शिक्षा एवं रोजगार समाचार 27.05.2020

1. शिक्षकों की अब ऑनलाइन ट्रेनिंग


जयपुर. 

ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने शिक्षकों की ऑनलाइन ट्रेनिंग शुरू की है। एआई और साइबर सिक्योरिटी जैसे विषयों में विद्यार्थियों को पढ़ाने से पहले शिक्षक ये ट्रेनिंग ले रहे हैं। एआईसीटीई ट्रेनिंग एंड लर्निंग अटल एकेडमी की टीचर्स ट्रेनिंग वर्कशॉप में जयपुर सहित विभिन्न शहरों के तीन हजार से ज्यादा शिक्षक हिस्सा ले रहे हैं। यह कार्यक्रम पांच दिन ऑनलाइन चलेगा।
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2. बिहार में साधारण किसान का बेटा बना 10वीं का टॉपर, परिवार सब्‍जी बेचकर करता है गुजारा


पटना।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा मंगलवार को 10वीं कक्षा की परीक्षा के परिणाम घोषित होते ही रोहतास जिले के नटवार कला गांव में खुशी का माहौल बन गया. गांव के लोग प्रसन्न होकर कामयाब छात्र हिमांशु राज को बधाई देने लगे. हिमांशु 10वीं की परीक्षा में सर्वोच्च अंक लाकर राज्य का टॉपर बना है. दिनारा प्रखंड के तेनुअज पंचायत के नटवार कला गांव के रहने वाले हिमांशु राज के पिता सुभाष सिंह एक साधारण किसान हैं और सब्जी उपजाकर बेचते हैं व मां अंजू देवी सामान्य गृहणी हैं. 

सब्जी बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले सुभाष को आज खुशी का ठिकाना नहीं है. उन्हें इस बात का गर्व है कि एक साधारण किसान परिवार के बच्चे ने प्रदेश में टॉप किया है. बिहार बोर्ड की परीक्षा में हिमांशु की इस सफलता से उसके गांव के लोग भी बेहद खुश हैं. राज्य में 481 अंक लाकर टॉपर रहे छात्र हिमांशु ने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और कठिन मेहनत को देते हुए कहा।

“मुझे पूरा भरोसा था कि टॉप 10 में जगह बना लूंगा, लेकिन यह विश्वास नहीं था कि बिहार टॉपर बन जाऊंगा.” आगे की पढ़ाई के बारे में पूछे जाने पर उसने कहा, “मैं आगे चलकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहता हूं.” हिमांशु के पिता ने कहा कि बेटे के परिक्षा परिणाम ने जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी दे दी है. उन्होंने कहा कि काफी कष्ट झेलकर हिमांशु को पढ़ाया. क्षमता के मुताबिक गांव के ही स्कूल में हिमांशु का नामांकन करा दिया था, लेकिन आज बेटे ने नाम ऊंचा कर दिया.
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3. जिनका वर्षों पहले प्रमोशन हो चुका, उनका भी दिया पात्रता सूची में नाम


भरतपुर।
शिक्षा विभाग की ओर से जारी तृतीय श्रेणी से द्वितीय श्रेणी शिक्षकों की डीपीसी की अस्थायी पात्रता सूची में ढेर सारी गड़बड़ी सामने आ रही है। यह सूची भी लॉकडाउन के दौरान निकाली गई और परिवेदनाओं को लेने की तारीख भी लॉकडाउन में ही तय की है। आश्चर्य की बात यह है कि वर्षों से शिक्षकों की डीपीसी के नाम अस्थायी पात्रता सूची को ही गुपचुप स्थायी बताकर जारी कर दिया जाता है, लेकिन हर बार हंगामा होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है।

जानकारी के अनुसार कार्यालय संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा भरतपुर संभाग की ओर से करीब 400 शिक्षकों की तृतीय श्रेणी से द्वितीय श्रेणी पर पदोन्नति के लिए अस्थायी पात्रता सूची जारी की गई। इसमें पहले 31 मार्च तक परिवेदना लेने का समय निर्धारित किया गया था। इसके बाद फिर एक आदेश निकाला गया कि यदि अब भी इसमें किसी का नाम छूट गया हो, यदि किसी का वर्ग गलत हो, विषय गलत है, नाम या जन्म तिथि में कोई संशोधन वांछनीय हो तो संबंधित कार्मिक पुष्टि के लिए साक्ष्य देकर अपना प्रार्थना पत्र संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी को 27 मई 2020 तक प्रस्तुत कर दे। 

