड सचिव अरविंद सेंगवा ने बताया कि बोर्ड की शेष परीक्षाओं के संचालन के लिए बोर्ड कार्यालय में केंद्रीय नियंत्रण कक्ष 13 जून से शुरू होगा। यह नियंत्रण कक्ष परीक्षा समाप्ति तक जारी रहेगा। इसके दूरभाष नंबर -0145-2632866, 2632868 रहेंगे।
इधर, प्रदेश भर में 18 जून से संग्रहण केंद्रों की शुरूआत हो जाएगी। प्रत्येक संग्रहण केंद्र पर तीन कार्मिक नियुक्त किए जाएंगे। ये संग्रहण केंद्र अंतिम बंडल वितरण दिवस तक निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार यथावत संचालित होंगे। इन केंद्रों पर पूर्व की भांति ही बोर्ड कार्मिक तथा शेष जिला शिक्षा अधिकारी प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किए जाएंगे।
*नए परीक्षक कोड नंबर दिए गए*
बोर्ड सचिव ने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं के बंडल पर अंकन किए जाने वाले परीक्षक कोड नंबर जो बोर्ड द्वारा पूर्व में भेजे गए हैं, उन्हें निरस्त कर दिया गया है। नए परीक्षक कोट नंबर आवंटित किए गए हैं। जिससे जिला शिक्षा अधिकारी नए परीक्षक कोट नंबर ही बंडल पर अंकित करवाएं। नए परीक्षक कोड नंबर बोर्ड की वेबसाइटwww.rajeduboard.rajasthan.gov.in पर एग्जामिनर कोड लिंक पर विद्यालय की लॉगिन आइडी पासवर्ड से उपलब्ध होंगे।
*अतिरिक्त प्रमुख परीक्षा की व्यवस्था नहीं*
बोर्ड सचिव ने बताया कि इस वर्ष रही परिस्थिति के कारण अब भेजे जाने वाले बंडलों में भी अतिरिक्त प्रमुख परीक्षक की व्यवस्था नहीं रहेगी। परीक्षक उत्तर पुस्तिकाओं का अंकन कर, अंक सीधे बोर्ड को भेेजेंगे। बोर्ड द्वारा इस बार प्रत्येक परीक्षक को उत्तर पुस्तिका बंडल के साथ एक गोपनीय पासवर्ड भेजा जाएगा। इस पासवर्ड के आधार पर परीक्षक को बंडल प्राप्ति के 10 दिन में ऑनलाइन अंक प्रस्तुत करने होंगे। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी अपने स्तर पर सभी परीक्षकों को पाबंद कर समयबद्ध कार्यवाही कराएं। बोर्ड द्वारा ओएमआर प्रेषित नहीं की जाएगी।


12.*CTET Admit Card 2020: एडम‍िट कार्ड को लेकर बड़ा अपडेट, जानें कब होगा जारी*
अजमेर।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की आधिकारिक वेबसाइट ctet.nic.in पर जल्द ही CTET एडमिट कार्ड 2020 जारी होने की उम्मीद की है. CTET परीक्षा 5 जुलाई 2020 को आयोजित होने वाली है और CBSE ने परीक्षा तिथि में कोई बदलाव नहीं किया है. उम्‍मीद की जा रही है क‍ि CBSE, जून 2020 के दूसरे सप्‍ताह में CTET July Admit Card जारी कर देगा.
जिन उम्मीदवारों ने CTET जुलाई 2020 परीक्षा के लिए आवेदन किया है, उन्हें CTET परीक्षा के लिए उपस्थित होना होगा और इसके ल‍िये उन्‍हें एडमिट कार्ड की आवश्‍यकता होगी. एडमिट कार्ड या हॉल टिकट जारी होने के बाद, उम्मीदवारों को इसे डाउनलोड करने और प्रिंट आउट लेने का पर्याप्त समय दिया जाएगा.
CTET Admit Card 2020: कब जारी होगा
*जून के दूसरे या तीसरे सप्‍ताह में CBSE आध‍िकार‍िक वेबसाइट पर CTET Admit Card र‍िलीज कर सकता है.*
CTET एडम‍िट कार्ड पर उम्‍मीदवार का नाम, रोल नंबर, परीक्षा की तारीख, परीक्षा का समय, परीक्षा केंद्र और उसका पता, र‍िपोर्ट‍िंग टाइम, उम्‍मीदवार का हस्‍ताक्षर, उम्‍मीदवार की फोटो, परीक्षा के द‍िन के ल‍िये न‍िर्देश और अन्‍य.
*CTET एडम‍िट में कुछ गड़बड़ी हो तो क्‍या करें:*
अगर आपके CTET एडम‍िट कार्ड में दी गई जानकारी गलत है तो आप इसके ल‍िये CBSE या नेशनल टेस्‍ट‍िंग एजेंसी को संपर्क कर सकते हैं.
ईमेल ID: directorctet@gmail.com
टेलीफोन : 011 – 22240112 और 011 – 22235774
*CTET Admit Card 2020: ऐसे करें डाउनलोड*
स्‍टेप 1: आध‍िकार‍िक वेबसाइट ctet.nic.in पर जाएं.
स्‍टेप 2: एडम‍िट कार्ड के ल‍िये द‍िये गए ल‍िंक पर क्‍ल‍िक करें.
स्‍टेप 3: CTET रोल नंबर और जन्‍म त‍िथ‍ि एंटर करें.
स्‍टेप 4: एडम‍िट कार्ड स्‍क्रीन पर आ जाएगा.
सीटीईटी (CTET) की परीक्षा दो पाली में होती है पहली पाली नौ बजकर तीस मिनट से शुरू होकर 12 बजे तक और दूसरी पाली 2 बजे से लेकर 2: 30 मिनट तक की होती है. इस बार सीबीएससी सीटीईटी की परीक्षा का 14वां संस्करण आयोजित कराएगा. Ctet की परीक्षा प्राथमिक स्तर और उच्च दो स्तरों में आयोजित कराई जाती है.
*परीक्षा में शाम‍िल होने के ल‍िये इन बातों का रखें ध्‍यान:*
1. उम्‍मीदवार को मास्क लगाना अनिवार्य होगा. मास्क लगाकर ही परीक्षा हॉल में प्रवेश प्राप्‍त कर पाएंगे उम्‍मीदवार.
2. परीक्षा शुरू होने से डेढ घंटे पहले एग्‍जाम सेंटर पहुंचना होगा.
3. परीक्षा हॉल में प्रवेश करने से पहले उम्‍मीदवारों को सेनेटाइटर का इस्‍तेमाल करना होगा. इसकी व्‍यवस्‍था परीक्षा केंद्र पर होगी.
4. एक परीक्षा कक्ष में 12 से 20 छात्र ही होंगे और उनके बीच कम से कम 6 फीट की दूरी होनी आवश्यक है.
5. एडमिट कार्ड को ट्रांसपैरेंट थैली में लाना होगा जरूरी.


