शिक्षा एवं रोजगार समाचार 06.06.2020


1.*4 अक्टूबर को होगी सिविल सेवा प्रीलिम्स, यूपीएससी ने 2020 के लिए संशोधित कैलेंडर किया जारी*
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने शुक्रवार को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर सिविल सेवा परीक्षाओं और साक्षात्कार का संशोधित शेड्यूल जारी किया।
संशोधित कैलेंडर के अनुसार, UPSC सिविल सेवा और IFS प्रारंभिक परीक्षा अब रविवार, 4 अक्टूबर, 2020 को आयोजित की जाएगी। सिविल सेवा (Mains) परीक्षा 8 जनवरी, 2021 को आयोजित की जाएगी, जबकि भारतीय वन सेवा (मुख्य परीक्षा) 2020 28 फरवरी, 2021 को आयोजित किया जाएगा।
एनडीए और एनए परीक्षा (I) और एनडीए और एनए परीक्षा (II), 2020 दोनों के लिए एक आम परीक्षा 6 सितंबर, 2020 को आयोजित की जाएगी।
साथ ही शेष उम्मीदवारों के लिए सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा, 2019 के लिए UPSC व्यक्तित्व परीक्षण 20 जुलाई, 2020 से फिर से शुरू किया जाएगा। आयोग द्वारा उम्मीदवारों को व्यक्तिगत रूप से सूचित किया जाएगा।
*परीक्षा का नाम और परीक्षा की तारीख*
1 संयुक्त भू-वैज्ञानिक (मुख्य) परीक्षा, 2020 शनिवार 8 अगस्त, 2020
2 इंजीनियरिंग सेवा (मुख्य) परीक्षा, 2020 रविवार 9 अगस्त, 2020
3 एन.डी.ए. & N.A. परीक्षा (II), 2020 रविवार रविवार 6, 2020
4 एन.डी.ए. & N.A. परीक्षा (I), 2020 रविवार रविवार 6, 2020
5 सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा, 2020 रविवार रविवार 4 अक्टूबर, 2020
6 भारतीय वन सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा,
सीएस (पी) परीक्षा के माध्यम से 2020 रविवार रविवार अक्टूबर 4, 2020
7 आई.ई.एस. / आई.एस. परीक्षा, 2020 शुक्रवार 16 अक्टूबर, 2020
8 संयुक्त चिकित्सा सेवा परीक्षा, 2020 गुरुवार 22 अक्टूबर, 2020
9 C.D.S. परीक्षा (II), 2020 रविवार रविवार 8 नवंबर, 2020
10 एस.ओ. / सीनो (जीडी-बी / जीडी-आई) एलडीसीई शनिवार 12 दिसंबर, 2020
यूपीएससी आरटी / परीक्षा रविवार 11 दिसंबर, 2020 के लिए 11 आरक्षित
12 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (एसी) परीक्षा, 2020 रविवार 22 दिसंबर, 2020
13 सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा, 2020 शुक्रवार 8 जनवरी, 2021
14 भारतीय वन सेवा (मुख्य) परीक्षा, 2020 रविवार 28 फरवरी, 2021
एक परिपत्र में, यूपीएससी ने कहा था, "विभिन्न परीक्षाओं और साक्षात्कारों के उम्मीदवारों को कुछ स्पष्टता देने के उद्देश्य से, जो पिछले दो महीनों में स्थगित कर दिए गए हैं, आयोग अपनी अगली बैठक में परीक्षाओं की संशोधित अनुसूची जारी करेगा।
हर साल की तरह, इस साल भी लगभग 10 लाख उम्मीदवारों ने सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए पंजीकरण किया है। UPSC जनवरी / फरवरी के महीने में आवेदन आमंत्रित करता है। उम्मीदवारों को मार्च तक आवेदन फॉर्म भरने के लिए कहा जाता है और प्रारंभिक परीक्षा अप्रैल / मई के महीनों में आयोजित की जाती है जबकि मुख्य परीक्षा जून में आयोजित की जाती है।
पात्र उम्मीदवारों को परीक्षा शुरू होने से पहले एक ई-एडमिट कार्ड जारी किया जाएगा। उम्मीदवारों द्वारा डाउनलोड करने के लिए ई-एडमिट कार्ड यूपीएससी की वेबसाइट - Https://Upsconline.Nic.In - में उपलब्ध कराया जाएगा। कोई भी एडमिट कार्ड डाक से नहीं भेजा जाएगा।
उम्मीदवारों को ध्यान देना चाहिए कि उद्देश्य प्रकार प्रश्न पत्रों में एक उम्मीदवार द्वारा चिह्नित गलत उत्तरों के लिए जुर्माना (नकारात्मक अंकन) होगा।
सिविल सेवा परीक्षा प्रतिस्पर्धी परीक्षा है जो भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय विदेश सेवा (IFS), और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) सहित विभिन्न सिविल सेवाओं में भर्ती के लिए संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा पूरे भारत में आयोजित की जाती है।


2.*एनएमएमएस स्कॉलरशिप के लिए 44 विद्यार्थियों का चयन , हर साल मिलेंगे 12 हजार रुपए*
*नेशनल मीन्स कम मेरिट परीक्षा में भींडर ब्लॉक क्षेत्र से सर्वाधिक 44 विद्यार्थियों का चयन*
