1.*सरकारी स्कूूलों में मील का पत्थर साबित होगी 'स्माइल' प्रोजेक्ट योजना*
*लॉकडाउन में ऑनलाइन पढ़ाई पर फोकस....*
मेनार.
लाॅॅकडाउन के चलते विद्यार्थियों की नियमित पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए सरकार द्वारा स्माइल प्रोग्राम चलाया गया है। विद्यार्थियों और शिक्षकों को ऑनलाइन पठन-पाठन से जोड़े जाने के लिए प्रोजेक्ट सोशल मीडिया इंटरफेस फॉर लर्निंग एंगेजमेंट (स्माइल ) चल रहा है। कोविड-19 महामारी के चलते शिक्षण संस्था स्कूल, कॉलेज इत्यादि बंद है । इन्हींं कारणों से बोर्ड परीक्षा भी पूरी नहींं हो पाई । इसके चलते विद्यार्थी अपनी तैयारी नियमित रूप से कर सकेंं और उनका अध्ययन बाधित न हो, इसके लिए शिक्षाविभाग द्वारा ई कंटेट के माध्यम से अध्ययन करवाया जा रहा है । विद्यार्थी घर पर रहकर मल्टीमीडिया एवं तकनिकी के माध्यम से नियमित रूप से विषय वस्तु का अध्ययन कर रहे हैंं।
उच्च माध्यमिक विद्यालय सहित भींडर ब्लॉक के विद्यालयो द्वारा विद्यार्थियों के जो व्हाट्सप समूह बनाए गए हैंं उनमेंं एक से बारहवीं तक के विषय सम्बन्धी कंटेंट ग्रुप में भेजे जा रहे हैंं। विद्यार्थी इन कंटेंट को पढ़कर वीडियो देखकर अध्ययन करते है साथ ही संकलित फीडबैक फॉर्म भी भरते हैं जिसमेंं उस वीडियो की सामग्री कैसी लगी तथा उसमेंं कुछ सुधार की आवश्यकता हो तो जानकारी प्रस्तुत करते हैंं। विद्यार्थियों के अलावा शिक्षकों के लिए भी कंटेंट भेजे जाते हैंं जिनको देखकर शिक्षक अपने विद्यार्थियों को फोन से संपर्क कर विषय वस्तु की जानकारी प्रदान करते है। संभवतया राजस्थान पहला ऐसा राज्य है जहां पर विद्यार्थियों-शिक्षकों को घर बैठे सोशल मीडिया के जरिए पढ़ाई करवाने की यह अनूठी पहल की गयी है। प्रोजेक्ट 'स्माइल' के तहत विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए सीखने-सिखाने की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए अभिभावकों और शिक्षकों के साथ पीईईओ द्वारा राज्य में करीब 20 हजार से अधिक व्हाट्सएप ग्रुप्स बनाए गए हैं।
*आगामी भविष्य में ये प्रोजेक्ट मील का पत्थर साबित होगा:*
लॉकडाउन में लागू हुआ ये प्रोजेक्ट आगामी दिनों में मिल का पत्थर साबित होगा क्योकि बच्चे तकनीकी का उपयोग करना सीख जाएंगे जिससे उच्च अध्ययन हेतु विषय चयन, संस्थान चयन, प्रतियोगी परीक्षायों की तैयारी करने में सुविधा रहेगी। साथ ही सरकारी स्कूल में अध्यापकों की कमी भी अध्ययन में बाधा नही बनेगी। वही विद्यालय में प्रोजेक्ट के माध्यम से या विद्याथी स्वयं तकनीकी के माध्यम से अध्ययन कर सकेगा। ई कंटेंट में अध्ययन सामग्री के अलावा क्विज एवं प्रश्नोतरी का आयोजन भी होता है। इसके साथ ही शिक्षा विभाग के द्वारा प्रत्येक रविवार को रेडियो पर शिक्षा वाणी कार्यक्रम का प्रसारण भी किया जा रहा है। व्याख्याता दिलराज सिंह राजावत एव वर्तिका पंजवानी ने बताया की ये विभाग की बहुत अच्छी योजना है विद्यार्थी बिना किसी दबाब के रुचि पूर्वक विषय वस्तु का अध्ययन कर रहे है। इसके साथ समय का सही सदुपयोग हो रहा है । हमने भी विषयवस्तु के कंटेंट विभाग को प्रेषित किये है ।
*इनका कहना है :*
शिक्षा विभाग के आदेशानुसार विद्यार्थियो के कक्षा एक से पांच, कक्षा छः से आठ तथा कक्षा नो से बारहवीं के विद्यार्थियों के समूह बना रखे है जिनमे प्रतिदिन प्रातः नो बजे विषय से सम्बंधित सामग्री प्रेषित की जाती है । जिसका प्रभारी शिक्षको के द्वारा नियमित मोनिटरिंग की जाती है । वही विद्यार्थियों से फोन करके फीडबैक लिया जाता है तथा उसकी समेकित सूचना ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से जिले तक प्रेषित की जा रही है।
जालम सिंह सारंगदेवोत, पंचायत प्रारम्भिक शिक्षाधिकारी मेनार
जालम सिंह सारंगदेवोत, पंचायत प्रारम्भिक शिक्षाधिकारी मेनार
2.*प्रोजेक्ट सबमिशन के लिए यूनिवर्सिटी ने एक्टिव की लिंक, 15 जून तक ऑनलाइन प्रोजेक्ट जमा कर सकते हैं स्टूडेंट्स*