जब शिक्षकों के क्वॉरंटीन सेंटरों पर ड्यूटी देने व कार्यालय में किसी के भी नहीं मिलने का मामला उठा तो फिर एक और आदेश निकाला गया। इसमें कहा कि वरिष्ठ अध्यापक से प्राध्यापक स्कूल शिक्षा के लिए जारी अस्थाई पात्रता सूची में किसी भी प्रकार की आपत्ति के लिए भरतपुर मण्डल कार्यालय की ईमेल आईडी पर निर्धारित फॉरमेट जो पात्रता सूची के साथ संलग्न है, उसमें 28 मई की शाम छह बजे तक आवदेन करें। सूची में अंग्रेजी के करीब 79, गणित के 98, विज्ञान के 80, सामान्य के 44, उर्दू के 81, विशेष शिक्षक एक है।


*हर साल विवाद...अस्थायी को ही स्थायी बता करते हैं जारी*

हकीकत यह है कि पिछले साल भी शिक्षकों की अस्थायी पात्रता सूची में मृतक, पदोन्नत, सेवानिवृत शिक्षकों के नाम शामिल करने का मुद्दा उठा था, संभाग में ऐसे करीब 100 से भी अधिक केस सामने आए थे। इसका नुकसान उन शिक्षकों को उठाना पड़ता है जो कि पात्रता रखते हैं। संबंधित कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों की लापरवाही के कारण डीपीसी के नाम पर कर्मचारी को ही नुकसान उठाना पड़ता है। यही कारण है कि खुद की लापरवाही को छिपाने के लिए पहले तो विभाग की ओर से अस्थायी पात्रता सूची में संशोधन कर स्थायी पात्रता सूची जारी करने का दावा किया जाता है और बाद में उसे स्थायी बताकर इतिश्री कर दी जाती है।


*केस नंबर एक*

देवेंद्र कुमार राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चितौकरी सेवर में गणित विषय के अध्यापक के बतौर दिखा रहा है। जबकि यह शिक्षक यहां कभी रहा ही नहीं है।


*केस नंबर दो*

राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नगला परशुराम विज्ञान विषय की निर्मला वरिष्ठ अध्यापक के पद पर कार्यरत है। इनको भी इस पात्रता सूची में डीपीसी के योग्य माना गया है।


*केस नंबर तीन*

सरोज जाड़ीवाल बायोलॉजी की अध्यापक हैं, जो कि वर्ष 2003 से कार्यरत हैं। फिलहाल राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय सेवर में हैं। इनका नाम भी इस पात्रता सूची में नहीं है। जबकि पात्रता के हिसाब से उनका नाम इस सूची में शामिल होना चाहिए था।

-पात्रता सूची संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा के स्तर पर ही निकाली जाती है। अगर कोई समस्या है तो संबंधित शिक्षक परिवेदना दे सकता हैं। उसकी समस्या का समाधान हो जाएगा।
प्रेमसिंह कुंतल
डीईओ माध्यमिक मुख्यालय

-ऐसा पहली बार नहीं है कि जब शिक्षकों की डीपीसी के नाम पर निकली अस्थायी पात्रता सूची में पात्र शिक्षकों को ही छोड़ दिया गया है। इससे पहले भी इस तरह की गड़बड़ी के मामले सामने आते रहे हैं। अंत में अस्थायी को ही स्थायी पात्रता सूची बताकर जारी कर दिया जाता है।
पवन शर्मा
प्रदेश संयुक्त मंत्री
राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत
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4. 'हवामहल' बना घर बैठे बच्चों को सीखाने का जरिया बना

झालावाड़।
कोरोना लॉकडाउन में बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए शिक्षा विभाग लगातार नए प्रयोग कर रहा है। लॉकडाउन समय में विद्यार्थियों के शैक्षिक कौशल को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास में जुट गया है। विभाग ने कई तरह की ऑनलाइन गतिविधियां शुरू की है। जिनमें से एक 'हवामहलÓ कार्यक्रम भी है। इसके माध्यम से कहानियों व अलग-अलग तरह की रोचक गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को जानकारी देकर प्रेरित किया जा रहा है।

