*केयर सिटी: कोरोना फ्री रहा कोचिंग एरिया*
कोटा.
शिक्षा नगरी कोटा कोविड (Corona) के साथ संघर्ष करते हुए फिर से विद्यार्थियों की प्रतिभा को निखारने के लिए तैयार हो रही है। यहां कोचिंग (Kota Coaching) और शिक्षण संस्थान कोविड मुक्त क्लास रूम, आवास और पूरा माहौल उपलब्ध कराने की तैयारी में जुटे हैं। अभी शिक्षण कार्य ऑनलाइन चल रहा है, लेकिन विद्यार्थी और अभिभावकों की मांग पर ऑफलाइन के लिए फिर से तैयारी शुरू कर दी है। सभी को सरकार की गाइडलाइन का इंतजार है। पत्रिका के साथ ऑनलाइन संवाद में कोचिंग संचालकों ने अपने विचार रखते हुए कहा, वे हर सुरक्षा उपाय अपनाने के लिए तैयार हैं।
कोटा से गए विद्यार्थियों के कमेंट आ रहे हैं। उनकी वापस आने की इच्छा है। उन्हें लॉकडाउन खुलने का इंतजार है। मेडिकल-इंजीनियरिंग की परीक्षाओं में जो ऑफलाइन से परिणाम आए हैं। वे ऑनलाइन से नहीं मिल सकते। हमें कोविड प्रूफ व्यवस्थाएं करनी होंगी। हम तैयार हैं। सरकार को भी राजस्व मिलता है। इसलिए वो भी इस सेक्टर के बारे में कुछ करे।
गोविंद माहेश्वरी,
निदेशक, एलन कॅरियर संस्थान
पहले भी बड़े परिवर्तन आए हैं, कोटा कोचिंग की खासियत है चुनौतियों के अनुसार खुद को तैयार कर लेते हैं। कोटा का नाम पूरे देश में है। कोचिंग में कोटा का कोई विकल्प नहीं है। लॉकडाउन में विद्यार्थियों की पढ़ाई में ऑनलाइन मदद की जा रही है। कोटा में उन्हें घर जैसा प्यार मिला है, इसलिए हालत सामान्य होते ही बच्चे फिर लौट आएंगे।
ओम माहेश्वरी
निदेशक, कॅरियर पॉइंट
---------------------------------------------2. *क्लास में एक बेंच पर बैठेगा एक ही छात्र, स्कूलों के लिए ये हैं नए नियम!*
*चौथी क्लास तक के बच्चों को पहले फेज में स्कूल नहीं बुलाया जा सकता है, वे घर बैठे ही ऑनलाइन स्टडी करेंगे। देशभर के स्कूल्स कुछ टाइम के लिए दो से तीन शिफ्ट में चलेंगे।*
कोविड-19 के चलते एजुकेशन सिस्टम में बदलाव आया है। क्लासरूम के बजाय अब ऑनलाइन स्टडी को तवज्जो दी जा रही है। लॉकडाउन के बाद चीन, जापान, इजरायल और डेनमार्क जैसे देशों में स्कूल फिर से खुल गए हैं। वहीं भारत में एमएचआरडी अगले सप्ताह स्कूलों को फिर से खोलने संबंधी गाइडलाइन जारी करेगा।
MHRD व CBSE के सूत्रों के अनुसार जोन के हिसाब से स्कूल ऑड-ईवन और एक तिहाई बच्चों को क्लासरूम स्टडी के लिए बुला सकेंगे। चौथी क्लास तक के बच्चों को पहले फेज में स्कूल नहीं बुलाया जा सकता है, वे घर बैठे ही ऑनलाइन स्टडी करेंगे। देशभर के स्कूल्स कुछ टाइम के लिए दो से तीन शिफ्ट में चलेंगे। सबसे ज्यादा संक्रमण का खतरा स्कूल आने जाने में ही हो सकता है। ट्रांसपोर्ट को लेकर विशेष गाइडलाइन तैयार की जा रही है। आईआईएम रोहतक ने भी स्कूल्स को तीन शिफ्ट में चलाने का मॉडल पेश किया है।
*आठवीं तक के लिए ऑनलाइन स्टडी*