*ऑफिशियल वेबसाइट ignou.ac.in पर ऑनलाइन जमा कर सकते हैं प्रोजेक्ट*
*प्रोजेक्ट वर्क जमा करने से पहले सुपरवाइजर से प्रपोजल प्रोफार्मा के लिए अप्रूवल लेना होगा*
दैनिक भास्कर
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर ऑनलाइन प्रोजेक्ट सबमिशन के लिए लिंक एक्टिव कर दी है। कोरोना महामारी के कारण बने हालातों को देखते हुए यूनिवर्सिटी ने सभी तरह के प्रोजेक्ट वर्क ऑनलाइन सबमिट कराने का फैसला किया है। इसके तहत स्टूडेंट्स अंतिम परियोजना / शोध प्रबंध / फील्डवर्क जर्नल्स / इंटर्नशिप रिपोर्ट्स ऑनलाइन मोड के जरिए जमा कर सकते हैं। सभी स्टूडेंट्स 15 जून या उससे पहले अपने सभी प्रोजेक्ट इग्नू की ऑफिशियल वेबसाइट ignou.ac.in पर ऑनलाइन जमा कर सकते हैं।
प्रोजक्ट जमा करने के लिए जारी की गाइडलाइन
ऑनलाइन मोड के जरिए प्रोजेक्ट वर्क जमा करने से पहले स्टूडेंट्स को गाइड या सुपरवाइजर से प्रपोजल प्रोफार्मा के लिए अप्रूवल लेना होगा। इसके अलावा सिनोप्सिस और प्रोजेक्ट गाइड का बायो डाटा भी प्रोफार्मा के साथ होना जरूरी है। साथ ही ऑरिजनल सार्टिफिकेट पर अभ्यर्थी के साइन होने जरूरी हैं। इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए अभ्यर्थी ऑफिशियल नोटिफिकेशन देख सकते हैं।
प्रोजक्ट जमा करने के लिए जारी की गाइडलाइन
ऑनलाइन मोड के जरिए प्रोजेक्ट वर्क जमा करने से पहले स्टूडेंट्स को गाइड या सुपरवाइजर से प्रपोजल प्रोफार्मा के लिए अप्रूवल लेना होगा। इसके अलावा सिनोप्सिस और प्रोजेक्ट गाइड का बायो डाटा भी प्रोफार्मा के साथ होना जरूरी है। साथ ही ऑरिजनल सार्टिफिकेट पर अभ्यर्थी के साइन होने जरूरी हैं। इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए अभ्यर्थी ऑफिशियल नोटिफिकेशन देख सकते हैं।
*कैसे करें प्रोजेक्ट वर्क जमा*
सबसे पहले इग्नू की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं।
यहां ऑनलाइन प्रोजेक्ट अपलोड लिंक पर क्लिक करें।
इसे क्लिक करते ही नया पेज खुल जाएगा।
यहां प्रोजेक्ट वर्क अपलोड कर सकते हैं।
यहां ऑनलाइन प्रोजेक्ट अपलोड लिंक पर क्लिक करें।
इसे क्लिक करते ही नया पेज खुल जाएगा।
यहां प्रोजेक्ट वर्क अपलोड कर सकते हैं।
3.*टूटी शिक्षा की लय, अब पढ़ाई में नहीं लग रहा मन*
*-गणित जैसे कठिन पेपर बाकी, अभिभावकों को भी सता रहा डर*
*-परीक्षा परिणाम पर पड़ेगा असर*
राजसमंद.
कोविड-19 के लॉकडाउन ने विद्यार्थियों की परीक्षा को और कठिन कर दिया है। तीन माह घर पर बैठने के बाद उन्हें गणित जैसे विषय की परीक्षा देनी है, ऐसे में अब विद्यार्थी पढऩे के लिए कॉपी-किताबें लेकर तो बैठते लेकिन मन नहीं लगता, क्योंकि एक साल पढ़ाई कर जो ज्ञान अर्जित किया था वह आधा वे भूल चुके हैं और अब पूछने के लिए शिक्षक भी उनके पास नहीं है। वहीं बच्चों की पढ़ाई की चिंता अभिभावकों को भी सताने लगी है, उन्हें लगता है कि पढ़ाई की लय टूटने से विद्यार्थी परीक्षाओं में वह परिणाम नहीं दे सकेंगे, जितनी उन्होंने मेहनत की थी।
*उहापोह में गुजरा समय*
कोरोना वायरस का खतरा कितना है, और कैसे इससे निपटा जाएगा यह सरकार को भी नहीं पता था, ऐसे में आनन-फानन में २१ मार्च से राजस्थान सरकार ने जनस्वास्थ्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन कर दिया और सभी तरह की परीक्षाएं आदि रोक दी गईं। पहला लॉकडाउन होने तक तो ठीक रहा, लोगों को यह उम्मीद भी अप्रेल माह में परीक्षाएं हो जाएंगी, लेकिन जब लॉकडाउन चरणबद्ध बढ़ता गया और पढ़ाई भी ऑनलाइन होनी शुरू हो गई तो विद्यार्थी, अभिभावक और यहां तक की शिक्षक भी उहापोह में थे कि अब परीक्षाएं होंगी या फिर विद्यार्थियों को अगली कक्षा में क्रमोन्नत कर दिया जाएगा। ऐसे में बच्चों की रुचि से किताबें धीरे-धीरे गायब हो गईं। साथ ही लॉकडाउन में जो भय का माहौल बना उसने बच्चों की शिक्षा को बुरी तरह से प्रभावित किया। दरअसल प्रदेश में पहलीबार ऐसा हुआ है कि बोर्ड परीक्षाओं में तीन माह का अंतराल आ गया हो। मार्च के मध्य में रोकी गई परीक्षाएं अब जून के मध्य में शुरू होंगी। यानि पूरे तीन महीनें बाद उनको परीक्षा के दौर से गुजरना होगा।
