1.बिग ब्रेकिंग
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच मीटिंग
10वी व 12वी क्लास की बची हुई परीक्षा जून महीने में करवाने का फैसला
जल्द ही जारी होगा टाईम टेबल
---------------------------------------------
2.*मन चाहा उस शिक्षक को जोड़ा तो किसी को सूची से छोड़ा*
*-डीईओ ने लिखा सीबीईओ को लिखा पत्र*
भरतपुर.
शिक्षा विभाग की ओर से निकलने वाली शिक्षकों की अस्थायी पात्रता सूची में मनचाहा उस शिक्षक को जोड़ दिया जाता है और मनचाहा तो उसे छोड़ दिया जाता है। डीपीसी के नाम गड़बड़ी का यह खेल पिछले कई वर्षों से चल रहा है। हकीकत यह है कि इस गड़बड़ी में बड़ी जिम्मेदारी खुद डीईओ कार्यालयों की होती है। क्योंकि उनकी ओर से ही सूचियां संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा कार्यालय में भेजी जाती है। जहां उन सूचियों को अस्थायी पात्रता सूची बताकर जस का तस जारी कर दिया जाता है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने 27 मई अंक में जिनका वर्षों पहले प्रमोशन हो चुका, उनका भी दिया पात्रता सूची में नाम शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर मामले का खुलासा किया था। मामले का लगातार खुलासा होने के बाद अब भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ओर से खुद की कमियों को छिपाने का प्रयास किया जा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय माध्यमिक प्रेमसिंह कुंतल ने जिले के सभी मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को जारी पत्र में कहा है कि 2020-21 में पदोन्नति के लिए अस्थायी पात्रता सूची जारी की गई है। उक्त पात्रता सूची में परीक्षण करने पर ब्लॉकों में कार्यरत तृतीय श्रेणी शिक्षकों का विवरण भेजा जा रहा है। इसलिए संबंधित बिंदुओं के आधार पर 29 मई की सुबह 10 बजे तक रिपोर्ट प्रेषित करें। संबंधित शिक्षक का पदस्थापन सूची में अंकित विद्यालय में है या नहीं यदि नहीं है तो किस विद्यालय में कार्यरत है। पात्रता सूची के विवरण में संबंधित शिक्षक का विषय भी अंकित किया गया है। इसलिए विषय की जांच करें। यदि विषय में भिन्नता पाई जाती है तो अन्य विषय में नाम जुड़वाने के लिए प्रकरण तैयार कर भेजें। संबंधित कार्मिकों की सात वर्ष की वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन वर्ष 2013-14 से 2019-20 तक तैयार कर भेजनी है। संबंधित शिक्षकों के संतान संबंधी शपथ पत्र भी भेजने हैं। यदि किसी कार्मिक के खिलाफ विभागीय जांच है तो उसका विवरण भी भेजा जाए।
---------------------------------------------
3.*अंक बढ़वाने के लिए आ सकता है फोन, झांसे में न आएं*
*अभिभावकों को सतर्क रहने और इसकी सूचना तुरंत पुलिस व सीबीएसई के स्थानीय कार्यालय में देने को कहा*
जयपुर.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से नोटिस जारी किया गया है। इसके अनुसार कुछ लोग खुद को सीबीएसई का अधिकारी बताकर अभिभावकों को फोन कर छात्रों के अंक बढ़वाने का दावा कर रहे हैं। इसके लिए मोटी रकम मांगी जा रही है। बोर्ड के अनुसार एसे लोग फर्जी हैं। सीबीएसई कभी इस तरह का काम नहीं करता है। उन्होंने अभिभावकों को सतर्क रहने और इसकी सूचना तुरंत पुलिस व सीबीएसई के स्थानीय कार्यालय में देने को कहा है। उल्लेखनीय है कि सीबीएसई की बची परीक्षाएं 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच होंगी। इसका शेड्यूल पहले ही जारी किया जा चुका है।.
---------------------------------------------
4.*वरिष्ठ शिक्षक संघ ने डीपीसी को लेकर शिक्षा निदेशक को लिखा पत्र*
दैनिक भास्कर
प्रतापगढ़.
राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ रेस्टा के उदयपुर जिलाध्यक्ष दर्शन मेनारिया ने बताया कि प्रदेशाध्यक्ष भैरूराम चौधरी, प्रदेश महामंत्री मदन गढ़वाल ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी व संयुक्त निदेशक कार्मिक नूतन बाला कपिला को पत्र लिखकर वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता डीपीसी वर्ष 2020-21 में राज्य स्तरीय वरिष्ठता सूची 2014-15 वाले वरिष्ठ अध्यापकों को शामिल करने की मांग की। जिलाध्यक्ष मेनारिया ने बताया कि कुछ विषयों जैसे गृह विज्ञान, वाणिज्य में 2013-14 तक पात्र सभी अभ्यर्थियों का पिछले वर्ष की वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता डीपीसी में चयन हो चुका है, जबकि इस वर्ष की वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता वरिष्ठता सूची में 2013-14 तक की सूची वालों को ही शामिल किया गया है। जिसमें जितने डीपीसी के पद है उससे कम अभ्यर्थी मिलेंगे। जबकि वरिष्ठता सूची 2014-15 वाले अभ्यर्थियों का भी 5 वर्ष का अनुभव पूर्ण हो चुका है। इस वर्ष की वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता डीपीसी में सभी विषयों के 2014-15 वाले अभ्यर्थियों को शामिल कर डीपीसी करने की मांग की।
---------------------------------------------
5.*लॉकडाउन में विद्यार्थियों का भविष्य भी 'लॉक'*
*- परीक्षाओं की तिथि में विद्यार्थी लगाए बैठे हैं टक-टकी*
*- माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षा का मामला*
डूंगरपुर.
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते बीरबल की खिचड़ी बन गई हैं। स्थितियां यह है कि मार्च के बाद मई माह भी पूरा गुजरने को आया। पर, अब तक परीक्षा की तिथि घोषित नहीं हो पाई है। ऐसे में स्थितियां यह है कि विद्यार्थी एवं अभिभावक शेष बची परीक्षाओं के इंतजार में टक-टकी लगाए बैठे हैं। परीक्षाओं के संबंध में अधिकृत घोषणा के अभाव में आगामी कॅरियर चयन में भी खासी समस्याएं आ रही हैं।
*विभाग भी है मौन*
मार्च माह में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के चलते लॉकडाउन प्रथम लगाया गया। इसके बाद लॉकडाउन द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ लगे। इसके मद्देजनर शिक्षण संस्थानों पर भी ताले लगा दिए और परीक्षाएं स्थगित कर दी। उस दौरान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं एवं 12वीं की परीक्षाएं उतराद्र्ध में थी। लेकिन, लॉकडाउन के चलते माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने समस्त शेष परीक्षाएं स्थगित कर दी। पूरे वर्ष भर की मेहनत के बाद परीक्षाएं देने का इंतजार कर रहे विद्यार्थियों के लिए यह निर्णय तत्कालीन समय में चिंता भरा था। लेकिन, अब शेष परीक्षाओं को लेकर सरकार, शिक्षा विभाग एवं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सभी की मौन है। ऐसे में विद्यार्थी अपने भविष्य को लेकर आशंकित है।
*यह परीक्षाएं हैं शेष*
12वीं में भूगोल, हिन्दी साहित्य, गृह विज्ञान, संस्कृत साहित्य, उर्दू, अंग्रेजी साहित्य, चित्रकला सहित व्यवसायिक विषय के प्रश्न पत्र शेष हैं। वहीं, 10वीं कक्षा में गणित विषय का पर्चा शेष है। जिले में 12वीं में जहां 17 हजार 454 विद्यार्थी तथा दसवीं में 26 हजार 723 विद्यार्थियों को शेष परीक्षाओं का इंतजार है।
*यह चुनौतियां बन रही रोड़ा*
. जिले सहित प्रदेश में बढ़ता कोरोना संक्रमण का ग्राफ।
. सरकारी विद्यालयों के छोटे कक्षा-कक्षों में सोशल डिस्टेसिंग की पालना।
. विद्यार्थी को कक्षा-कक्ष में आने से पूर्व सेनेटाइज करना।
. परीक्षा-कक्षों में शिक्षकों की लगातार पर्यवेक्षण करना।
. लोक परिवहन सेवाएं बंद होने से विद्यार्थियों को विद्यालयों तक पहुंचना।
*परीक्षा होते ही चले जाते हैं सीकर-कोटा*
अमूमन जिले के विद्यार्थी 10वीं एवं 12वीं की परीक्षाएं संपन्न होते ही आगामी वर्षों या कहे अच्छे कॅरियर की तलाशी में सीकर एवं कोटा शहरों की ओर कूच कर जाते हैं। लेकिन, इस बार स्थितियां यह है कि मई माह उतर्राद्ध तक भी विद्यार्थियों की परीक्षाएं ही नहीं हुई हैं। वहीं, अन्य बड़े शहरों में शिक्षण संस्थानों में जाने की बात ही नहीं रही। ऐसे में विद्यार्थी एवं उनके अभिभावक खासे चिंतित हैं।
*अधिकारी ने कहा...*
. शेष रही बोर्ड परीक्षाओं को लेकर नियमित बोर्ड से सूचनाएं मांगी जा रही है। सरकार एवं बोर्ड इस दिशा में जल्द ही कोई निर्णय लेगी। यदि परीक्षाएं होती है, तो बोर्ड के निर्देशानुसार व्यवस्थाएं जमाई जाएगी।
- बंशीलाल रोत, जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक
---------------------------------------------
6.*एलडीसी भर्ती में फिर गड़बड़ी, तीन पद, छह चयनित आवंटित*
*जिला आवंटन मामले में पहले भी सवाल उठ चुके हैं*
जयपुर.
एलडीसी भर्ती 2018 के विभाग आवंटन में फिर से गड़बड़ी सामने आई है। दरअसलए कई विभागों में पद कम हैं, चयनित ज्यादा आवंटित कर दिए हैं।ऐसा ही मामला आरयूएचएस डेंटल कॉलेज में सामने आया है, जहां तीन पद हैं, दूसरी सूची में वहां छह चयनित आवंटित कर दिए। अभ्यर्थियों का कहना है कि आईजीएनपी जयपुर, बीकानेर, होम्योपैथिक, संस्कृत शिक्षा निदेशालय, प्राविधिक शिक्षा प्रशिक्षण, पीडब्ल्यूडी और बांसवाड़ा कलेक्ट्रेट में भी विभाग आवंटन में ऐसी ही समस्या आ रही है। इसके लिए विभाग को सूचना भेज दी है। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रवक्ता उपेन यादव ने बताया कि एलडीसी भर्ती के जिला आवंटन मामले में पहले भी सवाल उठ चुके हैं। सभी त्रुटियां सुधार कर इस भर्ती को जल्द से जल्द पूरा किया जाए, ताकि बेरोजगारों को नौकरी मिल सके।
*चयनितों के दस्तावेज सत्यापन 1 जून से*
प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से सहकारिता विभाग को आवंटित 132 कनिष्ठ सहायक के पद पर चयनित अभ्यर्थियों की पात्रता, शैक्षणिक योग्यता एवं अन्य दस्तावेजों का सत्यापन 1 जून से 3 जून तक नेहरू सहकार भवन बाइस गोदाम सर्किल में किया जाएगा। सूची की क्रम संख्या 1 से 45 तक चयनित अभ्यर्थी 1 जून, 46 से 90 तक के अभ्यर्थी 2 जून और क्रम संख्या 91 से 127 (1 से 5 टीएसपी अभ्यर्थी) तक के अभ्यर्थी 3 जून को सुबह 11.00 बजे काउंसलिंग में उपस्थित होंगे। आवंटित कनिष्ठ सहायकों की सूची विभागीय वेबसाइट पर अपलोड की गई है।
---------------------------------------------
7.*अब सोशल डिस्टेंसिंग के साथ होंगी बोर्ड परीक्षाएं, बढ़ाए जाएंगे परीक्षा केंद्र*
*दसवीं-बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं के शेष एग्जाम अब आगामी महीनों में होंगे।*
जोधपुर.