13.*एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग में टॉप 100 में राजस्थान का नाम तक नहीं*
जयपुर।
टाइम्स हायर एजुकेशन की एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग जारी कर दी गई है। इस रैंकिंग में राजस्थान की किसी भी यूनिर्वसिटी का नाम टॉप 100 में नहीं हैं। यहां तक की एमएनआईटी का भी इस लिस्ट में नाम नहीं है। इससे ऐसा लगता है कि प्रदेश उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ रहा है। एमएनआईटी प्रशासन का कहना है कि उन्होंने इस रैंकिंग में भाग नहीं लिया।
टाइम्स हायर एजुकेशन एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग में पूरे एशिया महाद्वीप की यूनिवर्सिटीज की रैंकिंग जारी करता है। इसमें राजस्थान से किसी भी यूनिवर्सिटी और एनआईटी का नाम टॉप 100 में नहीं है। रैकिंग में इन विश्वविद्यालयों को विभिन्न मापदंडों, शिक्षण, अनुसंधान, ज्ञान हस्तांतरण, और अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण पर आंका गया।
इस साल जारी रैंकिंग में भी इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (IISc) बेंगलुरु देश में टॉप पोजिशन पर रहा। वहीं, इंस्टिट्यूट ने ग्लोबल रैंकिंग में 36वां स्थान हासिल किया है। इस रैंकिंग में देश के आठ IITs ने भी टॉप 100 की लिस्ट में जगह पाई हैं। रैंकिंग में संस्थानों की संख्या की बात करें तो 2016 के बाद से यह भारत का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है। लेकिन एक बात यह है कि इस रैंकिंग में प्रदेश का कहीं नाम ही नहीं है। 100 के बाद की लिस्ट में प्रदेश का नाम है।
हालांकि, इस बार आईआईटी को रैंकिंग में जगह मिली है, लेकिन उनका परफॉर्मेंस मे कोई सुधार नहीं है। इस बार आईआईटी रोपड़ ने पहली बार इस सूची में अपनी जगह बनाई है। इनके अलावा बाकी आईआईटीज के स्कोर काफी कम हैं। साल 2019 के मुकाबले इस बार आईआईएससी की परफॉर्मेंस में गिरावट आई है, फिर भी वह लगातार 5वें साल देश के टॉप संस्थान की अपनी पोजिशन बरकरार रख सकी है।
*भारतीय संस्थानों की रैंकिंग*
रैंक संस्थान
36 इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु
47 इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी, रोपड़
55 इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी, इंदौर
59 इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी, खड़गपुर
67 इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी, दिल्ली
69 इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी, बॉम्बे
83 इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी, रुड़की
92 इंस्टिट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नॉलजी, मुम्बई
*दुनिया की टॉप 10 यूनिवर्सिटी*
रैंक संस्थान
1 सिंहुआ यूनिवर्सिटी, चीन
2 पेकिंग यूनिवर्सिटी, चीन
3 नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर
4 यूनिवर्सिटी ऑफ हॉन्ग कॉन्ग
5 द हॉन्ग कॉन्ग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस ऐंड टेक्नॉलजी
6 नान्यांग टेक्नॉलजिकल यूनिवर्सिटी, सिंगापुर
7 द यूनिवर्सिटी ऑफ टोक्यो, जापान
8 चाइनीज यूनिवर्सिटी ऑफ हॉन्ग कॉन्ग
9. सोल नेशनल यूनिवर्सिटी, साउथ कोरिया
10. यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस ऐंड टेक्नॉलजी ऑफ चाइना