मेनार.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय नई दिल्ली की योजना के तहत राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उदयपुर की ओर से आयोजित नेशनल मीन्स कम मेरिट परीक्षा (एनएमएमएस) का परिणाम गत दिवस घोषित किया गया है। इसमें राज्य के सरकारी विद्यालयों के कक्षा 8 के विद्यार्थियों ने भागीदारी निभाई थी। इसमें उदयपुर जिले के भींडर ब्लॉक क्षेत्र से सर्वाधिक 44 विद्यार्थियों का चयन हुआ है। राजस्थान में इस परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी उदयपुर स्थित राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को दी गई थी। जिसके द्वारा 8 दिसंबर 2019 को इस परीक्षा का आयोजन किया था । राज्य में कक्षा 8 में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए आयोजित इस परीक्षा में राज्य के 5471 विद्यार्थियों का चयन हुआ है। चयनित विद्यार्थियों को निर्धारित मापदंड पूरा करने पर अब चार साल तक एक हजार रुपए प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जाएगी। जिले के भींडर ब्लॉक के राजकीय उच्च माध्यमिक विधालय मेनार से 5 विद्यार्थियों का राष्ट्रीय मीन्स कम मेरिट छात्रवृत्ति के लिए चयन हुआ। प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी मेनार जालम सिंह सारंगदेवोत ने बताया कि एमएचआरडी के सान्‍न‍िध्‍य में राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा प्रत्येक वर्ष परीक्षा का आयोजन किया जाता है । इस परीक्षा में कक्षा आठ में अध्ययनरत विद्यार्थी शामिल होते हैंं। इस वर्ष मेनार उच्च माध्यमिक विद्यालय से मोहित पुंडरोत, महेंद्र मेनारिया, ललिता मेघवाल , हर्षित सोनियानावाला, राहुल मेघवाल का चयन हुआ । इन सभी विद्यार्थियों को कक्षा नवीं से बारहवीं तक प्रत्येक वर्ष 12 हजार जो चार वर्ष तक कुल 48 हजार रुपये छात्रवृत्ति के रूप में मिलेंगे। चयनित विद्यार्थियों की सूची शाला दर्पण के एनएमएमएस पोर्टल पर भी देखी जा सकती है। चयन परीक्षा के परिणामों की घोषणा के साथ ही राज्य शिक्षा केन्द्र ने चयनित विद्यार्थियों के दस्तावेजों के सत्यापन एवं उनके बैंक अकाउंट्स की जानकारी संबंधी कार्यवाही हेतु जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है।
12 वीं तक नियमित अध्ययन करने पर ही मिलेगा लाभ : परीक्षा में पात्र घोषित किए विद्यार्थियों को अपनी कक्षा 7वीं की अंक सूची, माता-पिता का आय प्रमाण पत्र, एस.बी.आई. या राष्ट्रीयकृत बैंक में खोले गए बचत खाते की जानकारी, कक्षा 9 वीं में नियमित रूप से अध्ययनरत होने का विहित प्रमाणीकरण, आवश्यकतानुसार जाति प्रमाण-पत्र जैसे अभिलेख एडमिशन के दौरान विद्यालय में जमा कराना होगा। विद्यार्थियों की जानकारियांं संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे। तत्पश्चात विद्यार्थी/संस्था का पंजीयन राष्ट्रीय छात्रवृति पोर्टल (एनएसपी) पर किया जाएगा।
*वरीयता सूची के आधार पर हुआ चयन :*
उल्लेखनीय है कि विगत 08 दिसम्बर 2019 को आयोजित इस परीक्षा में प्रदेश से कुल 38658 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। इसमें से राज्य के निर्धारित कोटा अनुसार 5471 परीक्षार्थियों का वरियता सूची के आधार पर चयन किया गया । इसमें सामन्य वर्ग के 3940 और अनुसूचित जाति के 875 एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के 656 परीक्षार्थी चयनित हुए है । राष्ट्रीय मीन्स कम मेरिट छात्रवृत्ति के तहत चयनित विद्याथियों को कक्षा 9वीं से 12वीं तक प्रति वर्ष 12,000/-रुपये की छात्रवृत्ति प्राप्त होती है।
*इन विधालयो के चुने गए सर्वाधिक छात्र*
राष्ट्रीय मीन्स कम मेरिट छात्रवृत्ति परीक्षा का परिणाम घोषित हो चुका है। इस परीक्षा का आयोजन राज्य स्तर पर हुआ है। जिसमे भींडर ब्लॉक के विधालयो से सर्वाधिक छात्र छात्राओं का चयन हुआ है। भींडर ब्लॉक से कुल 44 विद्यार्थियों का चयन हुआ है। जिसमे सबसे अधिक विद्यार्थी नांदवेल से है यहां से 10 का चयन हुआ है। वही ब्लॉक के भटेवर से 8 , टुस डांगियान 6 , मेनार 5 , गुपडी 2 , खेरोदा उच्च माध्यमिक 2 , खेरोदा जनजाति छात्रावास 2 , वाना 2 नारायणपुरा 3 , सिंहाड़ 3 एव सिंधीयो की बड़गांव से 1 विद्यार्थी का चयन हुआ है । इन्हें कक्षा 9 से लेकर 12 वीं तक नियमित अध्ययन करने पर प्रतिमाह 1 हजार रुपये छात्रवृत्ति के तौर पर मिलेंगे । जो कुल 4 साल की राशी 48 रुपये होगी।
महेंद्र कुमार जैन , मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी भींडर


3.*1989 वाले शिक्षकों को छोड़कर 1995 की नियुक्ति वाली शिक्षिका का किया प्रमोशन*
*-पिछले साल था सूची नाम, उससे पांच साल पहले ही हो चुका उसका प्रमोशन*
*-इस साल भी सूची से नाम गायब, मतलब हर बार होती है गड़बडिय़ां*
भरतपुर.