दसवीं-बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं के शेष एग्जाम अब आगामी महीनों में होंगे। जानकारी आ रही है कि सीबीएसई के बाद राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड भी परीक्षा केन्द्र बढ़ाएगा। ऐसे में जो परीक्षा केन्द्र पूर्व में नहीं थे, उन्हें भी शामिल किया जाएगा। बोर्ड परीक्षाओं को लेकर जोधपुर शिक्षा विभाग के पास कोई विस्तृत दिशा-निर्देश नहीं आए है।
इस साल 12वीं बोर्ड परीक्षा में जोधपुर जिले में 42 हजार 9 सौ 50 परीक्षार्थी हिस्सा ले रहे हैं। वहीं दसवीं बोर्ड परीक्षा में 61 हजार 9 सौ 66 परीक्षार्थी हिस्सा ले रहे हंै। दसवीं-बारहवीं बोर्ड के लिए 282 केन्द्र बनाए गए हैं। वहीं जरूरत पड़ी तो शिक्षा विभाग राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों को भी परीक्षा केन्द्र के रूप में डवलप कर सकता है, लेकिन समस्या ये हैं कि यहां फर्नीचर की कमी है। स्कूल शिक्षा के संयुक्त निदेशक प्रेमचंद सांखला ने कहा कि बोर्ड से अभी तक किसी प्रकार के दिशा-निर्देश नहीं दिए गए है। जो निर्देश आएंगे, उसी अनुसार कार्य होगा।
*निजी स्कूलों में सेंटर रखने की मांग*
जानकारी अनुसार कई निजी स्कूलों ने मांग रखी है कि उनके बच्चों का सेंटर, उन्हीं की स्कूल में रखा जाए। जबकि इसकी जगह वीक्षक भले ही सरकारी लगा दिए जाए। ऐसे में उम्मीद हैं कि इस बार बच्चों को अपनी स्कूल में भी बोर्ड परीक्षा देने का मौका मिल सकता है।
*स्कूलों के लिए भी चुनौती*
जुलाई माह में सरकारी व निजी दोनों स्कूलें शुरू हो सकती है। ऐसे में जानकारी आ रही है कि एक क्लास में आधे बच्चों को एक दिन और आधे बच्चों को दूसरे दिन बुलाया जा सकता है। ताकि सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की जा सके। हालांकि इस तैयारी को लेकर अभी कोई अधिकृत पुष्टि नहीं हुई है। एमएचआरडी ने भी सुझाव मांगे है।
---------------------------------------------
8.*प्रधानाचार्य को क्यूं मिल गई चार्जशीट*
भीलवाड़ा।
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भीमगंज के प्रधानाचार्य दिनेश पीपाड़ा को निदेशालय ने 16 सीसीए के तहत चार्जशीट थमाई है। इसके साथ ही पीपाड़ा के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू हो गई है।
*पीपाड़ा पर लगे है विभिन्न आरोप*
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी राधेश्याम शर्मा ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर के निदेशक सौरभ गोस्वामी ने इस संदर्भ में 20 मई को राजस्थान सिविल सेवा नियम 16 के तहत आदेश जारी करते हुए पीपाडा के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए है।
पीपाड़ा के खिलाफ राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अंटाली में 2 फ रवरी 2018 से प्रधानाचार्य के पदस्थापन के दौरान अक्षय पेटिका खोलने की प्रक्रिया में पादर्शिता नहीं बरतने और राशि का सही ब्योरा एसडीएमसी के सदस्यों को नहीं देने, खेल मैदान के चारे की नीलामी के जरिए एकत्रित हुई राशि को राजकोष में जमा कराने को लेकर अनियमितता बरतने तथा विद्यालय की रद्दी की नीलामी राशि की जानकारी एसडीएमसी के सदस्यों को नहीं देने के आरोप है।
---------------------------------------------
9.*35 स्कूलों के संस्था प्रधानों ने पोषाहार में गड़बड़ी की, नहीं दिया जवाब*
*अब संबंधित पीइइओ व सीबीइओ से मांगा जवाब*
श्रीगंगानगर.
जिले के 35 राजकीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पोषाहार में गड़बड़ी मिलने पर संस्था प्रधानों ने जवाब तक देना उचित नहीं समझा। शिक्षा विभाग प्रांरभिक के डीइओ ने गंभीरता से लेते हुए संबंधित स्कूलों के पीइइओ व सीबीइओ से दो दिन में पोषाहार में मिली गड़बडिय़ों के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है। इस संबंध में इनको नोटिस जारी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि मिल-डे मील आयुक्त एक साल में दो बार स्कूलों के पोषाहार का निरीक्षण करवाते हैं। इसमें राजकीय प्राथमिक,उच्च प्राथमिक विद्यालयों व माध्यमिक विद्यालयों में फरवरी 2020 दो दिन जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारियों से पोषाहार का निरीक्षण करवाया गया था। शिक्षा विभाग के अनुसार निरीक्षण में जिले के 35 स्कूलों में पोषाहार में कमियां पाई गई थी। इस पर संबंधित संस्था प्रधानों को 19 मार्च व फिर ई-मेल से 15 मई को नोटिस जारी कर पोषाहार में मिली कमियों के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया था लेकिन अधिकांश संस्था प्रधानों ने इसका जवाब तक नहीं दिया। निरीक्षण में रिकॉर्ड संधारण, कैसबुक पूरी नहीं होना, खाद्यान्न का स्टॉक पूरा नहीं मिलना सहित कई प्रकार की गड़बडिय़ां मिली थी।
*संस्था प्रधानों को दिया नोटिस*
शिक्षा विभाग प्रांरभिक में कक्षा एक से लेकर आठवीं तक विद्यार्थियों को पोषाहार दिया जाता है। इसमें राजकीय माध्यमिक विद्यालय 69 एलएनपी,जानकीदासवाला,मलकानाकलां,राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय 68 एलएनपी, 67 एलएनपी, 66 एलएनपी,दो एलसी, एक केएसआर, छह डीडब्ल्यूएम,तीन एम,चार बीबीए,33 बीबी,89 जीबी,दो जेकेएम, 22 आरजेडी,राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय मलकाना कला,राजकीय प्राथमिक विद्यालय हरिपुरा,70 एनपी,54 एनपी,एक पीजीएम ढाणी,12 केएनडी,एक जीबी एम,13 केएसडी,32 जीबी,87 जीबी ए,86 जीबी, दो के डब्ल्यूएम, तीन जीबी ए,दो जीबी, 171 आरडी, 14 एच,दो टी जोधेवाला व 38 बीबी के संस्था प्रधानों को नोटिस जारी किया गया था।
*फैक्ट फाइल*
-जिले में पोषहार बनता है- 1923 विद्यालयों में
-जिले में पोषाहार से लाभान्वित विद्यार्थी-1 लाख 43 हजार 862
-एक साल में पोषाहार पर राशि खर्च होती है-40 करोड़
प्रति विद्यार्थी यह मिलती है राशि
-कक्षा एक से पांचवीं तक- 4.97 पैसे
-कक्षा छह से आठवीं तक- 7.45 पैसे
—स्कूलों में पोषाहार का एक साथ संघन निरीक्षण करवाया था। इसमें 35 स्कूलों में कमियां मिली थी। इस पर संस्था प्रधानों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया था। इस पर संस्था प्रधानों ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया। इस कारण अब सीबीइओ व पीइइओ को नोटिस जारी कर दो दिन में इस संबंध में जवाब मांगा गया है।
दयाचंद बंसल,डीइओ (प्रांरभिक)शिक्षा विभाग,श्रीगंगानगर।
---------------------------------------------
10.*मई से जुलाई के बीच होनी वाली IND-SAT की परीक्षा स्थगित, केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी*
*देशभर में 30 मई से जुलाई के बीच आयोजित होनी थी परीक्षा*
*कई विदेशी स्टूडेंट्स से अनुरोध पर लिया गया फैसला*
दैनिक भास्कर
देशभर में कोरोना की वजह से बने हालातों के मद्देनजर अब IND-SAT की परीक्षा को भी स्थगित कर दिया गया है। इस बारे में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल के जरिए जानकारी साझा की है। केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट कर बताया कि 30 मई से जुलाई के बीच होने वाली IND-SAT परीक्षा को मौजूदा हालात को देखते हुए स्थगित किया जा रहा है। परीक्षा की नई तारीख बाद में घोषित की जाएगी।
*नई तारीखों का ऐलान जल्द*
अपने ट्वीट में मानव संसाधन मंत्री ने बताया कि दुनियाभर में कोरोना संकटकाल से बने हालातों और कई अंतरराष्ट्रीरीय स्टूडेंट्स की तरफ से किए गए अनुरोध के बाद IND-SAT की परीक्षा को निरस्त करनेे का फैसला लिया गया है। यह परीक्षा देशभर में 30 मई से जुलाई के बीच आयोजित कि जानी थी। फिलहाल परीक्षा की नई तारीखों का अभी ऐलान नहीं किया गया है। मंत्री ने कहा है कि जल्द ही नई तारीखों की घोषणा की जाएगी।
*क्या है IND-SAT?*
इंडियन स्कॉलैस्टिक असेसमेंट या IND-SAT, स्टडीज इन इंडिया (SII) के तहत स्कॉलरशिप चाहने वाले स्टूडेंट्स के लिए एक स्टैंडराइज्ड ऑनलाइन टेस्ट है। इस परीक्षा के जरिए भारत में पढ़ने के लिए आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स की क्षमता का आकलन किया जाता है। IND-SAT परीक्षा में हासिल किए स्कोर स्कॉलरशिप के आवंटन के लिए मेधावी स्टूडेंट्स को शॉर्टलिस्ट करने के लिए एक क्राइटेरिया के तय करता है।
---------------------------------------------
11.*सरकारी व निजी स्कूल की कक्षाओं को लेकर एडवाइजरी जारी, यह रहेगा क्लास का टाइम*
सीकर. कोरोना (Corona Virus) की वजह से देशभर में ऑनलाइन क्लास (online classess)के चलन के साथ बच्चों में तनाव की शिकायत भी सामने आने लगी है। बाल आयोग की ओर से पिछले दिनों हुई बैठक में यह मुद्दा उठा था। इसके बाद आयोग ने ऑनलाइन क्लास को लेकर एडवाइजारी (school online classes advisory) जारी की है। इसके तहत सरकारी व निजी स्कूल व कोचिंग संस्थाओं को 30 मिनट से अधिक की ऑनलाइन क्लास नहीं लेने के निर्देश दिए हैं। आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने ऑनलाइन पढ़ाई के बीच सप्ताह में कम से कम दो दिन ऑफ करने का जिक्र भी एडवाइजारी में किया है।