*गणित का बड़ा संकट*
लॉकडाउन के बाद १८ जून को १२वीं कक्षा का पहला पेपर गणित का होना है। विद्यार्थियों का कहना है कि अन्य पेपर तो हम अपने मन से पढ़ सकते हैं लेकिन गणित के सवाल समझाने के लिए शिक्षक जरूरी होता है। हमने जो एक साल पढ़ा वो आधा तो दिमाग से उतर गया है। ऑनलाइन पढ़ाई और स्कूल की पढ़ाई में काफी अंतर होता है। ऐसे में हमारे सामने सबसे बड़ा संकट गणित की परीक्षा को लेकर ही है।
लॉकडाउन के बाद बार-बार भ्रम की स्थिति बनी। 10वीं व 12वीं की परीक्षा को लेकर शुरू से एक स्पष्ट आदेश होता तो बच्चों के पढ़ाई का क्रम नहीं टूटता। दो माह से बच्चों ने पढऩा छोड़ दिया और अब परीक्षा करने से बच्चे तनाव में आ गए हैं।
-गिरवर सिंह सिसोदिया, अभिभावक
एक साल में जो पढ़ा था वह दो महीने की पढ़ाई बंद होने से सब भूल गए, गणित जैसे कठिन विषय में अब सवाल हल करने में दिक्कत आ रही हैं। छुटियां होने से टीचर भी बाहर चले गए। अब किसी के यहां ट्यूशन भी नहीं कर सकते।
ऋषभ सिरोया, विद्यार्थी कक्षा 10
गणित जैसे कठिन विषय की परीक्षा बाकी है, और लम्बा अंतराल होने से बच्चों के लिए समस्याएं तो होंगी। चूंकि बच्चों का पढ़ाई से संबंध भी छूट गया है।
-पारसमल जाट, परीक्षा प्रभारी, राउमावि सियाणा
लॉकडाउन के बाद बार-बार भ्रम की स्थिति बनी। 10वीं व 12वीं की परीक्षा को लेकर शुरू से एक स्पष्ट आदेश होता तो बच्चों के पढ़ाई का क्रम नहीं टूटता। दो माह से बच्चों ने पढऩा छोड़ दिया और अब परीक्षा करने से बच्चे तनाव में आ गए हैं।
-गिरवर सिंह सिसोदिया, अभिभावक
एक साल में जो पढ़ा था वह दो महीने की पढ़ाई बंद होने से सब भूल गए, गणित जैसे कठिन विषय में अब सवाल हल करने में दिक्कत आ रही हैं। छुटियां होने से टीचर भी बाहर चले गए। अब किसी के यहां ट्यूशन भी नहीं कर सकते।
ऋषभ सिरोया, विद्यार्थी कक्षा 10
गणित जैसे कठिन विषय की परीक्षा बाकी है, और लम्बा अंतराल होने से बच्चों के लिए समस्याएं तो होंगी। चूंकि बच्चों का पढ़ाई से संबंध भी छूट गया है।
-पारसमल जाट, परीक्षा प्रभारी, राउमावि सियाणा
*समस्या तो सबको है...*
परीक्षा करवाने के विभाग के आदेश हैं, समस्या तो होगी, क्योंकि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। फिरभी विद्यार्थी पूरे मनोबल से परीक्षा दें, जो पढ़ा है उसका अध्ययन करते रहें, सफलता निश्चित मिलेगी।
-ओमशंकर श्रीमाली, डीईओ, (माध्यमिक) राजसमंद
-ओमशंकर श्रीमाली, डीईओ, (माध्यमिक) राजसमंद
4.*बोर्ड परीक्षा दिशा-निर्देश हुए जारी: उच्च तापमान, खांसी या ठंड लगने वाले छात्र परीक्षा केंद्र स्थित Isolation में रहेंगे*
*देशभर में कोरोना के कारण विभिन्न परीक्षाएं स्थगित हुई। अब परीक्षाएं वापिस आयोजित करने की तैयारियां चल रही है। ऐसे में अब बोर्ड परीक्षाओं को लेकर दिशा-निर्देश जारी हो रहे हैं।*
देशभर में कोरोना के कारण विभिन्न परीक्षाएं स्थगित हुई। अब परीक्षाएं वापिस आयोजित करने की तैयारियां चल रही है। ऐसे में अब बोर्ड परीक्षाओं को लेकर दिशा-निर्देश जारी हो रहे हैं। एमपी बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (MPBSE) ने परीक्षा केंद्र पर एक आइसोलेशन वार्ड में परीक्षा देने के लिए उच्च तापमान या फ्लू जैसे लक्षणों वाले छात्रों के लिए दिशानिर्देश जारी किए।
*परीक्षा केंद्रों में प्रवेश करने से पहले थर्मल स्क्रीनिंग से गुजरना होगा*
एमपीबीएसई के अनुसार 12 वीं कक्षा की शेष एमपी बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को परीक्षा केंद्रों में प्रवेश करने से पहले एक थर्मल स्क्रीनिंग से गुजरना होगा। इस परिक्षण के बाद ही छात्र परीक्षा दे पाएंगे।
*छात्रों को कोरोनावायरस की जांच करवाने के दी जाएगी सलाह*.