संभाग में थर्ड ग्रेड शिक्षकों की डीपीसी के नाम पर हर साल मामले सामने आते रहे हैं, इस बार कुछ शिक्षक संगठनों की जागरुकता व रिकॉर्ड खंगालने के बाद और भी हैरान करने वाले प्रकरण सामने आए हैं। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने 27 मई अंक में जिनका वर्षों पहले प्रमोशन हो चुका, उनका भी दिया पात्रता सूची में नाम शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर मामले का खुलासा किया था। इसके बाद से ही इस मामले को प्रमुखता से उठाया जा रहा है। इसमें अस्थायी पात्रता सूची की तमाम खामियों को सामने लाया गया है।
जानकारी के अनुसार संयुक्त निदेशक कार्यालय में पदोन्नति सूचियों में गड़बड़ी का खेल कुछ यूं चलता है कि वे चाहे तो किसी को भी वरिष्ठ या कनिष्ठ दिखा सकते हैं। या कार्यालय के अधिकारी और बाबू चाहें तो किसी को भी प्रमोशन मिल सकता है। इसकी बानगी यह है कि संयुक्त निदेशक कार्यालय भरतपुर की ओर से बीते साल संभाग के वरिष्ठ अध्यापक सामान्य 2019-20 की नियमित डीपीसी के लिए जारी की गई स्थाई पात्रता सूची के पात्रता क्रमांक 195 व मंडल मिश्रित वरीयता क्रमांक 2399 पर दर्ज धौलपुर की शिक्षिका का नाम प्रमोशन के लिए शामिल था, लेकिन इस साल की अस्थाई व स्थाई दोनों सूचियों में से इस शिक्षिका का नाम गायब कर दिया गया। असल मे काफी कनिष्ठ होते हुए भी इस शिक्षिका की नियुक्ति तिथि 31 मार्च 1995 है, लेकिन इसको 24 अप्रेल 2016 को ही पदोन्नति देकर प्रधानाध्यापक के पद पर पदस्थापन दे दिया गया। जबकि अभी धौलपुर जिले के 1991 में नियुक्त बड़ी संख्या में शिक्षक पदोन्नति की बाट जोह रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि संयुक्त निदेशक कार्यालय के ने अपनी गलती पर पर्दा डालते हुए वरिष्ठता सूची में से 5399 की वरिष्ठता क्रमांक पर अंकित शिक्षिका का नाम गायब कर दिया, ताकि यह गफलत शिक्षकों से छिपी रहे। ऐसा नहीं है कि इस प्रकरण की स्थानीय कार्यालय को शिकायत नहीं हुई। कई बार पदोन्नति से वंचित शिक्षकों ने लिखित में समय-समय पर तत्कालीन उप निदेशक कार्यालय को शिकायत भी की गई। पदोन्नति से जुड़े अधिकारी कर्मचारी इस प्रक्रिया में शामिल थे, इसलिए जिम्मेदारों के खिलाफ कार्यवाही तो दूर मामले को दबा दिया गया। यही नहीं सामान्य की सूची में वरिष्ठता क्रमांक 4278 पर अर्जुन सिंह, 4300 पर सुनील कुमार, 4304 पर जगदीश बाबू सक्सेना, 4317 पर रामप्रकाश आदि शिक्षकों की नियुक्ति तिथि 23 सितंबर 1991 है। जबकि वरिष्ठता सूची में इनसे कनिष्ठ शिक्षक श्याम वरन, हरीसिंह, भगवान दास आदि जिनकी नियुक्ति तिथि 1992 की है उनके नाम वरिष्ठता सूची में काफी ऊपर दर्शाए गए। संबंधित शिक्षकों ने संयुक्त निदेशक को पत्र लिखकर सूची में नियुक्ति तिथि के आधार पर वरिष्ठता क्रम सही निर्धारित करने की मांग की है। वहीं इस मामले की शिकायत कैबीनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह से भी की गई है।
*सूची में दिखाते हैं जन्मतिथि लेकिन नियुक्ति तिथि नहीं*
डीपीसी की सूचियों में पिछले कुछ साल से शिक्षकों की सिर्फ जन्मतिथि लिखी जा रही है, नियुक्ति तिथि अंकित करना ही बंद कर दिया है, ताकि वरिष्ठता के बारे में अन्य शिक्षकों को भी पता नहीं चल सके। जबकि नियुक्ति तिथि से ही वरिष्ठता निर्धारित होती है। प्रमोशन सूचियों में पहले नियुक्ति तिथि लिखी जाती थी।
*शिक्षक संघ शेखावत ने कैबीनेट मंत्री को सौंपा ज्ञापन*
भरतपुर. राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश संयुक्त मंत्री पवन शर्मा, अशोक सिसोदिया, बलवीर सिंह धरसौनी, विष्णुदत्त शर्मा ने कैबीनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की। ज्ञापन में उल्लेख किया है कि ग्रेड थर्ड शिक्षकों की डीपीसी की सूचियों में गड़बड़ी को लेकर संयुक्त निदेशक को ज्ञापन दिया गया था। यह मामला लगातार उठाया जा रहा है। उक्त पुष्टि खुद कार्यालय संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा के 30 मई के पत्र से भी हो चुकी है। संभाग स्तरीय पदोन्नति के लिए जारी पात्रता सूची में गड़बड़ी बरती ाज रही है। राज्य सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे अधिकारी व कर्मचारियों के विरुद्ध जांच कर पात्र शिक्षकों को न्याय दिलाया जाना चाहिए। साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।


4.*बिना ट्रेनिंग लॉकडाउन में बच्चों के लिए बनाया एप पहुंचा विश्व की टॉप 10 रैंक में*
सीकर.
