शैक्षिक समाचार : 25.05.2020

1. 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा जून में, पहले सप्ताह में जारी होगा टाइम टेबल, ऑनलाइन भेजेंगे अंक


सीकर. लॉकडाउन (lock down) की वजह से फंसी राजस्थान बोर्ड की परीक्षाएं (Rajasthan Board Exam 2020) अगले महीने हो सकती है। इसके लिए राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने तैयारी तेज कर दी है। जून के पहले सप्ताह तक परीक्षा का नया शैड्यूल जारी होने की संभावना है।

10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा जून में, पहले सप्ताह में जारी होगा टाइम टेबल, ऑनलाइन भेजेंगे अंक
(Board exams in Rajasthan will cunduct in June) सीकर. लॉकडाउन (lock down) की वजह से फंसी राजस्थान बोर्ड की परीक्षाएं (Rajasthan Board Exam 2020) अगले महीने हो सकती है। इसके लिए राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने तैयारी तेज कर दी है। जून के पहले सप्ताह तक परीक्षा का नया शैड्यूल जारी होने की संभावना है। कक्षा दसवीं व बारहवीं की शेष परीक्षाएं सोशल डिस्टेंस के आधार पर होगी। ऐसे में प्रदेशभर में नए सेंटर बनाने की संभावना भी बढ़ गई है। कक्षा दसवीं की दो परीक्षाओं में सर्वाधिक विद्यार्थी हैं। बोर्ड प्रशासन नए सिरे से परीक्षार्थियों की बैठक व्यवस्था बनाने में जुटा है। कई सेंटरों पर जगह कम होने पर सार्वजनिक स्थानों के साथ निजी सेंटरों पर भी परीक्षा कराई जा सकती है।

*यह है बड़ा पेच: स्कूलों में बने क्वॉरंटीन सेंटर*

प्रदेश में लगातार प्रवासियों का आना जारी है। ऐसे में सरकारी स्कूलों को क्वॉरंटीन सेंटर बनाया हुआ है। सरकार के सामने चुनौती यही है कि क्वॉरंटीन सेंटर के साथ परीक्षाएं कैसे कराई जाए। संभावना है कि इस महीने के आखिर तक प्रवासियों के आवागमन का काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद स्कूल भवन भी खाली होने के साथ लॉकडाउन में छूट मिल सकती है।

*वीक्षकों से ऑनलाइन मंगवाए अंक*

लॉकडाउन की वजह से बोर्ड की कॉपियां भी जिला मुख्यालयों पर अटक गई थी। पिछले दिनों वीसी में शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने यह मामला उठाया था। इसके बाद सीएम ने कॉपी के बण्डल वीक्षकों तक भिजवाने के निर्देश दिए। बोर्ड के अनुसार अब तक जो परीक्षाएं हो चुकी हैं उनकी ज्यादातर कॉपियों की जांच हो गई है। बोर्ड ने समय पर परिणाम जारी करने के लिए ऑनलाइन ही अंक मंगाने का काम भी शुरू कर दिया है। बोर्ड ने वीक्षकों से तत्काल अंक मंगवाने के लिए वेबसाइट पर एक लिंक उपलबध कराया गया है। इस लिंक के जरिए वीक्षक अंकों की ऑनलाइन एन्ट्री कर सकते हैं। कॉपियों के बण्डल जिलास्तर पर बने संग्रहण केन्द्रों पर जमा कराने व ओएमआर शीट संग्रहण केन्द्र या बोर्ड कार्यालय भिजवानी होगी।

*इनका कहना है*

शिक्षा विभाग की तैयारी लगभग पूरी है। वीसी में मुख्यमंत्री को पूरी स्थिति के बारे में जानकारी दे दी है। जल्द ही बोर्ड परीक्षाओं को लेकर कोई निर्णय होगा। समय पर परीक्षा परिणाम जारी हो इसके लिए बोर्ड ने वीक्षकों से अंक मंगवाना भी शुरू कर दिया है।

गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री
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2. बच्चों ने लगाया कान, घर बैठे पा रहे ज्ञान