एमपीबीएसई के अनुसार आइसोलेशन वार्ड में छात्रों को कोरोनावायरस की जांच करवाने के लिए सलाह दी जाएगी और छात्रों के संपर्क में आने वाले अन्य पर्यवेक्षकों और शिक्षकों को भी कोरोनोवायरस परीक्षण करवाने के लिए कहा जाएगा, जो सुरक्षित पक्ष में हो।
5.*शिक्षकों की ऑनलाइन क्लास में सर्वर ने डाला खलल*
*- दो बार समय बढ़ाया फिर से कई रह गए वंचित*
पाली/रायपुर मारवाड़।
शिक्षा विभाग ने प्रदेश भर के दो लाख शिक्षक-शिक्षिकाओं की ऑनलाइन क्लास ली थी। दो घंटे की इस क्लास में 50 प्रश्नों को हल करना था, लेकिन सर्वर ने ऐसा खलल डाला कि दो बार समय बढ़ाना पड़ा। सुबह दस बजे से शाम पांच बजे का समय दिया गया। बावजूद इसके शिक्षक-शिक्षिकाएं प्रश्नों को हल कर सब्मिट नहीं कर पाए।
राजस्थान राज्य शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक अभिरूचि दिवस पर शिक्षकों से फीडबैक व नवाचार के लिए सुझाव को लेकर ऑनलाइन क्लास ली गई। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उदयपुर ने 50 प्रश्न का फोरमेट तैयार कर शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराया। जिसमें 30 प्रश्न विषय आधारित थे। जबकि 20 प्रश्न शिक्षण शास्त्र से जुड़े थे। निर्धारित कार्यक्रम के तहत सवेरे दस बजे लिंक जारी कर दिया गया। इसमें लेवल प्रथम व द्वितीय श्रेणी वर्ग के प्रदेश भर में दो लाख शिक्षक-शिक्षिकाओं को हिस्सा लेना था।
राजस्थान राज्य शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक अभिरूचि दिवस पर शिक्षकों से फीडबैक व नवाचार के लिए सुझाव को लेकर ऑनलाइन क्लास ली गई। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उदयपुर ने 50 प्रश्न का फोरमेट तैयार कर शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराया। जिसमें 30 प्रश्न विषय आधारित थे। जबकि 20 प्रश्न शिक्षण शास्त्र से जुड़े थे। निर्धारित कार्यक्रम के तहत सवेरे दस बजे लिंक जारी कर दिया गया। इसमें लेवल प्रथम व द्वितीय श्रेणी वर्ग के प्रदेश भर में दो लाख शिक्षक-शिक्षिकाओं को हिस्सा लेना था।
*दो घंटे में 50 प्रश्न करने थे हल*
निर्धारित कार्यक्रम के तहत प्रश्नों को सवेरे 10 से 12 बजे तक हल कर सब्मिट करना था। सवेरे दस बजते ही सभी शिक्षक अपने मोबाइल ओपन कर प्रश्न हल करने का प्रयास करने लगे। 13 पेज के इस फॉर्मेट में दो पेज स्वयं के परिचय व पदस्थापन से जुड़ी जानकारी के थे। जिन्हें पूरा करने के बाद प्रश्नों का पेज खुला। जिसे हल कर अगला पेज खोला तो सर्वर इज अनेबल का मैसेज आ गया। इस तरह पेज वहीं रुक गया। बार-बार सर्वर बंद होता तो कई बार कुछ मिनट के लिए चलता। ऐसे में किसी ने आनन-फानन में प्रश्नों के जवाब देकर सब्मिट कर दिया तो कइयों ने सही उत्तर खोजने के बाद जवाब दिया।
*फिर भी रह गए वंचित*
12 बजे तक दो लाख में से 17 हजार शिक्षक ही प्रश्न हल कर सब्मिट कर पाए। एक लाख 83 हजार वंचित रह गए। ये देख समय बढ़ाकर दो बजे तक कर दिया। फिर भी 35 हजार ही हल कर पाए। इससे समय फिर बढ़ा कर शाम पंाच बजे तक कर दिया। इस तरह शिक्षक सुबह दस से शाम पांच बजे तक हाथों में मोबाइल थामे सर्वर की गति बढऩे की राह देखते रहे। इसमें ऐसे भी कई शिक्षक थे जो कोरोना ड्यूटी छोड़ एकांत में बैठ क्लास अटेंड कर रहे थे।
*सर्वर की परेशानी रही*
सर्वर की वजह से दो बार समय बढ़ाया गया। फिर भी कई शिक्षक वंचित रह गए। प्रदेश में दो लाख में से एक लाख से अधिक शिक्षकों ने प्रश्न हल कर सुझाव दिए है। इस पर मंथन करने के बाद उच्चाधिकारी निर्णय करेंगे। -विनोद कुमार पन्नु, सहायक जिला परियोजना समन्वयक, समग्र शिक्षा, पाली
6.*ये विद्यार्थी नहीं देंगे सीबीएसई 10वीं और 12वीं की परीक्षा*
*सीबीएसई ने दी राहत, दिव्यांग विद्यार्थियों का है मामला, नहीं मिलेगा लिखने के लिए सहायक*
जयपुर।
सीबीएसई की बची हुई परीक्षाओं में दिव्यांग विद्यार्थियों को बड़ी राहत दी गई है। ये वे दिव्यांग विद्यार्थी हैं, जिन्हें लिखने के लिए स्क्राइब की जरूरत होती है। यानि इन्हें लिखने के लिए दूसरे व्यक्ति की जरूरत पड़ती है। अब इन विद्यार्थियों को सीबीएसई ने कहा है कि इन्हें बची हुई परीक्षा देने की जरूरत नहीं है। इन विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम असेसमेंट स्कीम के आधार पर तैयार किया जाएगा।
*सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी*