यदि मन में कुछ करने का जुनून हो तो हर मुकाम आसान हो जाता है। यह साबित कर दिखाया है सीकर के दो युवाओं की जोड़ी ने। लॉकडाउन की वजह से स्कूल-कॉलेज व कोचिंग पर बे्रक लगा तो सीकर के इन युवाओं ने विद्यार्थियों के लिए ‘शिक्षावाणी’ मोबाइल एप बना दिया। इस बीच शिक्षा विभाग ने भी टीवी, रेडियो के जरिए पढ़ाई शुरू कराई, लेकिन कई गांव-ढाणियों में टीवी-रेडियो नहीं होने की समस्या आई। उन्होंने एप में बदलाव करते हुए रेडियो व टीवी से भी लिंक कर दिया। अब विद्यार्थी इस एप पर टीवी व रेडियो के जरिए भी आसानी से पढ़ाई कर सकते हैं। सेवाकर विभाग में टैक्स असिस्टेंट सुरेन्द्र कुमार तेतरवाल व राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गणेशमोड सीकर के प्रधानाध्यापक सुरेश ओला ने यह कमाल कर दिखाया है। फिलहाल गूगल प्ले की कम्प्यूनिकेशन कैटगरी में यह एप पहले पायदान पर है। दुनिया के कई देशों की टॉप टेन रैंक में यह शामिल है।
*दस दिन में 50 हजार ने किया डाउनलोड*
शिक्षावाणी एप को पिछले दस दिन में 50 हजार से अधिक लोग डाउनलोड कर चुके हैं। एप में रेडियो व टीवी की सुविधा होने से यह एप दुनिया के कई देशों में भारतीय परिवारों के लिए मददगार साबित हो रहा है।
*बिना प्रशिक्षण बनाते हैं एप*
दोनों युवाओं ने एप बनाने के लिए कोई औपचारिक प्रशिक्षण नहीं लिया। अपने जूनून के दम पर विभिन्न माध्यमों से उन्होंने एप बनाने की तकनीक सीखी। हालांकि दोनों युवाओं ने दूरस्थ शिक्षा से एमसीए की डिग्री ली है।
*एप में कक्षा एक से बारहवीं तक का ई-कंटेंट*
शिक्षावाणी मोबाइल एप में राजस्थान बोर्ड के सिलेबस के हिसाब से कक्षा एक से बारहवीं तक का कंटेंट उपलब्ध है। इसके अलावा रीट, पुलिस, एलडीसी सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए भी शिक्षण सामग्री है। शिक्षा विभाग के स्माइल प्रोजेक्ट की शिक्षण सामग्री भी इसमें तिथिवार संग्रहित की गई है।
*अब तक साढ़े पांच करोड़ बाजार मूल्य के एप दे चुके दान*
डिजिटल जोड़ी के नाम से पहचान बनाने वाले दोनों युवा राज्य सरकार को अब तक 110 से अधिक मोबाइल एप राजस्थान सरकार को दे चुके हैं। शिक्षा विभाग की ओर से गत वर्ष दोनों युवाओं को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने सम्मानित किया था।
*इनके यह एप सबसे ज्यादा चर्चा में*
इनके कई एप दस लाख से अधिक भी डाउनलोड हो चुके हैं। विश्व का इतिहास, विज्ञान प्रश्नोत्तरी व आइटीआई विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम से संबंधित एप सबसे ज्यादा चर्चित रहे हैं।


5.*अब गुरुजी की लग गई क्लास, विभाग पूछ रहा किसमें हैं रुचि*
*किया गया शिक्षकों का आंकलन, कक्षा 1 से 8 तक के शिक्षकों का किया गया आंकलन*
जयपुर।
शिक्षकों की जरूरत के हिसाब से ट्रेनिंग कार्यक्रम तय करने के लिए आज शिक्षकों की ऑनलाइन क्लास ली गई। इस क्लास में शिक्षकों की रुचि का आंकलन किया गया। उनसे पूछ गया कि आखिर उनकी रुचि किसमें है। इसके लिए आज शिक्षक अभिरूचि दिवस आयोजित किया गया। कक्षा 1 से 8 तक के शिक्षकों की आवश्यक्ताओं को बेहतर समझने के लिए यह आंकलन किया गया है। इसमें अंग्रेजी, हिंदी, गणित और विज्ञान विषय पढ़ाने वाले शिक्षकों की ऑनलाइन क्लास लगी। बीच में साइट रुकने से शिक्षकों को परेशानी भी हुई। इसमें बहुत से शिक्षक तो परीक्षा के लिए जुड़ ही नहीं सके।
*डिजिटल होंगे प्रशिक्षण*
अब शिक्षकों के कौशल एवं क्षमता संवर्धन के लिए इस साल से कुछ प्रशिक्षण डिजिटल माध्यम से करवाने की पहल की गई। इससे पहले आज शिक्षकों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को बेहतर समझने और उनके उचित प्रशिक्षण पैकेज बनाने के लिए एक प्रशिक्षण रुचि आंकलन आयोजित किया गया। दो घंटे की आज इसमें शिक्षकों की क्लास ली गई।
मंत्री गोविंद सिह डोटासरा ने भी टवीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण रुचि आंकलन में विषय और कक्षा में पढ़ाने की गतिविधियों व परिस्थितियों से संबंधित प्रश्न पूछे गए। उन्होंने बताया कि यह कोई परीक्षा नहीं हैं इसके परिणाम का पदोन्नति या स्थानान्तरण से कोई लेना देना नहीं है। इसका परिणाम भी गोपनीय रखा जाएगा। इस परीक्षा में किसी भी शिक्षका को पुरस्कृत नहीं किया जाएगा।


6.*NCERT ने सुरक्षित ऑनलाइन शिक्षा के लिए जारी की हैंडबुक, स्टूडेंट्स और पैरेंट्स को साइबर कानूनों के बारे में देगी जानकारी*
*5-11 वर्ष के आयु वर्ग के करीब 71 मिलियन बच्चे इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं*