*सुबह नौ से पहले और शाम चार बजे के बाद क्लास नहीं**
आयोग अध्यक्ष ने बताया कि कोरोनाकाल में बच्चों को सह शैक्षणिक गतिविधियों से जोडऩे का अच्छा मौका है। ऐसे में स्कूल व कोचिंग संचालकों को सुबह नौ बजे से पहले और शाम चार बजे के बाद कोई ऑनलाइन क्लास नहीं लगानी चाहिए, जिससे बच्चे आसानी से परिवार को पूरा समय देने के साथ खेलकूद पर भी फोकस कर सके।
*छोटे बच्चों की कविता व कहानी के जरिए पढ़ाई*
आयोग की ओर से जारी गाइडलाइन में छोटे बच्चों को कविता व कहानी के जरिए ज्यादा पढ़ाने के निर्देश दिए हैं। बच्चों से होमवर्क ऑफलाइन मोड पर कराया जाए जिससे उनके स्वास्थ्य पर कोइ्र्र असर नहीं आए। टाइम टेबल लगभग सात दिन पहले जारी किया जाए जिससे अभिभावक भी बच्चों को तैयारी करवा सके और बच्चे भी मानसिक रूप से तैयार रहे।
*दूरदर्शन व आकाशवाणी ज्यादा मददगार*
आयोग ने माना कि ऑनलाइन पढ़ाई के लिए दूरदर्शन व रेडियो से कराई जा रही पढ़ाई ज्यादा मददगार साबित हो रही है। इससे बच्चों पर लेपटॉप, मोबाइल पर निर्भरता भी कम रहेगी। वहीं टीवी-रेडियो से पढ़ाई होने से गरीब विद्यार्थियों को भी सीधे तौर पर फायदा मिलेगा।
*सप्ताह में दो दिन की मिले छुट्टी: अध्यक्ष*
ऑनलाइन क्लास को लेकर मुख्य तौर पर 15 बिन्दुओं को लेकर एडवाइजारी जारी की है। ऑनलाइन क्लास 30 मिनट से लंबी तो किसी भी सूरत में नहीं होनी चाहिए, जिससे विद्याार्थी कोरोनाकाल में आसानी से पढ़ाई कर सके। सप्ताह में दो दिन ऑनलाइन पढ़ाई से छुट्टी भी दी जानी चाहिए।
संगीता बेनीवाल, अध्यक्ष, राजस्थान बाल संरक्षण आयोग
---------------------------------------------
12.*राजस्थान/ चयनित कनिष्ठ सहायक 3 से 11 जून तक कराएंगे दस्तावेज की जांच, जानें इससे जुड़ी विस्तृत जानकारी*
कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा 2018 में चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज की जांच का कार्यक्रम जारी कर दिया गया हैं। कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा 2018 में चयनित अभ्यर्थी जिन्हें जिला कलक्टर कार्यालय अजमेर आवंटित किया गया है
अजमेर। कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा 2018 में चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज की जांच का कार्यक्रम जारी कर दिया गया हैं। कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा 2018 में चयनित अभ्यर्थी जिन्हें जिला कलक्टर कार्यालय अजमेर आवंटित किया गया है, उन्हें अपने दस्तावेज निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जांच कराने होंगे।
अभ्यर्थियों को शैक्षणिक, प्रशक्षणिक, कम्प्यूटर, टाईप, आयु, अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी, एमबीसी एवं विकलांगता से संबंधित आवश्यक मूल प्रमाण पत्र, मूल दस्तावेज एवं इनकी सत्य प्रतियां आवश्यक शपथ पत्र के साथ कलक्टर कार्यालय स्थित संस्थापन शाखा के कमरा नम्बर 4 में कार्यक्रम के अनुसार ही उपस्थित होना होगा।
कलक्टर अजमेर विश्वमोहन शर्मा ने बताया कि अभ्यर्थियों को अलग अलग ग्रुप में बुलाया गया है। जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके। कार्यक्रम के अनुसार दस्तावेज की जांच 10.30 से दोपहर 1.30 बजे तक होगी। इसमें मेरिट संख्या 158 से 810 तक को 3 जून, 948 से 1261 तक को 4 जून, 1269 से 1775 तक 5 जून, 1812 से 4740 तक 8 जून, 4745 से 5254 तक 9 जून, 5819 से 10330 तक 10 जून तथा 10361 से 14144 तक 11 जून को दस्तावेजों के साथ उपस्थित होना होगा। इस संबंध में अधिक जानकारी वेबसाईट https://ajmer.rajasthan.gov.in/ पर उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि अभ्यर्थी को दस्तावेजों के साथ सैकण्डरी, सीनियर सैकण्डरी, स्नातक, अधिस्नातक एवं अन्य योग्यताओं की अंकतालिकाएं तथा प्रमाण पत्र, कम्प्यूटर योग्यता प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, अंतिम शैक्षणिक संस्थान का चरित्र प्रमाण पत्र, दो राजपत्रित अधिकारियों से प्राप्त चरित्र प्रमाण पत्र जो छह माह से कम का नहीं हो, विवाह का शपथ पत्र, संतान का शपथ पत्र, दहेज ना लेने का शपथ पत्र, पत्र व्यवहार का पूर्ण पता, मूल निवास प्रमाण पत्र, बिजली, पानी, फोन के बिल, आधार कार्ड या वाहन लाइसेन्स जैसे पते का प्रमाण पत्र, स्वास्थ्य प्रमाण पत्र, पुलिस सत्यापन शपथ पत्र, ध्रूमपान नहीं करने का शपथ पत्र, राजकीय सेवा में कार्यरत कार्मिकों के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र तथा फिक्स वेतन पर कार्य करने की सहमति संलग्न करने होंगे।
---------------------------------------------
13.*फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी लेने का मामला,अधिकारियों को प्रतिवेदन देने के निर्देश*
(Rajasthan Highcourt) हाईकोर्ट ने (competitve exam) प्रतियोगी परीक्षा में (Fail) फेल और (Forged documents) फर्जी दस्तावेजों के आधार पर (recruitment) नौकरियां देने की (enquiry) जांच करने की (petition) याचिका का (disposal) निपटारा करते हुए (petitioner)याचिकाकर्ता को सरकार को (represantation) प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए हैं।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी लेने का मामला,अधिकारियों को प्रतिवेदन देने के निर्देश
जयपुर
(Rajasthan Highcourt) हाईकोर्ट ने (competitve exam) प्रतियोगी परीक्षा में (Fail) फेल और (Forged documents) फर्जी दस्तावेजों के आधार पर (recruitment) नौकरियां देने की (enquiry) जांच करने की (petition) याचिका का (disposal) निपटारा करते हुए (petitioner) याचिकाकर्ता को सरकार को (represantation) प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह निर्देश रोहिताश सारस्वत की याचिका का निपटारा करते हुए दिए। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मौखिक रुप से याचिकाकर्ता के अब तक मामले में एफआईआर दर्ज नहीं करवाने पर भी सवाल उठाया।
कोर्ट केा बताया गया कि आरपीएससी ने सूचना व प्रौद्योगिकी और संचार विभाग में एनालिस्ट कम प्रोग्रामर सह उप निदेशक की भर्ती निकाली थी। इसके आधार पर वर्ष 2013—2014 में नियुक्तियां दी गईं थीं,लेकिन इनमें प्रतियोगी परीक्षा में फेल और फर्जी दस्तावेज पेश करने वालों को भी नियुक्त्यिां दे दी गईं। एक सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को फेल होने के बावजूद अन्य पिछडा वर्ग में नियुक्ति दे दी जबकि एक महिला अभ्यर्थी को फेल होने के और प्रतीक्षा सूची में नाम नहीं होने के बावजूद भी नियुक्ति दे दी। इसके अलावा करीब चार अभ्यर्थियों को फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्तियां दे दीं। विभाग अन्य अभ्यर्थियों के दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवा रहा है। याचिकाकर्ता ने पूरी भर्ती प्रक्रिया की जांच करवाने के निर्देश देने की गुहार की थी। कोर्ट ने मामले के गुणावणुण पर टिप्पणी करे बिना याचिकाकर्ता को संबंधित उचित अधिकारी को प्रतिवेदन देने के निर्देश देकर याचिका का निपटारा कर दिया।
---------------------------------------------
14.*JEE Main: एक माह में प्रवेश के लिए बनाएं रणनीति, मिलेगी सफलता*
कोविड-19 महामारी ने भी शिक्षा क्षेत्र पर गंभीर प्रभाव छोड़ा है। ऐसे में पहले से निर्धारित प्रतियोगी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है। अब एनटीए ने 18 से 23 जुलाई 2020 तक जेईई मुख्य परीक्षा का संचालन करने के लिए नया शेड्यूल जारी किया है। जेईई एडवांस परीक्षा 2020 23 अगस्त 2020 को आयोजित की जाएगी। अब छात्रों के पास जो समय है उसका उपयोग सावधानीपूर्वक एक रणनीति बनाकर किया जाना चाहिए।
*अंतिम घंटे में स्मार्ट तैयारी के टिप्स*
जेईई में सफल होने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है एक स्मार्ट कार्य योजना बनाना जो समय के साथ पूरे पाठ्यक्रम को कवर करती हो। हालांकि अधिकांश उम्मीदवारों ने पूरे पाठ्यक्रम को अब तक कवर कर लिया होगा, लेकिन प्रभावी और रणनीतिक टूल का पालन करने से बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे।
*समय का करें सदुपयोग*
छात्रों के लिए सबसे जरूरी है कि वे कमजोर क्षेत्रों का विश्लेषण करने के बाद अपने प्रदर्शन में सुधार करें। समय बर्बाद किए बिना इन क्षेत्रों पर काम करना शुरू करना होगा। वर्तमान तैयारियों के बेहतर मूल्यांकन के साथ एक रणनीतिक समय सारिणी अच्छे अंक प्राप्त करने में मदद करेगी। सभी विषयों पर समान ध्यान देने की आवश्यकता है और इसलिए तीनों विषयों के लिए बचे हुए सप्ताह को समझदारी से उपयोग करें।
*एनसीईआरटी पुस्तकें हैं उपयोगी*
एनसीईआरटी पुस्तकों के साथ तैयारी शुरू करें। निस्संदेह, एनसीईआरटी पुस्तकें जेईई मेन और जेईई एडवांस का आधार बनती हैं। ये बुनियादी पुस्तकें एक अच्छा वैचारिक आधार बनाती हैं और समझने में आसान होती हैं। उन विषयों को पहचानें, जिन्हें प्रश्नों को हल करने के फॉर्मूलों को याद करने में आपको कठिनाई होती है। प्रतिष्ठित स्रोतों से प्रश्न बैंकों को देखें और उन्हें हल करें।
अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें
सफल उम्मीदवार हमेशा अपने कमजोर क्षेत्रों से सीखते हैं और इसलिए इन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने से निश्चित रूप से मदद मिलेगी। उचित समय प्रबंधन के साथ एक व्यवस्थित संशोधन योजना होना आपकी सफलता की कुंजी होगी। कठोर अभ्यास उपयोगी है। जो छात्र अपनी गलतियों से सीखते हैं वे उन्हें दोहराने से बचते हैं।
*समय सीमा तय हो*
अपनी अवधारणाओं को स्पष्ट करने पर ध्यान दें। इस चरण का उपयोग समस्या समाधान के लिए किया जाना चाहिए। कठिन प्रश्नों को हल करने के लिए समय सीमा में सुधार करें और अपनी अपनी कमजोरियों पर काबू पाएं। आत्मविश्वास और सही परीक्षा स्वभाव का निर्माण वास्तविक परीक्षा में बेहतर अंक लाने की कुंजी है।
*ऑनलाइन मॉक टेस्ट दें*
ऑनलाइन मॉक टेस्ट का प्रयास करने से आपको विषयों के साथ अच्छी तरह से जुड़ने, अवधारणा स्पष्टता विकसित करने और जेईई मुख्य परीक्षा के वर्तमान रुझानों और पैटर्न के साथ अच्छी तरह से अपडेट रखने में मदद मिलेगी। ऑनलाइन पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र, मॉक टेस्ट, संदेह समाशोधन सत्र और विशेषज्ञ की राय का पूरा उपयोग प्रदान करता है।
*शांत रहें, ध्यान केंद्रित करें*
स्व-लिखित नोट्स बनाने से किसी को सूत्र, टिप्स और ट्रिक्स याद करने में मदद मिलती है और जेईई की तैयारी के दौरान बहुत मदद मिलती है और इसे संशोधित करना आसान होता है। आराम करने या आराम करने के लिए कुछ समय लेने से मस्तिष्क को आपकी उंगलियों पर सीखी गई चीजों को याद करने के लिए तैयार किया जाता है। शांत रहें, ध्यान केंद्रित करें ये सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
---------------------------------------------
15.*REET 2016: हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अंग्रेजी विषय के खाली 826 पदों पर नहीं हुई नियुक्ति*
रीट लेवल 2 अंग्रेजी विषय के खाली पड़े पदों को हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अब तक नहीं भरा गया है।
रीट लेवल 2 अंग्रेजी विषय की भर्ती को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। उम्मीदवारों ने नियुक्ति की मांग करते हुए लॉकडाउन से पहले धरना दिया था। वहीं, लॉकडाउन के बाद उम्मीदवारों ने ट्विटर पर ट्रेंड चलाकर राजस्थान सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास किया। उम्मीदवारों ने 1 लाख 26 हजार से ज्यादा ट्वीट किए। बता दें कि राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी 826 सीटों पर उम्मीदवारों की नियुक्ति नहीं की गई है। हाईकोर्ट की सिंगल व डबल बेंच इन पदों पर वेटिंग लिस्ट जारी करने का निर्देश दे चुकी है, लेकिन शिक्षा निदेशालय बिकानेर द्वारा अभी तक वेटिंग लिस्ट जारी नहीं की गई है। उम्मीदवार शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक से इस मामले पर संज्ञान लेने का अनुरोध कर चुके हैं। हालांकि इनकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही।
एक उम्मीदवार ने ट्वीट कर लिखा, ''हमारी भर्ती कोर्ट में लंबित भी नहीं है, कोर्ट द्वारा आदेश भी दिया जा चुका है फिर सरकार वेटिंग लिस्ट जारी क्यों नहीं कर रही? हमारी भर्ती पूरी कर 826 बेरोजगारों के साथ न्याय करें राजस्थान सरकार।''
एक उम्मीदवार ने ट्वीट कर लिखा, ''आत्महत्या करने को मजबूर राजस्थान का युवा। रीट 2016अंग्रेजी विषय की वेटिंग लिस्ट की आशा में दर दर भटक कर थक गए है बेरोजगार युवा।''
*एक उम्मीदवार ने ट्वीट कर लिखा:*
*क्या है पूरा मामला*
उम्मीदवारों ने बताया कि रीट भर्ती 2016 में कुल 4761 पदों पर भर्ती हुई थी। इसके लिए 25 जनवरी 2018 को प्रोविजनल परिणाम जारी हुआ था। प्रोविजनल सूची को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद अंतिम रूप देने के लिए 'परिणाम रिशफल' किया गया। उम्मीदवारों का आरोप है कि उक्त 'परिणाम रिशफल' में नियुक्ति प्रकोष्ठ ने (अपात्र व अनुपस्थित श्रेणी के) रिक्त पदों पर नए अभ्यर्थियों को चुनते हुए 'रिशफल परिणाम' जारी कर दिया, लेकिन (नॉन जॉइनर्स) श्रेणी के करीब 450 रिक्त पदों पर न तो परिणाम रिशफल किया और न ही वेटिंग सूची जारी की, बल्कि पूर्व में नॉन जॉइनर्स रहे अभ्यर्थियों के रोल न./मेरिट न.रिपीट कर दिए। इससे कुल मिलाकर 450 पूर्व के नॉन जॉइनर्स+रिशफल रिजल्ट के बाद के 376 नॉन जॉइनर्स के (कुल 826) पद रिक्त रह गए। हाईकोर्ट इन पदों को भरने का आदेश दे चुकी है लेकिन अभी तक इस भर्ती को आगे नहीं बढ़ाया गया है।
---------------------------------------------
16.*नए जमाने की स्कूलिंग, 200 में 100 दिन घर से ऑनलाइन पढ़ाई*
नई दिल्ली. कोरोना महामारी के चलते आम लोगों की जीवनशैली में बड़े बदलाव सुनिश्चित हैं। ऐसा ही बड़ा बदलाव देश की स्कूली शिक्षा में लाने की तैयारी है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्कूलों के मौजूदा 220 शिक्षणदिवस या स्कूलों में 1,320 शिक्षण घंटे के मॉडल को 'स्कूल और घर में मिली-जुली पढ़ाईÓ से बदलने की तैयारी में है। नए प्रस्तावित मॉडल के तहत स्कूलों में पढऩे के समय को 100 दिन या 600 घंटे तक कम करके इस समय को 'घरों पर सक्रिय पढ़ाईÓ में बदल दिया जाएगा। वहीं स्कूलों में भी इतने ही समय यानी 100 दिन या 600 घंटे पढ़ाई होगी। बचे हुए 120 घंटे या 20 दिन (हर माह दो दिन) विद्यार्थियों के भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए स्कूलों या घरों में डॉक्टरों, काउंसलर्स आदि के लिए तय कर दिए जाएंगे।
*30-50 बच्चे ही रहेंगे स्कूलों में*
एक बार में 30-50त्न से ज्यादा बच्चे स्कूलों में मौजूद न रहें। इसके लिए ग्रेडेट फॉर्मेट या दोहरी शिफ्ट को कहा जाएगा। कक्षा 1 से 5 तक ं को सप्ताह में केवल 3 दिन और कक्षा 6 से 8 तक बच्चों को सप्ताह में 2 से 4 दिन और कक्षा 9 से 12 तक छात्रों की 4 से 5 दिन कक्षाएं लगेंगी।
*45 मिनट की जगह 30 मिनट का पीरियड*
साप्ताहिक टाइम टेबल सिस्टम जिसमें पीडियड का समय 45 मिनट से घटाकर 30 मिनट करने की भी सलाह दी जाएगी। कुछ विषयों के एकीकृत पढ़ाई के लिए एक घंटे के विशेष पीरियड की योजना भी प्रस्तावित की जा सकती है।
*लचीले नियम, घर से पढऩे की छूट*
उपस्थिति की अनिवार्यता और बीमारी के लिए छुट्टी के प्रावधानों को काफी लचीला बनाया जाएगा। इनमें माता-पिता की सहमति से इच्छुक विद्यार्थियों को उचित नियमों के साथ घर से पढऩे की छूट देना का प्रस्ताव भी शामिल है।
*क्विज और प्रोजेक्ट ज्यादा*
सूत्रों के अनुसार मानव संसाधान विकास मंत्रालय पेन और पेपर पर आधारित मूल्यांकन व्यवस्था को हतोत्साहित करने की योजना पर काम कर रहा है। इसके बजाय कक्षाओं में भूमिका अदा करना, क्विज व प्रजेंटेशन्स और घरों पर प्रोजेक्ट वर्क आदि शामिल हैं।
*मिड डे मील की जारी होगी गाइडलाइन*
सरकारी स्कूलों में मिड डे मील के लिए अलग गाइडलाइन जारी होंगी। इनमें सब्जियों को नमक-हल्दी के घोल से धोने सहित खाना बनाने वाले व सहायकों की रोजाना थर्मल स्कैनिंग और बर्तनों को सैनेटाइज प्रक्रियाएं होगी।
*सोशल डिस्टेंसिंग के लिए एसओपी*
स्कूल, कक्षा, स्कूल बस-ऑटो, लैब, खेल के मैदान व अन्य सभी तरह गतिविधियों के दौरान उचित सोशल डिस्टेंसिंग के लिए एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) जारी किए जाएंगे।
*वंचितों को तरजीह*
सभी स्कूलों से ऐसे वंचित बच्चों पर ध्यान केंद्रित करने को कह सकता है जिनके पास ऑनलाइन सुविधाएं व सीखने के साधन उपलब्ध नहीं।
*नहीं काटे जाएंगे नाम*
पलायन वाले इलाकों में मौजूद स्कूलों से फौरन ही ऐसे बच्चों को नाम न काटने को कहा जाएगा जो अपने गृहराज्य या गृहजनपद में पलायन कर गए हैं।
*आउटडोर क्लास:* जहां संभव हो अस्थायी आउटडोर क्लास बनाएं जाएं, जहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो।
*6 फुट की दूरी:* क्लास रूम में, स्टाफ रूम, रिसेप्शन आदि में 6 फीट की दूरी।
*प्रवेश व निकासी :* प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग लेन। निकासी के कई रास्ते होंगे व प्रवेश के सीमित।
*स्कूल परिवहन:* स्कूल बस आदि की रोज दो बार सैनेटाइजेशन होगा। एक सीट पर एक बच्चा ही बैठेगा। बस में कोई पर्दा नहीं होगा।
*टाइमटेबल:* कक्षा 1-8 के लिए एनसीईआरटी बनाएगा।
*स्कूल बैग:* कक्षा 5 के बच्चों को आदर्श रूप में कोई स्कूल बैग नहीं ले जाना होगा।
---------------------------------------------
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच मीटिंग
10वी व 12वी क्लास की बची हुई परीक्षा जून महीने में करवाने का फैसला
जल्द ही जारी होगा टाईम टेबल
---------------------------------------------
2.*मन चाहा उस शिक्षक को जोड़ा तो किसी को सूची से छोड़ा*
*-डीईओ ने लिखा सीबीईओ को लिखा पत्र*
भरतपुर.