भारतीय विद्याभवन विद्याश्रम स्कूल की प्रिंसिपल प्रतिमा शर्मा का कहना है कि कोरोना के बाद स्टडी पैटर्न सहित सब कुछ बदलने वाला है। आठवीं क्लास तक के बच्चों की फर्स्ट फेज में ऑनलाइन ही रखने पर विचार कर रहे हैं। सिर्फ 9 से 12वीं क्लास के बच्चों को ही स्कूल बुला सकते हैं।
*रिकॉर्ड होगी लाइव क्लास*
कैंब्रिज कोर्ट वर्ल्ड स्कूल की मेंटोर लता रावत का कहना हैकि पहले से ही स्कूल को दो-तीन शिफ्ट में चलाने की प्लानिंग कर रहे हैं। एक तिहाई बच्चे क्लासरूम में पढ़ाई करते हैं, तो बाकी बच्चे लाइव क्लास को ऑनलाइन जॉइन कर सकेंगे। ये लेक्चर्स रिकॉर्ड भी किए जाएंगे, ताकि क्लास मिस होने पर बच्चा बाद में पढ़ सके। स्पोर्ट्स व कल्चरल एक्टिविटी की जगह पूरा ध्यान एकेडमिक्स पर रहेगा।
*स्कूल प्रशासन ने बनाए सुरक्षा नियम*
माहेश्वरी पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल अशोक वैद्य का कहना है कि एमएचआरडी और सीबीएसई की ओर से जारी गाइडलाइन को फॉलो करने के साथ स्कूल प्रशासन अपने स्तर पर भी सुरक्षा नियम बना रहा है। हम स्कूल दो और तीन शिफ्ट में चलाने के लिए तैयार हैं। इसके लिए टीचर्स की ट्रेनिंग भी शुरू कर दी है। सिलेबस रिवाइज करने पर भी काम कर रहे हैं। ऑनलाइन स्टडी कुछ दिनों के लिए विकल्प नहीं वरन अब लंबे समय के लिए चलने वाली है।
*ऑड-ईवन फॉर्मेट का कर रहे अध्ययन*
जयश्री पेड़ीवाल ग्लोबल स्कूल की प्रिंसिपल मंजू खोसला का कहना है कि हम स्कूल शिफ्ट में चलाने के लिए साथ ही बच्चों को ऑड-ईवन फॉर्मेट में बुलाने के लिए तैयार हैं। छोटे बच्चों को फर्स्ट फेज में बिल्कुल नहीं बुलाएंगे। हमारे यहां एक सेक्शन में 30 से ज्यादा बच्चे नहीं है। इनको भी सब-सेक्शन में बांट सकते हैं। क्लास में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाएगा। सरकार की ओर से गाइडलाइन के बाद स्कूल री-ओपन करने पर काम करेंगे।
*ये हो सकते हैं नए सुरक्षा नियम*
फेस मास्क होगा स्कूल ड्रेस का हिस्सा, एक बैंच पर एक ही बच्चे को बैठाने की प्लानिंग।
पहली पारी 7 से 11 बज, दूसरी 11.30 से 3.30 बजे तक और तीसरी पारी 4 से 7.30 बजे तक हो सकती है।
पहली से चौथी, पांचवी से आठवीं और 9वीं से 12वीं कक्षा के बन सकते हैं तीन ग्रुप।
चौथी क्लास तक के बच्चों को दो महीने घर से ऑनलाइन पढ़ाई की मिल सकती है छूट।
स्कूल में एंट्री से लेकर कक्षा में सेनेटाइजेशन।
क्लासरूम से वॉशरूम में भी सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी।
काउंसलर्स की नियुक्ति।
मिड टर्म एग्जाम में पूछे जाएंगे बहुविकल्पीय प्रश्न।
तीस परसेंट तक सिलेबस हो सकता है छोटा।
असेम्बली, स्पोर्ट्स, इंटरस्कूल व कल्चरल इवेंट्स पर लग सकती है रोक।
एयरकंडीशंड कक्षाओं पर भी लग सकती है रोक।
टीचर्स की होगी सेफ्टी मैनेजमेंट की ट्रेनिंग।
---------------------------------------------3. *जुलाई से परीक्षाओं का सीजन, स्टूडेंट यूं रहेंगे व्यस्त*
*परीक्षाओं में देरी से नौकरियों, प्रवेश कार्यक्रमों और नए सत्र पर असर दिखाई देगा।*
अजमेर.