*भारत में दो-तिहाई इंटरनेट उपयोगकर्ता 12-29 वर्ष के आयु वर्ग में हैं*
दैनिक भास्कर
नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने कोरोनावायरस के इस दौर में सुरक्षित ऑनलाइन शिक्षा के लिए एक बुक जारी की है। इस बुक का मकसद डिजिटल प्लेटफॉर्म को सिक्योर कर यह सुनिश्चित करना है कि टीचर्स, स्टूडेंट्स और पैरेंट्स सहित सभी हितधारकों को सुरक्षित रखा जाए। दरअसल, देशभर में लगातार जारी लॉकडाउन के कारण पढ़ाई को ऑनलाइन ही पूरा किया जा रहा है। ऐसे में डिजिटल तरीकों के बढ़ते उपयोग को देखते हुए इस बुक को जारी किया गया है।
*केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने किया ट्वीट*
इस बारे में मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एक ट्वीट में लिखा, "छात्रों और शिक्षकों को सुरक्षित ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से आज @ncert & @UNESCO #NewDelhi कार्यालय द्वारा विकसित "कोविड19 के दौरान सुरक्षित तरीके से ऑनलाइन माध्यम द्वारा सीखना" नामक एक सूचना पुस्तिका जारी की है । यह हैंडबुक NCERT की ऑफिशियल वेबसाइट ncert.nic.in पर उपलब्ध है।
*कानूनों के बारे में देगी जानकारी*
यह पुस्तक स्टूडेंट्स को साइबरबुलिंग, साइबर स्पेस के साथ ही किसी भी दुर्व्यवहार के मामले में स्टूडेंट्स और पैरेंट्स की सुरक्षा के लिए भारतीय क्षेत्राधिकार में कानूनों के बारे में जानकारी देती हैं। देश में, 5-11 वर्ष के आयु वर्ग के करीब 71 मिलियन बच्चे अपने परिवार के सदस्यों के उपकरणों पर इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। इससे देश के सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ता का 500 मिलियन से अधिक का 14 प्रतिशत हिस्सा बनता है। भारत के इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन के अनुसार भारत में दो-तिहाई इंटरनेट उपयोगकर्ता 12-29 वर्ष के आयु वर्ग में हैं। ऐसे में हैंडबुक बच्चों के लिए काफी मददगार साबित होगी।


7.*स्टूडेंट्स को बुलाया स्कूल ने, अफसरों और पुलिस ने रुकवाया एग्जाम*
*शिक्षा विभाग की टीम अैार क्रिश्चयनगंज थाना पुलिस पहुंची मौके पर*
अजमेर.
सरकार की पाबंदी के बावजूद एमपीएस स्कूल ने नवीं और ग्यारहवीं के विद्यार्थियों को पूरक परीक्षा के लिए बुला लिया। सूचना मिलते ही तत्काल जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से टीम और क्रिश्चयनगंज थाना पुलिस मौके पर पहुंची। टीम ने विद्यार्थियों को तत्काल घर भेज दिया। अब जिला प्रशासन की रिपोर्ट पर स्कूल के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।
लॉकडाउन के चलते सीबीएसई ने नवीं और ग्यारहवीं के विद्यार्थियों को प्रमोट करने के लिए असाइनमेंट, प्रोजेक्ट और अन्य विकल्पों से परीक्षा लेने को कहा है। ताकि विद्यार्थियों को उत्तीर्ण होने में आसानी हो। एमपीएस स्कूल ने नवीं और ग्यारहवीं के 48 विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए बुला लिया। यह सूचना जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग तक पहुंची।
*विद्यार्थियों को भेजा घर*
कोरोना संक्रमण के चलते केंद्र और राज्य सरकार ने स्कूल, कॉलेज, जिम, मॉल खोलने पर पाबंदी लगाई है। इसके बावजूद स्कूल ने विद्यार्थियों को स्कूल बुला लिया। शिक्षा विभाग से विजय लक्ष्मी यादव और अन्य अफसरों की टीम स्कूल पहुंची। टीम ने विद्यार्थियों को तत्काल घर भेज दिया। सूचना मिलने पर क्रिश्चयनगंज थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची। शिक्षा विभाग की टीम ने प्राचार्य और स्कूल प्रबंधन को पाबंद किया। साथ ही भविष्य में बगैर मंजूरी के स्टूडेंट्स को बुलाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी।
स्कूल विद्यार्थियों को वापस घर भेजा दिया गया। स्कूल खोलने और विद्यार्थियों को बुलाने पर पाबंदी है। जिला प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार स्कूल के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।
दिनेश कुमावत, क्रिश्चयनगंज थाना प्रभारी
नवीं-ग्यारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को प्रमोट करने के लिए सर्कूलर जारी किया है। इसमें प्रोजेक्ट, असाइनमेंट जैसे विकल्प शामिल है। स्कूल को लेकर हमारे पास कोई मामला नहीं आया है।
पूनम रानी, संयुक्त सचिव, सीबीएसई अजमेर जोन


8.*विद्यार्थियों और शिक्षकों को किया जाएगा सेनेटाइज*
*बोर्ड परीक्षा समाप्त हुई तो एक साथ नहीं छोड़ेंगे बच्चों को, जहां पूरे कमरे नहीं वहां बनाए परीक्षा उप केन्द्र*
अलवर.
कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए बोर्ड परीक्षा के लिए प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की जाएगी। परीक्षा में विद्यार्थी व केंद्र पर नियुक्त अधिकारी व कर्मचारी को केन्द्र पर घर से मास्क पहन कर आना होगा।
परीक्षा केंद्र को परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा समय से 1 घंटे पूर्व खोल दिया जाएगा परीक्षा केंद्र पर केंद्र अधीक्षक की ओर से सेनेटाइजर, साबुन और पानी की व्यवस्था की जाएगी । प्रत्येक परीक्षार्थी व कार्मिक सेनेटाइज होकर ही परीक्षा कक्षा में जा सकेंगे तथा 2 परीक्षार्थियों के बीच पर्याप्त दूरी रखने के निर्देश प्रदान किए गए हैं। इस संबंध में विद्यालय में परीक्षा कक्षों की संख्या लगभग 40 प्रतिशत बढ़ाने के लिए भी केंद्र अधीक्षकों को निर्देश गए हैं। विद्यालय में उपलब्ध पुस्तकालय व प्रयोगशाला आदि में व्यवस्था करनी होगी इसके अलावा विद्यालय गैलरी में भी उचित व्यवस्था की जाएगी । जिले में परीक्षा केंद्र ९ चिन्हित किए गए हैं जहां पर कमरों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है इसके लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की ओर से इन परीक्षा केंद्रों के उप केंद्र बनाए गए हैं जहां पर एक राजपत्रित अधिकारी की नियुक्ति कार्यालय की ओर से की जाएगी।
जिला शिक्षा अधिकारी राकेश शर्मा ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की कक्षा 10 व 12 की शेष बची परीक्षाएं 18 जून से प्रारंभ हो रही है। इसके लिए सभी केंद्र अधीक्षक, अतिरिक्त केंद्र अधीक्षक तथा पेपर कोऑर्डिनेटर को समस्त व्यवस्थाएं पूर्व की तरह सुनिश्चित करने के निर्देश प्रदान किए गए हैं।
*यहां बनाए उप परीक्षा केंद्र*
भारतीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बहरोड़ के अंतर्गत बी आर टी टी कॉलेज बहरोड़ , बालिका खैरथल के अंतर्गत दुलानी विद्या मंदिर खैरथल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बारा भडक़ोल के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय बारा भडक़ोल, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कुतीना के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय कुतीना, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मुंडावरा के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय मुंडावरा, विद्यालय बालिका नारायणपुर के अंतर्गत भारती उच्च माध्यमिक विद्यालय नारायणपुर , राजकीय विद्यालय हमीरपुर थानागाजी के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय हमीरपुर , राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कलसाडा के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय कलसाडा तथा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कस्बा डेहरा के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय कस्बा डेहरा का भवन है।
एक साथ नहीं छोड़ा जाएगा
अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी मुकेश किराड़ ने बताया कि परीक्षा की समाप्ति के बाद भी परीक्षार्थियों को परीक्षार्थियों को एक साथ नही छोड़ा जाएगा प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर केंद्र अधीक्षक अतिरिक्त केंद्र अधीक्षक तथा अधीक्षक पूर्व की तरह कार्य संपादित करेंगे तथा परीक्षा केंद्रों पर अपनी समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश भी प्रदान किए गए हैं।
*कम मिलेंगी जांच के लिए कॉपियां*
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के निर्देश अनुसार परीक्षा परिणाम की घोषणा के मद्देनजर शेष बची परीक्षाओं की परीक्षकों को इस बार 450 उत्तर पुस्तिकाओं के स्थान पर 300 उत्तर पुस्तिकाओं का बंडल अंकन कार्य किया जाएगा । परीक्षा दिवस के 3 दिन के बाद ही संग्रहण वितरण केंद्र से उत्तर पुस्तिकाएं परीक्षकों को वितरित की जाएंगी । जिले के राजकीय विद्यालय में नियुक्त अध्यापकों उत्तर पुस्तिकाओं का कार्य करना आवश्यक होगा । उत्तर पुस्तिकाओं को 8 से 10 दिवस में जांच कर इन्हें करवाया जाएगा।


9.*RPSC: फुल कमीशन तय करेगा कैलेंडर और साक्षात्कार कार्यक्रम*
*केंद्रों की उपलब्धता, सेनेटाइजेशन अति संक्रमित इलाकों के हालात और अन्य पहलुओं पर खास चर्चा करेगा।*
अजमेर.