सीबीएसई का मानना है कि एक व्यक्ति को साथ में पेपर लिखने के लिए ले जाने से कोरोना संक्रमण के चलते सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की पालना नहीं हो सकती। ऐसे में यह निर्णय लिया गया है। हालांकि इन विद्यार्थियों को पहले अपने स्कूल में इसके लिए सूचना देनी होगी। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अभी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करना भी जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई ने यह निर्णय लिया है। दिव्यांगों के अधिकारों से जुड़े राइट टू पर्सन विथ डिसएबिलिटीज एक्ट 2016 के तहत ऐसे विद्यार्थियों को सीबीएसई कई सुविधाएं देता है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण से बचने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
गौरतलब है कि सीबीएसई की बची हुई परीक्षा एक जुलाई से 15 जुलाई के बीच होगी। करीब 29 विषयों की परीक्षाएं होना अभी शेष हैं। देश में ऐसे करीब 10 हजार दिव्यांग विद्यार्थी हैं, जिन्हें लिखने के लिए स्क्राइब की जरूरत होती है।
गौरतलब है कि सीबीएसई की बची हुई परीक्षा एक जुलाई से 15 जुलाई के बीच होगी। करीब 29 विषयों की परीक्षाएं होना अभी शेष हैं। देश में ऐसे करीब 10 हजार दिव्यांग विद्यार्थी हैं, जिन्हें लिखने के लिए स्क्राइब की जरूरत होती है।
7.*शिक्षक अभिरुचि दिवस पर पहले दो घंटे शिक्षकों ने लिंक से की माथापच्ची, परीक्षा में विभाग ही हो गया फेल*
*शिक्षा विभाग के समग्र शिक्षा अभियान व अतिरिक्त आयुक्तालय राजस्थान शिक्षा परिष्द की ओर से शुक्रवार सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक शिक्षक अभिरूचि दिवस के तहत सभी शिक्षकों को ऑनलाइन आकर मूल्यांकन के तहत कई प्रश्नों के उत्तर देने के लिए कहा गया।*
जोधपुर.
शिक्षा विभाग के समग्र शिक्षा अभियान व अतिरिक्त आयुक्तालय राजस्थान शिक्षा परिष्द की ओर से शुक्रवार सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक शिक्षक अभिरूचि दिवस के तहत सभी शिक्षकों को ऑनलाइन आकर मूल्यांकन के तहत कई प्रश्नों के उत्तर देने के लिए कहा गया। जबकि ये लिंक रविवार को शिक्षकों का ट्रेफिक अत्यधिक होने के कारण खुल ही नहीं पाया। कई शिक्षक दो घंटे माथापच्ची में लगे रहे, कइयों को दोपहर 3 बजे पता लगा कि समय शाम 5 बजे कर दिया गया है। उधर, ही शिक्षक संगठनों ने कहा कि शिक्षकों की परीक्षा भी विभाग ने आधी-अधूरी तैयारियों के साथ ली, इस कारण प्रयोग सफल ही नहीं हो पाया।
दरअसल, स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर अभिषेक भगोतिया ने एक अपील पत्र जारी कर शिक्षकों को सोशल मीडिया गु्रप द्वारा ऑनलाइन प्रशिक्षण रूचि आंकलन फार्म का लिंक शेअर किया। कक्षा 1 से 8 अग्रेजी, हिन्दी, गणित या विज्ञान पढ़ाने वाले राज्य के सभी अध्यापकों को अनिवार्य से लिंक फार्म भरने को कहा। इसमें कुछ प्रश्नों के उत्तर देने को कहा। लेकिन दो घंटे में लिंक ही नहीं खुला। अखिल राजस्थान संयुक्त कर्मचारी महासंघ एकीकृत संभाग अध्यक्ष मनीष कुमार आचार्य ने कहा कि समय सीमा बेहद कम रखी गई।
जबकि लेवल - 2 सामाजिक विज्ञान शिक्षकों को ये पता नहीं चल पाया कि वे किस विषय में अपना आंकलन करें। शिक्षक अभी विभिन्न ड्यूटी से जूझ रहा है। इस बीच ऐसे कार्य किसी प्रताडऩा से कम नहीं है। राजस्थान शिक्षक संघ राधाकृष्णन जिलाध्यक्ष इन्द्रविक्रमसिंह चौहान ने बताया कि पूरा कार्य आधी-अधूरी तैयारी के साथ हुआ। ग्रीष्मकालीन अवकाश के बावजूद शिक्षकों को बार-बार अन्य टास्क दिए जा रहे है। कइयों के लिंक खुले नहीं, वहीं जिन्हें प्रश्न पूछे, वे सब्जैक्ट रिलेटेड थे।
दरअसल, स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर अभिषेक भगोतिया ने एक अपील पत्र जारी कर शिक्षकों को सोशल मीडिया गु्रप द्वारा ऑनलाइन प्रशिक्षण रूचि आंकलन फार्म का लिंक शेअर किया। कक्षा 1 से 8 अग्रेजी, हिन्दी, गणित या विज्ञान पढ़ाने वाले राज्य के सभी अध्यापकों को अनिवार्य से लिंक फार्म भरने को कहा। इसमें कुछ प्रश्नों के उत्तर देने को कहा। लेकिन दो घंटे में लिंक ही नहीं खुला। अखिल राजस्थान संयुक्त कर्मचारी महासंघ एकीकृत संभाग अध्यक्ष मनीष कुमार आचार्य ने कहा कि समय सीमा बेहद कम रखी गई।
जबकि लेवल - 2 सामाजिक विज्ञान शिक्षकों को ये पता नहीं चल पाया कि वे किस विषय में अपना आंकलन करें। शिक्षक अभी विभिन्न ड्यूटी से जूझ रहा है। इस बीच ऐसे कार्य किसी प्रताडऩा से कम नहीं है। राजस्थान शिक्षक संघ राधाकृष्णन जिलाध्यक्ष इन्द्रविक्रमसिंह चौहान ने बताया कि पूरा कार्य आधी-अधूरी तैयारी के साथ हुआ। ग्रीष्मकालीन अवकाश के बावजूद शिक्षकों को बार-बार अन्य टास्क दिए जा रहे है। कइयों के लिंक खुले नहीं, वहीं जिन्हें प्रश्न पूछे, वे सब्जैक्ट रिलेटेड थे।
8.*स्कूल के खिलाफ एफआईआर, मान्यता निरस्त करने की तैयारी*
*शिक्षा विभाग के अलावा बोर्ड को भी फैसला लेना होगा। यह प्रक्रिया उच्च स्तरीय होती है।*
अजमेर.