लाखों विद्यार्थियों और अभ्यर्थियों को जुलाई से प्रवेश, भर्ती और मुख्य परीक्षाएं देनी होंगी। यह परीक्षाएं राजस्थान लोक सेवा आयोग, सीबीएसई, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, इंजीनियरिंग कॉलेज, केंद्रीय राजस्थान विश्वविद्यालय से जुड़ी हैं। हालांकि परीक्षाओं में देरी से नौकरियों, प्रवेश कार्यक्रमों और नए सत्र पर असर दिखाई देगा।
*नेशनल टेस्टिंग एजेंसी*
जेईई मेन परीक्षा: 18 से 23 जुलाई (पहले 5 से 11 अप्रेल को होनी थी)नीट 26: जुलाई (पहले 3 मई को होनी थी)
*राजस्थान लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षाएं*
पशु चिकित्सा अधिकारी और पुस्तकालयाध्यक्ष द्वितीय श्रेणी परीक्षा (पहले 29 अप्रेल को थी प्रस्तावित ) प्राध्यापक संस्कृत भर्ती परीक्षा-2018 ( पहले 11 से 14 मई तक थी प्रस्तावित)
आरएएएस एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती 2018: मुख्य परीक्षा परिणाम बकाया
जनसंपर्क अधिकारी भर्ती 2019: साक्षात्कार बकाया
पुलिस उपनिरीक्षक-प्लाटून कमांडर भर्ती: साक्षात्कार बकाया
कालेज शिक्षक भर्ती 2019: आवेदन प्रक्रिया तय नहीं
*सीबीएसई की परीक्षाएं (32 लाख विद्यार्थी)*
दसवीं-दिल्ली रीजन में दसवीं और देश के अन्य रीजन में 1 से 15 जुलाई तक होंगी परीक्षाए5।
बारहवीं-बारहवीं में बिजनेस स्टडीज, भूगोल, समाजशास्त्र, कंप्यूटर साइंस (ओल्ड और न्यू), बायोटेक्नोलॉजी, गृह विज्ञान और अन्य विषय
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (20 लाख विद्यार्थी)
दसवीं-गणित और सामाजिक विज्ञान, ऑटोमेटिव,आईटी, कृषि, प्लम्बर और अन्य विषय
बारहवीं-भूगोल, मनोविज्ञान, गणित, आईटी,
गृहविज्ञान, संस्कृत साहित्य, व्यवसाय अध्ययन, चित्रकला, अंग्रेजी साहित्य और अन्य विषय। टाइम टेबल तय होना बाकी।
*महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय*
स्नातक, स्नातकोत्तर विषयों के 350 विषयों से ज्यादा पेपर
(अभी टाइम टेबल तय नहीं)
*राजकीय डूंगर कॉलेज बीकानेर*
पीटीईटी-पहले मई में होनी थी। अब जून में प्रस्तावित
*इंजीनियरिंग कॉलेज*
द्वितीय, चतुर्थ, छठे और आठवें सेमेस्टर में अध्ययनरत विद्यार्थियों की परीक्षाएं
(टाइम टेबल तय नहीं)
---------------------------------------------4. *आरटीई के शेड्यूल के इंतजार में अभिभावक*
*- पिछले साल अप्रैल में जारी हुआ था शेड्यूल*
जयपुर.