राजस्थान लोक सेवा आयोग परीक्षा और भर्तियों की तैयारी में जुट गया है। शुक्रवार को आयोग में फुल कमीशन की बैठक होगी। इसमें छह परीक्षाओं के साक्षात्कार और बकाया भर्ती परीक्षा की तिथि तय होगी।
आयोग को जनसम्पर्क अधिकारी, पुलिस सब इंस्पेक्टर-प्लाटून कमाडंर और अन्य भर्तियों के साक्षात्कार कराने हैं। इसके अलावा प्राध्यापक भर्ती, सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष और अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं करानी हैं।
*आवाजाही से परीक्षा केंद्र तक विचार*
आयोग कोरोना संक्रमण को देखते हुए अभ्यर्थियों की आवाजाही, परिवहन साधन, होटल, सराय में ठहरने की व्यवस्थाएं परीक्षा केंद्रों की उपलब्धता, सेनेटाइजेशन अति संक्रमित इलाकों के हालात और अन्य पहलुओं पर खास चर्चा करेगा।
*डीपीसी पर भी चर्चा*
आयोग को कई सरकारी विभागों की डीपीसी करानी है। इसमें आयोग सदस्य और संबंधित महकमों के अधिकारी शामिल होते हैं। डीपीसी अजमेर या जयपुर में कराने, कोरोना संक्रमण की स्थिति और अन्य पहलुओं पर भी चर्चा की जाएगी। इसके अलावा सरकार से नई अभ्यर्थना को लेकर विचार विमर्श होगा।
फुल कमीशन की बैठक होनी है। इसमें साक्षात्कार, परीक्षा तिथियों के अलावा सुरक्षा उपायों, परिवहन एवं संसधानों पर चर्चा करेंगे।
दीपक उप्रेती, अध्यक्ष राजस्थान लोक सेवा आयोग


10.*राजस्थान बोर्ड : परीक्षा परिणामों को लेकर आई यह बड़ी खबर*
अजमेर।
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं के अधिकांश परिणाम अगले माह जुलाई में जारी कर दिए जाएंगे। कोराना संक्रमण की वजह से बीच में ही स्थगित हो चुकी परीक्षाएं इसी माह ले ली जाएंगी। इसके तुरंत बाद परिणाम जारी करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
बोर्ड की परीक्षाएं मार्च में लॉकडाउन की वजह से स्थगित कर दी गई थी। हालांकि तब तक बारहवीं और दसवीं के अधिकांश विषयों की परीक्षाएं ली जा चुकी थी। दसवीं परीक्षा के दो महत्वपूर्ण गणित आौर सामाजिक विज्ञान सहित बारहवीं के कुछ विषयों की परीक्षाएं इसी माह ली जानी है। शिक्षा बोर्ड ने इसका टाइम-टेबिल भी जारी कर दिया है। बारहवीं और दसवीं की अंतिम परीक्षा 30 जून को ली जाएगी।
*पहला परिणाम बारहवीं विज्ञान का*
बोर्ड इस साल भी अपना पहला परिणाम बारहवीं विज्ञान आौर वाणिज्य का जारी करेगा। यह परिणाम जुलाई के दूसरे सप्ताह तक जारी कर दिया जाएगा। इसके बाद वरिष्ठ उपाध्याय और बारहवीं कला वर्ग का परिणाम जारी किया जाएगा। बोर्ड प्रशासन का प्रयास है कि बारहवीं सहित दसवीं कक्षा का परिणाम भी जुलाई के अंत तक जारी कर दिया जाए ताकि नए शौक्षणिक सत्र सहित उच्च शिक्षाके लिए देश भर में शुरू होने वाली प्रवेश प्रक्रिया में राजस्थान बोर्ड के विद्यार्थियों को समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
*अब तक हुई परीक्षाआों का परिणाम तैयार*
लॉकडाउन से पूर्व हो चुकी बारहवीं विज्ञान, वाणिज्य, कला वर्ग, वरिष्ठ उपाध्याय और दसवीं की परीक्षाआों की सभी उत्तरपस्तिकाओं का मूल्यांकन करवा लिया गया है। जानकारी के अनुसार इन विषयों की लगभग 60 से 70 लाख उत्तरपुस्तिकाएं जंचवा ली गई है। परीक्षकों ने कॉपियां जांचकर उनके प्राप्तांक भी बाोर्ड कार्यालय भिजवा दिए हैं। बोर्ड ने इसके आधार पर अब तक हुए विभिन्न विषयों की परीक्षाआों के परिणाम को अंतिम रूप दे दिया है।
*तय समय में कापी जंचवानी की विशेष व्यवस्था*
अब तक हो चुकी परीक्षाआों की सभी उत्तरपुस्तिकाएं जंचवा ली गई हैं। अब शेष बची परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिकाओं को भी निर्धारित समय में जंचवाने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। प्रयास किया जाएगा कि परीक्षा समाप्ति के 10-15 दिन में परिणाम जारी कर दिए जाएं।
-अरविंद कुमार सेंगवा, सचिव माशिबो


11.*CBSE बोर्ड अपडेट / सुविधाओं के अभाव में परीक्षा छोड़ सकते हैं दिव्यांग स्टूडेंट्स, वैकल्पिक मूल्यांकन के आधार पर जारी होगा रिजल्ट*
स्टूडेंट्स को लिखने के लिए सहायक उपलब्ध नहीं होता तो वह परीक्षा छोड़ने का विकल्प चुन सकते हैं.....