विद्यार्थियों की परीक्षा लेने के मामले में एमपीएस स्कूल के खिलाफ शिक्षा विभाग ने एफआईआर दर्ज कराई है। विभाग ने स्कूल की मान्यता निरस्त करने के लिए शिक्षा निदेशालय को पत्र भेजा है।
एमपीएस स्कूल ने गुरुवार को नवीं और ग्यारहवीं के 48 विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए बुलाया था। प्रशासनिक निर्देश पर महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल की प्राचार्य विजयलक्ष्मी यादव और राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की प्राचार्य मंजु डीडवानिया और पुलिस मौके पर पहुंची। टीम ने विद्यार्थियों को तत्काल घर भेजा।
एमपीएस स्कूल ने गुरुवार को नवीं और ग्यारहवीं के 48 विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए बुलाया था। प्रशासनिक निर्देश पर महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल की प्राचार्य विजयलक्ष्मी यादव और राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की प्राचार्य मंजु डीडवानिया और पुलिस मौके पर पहुंची। टीम ने विद्यार्थियों को तत्काल घर भेजा।
*स्कूल के खिलाफ एफआईआर*
प्रशासन के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने स्कूल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। विभाग ने शिक्षा निदेशालय को स्कूल की मान्यता निरस्त करने का पत्र भेजा है। मालूम हो कि सीबीएसई ने नवीं-ग्यारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को प्रमोट करने के लिए सर्कूलर जारी किया है। इसमें प्रोजेक्ट, असाइनमेंट जैसे विकल्प शामिल है। सीबीएसई से सम्बद्धएमपीएस स्कूल सीबीएसई से सम्बद्ध है। इसकी मान्यता को लेकर शिक्षा विभाग के अलावा बोर्ड को भी फैसला लेना होगा। यह प्रक्रिया उच्च स्तरीय होती है।
9.*पढ़ेसरियों के लिए शिक्षा के दर्शन, शुरू हुई टीवी पर पढ़ाई*
*शनिवार को मस्ती की पाठशाला...*
श्रीगंगनगर.
कोरोना महामारी के कारण राज्य के विद्यार्थियों की पढ़ाई कम से कम बाधित हो इसके चलते राज्य सरकार व शिक्षा विभाग स्माइल,हवामहल व शिक्षावाणी जैसे कार्यक्रम संचालित कर रहा है। नवाचारों की इस कड़ी में शिक्षादर्शन कार्यक्रम सोमवार से राज्य भर में शुरू किया गया है। इसमें कक्षा 1 से 12वीं के विद्यार्थियों ने डीडी राजस्थान व कई अन्य चैनल के माध्यम से पढ़ाई की यह कार्यक्रम प्रतिदिन 3.15 घंटे प्रसारित किया जाएगा।
*यह रहेगा पहले सप्ताह का कार्यक्रम*
राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद उदयपुर द्वारा जारी प्रसारण कार्यक्रम के अनुसार कक्षा 9 व10 के लिए गणित,विज्ञान व समाजिक विज्ञान कक्षा 11 व 12 के भौतिक विज्ञान,रसायन विज्ञान, गणित व जीव विज्ञान तथा कक्षा 6 से 8 के लिए विज्ञान और कक्षा 1-3 को गणित विषय की पढ़ाई करवाई जाएगी।
*रोजाना लगेगी कक्षाएं*
कार्यक्रम से बच्चों की पढाई में भी फायदा तो होगा ही साथ ही इतने दिन बच्चे ऑनलाइन मोबाइल से पढ़ाई कर रहे थे। इसके चलते उनकी आंखें कमजोर होने का खतरा भी था। अब उससे भी मुक्ति मिलेगी। कई बार नेटवर्क के कारण ऑनलाइन कक्षा नहीं हो पाती थी। वहीं गावों के अधिकांश बच्चों के पास स्मार्ट फोन भी नहीं होने के कारण ऑनलाइन कक्षा से वंचित हो रहे थे।
*थोड़ी मस्ती, थोड़ी पढ़ाई*
शिक्षा दर्शन कार्यक्रम के तहत शनिवार को गतिविधि दिवस के रूप में रखा गया है। इसमें विद्यार्थियों को योग प्राणायाम, कॉमिक्स बनाना, कॅरिअर की जानकारी,मानसिक स्वास्थ्य, स्वच्छता आदि विषयों पर गतिविधियों के माध्यम से अध्ययन करवाया जाएगा।
*कार्यक्रम प्रसारण का समय*
कक्षा 9 -10 -दोपहर 12.30 से 1.30 तक
कक्षा 11-12 -दोपहर 1.30 से 2.30 तक
कक्षा 1-8 -दोपहर 3 बजे से 4.15 बजे तक
कक्षा 11-12 -दोपहर 1.30 से 2.30 तक
कक्षा 1-8 -दोपहर 3 बजे से 4.15 बजे तक
*टीवी पर क्लास लगाकर मजा आया*
राउमावि मदेरां के कक्षा नौ के छात्र अमित कुमार का कहना है कि टीवी पर विज्ञान और गणित विषय की पढ़ाई की गति संबंधी पाठ पढकऱ बड़ा मजा आया। अभिभावक पालाराम व बेगराज भाटी ने बताया कि सरकार बच्चों की पढ़ाई का पूरा ध्यान रख रही है।
गांव बॉर्डर के नजदीक होने के कारण मोबाइल नेटवर्क बाधित रहता है। इससे मोबाइल पर ऑनलाइन पढ़ाई में विद्यार्थी परेशानी महसूस करते हैं। अब टीवी पर पढ़ाई शुरू होने से बच्चों के लिए बेहद लाभदायक रहेगा।
-सुभाष बाना, व्याख्याता,राउमावि-मंदेरा
...