प्रदेश के स्कूलों में आरटीई की सीमा एक लाख से बढ़ाकर 2.50 लाख किए जाने के बाद अभिभावक शेड्यूल जारी होने का इंतजार कर रहे हैं। शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने 17 मई के बाद शेड्यूल जारी करने के लिए कहा था, लेकिन अभी तक शेड्यूल जारी नहीं किया गया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अगले हफ्ते तक शेड्यूल जारी किया जा सकता है। अभी कैचमेंट एरिया और टाइमफ्रेम को लेकर प्रक्रिया चल रही है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल अप्रैल में आरटीई का शेड्यूल जारी किया गया था। ऑनलाइन आवेदन पिछले साल की तरह आवेदन इस बार भी ऑनलाइन होंगे। आरटीई पोर्टल पर सीबीएसई और आरबीएसई के लगभग 38 हजार स्कूल रजिस्टर हैं। पिछले साल 1 लाख 94 हजार 161 एडमिशन हुए थे। ऐसे में लाखों अभिभावक आस लगाए बैठे हैं। आरटीई के जरिए पारिवारिक आय की दायरा 2.50 लाख बढऩे से तीन गुना आवेदन आने की उम्मीद की जा रही है। गौरतलब है कि 6 अप्रैल 2017 को पिछली सरकार ने सीमा को 1 लाख कर दिया था। हाल ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ढाई लाख तक बढ़ाने की मंजूरी दे दी है।
---------------------------------------------5. *सीबीएसई / 10वीं में मैथ्स, साइंस और सोशल साइंस में से किसी एक में फेल होने पर भी माना जाएगा पास*
*कक्षा 10वीं की सत्र 2019-2020 परीक्षा के रिजल्ट पर भी यह नियम लागू होगा*
*छठे विषय के रूप में स्किल सब्जेक्ट चुनने वाले छात्रों को ही मिलेगा फायदा*
दैनिक भास्कर
लॉकडाउन बढ़ने के साथ ही 10वीं कक्षा की परीक्षाएं देने वाले छात्रों का रिजल्ट का इंतजार भी बढ़ रहा है। इस बीच 10वीं के स्टूडेंट्स के लिए एक राहत की खबर आई है। सीबीएसई ने इस बार अपने नियमों में कुछ बदलाव किए हैं, जिससे इस साल का पासिंग पर्सेंटेज बढ़ने की संभावना है। बोर्ड के जिन छात्रों ने 10वीं में छठे विषय के रूप में स्किल सब्जेक्ट को चुना है, उन्हें एक बड़ा फायदा होने जा रहा है। यह विद्यार्थी अपने मुख्य तीन विषय मैथ्स, साइंस और सोशल साइंस में से किसी एक में फेल भी होते हैं, तो उन्हें पास कर दिया जाएगा। जिस विषय में छात्र फैल हुआ है उसे स्किल विषय से रिप्लेस कर दिया जाएगा। इस नियम का लाभ सत्र 2019-20 की परीक्षाएं दे रहे स्टूडेंट्स को भी मिलेगा।
सीबीएसई द्वारा 10वीं में 100 से अधिक स्किल विषय चलाए जा रहे हैं। अब तक मुख्य विषय में फेल होने वाले विद्यार्थियों को कंपार्टमेंटल परीक्षा देनी होती थी। 10वीं में छठे विषय के तौर पर स्किल विषय की सुविधा 2019 में शुरू हुई थी। 2019 में नौवीं के छात्रों को भी यह सुविधा दी गई।
*2022 से 12वीं के छात्र भी चुन सकेंगे स्किल विषय*
2022 से 12वीं के छात्रों को भी स्किल विषय चुनने का मौका मिलेगा। सीबीएसई ने 2020-21 सत्र के 11वीं के छात्रों को स्किल विषय रखने का अवसर दिया है, जो छात्र स्किल विषय रखेंगे उन्हें बोर्ड परीक्षा में किसी एक विषय में फेल होने पर स्किल विषय से रिप्लेस करने का मौका मिलेगा।
जून के आखिर तक आ सकता है रिजल्ट
यह तय हो चुका है कि सीबीएसई बोर्ड में 10वीं का कोई भी बचा हुआ पेपर दिल्ली को छोड़कर देश के किसी भी हिस्से में नहीं होना है। सीबीएसई ने मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू करने के आदेश भी जारी कर दिए हैं। 15 जून तक 10वीं के सभी विषयों का मूल्यांकन पूरा हो सकता है। यानी दिल्ली क्षेत्र को छोड़ देश भर में 10वीं परीक्षा का रिजल्ट जून के अंत तक आ सकता है।
---------------------------------------------6. *राजकीय व अनुदानित छात्रावासों में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे*
रावतभाटा.