इस संबंध में राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उदयपुर ने प्रदेश के सभी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों व पदेन जिला परियोजना समन्वयक समग्र शिक्षा को निर्देश जारी कर बच्चों तक इसके लिंक पहुंचाने के लिए कहा है। विभाग के अधिकारियों ने वाट्सअप ग्रुप पर पीडीएप आदि भेजना शुरू कर दिया है।

आदेश के अनुसार परिषद की ओर से शुरू की गई इस नई योजना के माध्यम से विद्यार्थियों के सीखने की शक्ति को कहानियों के माध्यम से ज्यादा रोचक बनाते हुए उच्च चिंतन कौशल को बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही शिक्षकों के क्षमता संवर्धन के लिए आलेख व सहायता सामग्री शेयर की जा रही है। इसके तहत टेम्प्लेंट बनाकर कक्षा पहली से बाहरवीं के विद्यार्थियों और शिक्षकों तक इसकी पहुंच सुनिश्चित की जा रही है।

कोविड-19 के कारण उपजे हालात और लॉकडाउन के कारण विद्यालयों के बंद होने कारण विद्यार्थियों को घर बैठे शैक्षिक व सह- शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराने के लिए यह तकनीकी नवाचार किए जा रहे हैं। समग्र शिक्षा परिषद प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से स्माइल कार्यक्रम के तहत शिक्षण सामग्री शिक्षकों व विद्यार्थियों तक पहुंचाई जा रही है। इसी अनुसार बच्चों में लर्निंग गैप को दूर करने के लिए उद्देश्य से एसआइईआरटी ने हवामहल कार्यक्रम तैयार किया है।


*शिक्षकों को भेज रहे पत्रक-*

हवामहल कार्यक्रम के तहत जिले से पंचायत स्तर तक व्हाट्सअप की सहायता से कहानियों के ऑडियो, वीडियो, पीडीएफ तथा अभ्यास पत्रक शेयर किए जा रहे हैं। साथ ही शिक्षकों के लिए भी गतिविधियां साझा की जा रही है। इसके लिए तैयार की गई है। सामग्री का लिंक भी व्हाट्सएप ग्रुप से समुदाय तक पहुंचाया जा रहा है। इस कार्य में शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाले कई समूह भी सहयोग कर रहे हैं।


*अधिकारियों की भी भूमिका की तय-*

सीडीइओ-कार्यक्रम संबंधी आदेश सीबीइओ को जारी करने के साथ ही ब्लॉक स्तरीय इस्माइल मंच के माध्यम से सामग्री की पहुंच सुनिश्चित करेंगे। उन्हें मासिक आधार पर फीडबैक भी लेना होगा। वहीं डाइट-प्राचार्य संकाय सदस्यों के बीच ब्लॉकवार केआरपी को शामिल करेंगे। तथा चैनल के माध्यम से सामग्री पहुंचाई जा रही है। एसीबीइओ, पीइइओ व आरपी के साथ मासिक समीक्षा करेंगे, पीइइओ उपयुक्त चैनल के माध्यम से सामग्री की पहुंच सुनिश्चित करेंगे। साथ ही प्रभावी अध्ययन के लिए विद्यार्थी अध्ययन के लिए विद्यार्थी के अभिभावक से रेंडम कॉल कर ब्लॉक स्तर पर साझा करेंगे। संस्थाप्रधान सीखने-सिखाने वाली सामग्री के बारे में अभिभावक व समुदाय को जानकारी देंगे। माता-पिता से फीडबैक लेंगे और समय-समय पर संपर्क करेंगे।


*-लिंक भेजे जा रहे हैं*

हवामहल कार्यक्रम के माध्यम से सभी संस्थाप्रधानों व अन्य अधिकारियों को पीडीएफ व अन्य लिंक भेजे जा रहे हैं। ये कार्यक्रम जिलेभर में चालू कर दिया गया है। बच्चों को भी इच्छा रेंसपोंस मिल रहा है। अभिभावकों से भी फिडबेक लिया जा रहा है।
डॉ. हेमंत शर्मा, सहसमन्वयक समग्र शिक्षा,झालावाड़।
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5. परीक्षाएं रद्द हों, सभी को अगली कक्षा में करें क्रमोन्नत: याचिका