रेडियो के बाद अब टीवी पर भी कक्षायें लगाने से सभी विद्यार्थी घर बैठे पढ़ाई कर सकेंगे। विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों को दृश्य व श्रृव्य दोंनो माध्यम की सुविधा प्राप्त हुई है। कार्यक्रम में प्रसारित समस्त अध्ययन सामग्री कक्षावार और नए पाठ्यक्रम के अनुरूप है।
-भूपेश शर्मा, सहसंयोजक विद्यार्थी सेवा केंद्र माध्यमिक शिक्षा, श्रीगंगानगर।
गांव बॉर्डर के नजदीक होने के कारण मोबाइल नेटवर्क बाधित रहता है। इससे मोबाइल पर ऑनलाइन पढ़ाई में विद्यार्थी परेशानी महसूस करते हैं। अब टीवी पर पढ़ाई शुरू होने से बच्चों के लिए बेहद लाभदायक रहेगा।
-सुभाष बाना, व्याख्याता,राउमावि-मंदेरा
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रेडियो के बाद अब टीवी पर भी कक्षायें लगाने से सभी विद्यार्थी घर बैठे पढ़ाई कर सकेंगे। विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों को दृश्य व श्रृव्य दोंनो माध्यम की सुविधा प्राप्त हुई है। कार्यक्रम में प्रसारित समस्त अध्ययन सामग्री कक्षावार और नए पाठ्यक्रम के अनुरूप है।
-भूपेश शर्मा, सहसंयोजक विद्यार्थी सेवा केंद्र माध्यमिक शिक्षा, श्रीगंगानगर।
10.*विदेशी स्कूल के विद्यार्थियों की नहीं होगी परीक्षा*
अजमेर.
सीबीएसई से सम्बद्ध विभिन्न देशों के स्कूल में दसवीं-बारहवीं के बकाया पेपर नहीं होंगे। संबंधित देशों की सरकार की सख्त पाबंदियों के चलते बोर्ड ने यह फैसला लिया है। इन देशों के विद्यार्थियों को बोर्ड द्वारा निर्धारित मूल्यांकन प्रक्रिया के तहत उत्तीर्ण किया जाएगा।
सीबीएसई के श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत सहित कई देशों में स्कूल है। कोरोना संक्रमण के चलते इन देशों में भी हालात खराब हैं। बोर्ड विदेश के स्कूल में दसवीं-बारहवीं के बकाया पेपर नहीं कराएगा। इन स्कूल के विद्यार्थियों को मूल्यांकन प्रक्रिया के तहत पास किया जाएगा।
सीबीएसई के श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत सहित कई देशों में स्कूल है। कोरोना संक्रमण के चलते इन देशों में भी हालात खराब हैं। बोर्ड विदेश के स्कूल में दसवीं-बारहवीं के बकाया पेपर नहीं कराएगा। इन स्कूल के विद्यार्थियों को मूल्यांकन प्रक्रिया के तहत पास किया जाएगा।
*कंटेनमेंट जोन में नहीं होंगे केंद्र*
सीबीएसई ने विद्यार्थियों-परिजनों से जुड़ी प्रश्नावली में साफ किया है, कि कंटेनमेंट जोन में परीक्षा केंद्र नहीं होंगे। इन क्षेत्रों के विद्यार्थियों को दूसरे परीक्षा केंद्र आवंटित किए जाएंगे। विद्यार्थी परीक्षा केंद्र आवंटन अथवा बदलाव के लिए प्रार्थना पत्र स्कूल को देंगे। इसके लिए वे सीधे बोर्ड से संपर्क नहीं कर सकेंगे।
11.*बच्चों की पढ़ाई ने बढ़ाई अभिभावकों की चिंता, डिजिटल प्लेटफॉर्म विकल्प या विवशता*
*-कोरोना वायरस से स्कूल से लेकर कॉलेज शिक्षा तक प्रभावित*
श्रीगंगानगर.