14.*सतत मूल्यांकन के आधार पर छात्रों को प्रमोट करने की मांगी अनुमति*
बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के वीसी ने राज्यपाल, तकनीकी शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र.....
जयपुर।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा जुलाई में सभी विश्वविद्यालयों की परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की जा चुकी है। वहीं, तकनीकी शिक्षा के कई विद्यार्थी सतत मूल्यांकन के आधार पर उन्हें प्रमोट करने की मांग कर रहे हैं। उनकी इस मांग को लेकर बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय (बीटीयू) के कुलपति प्रो.एच.डी.चारण की ओर से राज्यपाल, तकनीकी शिक्षा मंत्री और तकनीकी शिक्षा सचिव को पत्र लिखा है।
पत्र में विद्यार्थियों को सतत मूल्यांकन के आधार पर प्रमोट करने की सहमति मांगी है।
प्रो.चारण ने बताया कि मिड टर्म परीक्षा और सतत मूल्यांकन के आधार पर अप्रैल तक विद्यार्थियों का 60 प्रतिशत प्रेक्टिकल और 20 प्रतिशत थ्योरी का मूल्यांकन हो चुका है। उसी अनुपात में विद्यार्थी को एंड टर्म परीक्षा के भी अंक दे दिए जाएं और परिणाम घोषित कर दिए जाए। एेसा कई आईआईटीज ने किया है। बीटीयू से तकनीकी शिक्षा के प्रदेश के 42 से ज्यादा कॉलेज और लगभग 10 हजार विद्यार्थी जुड़े हैं।
राजस्थान तकनीकी विवि के वीसी प्रो.आर.ए.गुप्ता ने बताया कि अभी थ्योरी की 80 प्रतिशत परीक्षाएं बची हैं। वहीं, 60 फीसदी प्रेक्टिकल हो चुके हैं। विवि. की ओर से जुलाई के दूसरे हफ्ते से फाइनल की परीक्षाएं ऑफलाइन कराने की तैयारी है। अन्य ईयर की परीक्षाएं बाद में आयोजित कराई जाएंगी।
पत्र मिला है, इसका परीक्षण करवा रहे हैं। विद्यार्थियों की परीक्षाएं परिस्थितियां बेहतर होने पर ही करवाई जाएंगी।
शुचि शर्मा, सचिव, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा


15.*राजस्थान विश्वविद्यालय ने परीक्षाओं की तारीख का किया ऐलान*
तीन जुलाई को जारी होगा टाइम टेबल, परीक्षाएं 13 जुलाई से होंगी शुरू....
जयपुर।
राजस्थान विश्वविद्यालय की शेष परीक्षाएं 13 जुलाई से शुरू होंगी। वहीं, इनका टाइम टेबल तीन जुलाई को जारी किया जाएगा।
कुलपति प्रो.आर.के.कोठारी ने बताया कि पहले वे परीक्षाएं होंगी, जिनमें अन्य के मुकाबले काफी कम विद्यार्थी हैं। कमेटी का निर्णय है कि अंतिम वर्ष यूजी, पीजी और फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाएं पहले होंगी। इन परीक्षाओं में एेसे ऑप्शनल पेपर्स में कम विद्यार्थी वाली परीक्षाएं सबसे पहले कराने की तैयारी की जा रही है।
विवि. प्रशासन को एेसी परीक्षाओं की रूपरेखा बनाने के लिए कहा गया है। ये परीक्षाएं पायलट प्रोजेक्ट की तरह होंगी, जिनके अनुभवों के आधार पर ज्यादा विद्यार्थियों वाली परीक्षाओं का आयोजन किया जा सकता है। प्रो.कोठारी के अनुसार, कंटेनमेंट जोन में रह रहे विद्यार्थियों की परीक्षाएं बाद में करवाई जा सकती हैं, इसका निर्णय राज्य सरकार की ओर से किया जाएगा।
आरपीएससी ने संस्कृत शिक्षा विभाग में विषयवार 22 प्राध्यापकों (विद्यालय) की भर्ती के लिए सोमवार से ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं।


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