शिक्षा विभाग की ओर से निकलने वाली शिक्षकों की अस्थायी पात्रता सूची में मनचाहा उस शिक्षक को जोड़ दिया जाता है और मनचाहा तो उसे छोड़ दिया जाता है। डीपीसी के नाम गड़बड़ी का यह खेल पिछले कई वर्षों से चल रहा है। हकीकत यह है कि इस गड़बड़ी में बड़ी जिम्मेदारी खुद डीईओ कार्यालयों की होती है। क्योंकि उनकी ओर से ही सूचियां संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा कार्यालय में भेजी जाती है। जहां उन सूचियों को अस्थायी पात्रता सूची बताकर जस का तस जारी कर दिया जाता है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने 27 मई अंक में जिनका वर्षों पहले प्रमोशन हो चुका, उनका भी दिया पात्रता सूची में नाम शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर मामले का खुलासा किया था। मामले का लगातार खुलासा होने के बाद अब भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ओर से खुद की कमियों को छिपाने का प्रयास किया जा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय माध्यमिक प्रेमसिंह कुंतल ने जिले के सभी मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को जारी पत्र में कहा है कि 2020-21 में पदोन्नति के लिए अस्थायी पात्रता सूची जारी की गई है। उक्त पात्रता सूची में परीक्षण करने पर ब्लॉकों में कार्यरत तृतीय श्रेणी शिक्षकों का विवरण भेजा जा रहा है। इसलिए संबंधित बिंदुओं के आधार पर 29 मई की सुबह 10 बजे तक रिपोर्ट प्रेषित करें। संबंधित शिक्षक का पदस्थापन सूची में अंकित विद्यालय में है या नहीं यदि नहीं है तो किस विद्यालय में कार्यरत है। पात्रता सूची के विवरण में संबंधित शिक्षक का विषय भी अंकित किया गया है। इसलिए विषय की जांच करें। यदि विषय में भिन्नता पाई जाती है तो अन्य विषय में नाम जुड़वाने के लिए प्रकरण तैयार कर भेजें। संबंधित कार्मिकों की सात वर्ष की वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन वर्ष 2013-14 से 2019-20 तक तैयार कर भेजनी है। संबंधित शिक्षकों के संतान संबंधी शपथ पत्र भी भेजने हैं। यदि किसी कार्मिक के खिलाफ विभागीय जांच है तो उसका विवरण भी भेजा जाए।
---------------------------------------------
3.*अंक बढ़वाने के लिए आ सकता है फोन, झांसे में न आएं*
*अभिभावकों को सतर्क रहने और इसकी सूचना तुरंत पुलिस व सीबीएसई के स्थानीय कार्यालय में देने को कहा*
जयपुर.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से नोटिस जारी किया गया है। इसके अनुसार कुछ लोग खुद को सीबीएसई का अधिकारी बताकर अभिभावकों को फोन कर छात्रों के अंक बढ़वाने का दावा कर रहे हैं। इसके लिए मोटी रकम मांगी जा रही है। बोर्ड के अनुसार एसे लोग फर्जी हैं। सीबीएसई कभी इस तरह का काम नहीं करता है। उन्होंने अभिभावकों को सतर्क रहने और इसकी सूचना तुरंत पुलिस व सीबीएसई के स्थानीय कार्यालय में देने को कहा है। उल्लेखनीय है कि सीबीएसई की बची परीक्षाएं 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच होंगी। इसका शेड्यूल पहले ही जारी किया जा चुका है।.
---------------------------------------------
4.*वरिष्ठ शिक्षक संघ ने डीपीसी को लेकर शिक्षा निदेशक को लिखा पत्र*
दैनिक भास्कर
प्रतापगढ़.
राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ रेस्टा के उदयपुर जिलाध्यक्ष दर्शन मेनारिया ने बताया कि प्रदेशाध्यक्ष भैरूराम चौधरी, प्रदेश महामंत्री मदन गढ़वाल ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी व संयुक्त निदेशक कार्मिक नूतन बाला कपिला को पत्र लिखकर वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता डीपीसी वर्ष 2020-21 में राज्य स्तरीय वरिष्ठता सूची 2014-15 वाले वरिष्ठ अध्यापकों को शामिल करने की मांग की। जिलाध्यक्ष मेनारिया ने बताया कि कुछ विषयों जैसे गृह विज्ञान, वाणिज्य में 2013-14 तक पात्र सभी अभ्यर्थियों का पिछले वर्ष की वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता डीपीसी में चयन हो चुका है, जबकि इस वर्ष की वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता वरिष्ठता सूची में 2013-14 तक की सूची वालों को ही शामिल किया गया है। जिसमें जितने डीपीसी के पद है उससे कम अभ्यर्थी मिलेंगे। जबकि वरिष्ठता सूची 2014-15 वाले अभ्यर्थियों का भी 5 वर्ष का अनुभव पूर्ण हो चुका है। इस वर्ष की वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता डीपीसी में सभी विषयों के 2014-15 वाले अभ्यर्थियों को शामिल कर डीपीसी करने की मांग की।
---------------------------------------------
5.*लॉकडाउन में विद्यार्थियों का भविष्य भी 'लॉक'*
*- परीक्षाओं की तिथि में विद्यार्थी लगाए बैठे हैं टक-टकी*
*- माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षा का मामला*
डूंगरपुर.
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते बीरबल की खिचड़ी बन गई हैं। स्थितियां यह है कि मार्च के बाद मई माह भी पूरा गुजरने को आया। पर, अब तक परीक्षा की तिथि घोषित नहीं हो पाई है। ऐसे में स्थितियां यह है कि विद्यार्थी एवं अभिभावक शेष बची परीक्षाओं के इंतजार में टक-टकी लगाए बैठे हैं। परीक्षाओं के संबंध में अधिकृत घोषणा के अभाव में आगामी कॅरियर चयन में भी खासी समस्याएं आ रही हैं।
*विभाग भी है मौन*
मार्च माह में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के चलते लॉकडाउन प्रथम लगाया गया। इसके बाद लॉकडाउन द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ लगे। इसके मद्देजनर शिक्षण संस्थानों पर भी ताले लगा दिए और परीक्षाएं स्थगित कर दी। उस दौरान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं एवं 12वीं की परीक्षाएं उतराद्र्ध में थी। लेकिन, लॉकडाउन के चलते माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने समस्त शेष परीक्षाएं स्थगित कर दी। पूरे वर्ष भर की मेहनत के बाद परीक्षाएं देने का इंतजार कर रहे विद्यार्थियों के लिए यह निर्णय तत्कालीन समय में चिंता भरा था। लेकिन, अब शेष परीक्षाओं को लेकर सरकार, शिक्षा विभाग एवं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सभी की मौन है। ऐसे में विद्यार्थी अपने भविष्य को लेकर आशंकित है।
*यह परीक्षाएं हैं शेष*
12वीं में भूगोल, हिन्दी साहित्य, गृह विज्ञान, संस्कृत साहित्य, उर्दू, अंग्रेजी साहित्य, चित्रकला सहित व्यवसायिक विषय के प्रश्न पत्र शेष हैं। वहीं, 10वीं कक्षा में गणित विषय का पर्चा शेष है। जिले में 12वीं में जहां 17 हजार 454 विद्यार्थी तथा दसवीं में 26 हजार 723 विद्यार्थियों को शेष परीक्षाओं का इंतजार है।
*यह चुनौतियां बन रही रोड़ा*
. जिले सहित प्रदेश में बढ़ता कोरोना संक्रमण का ग्राफ।
. सरकारी विद्यालयों के छोटे कक्षा-कक्षों में सोशल डिस्टेसिंग की पालना।
. विद्यार्थी को कक्षा-कक्ष में आने से पूर्व सेनेटाइज करना।
. परीक्षा-कक्षों में शिक्षकों की लगातार पर्यवेक्षण करना।
. लोक परिवहन सेवाएं बंद होने से विद्यार्थियों को विद्यालयों तक पहुंचना।
*परीक्षा होते ही चले जाते हैं सीकर-कोटा*
अमूमन जिले के विद्यार्थी 10वीं एवं 12वीं की परीक्षाएं संपन्न होते ही आगामी वर्षों या कहे अच्छे कॅरियर की तलाशी में सीकर एवं कोटा शहरों की ओर कूच कर जाते हैं। लेकिन, इस बार स्थितियां यह है कि मई माह उतर्राद्ध तक भी विद्यार्थियों की परीक्षाएं ही नहीं हुई हैं। वहीं, अन्य बड़े शहरों में शिक्षण संस्थानों में जाने की बात ही नहीं रही। ऐसे में विद्यार्थी एवं उनके अभिभावक खासे चिंतित हैं।
*अधिकारी ने कहा...*
. शेष रही बोर्ड परीक्षाओं को लेकर नियमित बोर्ड से सूचनाएं मांगी जा रही है। सरकार एवं बोर्ड इस दिशा में जल्द ही कोई निर्णय लेगी। यदि परीक्षाएं होती है, तो बोर्ड के निर्देशानुसार व्यवस्थाएं जमाई जाएगी।
- बंशीलाल रोत, जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक
---------------------------------------------
6.*एलडीसी भर्ती में फिर गड़बड़ी, तीन पद, छह चयनित आवंटित*
*जिला आवंटन मामले में पहले भी सवाल उठ चुके हैं*
जयपुर.
एलडीसी भर्ती 2018 के विभाग आवंटन में फिर से गड़बड़ी सामने आई है। दरअसलए कई विभागों में पद कम हैं, चयनित ज्यादा आवंटित कर दिए हैं।ऐसा ही मामला आरयूएचएस डेंटल कॉलेज में सामने आया है, जहां तीन पद हैं, दूसरी सूची में वहां छह चयनित आवंटित कर दिए। अभ्यर्थियों का कहना है कि आईजीएनपी जयपुर, बीकानेर, होम्योपैथिक, संस्कृत शिक्षा निदेशालय, प्राविधिक शिक्षा प्रशिक्षण, पीडब्ल्यूडी और बांसवाड़ा कलेक्ट्रेट में भी विभाग आवंटन में ऐसी ही समस्या आ रही है। इसके लिए विभाग को सूचना भेज दी है। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रवक्ता उपेन यादव ने बताया कि एलडीसी भर्ती के जिला आवंटन मामले में पहले भी सवाल उठ चुके हैं। सभी त्रुटियां सुधार कर इस भर्ती को जल्द से जल्द पूरा किया जाए, ताकि बेरोजगारों को नौकरी मिल सके।
*चयनितों के दस्तावेज सत्यापन 1 जून से*
प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से सहकारिता विभाग को आवंटित 132 कनिष्ठ सहायक के पद पर चयनित अभ्यर्थियों की पात्रता, शैक्षणिक योग्यता एवं अन्य दस्तावेजों का सत्यापन 1 जून से 3 जून तक नेहरू सहकार भवन बाइस गोदाम सर्किल में किया जाएगा। सूची की क्रम संख्या 1 से 45 तक चयनित अभ्यर्थी 1 जून, 46 से 90 तक के अभ्यर्थी 2 जून और क्रम संख्या 91 से 127 (1 से 5 टीएसपी अभ्यर्थी) तक के अभ्यर्थी 3 जून को सुबह 11.00 बजे काउंसलिंग में उपस्थित होंगे। आवंटित कनिष्ठ सहायकों की सूची विभागीय वेबसाइट पर अपलोड की गई है।
---------------------------------------------
7.*अब सोशल डिस्टेंसिंग के साथ होंगी बोर्ड परीक्षाएं, बढ़ाए जाएंगे परीक्षा केंद्र*
*दसवीं-बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं के शेष एग्जाम अब आगामी महीनों में होंगे।*
जोधपुर.