जयपुर।
पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था ने राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। जिसमें जुलाई माह में प्रस्तावित दसवीं व बारहवीं कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाओं को रद्द कर सभी को अगली कक्षा में क्रमोन्नत करने की गुहार की है। संस्था के अधिवक्ता पूनमचंद भंडारी ने याचिका के साथ में केन्द्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस।

सीबीएसई का परीक्षा टाईम टेबल व 20 मई को केन्द्रीय गृह सचिव द्वारा जारी आदेश पेश करते हुए कहा कि शर्तों के साथ पूरा करवाया जाना संभव नहीं है और देश में लगातार कोरोना संक्रमण फैल रहा है। परीक्षा के दौरान करीब पच्चीस लाख छात्र छात्राएं व करीब दो लाख टीचर्स स्टाफ परीक्षा केंद्रों पर एकत्रित होंगे। 

जहां सोश्यल डिस्टेंसिंग की पालना संभवन नहीं है और परीक्षा से पूर्व इतने छात्रों की जांच संभव नहीं है कि कौन पोजिटिव है और कौन निगेटिव है सभी कक्षा निरीक्षकों की जांच करना प्रश्न पत्रों को सेनेटाइज करना केन्द्रों को सेनेटाइज करना संभव नहीं है। इसलिए इस बार कोविड 19 के खतरे को देखते हुए केन्द्रीय बोर्ड और राजस्थान बोर्ड की दसवीं तथा बारहवीं की वार्षिक परीक्षाओं को रद्द कर छात्र छात्राओं को अगली कक्षा में क्रमोन्नत किया जाना चाहिए। याचिका पर शुक्रवार या सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है।
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6. नर्सिंग भर्ती 2013 के लिए ट्वीटर पर अभियान


जयपुर।
नर्सिंग भर्ती 2013 में एएनएम के 12278 और नर्स ग्रेड द्वितीय के 15773 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी। विज्ञापित पदों में से नर्स ग्रेड द्वितीय के 4514 और एएनएम के 6719 पदों को अभी तक नहीं भरा गया है। अभ्यर्थियों ने इन पदों को जल्द से जल्द भरने की मांग की है। 

मंगलवार को उन्होंने #Anm_gnm2013_को_नियुक्ति_दो के साथ ट्वीटर पर अभियान चलाया। जिसे 90 हजार से ज्यादा ट्वीट मिले। अभ्यर्थियों के समर्थन में कई सांसद, विधायक और पूर्व नेता मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं।

अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार हमारे साथ अन्याय कर रही है। सात साल बाद भी भर्ती पूरी नहीं की गई है। ऐसे समय में जब पैरामैडिकल स्टाफ की बहुत आवश्यकता है, तो सरकार नियुक्ति देकर कोरोना वॉरियर के रूप में हमारी सेवाएं ले सकती है। जबकि अन्य भर्तियों के संबंध में निर्णय लिए जा रहे हैं। बेरोजगार लंबे समय से इस भर्ती के पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है।
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7. HRD Minister कल 28 मई को उच्च शिक्षा संस्थानों को करेंगे संबोधित


जयपुर।
मानव संसाधन विकास (HRD) मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक 28 मई को दोपहर 3 बजे 45,000 उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ एक लाइव बातचीत करेंगे। सहभागिता का मूल्यांकन राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा किया जा रहा है। मंत्री ने कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न होने वाले स्थिति के बारे में बात की जाएगी और यह कैसे संस्थानों द्वारा अवसरों में बदल सकता है इसको लेकर चर्चा होगी। यह बात उन्होंने एक ट्वीट के माध्यम से सूचित की। 

भारत में सभी उच्च शिक्षा संस्थान कोरोनावायरस महामारी के कारण मार्च के मध्य से बंद हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को विभिन्नताओं को लेकर फिर से खोलने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने का निर्देश दिया गया है। दिशानिर्देशों ने उच्च शिक्षा संस्थानों को अगस्त से नामांकित छात्रों के लिए सामाजिक गड़बड़ी के बीच कक्षाएं खोलने के लिए कहा था। यूजीसी ने सितंबर तक एक नया बैच शुरू करने की सिफारिश की, हालांकि, प्रवेश को लेकर बहुत अनिश्चितता है।