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से जिले में संचालित 18 राजकीय व एक अनुदानित छात्रावासों में शैक्षणिक सत्र 2020-21 में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं।
विभाग के सहायक निदेशक अश्विनी कुमार शर्मा ने बताया कि छात्रावास प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया चालू है। विद्यार्थी को पोर्टल पर सत्र 2019.20 में उत्तीर्ण या प्रमोट की अंकतालिका, आधार कार्ड क्रमांक, भामाशाह कार्ड क्रमांक अथवा पंजीयन रसीद क्रमांक, मूल निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, ई.मेल आईडी मोबाईल नम्बर, बीपीएल कार्ड क्रमांक, आय प्रमाण पत्र (गैर बीपीएल परिवार के लिए) नि:शक्तता प्रमाण.पत्र (नि:शक्त छात्र/छात्राओं हेतु) एवं अनाथ प्रमाण पत्र (अनाथ छात्र/छात्राओं) के लिए अपलोड़ करना होगा।
उक्त दस्तावेजों की स्वप्रमाणित प्रति स्केन करनी होगी। सूचना अपलोड करने के बाद विद्यार्थी को कोई भी दस्तावेज छात्रावास या विभाग के कार्यालय में जमा नहीं करवाना है। गत शैक्षणिक सत्र 2019-20 में छात्रावास में नियमित रूप से आवासित विद्यार्थी 20 जून तक विद्यालय स्तर के छात्रावास के लिए, 30 जून से पूर्व महाविद्यालय स्तरीय छात्रावास के लिए अपनी अंकतालिका सम्बन्धित छात्रावास अधीक्षक के माध्यम से अपलोड कर सकते हैं।
---------------------------------------------7. *परीक्षा के लिए नहीें करनी पड़ेगी वापस यात्रा, जहां अभी है वहीं से दें बोर्ड परीक्षा*
CBSE ने उन छात्रों को अनुमति देने का फैसला किया है जो अपने होम टाउन या अन्य जिलों में शिफ्ट हो गए हैं। अब बुधवार को उस जिले से लंबित बोर्ड परीक्षाओं के लिए उपस्थित हो सकते हैं। बोर्ड जून के पहले सप्ताह में इसे अधिसूचित करेगा और छात्र केंद्र स्थान परिवर्तन के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
निर्णय के लिए केंद्रीय मंत्री ने मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल द्वारा उन छात्रों के लिए घोषणा की, जो लंबित 29 पत्रों के लिए उपस्थित होते हैं, जिन्हें नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में विघटन के कारण परीक्षा नहीं दे पाए थे।
कई छात्र, मुख्य रूप से कक्षा 12 वीं, कोचिंग के लिए दूर के स्थानों की यात्रा करते थे और आमतौर पर कोचिंग संस्थानों के करीब परीक्षा केंद्र चुनते थे। हालांकि, लॉकडाउन के कारण वे घर लौट आए और बोर्ड परीक्षा देने के लिए उन्हें वापस यात्रा करनी पड़ी।
पोखरियाल ने कहा: “हजारों छात्र अपने स्कूल जिले से अपने गृह जिलों में चले गए हैं। इसमें नवोदय और केंद्रीय विद्यालय के छात्र भी शामिल हैं जिन्हें हमने सुरक्षित रूप से उनके घरों में स्थानांतरित कर दिया है। इन छात्रों को उनके द्वारा लंबित सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2020 के लिए जिले में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी। उन्हें अपने वर्तमान स्थान के बारे में सीबीएसई और उनके अभिभावक विद्यालय के संपर्क में रहना चाहिए।
CBSE के सचिव, अनुराग त्रिपाठी के अनुसार, "CBSE जून के पहले सप्ताह में इस निर्णय को अधिसूचित करेगा और छात्रों को केवल स्थान और केंद्र में बदलाव के लिए आवेदन करने की अनुमति होगी।"