दसवीं-बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं के शेष एग्जाम अब आगामी महीनों में होंगे। जानकारी आ रही है कि सीबीएसई के बाद राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड भी परीक्षा केन्द्र बढ़ाएगा। ऐसे में जो परीक्षा केन्द्र पूर्व में नहीं थे, उन्हें भी शामिल किया जाएगा। बोर्ड परीक्षाओं को लेकर जोधपुर शिक्षा विभाग के पास कोई विस्तृत दिशा-निर्देश नहीं आए है।
इस साल 12वीं बोर्ड परीक्षा में जोधपुर जिले में 42 हजार 9 सौ 50 परीक्षार्थी हिस्सा ले रहे हैं। वहीं दसवीं बोर्ड परीक्षा में 61 हजार 9 सौ 66 परीक्षार्थी हिस्सा ले रहे हंै। दसवीं-बारहवीं बोर्ड के लिए 282 केन्द्र बनाए गए हैं। वहीं जरूरत पड़ी तो शिक्षा विभाग राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों को भी परीक्षा केन्द्र के रूप में डवलप कर सकता है, लेकिन समस्या ये हैं कि यहां फर्नीचर की कमी है। स्कूल शिक्षा के संयुक्त निदेशक प्रेमचंद सांखला ने कहा कि बोर्ड से अभी तक किसी प्रकार के दिशा-निर्देश नहीं दिए गए है। जो निर्देश आएंगे, उसी अनुसार कार्य होगा।
*निजी स्कूलों में सेंटर रखने की मांग*
जानकारी अनुसार कई निजी स्कूलों ने मांग रखी है कि उनके बच्चों का सेंटर, उन्हीं की स्कूल में रखा जाए। जबकि इसकी जगह वीक्षक भले ही सरकारी लगा दिए जाए। ऐसे में उम्मीद हैं कि इस बार बच्चों को अपनी स्कूल में भी बोर्ड परीक्षा देने का मौका मिल सकता है।
*स्कूलों के लिए भी चुनौती*
जुलाई माह में सरकारी व निजी दोनों स्कूलें शुरू हो सकती है। ऐसे में जानकारी आ रही है कि एक क्लास में आधे बच्चों को एक दिन और आधे बच्चों को दूसरे दिन बुलाया जा सकता है। ताकि सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की जा सके। हालांकि इस तैयारी को लेकर अभी कोई अधिकृत पुष्टि नहीं हुई है। एमएचआरडी ने भी सुझाव मांगे है।
---------------------------------------------
8.*प्रधानाचार्य को क्यूं मिल गई चार्जशीट*
भीलवाड़ा।
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भीमगंज के प्रधानाचार्य दिनेश पीपाड़ा को निदेशालय ने 16 सीसीए के तहत चार्जशीट थमाई है। इसके साथ ही पीपाड़ा के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू हो गई है।
*पीपाड़ा पर लगे है विभिन्न आरोप*
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी राधेश्याम शर्मा ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर के निदेशक सौरभ गोस्वामी ने इस संदर्भ में 20 मई को राजस्थान सिविल सेवा नियम 16 के तहत आदेश जारी करते हुए पीपाडा के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए है।
पीपाड़ा के खिलाफ राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अंटाली में 2 फ रवरी 2018 से प्रधानाचार्य के पदस्थापन के दौरान अक्षय पेटिका खोलने की प्रक्रिया में पादर्शिता नहीं बरतने और राशि का सही ब्योरा एसडीएमसी के सदस्यों को नहीं देने, खेल मैदान के चारे की नीलामी के जरिए एकत्रित हुई राशि को राजकोष में जमा कराने को लेकर अनियमितता बरतने तथा विद्यालय की रद्दी की नीलामी राशि की जानकारी एसडीएमसी के सदस्यों को नहीं देने के आरोप है।
---------------------------------------------
9.*35 स्कूलों के संस्था प्रधानों ने पोषाहार में गड़बड़ी की, नहीं दिया जवाब*
*अब संबंधित पीइइओ व सीबीइओ से मांगा जवाब*
श्रीगंगानगर.
जिले के 35 राजकीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पोषाहार में गड़बड़ी मिलने पर संस्था प्रधानों ने जवाब तक देना उचित नहीं समझा। शिक्षा विभाग प्रांरभिक के डीइओ ने गंभीरता से लेते हुए संबंधित स्कूलों के पीइइओ व सीबीइओ से दो दिन में पोषाहार में मिली गड़बडिय़ों के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है। इस संबंध में इनको नोटिस जारी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि मिल-डे मील आयुक्त एक साल में दो बार स्कूलों के पोषाहार का निरीक्षण करवाते हैं। इसमें राजकीय प्राथमिक,उच्च प्राथमिक विद्यालयों व माध्यमिक विद्यालयों में फरवरी 2020 दो दिन जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारियों से पोषाहार का निरीक्षण करवाया गया था। शिक्षा विभाग के अनुसार निरीक्षण में जिले के 35 स्कूलों में पोषाहार में कमियां पाई गई थी। इस पर संबंधित संस्था प्रधानों को 19 मार्च व फिर ई-मेल से 15 मई को नोटिस जारी कर पोषाहार में मिली कमियों के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया था लेकिन अधिकांश संस्था प्रधानों ने इसका जवाब तक नहीं दिया। निरीक्षण में रिकॉर्ड संधारण, कैसबुक पूरी नहीं होना, खाद्यान्न का स्टॉक पूरा नहीं मिलना सहित कई प्रकार की गड़बडिय़ां मिली थी।
*संस्था प्रधानों को दिया नोटिस*
शिक्षा विभाग प्रांरभिक में कक्षा एक से लेकर आठवीं तक विद्यार्थियों को पोषाहार दिया जाता है। इसमें राजकीय माध्यमिक विद्यालय 69 एलएनपी,जानकीदासवाला,मलकानाकलां,राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय 68 एलएनपी, 67 एलएनपी, 66 एलएनपी,दो एलसी, एक केएसआर, छह डीडब्ल्यूएम,तीन एम,चार बीबीए,33 बीबी,89 जीबी,दो जेकेएम, 22 आरजेडी,राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय मलकाना कला,राजकीय प्राथमिक विद्यालय हरिपुरा,70 एनपी,54 एनपी,एक पीजीएम ढाणी,12 केएनडी,एक जीबी एम,13 केएसडी,32 जीबी,87 जीबी ए,86 जीबी, दो के डब्ल्यूएम, तीन जीबी ए,दो जीबी, 171 आरडी, 14 एच,दो टी जोधेवाला व 38 बीबी के संस्था प्रधानों को नोटिस जारी किया गया था।
*फैक्ट फाइल*
-जिले में पोषहार बनता है- 1923 विद्यालयों में
-जिले में पोषाहार से लाभान्वित विद्यार्थी-1 लाख 43 हजार 862
-एक साल में पोषाहार पर राशि खर्च होती है-40 करोड़
प्रति विद्यार्थी यह मिलती है राशि
-कक्षा एक से पांचवीं तक- 4.97 पैसे
-कक्षा छह से आठवीं तक- 7.45 पैसे
—स्कूलों में पोषाहार का एक साथ संघन निरीक्षण करवाया था। इसमें 35 स्कूलों में कमियां मिली थी। इस पर संस्था प्रधानों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया था। इस पर संस्था प्रधानों ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया। इस कारण अब सीबीइओ व पीइइओ को नोटिस जारी कर दो दिन में इस संबंध में जवाब मांगा गया है।
दयाचंद बंसल,डीइओ (प्रांरभिक)शिक्षा विभाग,श्रीगंगानगर।
---------------------------------------------
10.*मई से जुलाई के बीच होनी वाली IND-SAT की परीक्षा स्थगित, केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी*
*देशभर में 30 मई से जुलाई के बीच आयोजित होनी थी परीक्षा*
*कई विदेशी स्टूडेंट्स से अनुरोध पर लिया गया फैसला*
दैनिक भास्कर
देशभर में कोरोना की वजह से बने हालातों के मद्देनजर अब IND-SAT की परीक्षा को भी स्थगित कर दिया गया है। इस बारे में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल के जरिए जानकारी साझा की है। केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट कर बताया कि 30 मई से जुलाई के बीच होने वाली IND-SAT परीक्षा को मौजूदा हालात को देखते हुए स्थगित किया जा रहा है। परीक्षा की नई तारीख बाद में घोषित की जाएगी।
*नई तारीखों का ऐलान जल्द*
अपने ट्वीट में मानव संसाधन मंत्री ने बताया कि दुनियाभर में कोरोना संकटकाल से बने हालातों और कई अंतरराष्ट्रीरीय स्टूडेंट्स की तरफ से किए गए अनुरोध के बाद IND-SAT की परीक्षा को निरस्त करनेे का फैसला लिया गया है। यह परीक्षा देशभर में 30 मई से जुलाई के बीच आयोजित कि जानी थी। फिलहाल परीक्षा की नई तारीखों का अभी ऐलान नहीं किया गया है। मंत्री ने कहा है कि जल्द ही नई तारीखों की घोषणा की जाएगी।
*क्या है IND-SAT?*
इंडियन स्कॉलैस्टिक असेसमेंट या IND-SAT, स्टडीज इन इंडिया (SII) के तहत स्कॉलरशिप चाहने वाले स्टूडेंट्स के लिए एक स्टैंडराइज्ड ऑनलाइन टेस्ट है। इस परीक्षा के जरिए भारत में पढ़ने के लिए आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स की क्षमता का आकलन किया जाता है। IND-SAT परीक्षा में हासिल किए स्कोर स्कॉलरशिप के आवंटन के लिए मेधावी स्टूडेंट्स को शॉर्टलिस्ट करने के लिए एक क्राइटेरिया के तय करता है।
---------------------------------------------
11.*सरकारी व निजी स्कूल की कक्षाओं को लेकर एडवाइजरी जारी, यह रहेगा क्लास का टाइम*
सीकर. कोरोना (Corona Virus) की वजह से देशभर में ऑनलाइन क्लास (online classess)के चलन के साथ बच्चों में तनाव की शिकायत भी सामने आने लगी है। बाल आयोग की ओर से पिछले दिनों हुई बैठक में यह मुद्दा उठा था। इसके बाद आयोग ने ऑनलाइन क्लास को लेकर एडवाइजारी (school online classes advisory) जारी की है। इसके तहत सरकारी व निजी स्कूल व कोचिंग संस्थाओं को 30 मिनट से अधिक की ऑनलाइन क्लास नहीं लेने के निर्देश दिए हैं। आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने ऑनलाइन पढ़ाई के बीच सप्ताह में कम से कम दो दिन ऑफ करने का जिक्र भी एडवाइजारी में किया है।