एक वीडियो संदेश में, एचआरडी ने कहा, “भारत में 33 करोड़ छात्रों के साथ लगातार संवाद करना एक चुनौती है और विश्वविद्यालय एकजुट हो गए हैं और ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से छात्रों को शिक्षित करने के लिए कदम उठा रहे हैं। मैं इन प्रतिकूल परिस्थितियों में भी छात्रों को प्रेरित और प्रेरित रहने के लिए आपके योगदान के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। ”उन्होंने कहा, “हम अपनी शिक्षा प्रणाली को आगे बढ़ने या रोकने की अनुमति नहीं देंगे। मैं भी आपके सुझाव का इंतजार कर रहा हूं और आपके अनुभव से लाभ उठाने की कोशिश करूंगा।

बातचीत का उद्देश्य डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों और वरिष्ठ अधिकारियों पर होगा। इससे पहले, एचआरडी मंत्री ने शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों के साथ बातचीत की थी। बातचीत का प्रसारण मंत्री के फेसबुक और ट्विटर हैंडल दोनों पर किया जाएगा। यूजीसी द्वारा सुझाए गए नए मानदंडों में, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) में प्रशिक्षण शिक्षक और ऑनलाइन शिक्षा जारी रखना प्रमुख कारकों में से हैं। इसमें कॉलेजों को 5-दिवसीय कार्य करने का सुझाव भी दिया गया।

यदि छात्रों या विश्वविद्यालयों या अन्य हितधारकों के पास कोई प्रश्न या सुझाव है, तो उन्हें रमेश पोखरियाल निशंक या मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सोशल मीडिया हैंडल पर लिखना होगा।
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8. छात्रों के हित में CBSE ने लिया बड़ा फैसला, उठाया ये कदम

जयपुर।
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के 10वीं व 12वीं के बचे हुए पेपर्स की परीक्षा के लिए देशभर में परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाकर पांच गुना की जा रही है। एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। ट्वीट के अनुसार पहले 3 हजार परीक्षा केंद्र चिन्हित थे, जिन्हें बढ़ाकर 15 हजार कर दिया है। दरअसल, सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर उक्त निर्णय लिया गया है। 

पहले जहां एक क्लास में 60 स्टूडेंट्स को बैठाया जाता था, वहां अब अधिकतम 24 ही होंगे। इसके अलावा स्टूडेंट्स बाहरी परीक्षा केंद्रों की बजाय अपने ही स्कूल में शेष बची परीक्षाएं देंगे।


*परिणाम जारी*

कोटा. नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन, नई दिल्ली ने नीट पीजी मेरिट पर आधारित डीएनबी पोस्ट एमबीबीएस पोस्ट डिप्लोमा सेंट्रल काउंसलिंग के प्रथम राउंड का परिणाम जारी कर दिया है। सीट आवंटन में सफ ल विद्यार्थी की सूचियां ऑफिशियल वेबसाइट पर उपलब्ध है। तय समय (25 से 31 मई तक) में फीस जमा ना कराने पर सीट आवंटन रद्द कर विद्यार्थी को काउंसलिंग के आगामी राउंड्स से भी निष्कासित कर दिया जाएगा।
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9. CBSE / लॉकडाउन के बाद हफ्ते में तीन दिन स्कूल जाएंगे स्टूडेंट्स, ऑड-इवेन पैटर्न में लगेगा स्कूल

अजमेर।
देशभर में जारी लॉकडाउन के बीच अब धीरे- धीरे चीजे सामान्य करने की कोशिश की जा रही है। इसी क्रम में अब स्कूल खुलने को लेकर भी कई तरह के बंदोबस्त किए जा रहे है। ऐसे में स्कूल खुलने के बाद अब स्कूलों में पढ़ाई की व्यवस्था बदली-बदली नजर आने वाली है। दरअसल, संक्रमण से बचने के लिए सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में बच्चों को ऑड-इवेन पैटर्न में स्कूल बुलाया जा सकता है। इस व्यवस्था के चलते क्लास में बच्चों की संख्या आधी रहेगी। इसके अलावा कुछ दिनों के लिए स्कूलों में प्रार्थना को भी स्थगित किया जा सकता है।