मंत्री ने पहले पुष्टि की थी कि सीबीएसई छात्रों को अपने स्वयं के स्कूलों से परीक्षा दे सकते हैं।
छात्रों को अपने वर्तमान स्थान के बारे में अपने संबंधित स्कूलों को सूचित करना आवश्यक होगा। जानकारी जून के पहले सप्ताह में बोर्ड द्वारा एकत्र की जाएगी। सभी छात्रों को अपने संबंधित स्कूलों से संपर्क करना चाहिए और उन्हें अपने स्थान की जानकारी देनी चाहिए और अपने वर्तमान जिलों में स्थित स्कूलों का स्थान भी प्राप्त करना चाहिए।
---------------------------------------------8. *मुख्यमंत्री ने नियमों में दी शिथिलता, अब पुत्रवधु को भी मिल सकेगी अनुकंपा नियुक्ति*
जयपुर
कोरोना संकट की इस घड़ी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मृतक राज्य कार्मिकों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने के लिए नियमों में शिथिलता दी है। इस शिथिलता से मृतक कार्मिकों के 71 आश्रित परिवारों को बड़ा संबल मिलेगा। गहलोत ने आयु सीमा, देरी से आवेदन करने, प्रशासनिक विभाग में पद रिक्त नहीं होने पर अन्य विभाग में नियुक्ति चाहने सहित अन्य कारणों से लंबित प्रकरणों में मानवीय आधार पर निर्णय लेते हुए आवेदकों के लिए नियुक्ति की राह आसान की है। पिछले डेढ़ साल में 72 विभागों में 2208 अनुकंपा नियुक्तियां दी जा चुकी हैं। विषम परिस्थितियों में मृतक आश्रित परिवार में पुत्रवधु को नियुक्ति देने के लिए नियमों में शिथिलता दी गई है।
*अब तक 2208 अनुकंपा नियुक्ति*
उल्लेखनीय है कि बीते करीब डेढ़ साल में मृतक राज्य कर्मचारियों के आश्रितों के प्रकरणों में राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में नियुक्तियां प्रदान की है। अब तक 72 विभागों में मृतक राज्य कर्मचारियों के 2208 आश्रितों को अनुकंपा नियुक्तियां प्रदान की जा चुकी हैं। इनमें प्रमुख रूप से माध्यमिक शिक्षा में 749, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में 252, पुलिस में 177, जलदाय विभाग में 116, वन विभाग में 106, पशुपालन विभाग में 80, सार्वजनिक निर्माण विभाग में 78 तथा जल संसाधन विभाग में 68 नियुक्तियां दी जा चुकी हैं।
*पुत्रवधू के लिए भी दी शिथिलता*
मुख्यमंत्री गहलोत लंबित 489 प्रकरणों में सहानुभूतिपूर्वक विचार कर शिथिलता प्रदान कर चुके हैं। न्यूनतम एवं अधिकतम आयु सीमा के दायरे में आने, देरी से आवेदन करने, नियमों की जानकारी नहीं होने, प्रथम आवेदक के नियुक्ति आदेश जारी होने के बाद दूसरे आवेदक को नियुक्ति प्रदान करने, अनुकंपा नियमों के तहत परिवार की परिभाषा में पुत्रवधू के पात्र नहीं होने इत्यादि ऐसे मामले हैं, जिनमें मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए आवेदकों को शिथिलता दी। अब तक चार प्रकरण ऐसे हैं जिनमें गहलोत ने अनुकंपात्मक नियुक्ति नियमों के तहत परिवार की परिभाषा में पात्र नहीं होने के बावजूद विषम पारिवारिक परिस्थितियों के आधार पर पुत्रवधू को नियमों में शिथिलता देते हुए नियुक्ति देना मंजूर किया है।
---------------------------------------------9. *रीट का नोटिफिकेशन नहीं, 2 सितंबर को आयोजन पर असमंजस*
*- अभ्यर्थियों ने की मांग, शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा, जल्द मीटिंग*
जयपुर.