*सुबह नौ से पहले और शाम चार बजे के बाद क्लास नहीं**
आयोग अध्यक्ष ने बताया कि कोरोनाकाल में बच्चों को सह शैक्षणिक गतिविधियों से जोडऩे का अच्छा मौका है। ऐसे में स्कूल व कोचिंग संचालकों को सुबह नौ बजे से पहले और शाम चार बजे के बाद कोई ऑनलाइन क्लास नहीं लगानी चाहिए, जिससे बच्चे आसानी से परिवार को पूरा समय देने के साथ खेलकूद पर भी फोकस कर सके।
*छोटे बच्चों की कविता व कहानी के जरिए पढ़ाई*
आयोग की ओर से जारी गाइडलाइन में छोटे बच्चों को कविता व कहानी के जरिए ज्यादा पढ़ाने के निर्देश दिए हैं। बच्चों से होमवर्क ऑफलाइन मोड पर कराया जाए जिससे उनके स्वास्थ्य पर कोइ्र्र असर नहीं आए। टाइम टेबल लगभग सात दिन पहले जारी किया जाए जिससे अभिभावक भी बच्चों को तैयारी करवा सके और बच्चे भी मानसिक रूप से तैयार रहे।
*दूरदर्शन व आकाशवाणी ज्यादा मददगार*
आयोग ने माना कि ऑनलाइन पढ़ाई के लिए दूरदर्शन व रेडियो से कराई जा रही पढ़ाई ज्यादा मददगार साबित हो रही है। इससे बच्चों पर लेपटॉप, मोबाइल पर निर्भरता भी कम रहेगी। वहीं टीवी-रेडियो से पढ़ाई होने से गरीब विद्यार्थियों को भी सीधे तौर पर फायदा मिलेगा।
*सप्ताह में दो दिन की मिले छुट्टी: अध्यक्ष*
ऑनलाइन क्लास को लेकर मुख्य तौर पर 15 बिन्दुओं को लेकर एडवाइजारी जारी की है। ऑनलाइन क्लास 30 मिनट से लंबी तो किसी भी सूरत में नहीं होनी चाहिए, जिससे विद्याार्थी कोरोनाकाल में आसानी से पढ़ाई कर सके। सप्ताह में दो दिन ऑनलाइन पढ़ाई से छुट्टी भी दी जानी चाहिए।
संगीता बेनीवाल, अध्यक्ष, राजस्थान बाल संरक्षण आयोग
---------------------------------------------
12.*राजस्थान/ चयनित कनिष्ठ सहायक 3 से 11 जून तक कराएंगे दस्तावेज की जांच, जानें इससे जुड़ी विस्तृत जानकारी*
कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा 2018 में चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज की जांच का कार्यक्रम जारी कर दिया गया हैं। कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा 2018 में चयनित अभ्यर्थी जिन्हें जिला कलक्टर कार्यालय अजमेर आवंटित किया गया है
अजमेर। कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा 2018 में चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज की जांच का कार्यक्रम जारी कर दिया गया हैं। कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा 2018 में चयनित अभ्यर्थी जिन्हें जिला कलक्टर कार्यालय अजमेर आवंटित किया गया है, उन्हें अपने दस्तावेज निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जांच कराने होंगे।
अभ्यर्थियों को शैक्षणिक, प्रशक्षणिक, कम्प्यूटर, टाईप, आयु, अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी, एमबीसी एवं विकलांगता से संबंधित आवश्यक मूल प्रमाण पत्र, मूल दस्तावेज एवं इनकी सत्य प्रतियां आवश्यक शपथ पत्र के साथ कलक्टर कार्यालय स्थित संस्थापन शाखा के कमरा नम्बर 4 में कार्यक्रम के अनुसार ही उपस्थित होना होगा।
कलक्टर अजमेर विश्वमोहन शर्मा ने बताया कि अभ्यर्थियों को अलग अलग ग्रुप में बुलाया गया है। जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके। कार्यक्रम के अनुसार दस्तावेज की जांच 10.30 से दोपहर 1.30 बजे तक होगी। इसमें मेरिट संख्या 158 से 810 तक को 3 जून, 948 से 1261 तक को 4 जून, 1269 से 1775 तक 5 जून, 1812 से 4740 तक 8 जून, 4745 से 5254 तक 9 जून, 5819 से 10330 तक 10 जून तथा 10361 से 14144 तक 11 जून को दस्तावेजों के साथ उपस्थित होना होगा। इस संबंध में अधिक जानकारी वेबसाईट https://ajmer.rajasthan.gov.in/ पर उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि अभ्यर्थी को दस्तावेजों के साथ सैकण्डरी, सीनियर सैकण्डरी, स्नातक, अधिस्नातक एवं अन्य योग्यताओं की अंकतालिकाएं तथा प्रमाण पत्र, कम्प्यूटर योग्यता प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, अंतिम शैक्षणिक संस्थान का चरित्र प्रमाण पत्र, दो राजपत्रित अधिकारियों से प्राप्त चरित्र प्रमाण पत्र जो छह माह से कम का नहीं हो, विवाह का शपथ पत्र, संतान का शपथ पत्र, दहेज ना लेने का शपथ पत्र, पत्र व्यवहार का पूर्ण पता, मूल निवास प्रमाण पत्र, बिजली, पानी, फोन के बिल, आधार कार्ड या वाहन लाइसेन्स जैसे पते का प्रमाण पत्र, स्वास्थ्य प्रमाण पत्र, पुलिस सत्यापन शपथ पत्र, ध्रूमपान नहीं करने का शपथ पत्र, राजकीय सेवा में कार्यरत कार्मिकों के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र तथा फिक्स वेतन पर कार्य करने की सहमति संलग्न करने होंगे।
---------------------------------------------
13.*फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी लेने का मामला,अधिकारियों को प्रतिवेदन देने के निर्देश*
(Rajasthan Highcourt) हाईकोर्ट ने (competitve exam) प्रतियोगी परीक्षा में (Fail) फेल और (Forged documents) फर्जी दस्तावेजों के आधार पर (recruitment) नौकरियां देने की (enquiry) जांच करने की (petition) याचिका का (disposal) निपटारा करते हुए (petitioner)याचिकाकर्ता को सरकार को (represantation) प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए हैं।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी लेने का मामला,अधिकारियों को प्रतिवेदन देने के निर्देश
जयपुर
(Rajasthan Highcourt) हाईकोर्ट ने (competitve exam) प्रतियोगी परीक्षा में (Fail) फेल और (Forged documents) फर्जी दस्तावेजों के आधार पर (recruitment) नौकरियां देने की (enquiry) जांच करने की (petition) याचिका का (disposal) निपटारा करते हुए (petitioner) याचिकाकर्ता को सरकार को (represantation) प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह निर्देश रोहिताश सारस्वत की याचिका का निपटारा करते हुए दिए। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मौखिक रुप से याचिकाकर्ता के अब तक मामले में एफआईआर दर्ज नहीं करवाने पर भी सवाल उठाया।
कोर्ट केा बताया गया कि आरपीएससी ने सूचना व प्रौद्योगिकी और संचार विभाग में एनालिस्ट कम प्रोग्रामर सह उप निदेशक की भर्ती निकाली थी। इसके आधार पर वर्ष 2013—2014 में नियुक्तियां दी गईं थीं,लेकिन इनमें प्रतियोगी परीक्षा में फेल और फर्जी दस्तावेज पेश करने वालों को भी नियुक्त्यिां दे दी गईं। एक सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को फेल होने के बावजूद अन्य पिछडा वर्ग में नियुक्ति दे दी जबकि एक महिला अभ्यर्थी को फेल होने के और प्रतीक्षा सूची में नाम नहीं होने के बावजूद भी नियुक्ति दे दी। इसके अलावा करीब चार अभ्यर्थियों को फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्तियां दे दीं। विभाग अन्य अभ्यर्थियों के दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवा रहा है। याचिकाकर्ता ने पूरी भर्ती प्रक्रिया की जांच करवाने के निर्देश देने की गुहार की थी। कोर्ट ने मामले के गुणावणुण पर टिप्पणी करे बिना याचिकाकर्ता को संबंधित उचित अधिकारी को प्रतिवेदन देने के निर्देश देकर याचिका का निपटारा कर दिया।
---------------------------------------------
14.*JEE Main: एक माह में प्रवेश के लिए बनाएं रणनीति, मिलेगी सफलता*
कोविड-19 महामारी ने भी शिक्षा क्षेत्र पर गंभीर प्रभाव छोड़ा है। ऐसे में पहले से निर्धारित प्रतियोगी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है। अब एनटीए ने 18 से 23 जुलाई 2020 तक जेईई मुख्य परीक्षा का संचालन करने के लिए नया शेड्यूल जारी किया है। जेईई एडवांस परीक्षा 2020 23 अगस्त 2020 को आयोजित की जाएगी। अब छात्रों के पास जो समय है उसका उपयोग सावधानीपूर्वक एक रणनीति बनाकर किया जाना चाहिए।
*अंतिम घंटे में स्मार्ट तैयारी के टिप्स*
जेईई में सफल होने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है एक स्मार्ट कार्य योजना बनाना जो समय के साथ पूरे पाठ्यक्रम को कवर करती हो। हालांकि अधिकांश उम्मीदवारों ने पूरे पाठ्यक्रम को अब तक कवर कर लिया होगा, लेकिन प्रभावी और रणनीतिक टूल का पालन करने से बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे।
*समय का करें सदुपयोग*
छात्रों के लिए सबसे जरूरी है कि वे कमजोर क्षेत्रों का विश्लेषण करने के बाद अपने प्रदर्शन में सुधार करें। समय बर्बाद किए बिना इन क्षेत्रों पर काम करना शुरू करना होगा। वर्तमान तैयारियों के बेहतर मूल्यांकन के साथ एक रणनीतिक समय सारिणी अच्छे अंक प्राप्त करने में मदद करेगी। सभी विषयों पर समान ध्यान देने की आवश्यकता है और इसलिए तीनों विषयों के लिए बचे हुए सप्ताह को समझदारी से उपयोग करें।
*एनसीईआरटी पुस्तकें हैं उपयोगी*