देश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक जीवन के अलावा कोरोना वायरस ने जिस चीज को सर्वाधिक प्रभावित किया है वह शिक्षा व्यवस्था और पठन-पाठन। स्कूल से लेकर कॉलेज शिक्षा तक सब ठप हो गई है हालांकि अधिकतर स्कूल, कॉलेज या विश्वविद्यालयों ने जूम, गूगल क्लासरूम, माइक्रोसॉफ्ट टीम, स्काइप जैसे प्लेटफॉर्मों के साथ-साथ यूट्यूब,व्हाट्सएप आदि के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षण का विकल्प अपनाया है। जो इस संकट-काल में एकमात्र रास्ता है, लेकिन इस ऑनलाइन शिक्षा ने विद्यार्थियों के साथ-साथ अभिभावकों की जिम्मेदारी बढ़ा कर उन्हें पढ़ाई के लिए चिंतित कर दिया है। यह प्लेटफॉर्म कब तक चलेगा। इसे लेकर विद्यार्थी और अभिभावक खासी परेशानी में है।
*परीक्षा से दुगुना हुआ दबाव*
राज्य भर में सीबीएसई और आरबीएसई ने बचे हुए विषयों की समय सारणी जारी होने के बाद विद्यार्थियों और अभिभावकों पर शिक्षण का दबाव और अधिक बढ़ गया है। कोरोना के भय के बीच परीक्षा देने जाना विद्यार्थियों को मनोवैज्ञानिक रूप से प्रभावित कर रहा है।
*संसाधनों का अभाव बड़ी बाधा*
प्रदेश में प्रत्येक जिले के विद्यार्थियों के पास संसाधनों का नितान्त अभाव है। बहुत से अभिभावक ऐसे है जिनके पास मोबाइल, इंटरनेट, रेडियो और टीवी इनमें से एक भी संसाधन अध्ययन के लिए नहीं है। ऐसे में अभिभावक अपने बच्चों के लिए संसाधन जुटाने के लिए भी चिंतित हैं। सहपाठियों से पढ़ाई में पिछडऩे का भय भी इन बच्चों के लिए संकट बना हुआ है।
*ऑनलाइन पद्धति में ज्ञान का सीमित विकास*
शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ज्ञान का विकास करना है जो कि ऑनलाइन पद्धति में एक सीमा तक ही संभव है। इसमें पुस्तकीय और सैद्धांतिक ज्ञान तो हासिल होता है लेकिन व्यावहारिक ज्ञान से अपेक्षाकृत वंचित ही रहते हैं। विज्ञान, गणित, प्रौद्योगिकी और मेडिकल जैसे विषयों की पढ़ाई तो प्रयोग और व्यावहारिक जानकारी के बिना न तो मुमकिन होगी और न ही मुक्कमल।
*फैक्ट फाइल*
(यूडाइस-2019 डाटा के अनुसार)
राज्य में कुल विद्यालय-105674
राज्य में कुल विद्यार्थी-16445148
गंगानगर जिले ने कुल विद्यालय-3019
गंगानगर जिले में कुल विद्यार्थी-408826
हनुमानगढ़ जिले में कुल विद्यालय-2057
हनुमानगढ़ में कुल विद्यार्थी-384014
राज्य में कुल विद्यालय-105674
राज्य में कुल विद्यार्थी-16445148
गंगानगर जिले ने कुल विद्यालय-3019
गंगानगर जिले में कुल विद्यार्थी-408826
हनुमानगढ़ जिले में कुल विद्यालय-2057
हनुमानगढ़ में कुल विद्यार्थी-384014
*ये बोले अभिभावक*
वर्तमान परिदृश्य में ऑनलाइन शिक्षण के कारण बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। सारा दिन बच्चों पर नजर रखनी पड़ती हैं। खुद का मोबाइल ज्यादातर बच्चों के पास रहता है,जिससे अपने काम प्रभावित हो रहे हैं। ऑनलाइन शिक्षण मजबूरी है समाधान नहीं।
- वीना रानी गोठवाल,अभिभावक,जनता कॉलोनी श्रीगंगानगर
- वीना रानी गोठवाल,अभिभावक,जनता कॉलोनी श्रीगंगानगर
पहले बच्चों को मोबाइल से दूर रखते थे पर अब स्कूल की सारी पढ़ाई फोन और टीवी पर होने के कारण बच्चों को मना भी नहीं कर पाते। बच्चों की आंखों पर आ रहे बुरे असर से कारण चिंता होती है
-सोनिया यादव, अभिभावक, न्यू प्रेम नगर, श्रीगंगानगर।
-सोनिया यादव, अभिभावक, न्यू प्रेम नगर, श्रीगंगानगर।
*एक्सपर्ट व्यू--*
विद्यार्थी सेवा केंद्र शिक्षा विभाग श्रीगंगानगर के सह संयोजक भूपेश शर्मा का कहना है कि कोरोना काल में शिक्षण व्यवस्था को एक नया विकल्प मिला है। विद्यार्थियों के पास उपलब्ध संसाधनों को ध्यान में रखते हुए ही विभाग ने स्माइल, शिक्षावाणी, शिक्षा दर्शन जैसे कार्यक्रम शुरू कर रखे हैं। अभिभावकों की देखरेख में बच्चों को मोबाइल व लेपटॉप का विवेकपूर्ण प्रयोग करना जरूरी है। परंपरागत कक्षीय शिक्षा के साथ-2 वर्तमान समय के अनुसार शिक्षा का डिजीटल प्लेटफॉर्म बेहद उपयोगी है।
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