2 सितंबर को 31 हजार पदों के लिए प्रस्तावित राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। पांच महीने बाद भी रीट का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। जिससे 10 लाख से ज्यादा बेरोजगारों में बेचैनी बनी हुई है। अभ्यर्थियों ने रीट का नोटिफिकेशन, सिलेबस और भर्ती में वेटेज तय कर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि जनवरी में 2 अगस्त को परीक्षा कराने की घोषणा की गई थी, लेकिन शिक्षा राज्यमंत्री के पिछले महीने फेसबुक लाइव में उन्होंने परीक्षा 2 सितंबर को कराने की बात कही थी। साथ ही यह भी कहा कि तीन महीने पहले इसका नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। तीन महीने पूर्व के हिसाब से 2 जून तक इसका नोटिफिकेशन जारी होना चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो फिर से परीक्षा की तिथि बदल सकती है। तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार जल्द से जल्द स्थिति स्पष्ट करे, जिससे बेरोजगारों में असमंजस दूर हो।
रीट पर अधिकारियों के साथ अंतिम मीटिंग इसी हफ्ते के अंत तक कर ली जाएगी। इसके बाद सभी विषयों पर निर्णय होगा।
गोविंद सिंह डोटासरा, शिक्षा राज्यमंत्री
---------------------------------------------10. *क्लास रूम कोचिंग करना चाहते हैं देशभर के विद्यार्थी*
*अभी करीब 90 हजार बच्चों ने कोटा कोचिंग के लिए कराया पंजीकरण*
*प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कोटा को लघु भारत की संज्ञा दे चुके हैं*
कोटा.
मेडिकल और इंजीनिरिंग के क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए कोटा देशभर में खास जगह बनाने में इसलिए कामयाब हुआ इसका कारण भी खास है। यहां पढ़ाई के साथ बेहतर कॅरियर प्लानिंग होती है। लॉकडाउन (Lockdown) में भी कोटा को पूरे देश में याद किया जा रहा है। विद्यार्थी और अभिभावक अभी भी फोन पर यह पूछ रहे हैं कि कोटा में कब से क्लास रूप पढ़ाई शुरू होने की संभावना है। अभी भी कोटा की एक ही कोङ्क्षचग में करीब 90 हजार बच्चों ने पंजीकरण कराया है। ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं। उन्हें हालात सामान्य होने का इंतजार है। कई कोचिंग संस्थान ऑलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। इस तरह सवा लाख से ज्यादा बच्चे अभी भी कोटा से जुड़े हैं।
हर वर्ष इंजीनिरिंग व मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में ऑल इंडिया टॉप रैंक कोटा में पढऩे वाले बच्चों की आती है। एम्स परिणामों में टॉप 10 में सभी रैंक भी कोटा के नाम रह चुकी हैं। हर राज्य से स्टूडेंट यहां आकर तैयारी करते हैं। इसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद में खुले दिल से कहा था कि, कॅरियर बनाने की बात आती है तो देशभर के अभिभावक कोटा को याद करते हैं। कोटा में रहकर बच्चे पढ़ते हैं और आगे बढ़ते हैं। एक तरह से कोटा लघुभारत बन गया है।