*15 जुलाई के बाद खुल सकते हैं स्कूल*

बोर्ड परीक्षा पूरी होने के बाद 15 जुलाई से बाद ही सीबीएसई से जुड़े स्कूल खुल सकते हैं। इसके लिए सीबीएसई हर राज्य और जिलों में स्कूलों को खोलने की अनुमति दे सकता है। अनुमति मिलने पर स्टूडेंट्स को ऑड-इवेन पैटर्न पर स्कूल आना होगा। रोल नंबर के मुताबिक ऑड-इवेन पैटर्न तय किया जाएगा। इस तरह हर एक स्टूडेंट को हफ्ते में तीन दिन स्कूल जाना होगा। जबकि बाकी के तीन दिन विद्यार्थियों को घर पर रहकर ऑनलाइन क्लास अटेंड करनी होगी।
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10. CBSE / 10वीं के स्टूडेंट्स को रिजल्ट में स्किल सब्जेक्ट का होगा फायदा, मुख्य तीन विषयों में से एक में फेल होने पर भी माने जाएंगे पास


अजमेर।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के कक्षा 10वीं के परीक्षार्थियों को इस बार रिजल्ट में स्किल विषय का फायदा होगा। ये विद्यार्थी अपने मुख्य तीन विषय गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में से किसी एक में फेल होते हैं तो उन्हें छठे विषय (स्किल विषय) से रिप्लेस कर दिया जाएगा। यानी उन्हें पास कर दिया जाएगा। बोर्ड की इस सुविधा से शिक्षा सत्र 2019-2020 के कक्षा 10वीं के रिजल्ट पर भी असर होगा। इस बार रिजल्ट में फेल परीक्षार्थियों की संख्या कम होगी।


*100 से अधिक स्किल विषय मौजूद*

इसका फायदा केवल उन्हीं छात्रों को होगा, जिन्होंने छठे विषय के तौर पर स्किल विषय लिया होगा। अभी बोर्ड द्वारा कक्षा 10वीं में लगभग 100 से अधिक स्किल विषय चलाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि अब तक मुख्य विषय में फेल परीक्षार्थी को पास करने के लिए कंपार्टमेंटल परीक्षा देनी होती थी। अब अगर एक विषय में फेल हैं तो उन्हें कंपार्टमेंटल परीक्षा नहीं देनी होगी। बल्कि वे स्किल विषय लेकर पास कर जाएंगे। बोर्ड ने 10वीं में छठे विषय के तौर पर स्किल विषय रखने की सुविधा 2019 में शुरू की थी। 2019 में नौवीं के छात्रों को भी यह सुविधा दी गई।


*विद्यार्थी जिस जिले में हैं वहीं से दे सकेंगे परीक्षाएं, आदेश जारी*

बोर्ड ने विद्यार्थियों की सहुलियत के लिए नया आदेश जारी किया। हायर सेकंडरी के विद्यार्थी जहां है वहीं से परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। हायर सेकंडरी, हायर सेकंडरी व्यावसायिक, हायर सेकंडरी (अंधमुक्त बधिर) के बचे हुए विषयों की परीक्षाएं 9 जून को आयोजित की जाएगी। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि लॉकडाउन के कारण कई परीक्षार्थी अपने वर्तमान निवास से अन्य स्थानों पर जा चुके हैं। ऐसे में परीक्षार्थी परीक्षा से वंचित न हो इस उद्देश्य से माध्यमिक शिक्षा मंडल ने निर्णय लिया है कि विस्थापित परीक्षार्थी विशेष परिस्थितियों में वर्तमान में जिस भी जिले में निवासरत हैं, वहीं से परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
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11. यूनिवर्सिटीज की परीक्षाएं जून के पहले हफ्ते से संभव नहीं, अब 15 जुलाई के बाद का सुझाव


जयपुर।
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच प्रदेश की यूनिवर्सिटीज में परीक्षाएं अब जून के पहले हफ्ते से संभव नहीं होंगी। राज्य सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी ने जून के पहले हफ्ते से परीक्षाएं कराने का निर्णय लिया था, लेकिन अब परीक्षाएं १५ जुलाई के बाद कराने का सुझाव दिया गया है। राज्यपाल और कुलाधिपति कलराज मिश्र ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को फोन कर चर्चा की। 

राजस्थान विवि के कुलपति प्रो.आर.के.कोठारी ने बताया कि परीक्षाएं जून में संभव नहीं हैं, इसलिए इन्हें 15 जुलाई के बाद ही कराया जा सकता है। सुझाव दिया गया है कि 15 जून तक ग्रीष्मवकाश बढ़ाकर विंटर ब्रेक को लिमिटेड कर दिया जाए।