अजमेर।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने चिल्ड्रन विद स्पेशल नीड्स की श्रेणी में आने वाले स्टूडेंट्स को 10वीं- 12वीं की बची परीक्षाओं में शामिल ना होने का विकल्प दिया है। दरअसल, इन स्टूडेंट्स को परीक्षा के लिए लिखने के लिए सहायक आवश्यकता होगी। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना कठिन होगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए CBSE ने कहा कि ऐसे स्टूडेंट्स के नतीजे वैकल्पिक मूल्यांकन योजना के आधार पर जारी किए जाएंगे।
*कैलकुलेटर के प्रयोग कर सकेंगे दिव्यांग छात्र*
इस बारे में बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यदि ऐसे स्टूडेंट्स को लिखने के लिए सहायक उपलब्ध नहीं होता और वह आने वाली परीक्षा में शामिल नहीं होना चाहते हैं, तो वह इस बारे में अपने स्कूलों को जानकारी दे सकते हैं। इसके बाद उनका रिजल्ट वैकल्पिक मूल्यांकन योजना के मुताबिक तय किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि अतिरिक्त समय, राइटर या रीडर, कंप्यूटर या लैपटॉप (इंटरनेट के बिना) के साथ ही दिव्यांग बच्चों को इस साल कैलकुलेटर के प्रयोग की भी अनुमति दी गई है। चिल्ड्रन विथ स्पेशल नीड्स (CWSN) श्रेणी के तहत दृष्टिबाधित, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, लोकोमीटर इंपेयरर्ड, बौनापन आदि शामिल है। इस साल ऐसे उम्मीदवारों की संख्या कक्षा 10वीं में 6,844 और 12वीं में 3,718 हैं।
*1 से 15 जुलाई के बीच होगी परीक्षा*
देशभर में कोरोनावायरस के बढ़ते प्रसार के कारण 24 मार्च से लगाए गए लॉकडाउन की वजह से देश भर के सभी शिक्षण संस्थान बंद है। इसके अलावा सभी राज्यों की बोर्ड और प्रतियोगी परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं। इसी क्रम में CBSE ने भी अपनी सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई थी, लेकिन अह यह परीक्षाएं देशभर में 1 से 15 जुलाई के बीच आयोजित की जाएगी। कक्षा 12वीं के लिए सिर्फ जरूरी 29 विषयों की परीक्षा ली जाएगी, जबकि 10वीं की परीक्षा केवल उत्तर पूर्व दिल्ली के स्टूडेंट्स के लिए ही आयोजित होगी।


12.*एडमिशन अलर्ट / इग्नू ने शुरू की विभिन्न ऑनलाइन प्रोग्राम के लिए एडमिशन प्रोसेस, ऑफिशियल वेबसाइट के जरिए करें अप्लाय*
इग्नू ने स्वयं पोर्टल पर अपने 24 और कोर्सेस भी जोड़ दिए है, जिसके बाद अब कोर्स की संख्या 45 तक पहुंच गई है....
कोटा।
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) ने विभिन्न ऑनलाइन प्रोग्राम और स्वंय कोर्सेस के लिए ऑनलाइन एडमिशन के लिए प्रोसेस शुरू कर दी है। इन कोर्सेस में दाखिला लेने के इच्छुक उम्मीदवार इग्नू की ऑफिशियल वेबसाइट ignou.ac.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यूनिवर्सिटी ने इस बार दस नए ऑनलाइन कोर्सेस की शुरुआत की है।
इस बारे में इग्नू के वीसी, प्रो नागेश्वर राव ने फेसबुक लाइव सेशन के जरिए जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन कोर्सेस की शुरुआत मानव संसाधन विकास मंत्रालय की भारत पढ़े ऑनलाइन मुहिम के तहत की गई है।
*दस नए ऑनलाइन कोर्सेस शुरू*
इन दस नए ऑनलाइन कोर्सेस में एग्रीकल्चरल, सस्टेनेबिलिटी साइंस, लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस, सोशियोलॉजी, लॉ, टूरिज्म, लेंग्वेज, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, इवेंट मैनेजमेंट और विजुअल आर्ट शामिल हैं। इग्नू ने स्वयं पोर्टल पर अपने 24 और कोर्सेस भी जोड़ दिए है। जिसके अब स्वयं पोर्टल पर इग्नू के उपलब्ध कोर्स की संख्या 45 तक पहुंच गई है। इन कोर्सेस में आवेदन के लिए छात्र-छात्राएं इग्नू के ऑनलाइन पोर्टल के अलावा समर्थ पोर्टल ignouiop.samarth.edu.in के जरिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। वहीं, स्वयं कोर्सेस के लिए स्टूडेंट्स को https://swayam.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
*देश में अनलॉक होना शुरू*
देश भर में लगातार बढ़ रहे कोरोनावायरस के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से सभी शैक्षणिक संस्थान मार्च से ही बंद चल रहे हैं। इसके अलावा CBSE और ICSC समेत तमाम राज्यों की बोर्ड परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई थी। हालांकि, देश में 1 जून से शुरू हुए अनलॉकडाउन के बाद से शैक्षणिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। इसी कड़ी में CBSE और ICSC बोर्ड की बची हुईं 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं जुलाई में आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा कई प्रतियोगी परीक्षाओं की भी डेटशीट जारी कर दी गई है।



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