एनसीईआरटी पुस्तकों के साथ तैयारी शुरू करें। निस्संदेह, एनसीईआरटी पुस्तकें जेईई मेन और जेईई एडवांस का आधार बनती हैं। ये बुनियादी पुस्तकें एक अच्छा वैचारिक आधार बनाती हैं और समझने में आसान होती हैं। उन विषयों को पहचानें, जिन्हें प्रश्नों को हल करने के फॉर्मूलों को याद करने में आपको कठिनाई होती है। प्रतिष्ठित स्रोतों से प्रश्न बैंकों को देखें और उन्हें हल करें।
अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें
सफल उम्मीदवार हमेशा अपने कमजोर क्षेत्रों से सीखते हैं और इसलिए इन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने से निश्चित रूप से मदद मिलेगी। उचित समय प्रबंधन के साथ एक व्यवस्थित संशोधन योजना होना आपकी सफलता की कुंजी होगी। कठोर अभ्यास उपयोगी है। जो छात्र अपनी गलतियों से सीखते हैं वे उन्हें दोहराने से बचते हैं।
*समय सीमा तय हो*
अपनी अवधारणाओं को स्पष्ट करने पर ध्यान दें। इस चरण का उपयोग समस्या समाधान के लिए किया जाना चाहिए। कठिन प्रश्नों को हल करने के लिए समय सीमा में सुधार करें और अपनी अपनी कमजोरियों पर काबू पाएं। आत्मविश्वास और सही परीक्षा स्वभाव का निर्माण वास्तविक परीक्षा में बेहतर अंक लाने की कुंजी है।
*ऑनलाइन मॉक टेस्ट दें*
ऑनलाइन मॉक टेस्ट का प्रयास करने से आपको विषयों के साथ अच्छी तरह से जुड़ने, अवधारणा स्पष्टता विकसित करने और जेईई मुख्य परीक्षा के वर्तमान रुझानों और पैटर्न के साथ अच्छी तरह से अपडेट रखने में मदद मिलेगी। ऑनलाइन पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र, मॉक टेस्ट, संदेह समाशोधन सत्र और विशेषज्ञ की राय का पूरा उपयोग प्रदान करता है।
*शांत रहें, ध्यान केंद्रित करें*
स्व-लिखित नोट्स बनाने से किसी को सूत्र, टिप्स और ट्रिक्स याद करने में मदद मिलती है और जेईई की तैयारी के दौरान बहुत मदद मिलती है और इसे संशोधित करना आसान होता है। आराम करने या आराम करने के लिए कुछ समय लेने से मस्तिष्क को आपकी उंगलियों पर सीखी गई चीजों को याद करने के लिए तैयार किया जाता है। शांत रहें, ध्यान केंद्रित करें ये सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
---------------------------------------------
15.*REET 2016: हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अंग्रेजी विषय के खाली 826 पदों पर नहीं हुई नियुक्ति*
रीट लेवल 2 अंग्रेजी विषय के खाली पड़े पदों को हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अब तक नहीं भरा गया है।
रीट लेवल 2 अंग्रेजी विषय की भर्ती को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। उम्मीदवारों ने नियुक्ति की मांग करते हुए लॉकडाउन से पहले धरना दिया था। वहीं, लॉकडाउन के बाद उम्मीदवारों ने ट्विटर पर ट्रेंड चलाकर राजस्थान सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास किया। उम्मीदवारों ने 1 लाख 26 हजार से ज्यादा ट्वीट किए। बता दें कि राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी 826 सीटों पर उम्मीदवारों की नियुक्ति नहीं की गई है। हाईकोर्ट की सिंगल व डबल बेंच इन पदों पर वेटिंग लिस्ट जारी करने का निर्देश दे चुकी है, लेकिन शिक्षा निदेशालय बिकानेर द्वारा अभी तक वेटिंग लिस्ट जारी नहीं की गई है। उम्मीदवार शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक से इस मामले पर संज्ञान लेने का अनुरोध कर चुके हैं। हालांकि इनकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही।
एक उम्मीदवार ने ट्वीट कर लिखा, ''हमारी भर्ती कोर्ट में लंबित भी नहीं है, कोर्ट द्वारा आदेश भी दिया जा चुका है फिर सरकार वेटिंग लिस्ट जारी क्यों नहीं कर रही? हमारी भर्ती पूरी कर 826 बेरोजगारों के साथ न्याय करें राजस्थान सरकार।''
एक उम्मीदवार ने ट्वीट कर लिखा, ''आत्महत्या करने को मजबूर राजस्थान का युवा। रीट 2016अंग्रेजी विषय की वेटिंग लिस्ट की आशा में दर दर भटक कर थक गए है बेरोजगार युवा।''
*एक उम्मीदवार ने ट्वीट कर लिखा:*
*क्या है पूरा मामला*
उम्मीदवारों ने बताया कि रीट भर्ती 2016 में कुल 4761 पदों पर भर्ती हुई थी। इसके लिए 25 जनवरी 2018 को प्रोविजनल परिणाम जारी हुआ था। प्रोविजनल सूची को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद अंतिम रूप देने के लिए 'परिणाम रिशफल' किया गया। उम्मीदवारों का आरोप है कि उक्त 'परिणाम रिशफल' में नियुक्ति प्रकोष्ठ ने (अपात्र व अनुपस्थित श्रेणी के) रिक्त पदों पर नए अभ्यर्थियों को चुनते हुए 'रिशफल परिणाम' जारी कर दिया, लेकिन (नॉन जॉइनर्स) श्रेणी के करीब 450 रिक्त पदों पर न तो परिणाम रिशफल किया और न ही वेटिंग सूची जारी की, बल्कि पूर्व में नॉन जॉइनर्स रहे अभ्यर्थियों के रोल न./मेरिट न.रिपीट कर दिए। इससे कुल मिलाकर 450 पूर्व के नॉन जॉइनर्स+रिशफल रिजल्ट के बाद के 376 नॉन जॉइनर्स के (कुल 826) पद रिक्त रह गए। हाईकोर्ट इन पदों को भरने का आदेश दे चुकी है लेकिन अभी तक इस भर्ती को आगे नहीं बढ़ाया गया है।
---------------------------------------------
16.*नए जमाने की स्कूलिंग, 200 में 100 दिन घर से ऑनलाइन पढ़ाई*
नई दिल्ली. कोरोना महामारी के चलते आम लोगों की जीवनशैली में बड़े बदलाव सुनिश्चित हैं। ऐसा ही बड़ा बदलाव देश की स्कूली शिक्षा में लाने की तैयारी है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्कूलों के मौजूदा 220 शिक्षणदिवस या स्कूलों में 1,320 शिक्षण घंटे के मॉडल को 'स्कूल और घर में मिली-जुली पढ़ाईÓ से बदलने की तैयारी में है। नए प्रस्तावित मॉडल के तहत स्कूलों में पढऩे के समय को 100 दिन या 600 घंटे तक कम करके इस समय को 'घरों पर सक्रिय पढ़ाईÓ में बदल दिया जाएगा। वहीं स्कूलों में भी इतने ही समय यानी 100 दिन या 600 घंटे पढ़ाई होगी। बचे हुए 120 घंटे या 20 दिन (हर माह दो दिन) विद्यार्थियों के भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए स्कूलों या घरों में डॉक्टरों, काउंसलर्स आदि के लिए तय कर दिए जाएंगे।
*30-50 बच्चे ही रहेंगे स्कूलों में*
एक बार में 30-50त्न से ज्यादा बच्चे स्कूलों में मौजूद न रहें। इसके लिए ग्रेडेट फॉर्मेट या दोहरी शिफ्ट को कहा जाएगा। कक्षा 1 से 5 तक ं को सप्ताह में केवल 3 दिन और कक्षा 6 से 8 तक बच्चों को सप्ताह में 2 से 4 दिन और कक्षा 9 से 12 तक छात्रों की 4 से 5 दिन कक्षाएं लगेंगी।
*45 मिनट की जगह 30 मिनट का पीरियड*
साप्ताहिक टाइम टेबल सिस्टम जिसमें पीडियड का समय 45 मिनट से घटाकर 30 मिनट करने की भी सलाह दी जाएगी। कुछ विषयों के एकीकृत पढ़ाई के लिए एक घंटे के विशेष पीरियड की योजना भी प्रस्तावित की जा सकती है।
*लचीले नियम, घर से पढऩे की छूट*
उपस्थिति की अनिवार्यता और बीमारी के लिए छुट्टी के प्रावधानों को काफी लचीला बनाया जाएगा। इनमें माता-पिता की सहमति से इच्छुक विद्यार्थियों को उचित नियमों के साथ घर से पढऩे की छूट देना का प्रस्ताव भी शामिल है।
*क्विज और प्रोजेक्ट ज्यादा*
सूत्रों के अनुसार मानव संसाधान विकास मंत्रालय पेन और पेपर पर आधारित मूल्यांकन व्यवस्था को हतोत्साहित करने की योजना पर काम कर रहा है। इसके बजाय कक्षाओं में भूमिका अदा करना, क्विज व प्रजेंटेशन्स और घरों पर प्रोजेक्ट वर्क आदि शामिल हैं।
*मिड डे मील की जारी होगी गाइडलाइन*
सरकारी स्कूलों में मिड डे मील के लिए अलग गाइडलाइन जारी होंगी। इनमें सब्जियों को नमक-हल्दी के घोल से धोने सहित खाना बनाने वाले व सहायकों की रोजाना थर्मल स्कैनिंग और बर्तनों को सैनेटाइज प्रक्रियाएं होगी।
*सोशल डिस्टेंसिंग के लिए एसओपी*
स्कूल, कक्षा, स्कूल बस-ऑटो, लैब, खेल के मैदान व अन्य सभी तरह गतिविधियों के दौरान उचित सोशल डिस्टेंसिंग के लिए एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) जारी किए जाएंगे।
*वंचितों को तरजीह*
सभी स्कूलों से ऐसे वंचित बच्चों पर ध्यान केंद्रित करने को कह सकता है जिनके पास ऑनलाइन सुविधाएं व सीखने के साधन उपलब्ध नहीं।
*नहीं काटे जाएंगे नाम*
पलायन वाले इलाकों में मौजूद स्कूलों से फौरन ही ऐसे बच्चों को नाम न काटने को कहा जाएगा जो अपने गृहराज्य या गृहजनपद में पलायन कर गए हैं।
*आउटडोर क्लास:* जहां संभव हो अस्थायी आउटडोर क्लास बनाएं जाएं, जहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो।
*6 फुट की दूरी:* क्लास रूम में, स्टाफ रूम, रिसेप्शन आदि में 6 फीट की दूरी।
*प्रवेश व निकासी :* प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग लेन। निकासी के कई रास्ते होंगे व प्रवेश के सीमित।
*स्कूल परिवहन:* स्कूल बस आदि की रोज दो बार सैनेटाइजेशन होगा। एक सीट पर एक बच्चा ही बैठेगा। बस में कोई पर्दा नहीं होगा।
*टाइमटेबल:* कक्षा 1-8 के लिए एनसीईआरटी बनाएगा।
*स्कूल बैग:* कक्षा 5 के बच्चों को आदर्श रूप में कोई स्कूल बैग नहीं ले जाना होगा।
---------------------------------------------
0 Comments