इसके साथ ही 16 जून से 15 जुलाई तक ऑनलाइन टीचिंग से कोर्स कंपलीट करवाया जाए। वहीं 15 जुलाई से यूजी के थर्ड, फाइनल और पीजी में फाइनल व सेमेस्टर सिस्टम में फोर्थ सेमेस्टर की पहले परीक्षाएं कराई जाएं बाद में अन्य सालों की। सबसे अंत में लॉ और बीएड की परीक्षाएं आयोजित करवाई जाएं। जल्द ही राज्यपाल इस पर निर्णय करेंगे।
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12. शिक्षा राज्य मंत्री ने ली समग्र शिक्षा अभियान की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को जवाबदेह रहते हुए समयबद्ध कार्य करने के दिए निर्देश

जयपुर।
शिक्षा मंत्री श्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए क्रियान्वित विभिन्न लक्ष्यों का समयबद्ध पालन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अधिकारी जवाबदेह रहते हुए कार्य करे और यह सुनिश्चित करे कि वित्तीय लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पालना हो। 

उन्होंने समग्र शिक्षा अभियान की वार्षिक वित्तीय योजना के अंतर्गत आवासीय विद्यालय, शिक्षक प्रशिक्षण, विद्यालयों में आधारभूत सुविधाआें के विकास, महात्मा गॉंधी अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों की स्थापना आदि की मदवार गहन समीक्षा करते हुए कहा कि लक्ष्य प्राप्ति में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। 

श्री डोटासरा मंगलवार को शिक्षा संकुल में कहा है कि समग्र शिक्षा अभियान की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने वार्षिक योजना में मदवार किए जा रहे कार्र्याे की एक-एक कर बारीक समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कुछ योजनाओं में लक्ष्य से कम उपलब्धि पर नाराजगी जताते हुए कहा कि वार्षिक लक्ष्य योजना में कोताही को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की मंशा है कि समग्र शिक्षा के अंतर्गत प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रभावी रूप में प्रसार हो। 

शिक्षा मंत्री ने बैठक में समग्र शिक्षा के लिए वित्तीय वर्ष की कार्य योजना पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश के 167 ब्लॉक, जहां पर स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल नहीं है, वहां पर अंग्रेजी माध्यम के महात्मा गॉंधी विद्यालय खोलने की कार्यवाही शीघ्र की जा रही है। उन्होंने हाल ही में 76 खोले गए ऎसे विद्यालयों में भी आधारभूत सुविधाओं के विकास पर भी जोर दिया।  

उन्होंने ऑनलाईन शिक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों, प्रोजेक्ट स्माईल और ऑनलाईन शिक्षण के लिए तैयार सामग्री के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की शिक्षा में किसी तरह का हर्जा  नहीं हो, इसे सभी स्तरोंं पर सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि ऑनलाईन शिक्षण के साथ ही शिक्षकों के ऑनलाईन प्रशिक्षण के लिए भी विशेष कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय, विद्यालयाें के निर्माण कार्यों, पदों की स्वीकृति, नवीन अतिरिक्त कक्षाकक्षों और अन्य आधाभूत सुविधाओं के संबंध में भी जानकारी ली तथा कहा कि स्थितियां अनुकूल होते ही इस संबंध में यथासंभव तेजी से कार्य किए जाएं।

श्री डोटासरा ने कहा कि विद्यमान स्कूलों में अतिरिक्त क्लास रूम (अध्ययन कक्ष), शौचालय, पीने का पानी, मरम्मत निधि, स्कूल सुधार निधि प्रदान कर उसे सशक्त बनाये जाने की योजनाओं पर भी तैयारी पूरी रखी जाए। शिक्षकों को ऑनलाईन गहन प्रशिक्षण प्रदान करने, ऑनलाईन शिक्षण सामग्री के विकास के लिए निधि प्रदान करने के लिए भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत बालिका शिक्षा और जरूरतमंद बच्चों पर खास जोर देने की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह ऎसा समय है जब हमें सभी स्तरों पर व्याप्त डिजिटल दूरी को समाप्त करने के लिए भी समग्र शिक्षा अभियान के तहत महत्ती कार्य करने चाहिए। बैठक में बड़ी संख्या में शिक्षा अधिकारियों ने भाग लिया।
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13. *नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा 2020 : रिजल्ट घोषित, निम्न वेबसाइट पर करें चेक*
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