*अमेरिका में वैज्ञानिक के रूप में सेवाएं दे रहे*
हेमेन्द्रपाल ने बताया कि दसवीं पास करने के बाद कोटा तैयारी करने गए। वहां पढ़ाई करने के बाद आईआईटी मुंबई तक पहुंचे और अब विदेश में अपनी पंसद का काम करने का मौका मिला है। वे कोटा को नहीं भूल सकते। वे कई संस्थानों में पढ़े, लेकिन कोटा क्लारूम जैसी शैली कहीं नहीं मिला।
*ऐसे तैयार होती है फैकल्टी*
यहां शिक्षकों को तैयार करने के लिए 2 साल का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके बाद डाउट काउंटर, मेंटरशिप की प्रेक्टिस के बाद क्लास के लिए फैकल्टीज तैयार होती है।
*विदेश तक धाक है*
कोटा का वातावरण बहुत ही शांत, स्वस्थ और सुरक्षित है। यही कारण है कि कश्मीर से कन्या कुमारी और पूर्वोत्तर से पश्चिम तक के स्टूडेंट्स यहां आकर पढ़ते हैं। यही नहीं नेपाल, अफगानिस्तान, दुबई, सहित कई देशों से भी स्टूडेंट्स यहां आकर पढ़ते हैं।
कोटा का कोई मुकाबला नहीं हैमैने अपने बेटे को कोटा में कोचिंग (Kota Coaching) कराई। इस दौरान यहां दो साल रहने का मौका लिया। कोटा में पढ़ाई का वातवरण बहुत अच्छा है। वहां लोग भी बहुत अच्छे हैं। विद्यार्थियों की अच्छी तरह केयर करते हैं। बेटे का आईआईटी में प्रवेश के लिए चयन हो गया और मनपंसद ब्रांच भी मिल गई। अब वापस दिल्ली आए, लेकिन कोटा हमेशा यादों में है। कोटा सपनों को पूरा करने वाला शहर है। इसलिए देशभर के बच्चे वहां आते हैं।
प्रो . चारूश्री, दिल्ली, अभिभावक
*कोटा क्लास रूम की पढ़ाई अव्वल*
कोटा में दो साल रहकर पढ़ाई की, वहां क्लास रूम में जिस शैली में पढ़ाया गया वो हमेशा याद रहेगी। क्लासरूम को लेकर कभी तनाव ही नहीं हुआ। इसके साथ ही मनोरंजन और नैतिक शिक्षा पर भी जोर दिया जाता है। कोटा में डॉक्टर, इंजीनियर ही नहीं बनाया जाता है वहां मानवीयता भी सिखाई जाती है। कोटा में जो पढ़ाई स्किल सीखा वह अभी भी काम आ रहा है।
वर्चस्व, तृतीय वर्ष छात्र आईआईटी, कानपुर
*याद आ रहा है कोटा*
मैं कोटा में नीट की तैयारी करने आई थी और ये मेरा पहला साल है। कोटा में जिस तरह पढ़ाई का माहौल है वैसा कहीं नहीं होगा ऐसा मेरा विश्वास है। कोटा में लॉकडाउन में भी बच्चों का बहुत ध्यान रखा। मैं कोटा से घर आ गई हूं, लेकिन कोटा याद आता है। कोटा में जाकर फिर पढ़ाई करने का मन है। किसी कारण मैं नहीं जा पाई तो मेरे छोटे भाई-बहिन जरूर जाएंगे। कोटा की पढ़ाई के बारे में सुनकर वे भी उत्साहित हैं।-अनम शाजली, छपरा, बिहार
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