रावतभाटा. लॉकडाउन लगने के बाद से प्रदेश के सरकारी के साथ-साथ निजी स्कूल भी बंद हैं, जिससे बच्चों का अध्ययन बाधित हो रहा है। परीक्षाएं भी नहीं हुई। बच्चों को घर बैठे अध्ययन कराने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से नई पहल करते हुए शिक्षा वाणी कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। हालांकि विभाग की ओर से स्माइल प्रोजेक्ट के माध्यम से बच्चों को ऑनलाइन अध्ययन कराया जा रहा है लेकिन कई गांवों में इंटरनेट की गति धीमी होने या इंटरनेट नहीं आने पर बच्चों का अध्ययन कार्य बाधित हो रहा था। इसी को ध्यान में रखते हुए शिक्षावाणी कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। 
इसके तहत सुबह 11 से 11.55 तक बच्चों को रेडियो के माध्यम से अध्ययन कराया जा रहा है। विभाग की ओर से शिक्षावाणी नाम से एक ब्रोशर भी निकाला गया है, जिसे संस्था प्रधानों व शिक्षकों के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों के मोबाइल पर वाट्एसप पर भेजा गया है, जिससे वे अपने क्षेत्र के संभाग स्थित रेडियो सेन्टर के आईकॉन पर क्लिक करके इस कार्यक्रम को आसानी से सून सकें। 

*30 जून तक चलेगा प्रसारण* 
आकाशवाणी व स्कूल शिक्षा विभाग के बीच हुए अनुबंध के तहत यह कार्यक्रम 30 जून तक चलेगा। एससीईआरटी उदयपुर ने इसके लिए तीन भागों में विषय वस्तु तैयार की है। 
*तीन भागों में बांटा अध्ययन* 
पहले 15 मिनट: कक्षा 1 से 5वीं तक के लिए मीना की कहानी पर आधारित है। इस कार्यक्रम को यूनिसेफ के सहयोग से तैयार किया है।
अगले 20 मिनट: कक्षा 3 से 8वीं तक के विषय वस्तु पर आधारित सामग्री का प्रसारण किया जा रहा है। 
अंतिम 2० मिनट: कक्षा 9 से 12वीं के लिए विषय वस्तु आधारित सामग्री का प्रसारण, जो वर्ष 2020-21 के पाठ्यक्रम बदलाव पर आधारित है।

*ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कारगार साबित* 
बच्चों को ऑनलाइन अध्ययन कराने के लिए प्रोजेक्ट स्माइल भी चल रहा है। सभी कक्षाओं का कंटेन्ट आरएससीईआरटी की ओर से तैयार किए जा रहे हंै। कंटेन्ट बच्चों या अभिभावकों के वाट्सएप मोबाइल पर भेजा जा रहा है। इससे शहरी क्षेत्र के बच्चे तो आसानी से अध्ययन कर लेते हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे लाभान्वित नहीं हो पा रहे हैं। इसको बीकानेर निदेशालय की ओर से गंभीरता से लिया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राएं पीछे नहीं रहे। इसी को ध्यान में रखते हुए उक्त कार्यक्रम तैयार किया गया, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को काफी राहत मिल रही है। 

*यहां नहीं आता इंटरनेट*
जवाहर नगर, बलकुंडी, देवपुरा, बरखेड़ा, राजपुरा, मंडेसरा, कुशलगढ़, बस्सी ग्राम पंचायत के सैकड़ों गांवो में इंटरनेट या तो आता ही नहीं है। यदि आता है तो काफी कम आता है, जिससे उक्त जगहों के बच्चे स्माइल प्रोजेक्ट के तहत बच्चे लाभान्वित नहीं हो पा रहे थे लेकिन शिक्षावाणी प्रोजेक्ट से ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे भी लाभान्वित हो रहे हैं। वर्जन 
शिक्षावाणी कार्यक्रम के तहत बच्चे रेडियो पर अध्ययन कर रहे हैं। उक्त कार्यक्रम से शहरी सहित ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्राएं भी लाभान्वित हो रहे हैं। 
पन्नालाल बैरवा, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, रावतभाटा
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3. आरएनटी कॉलेज को चित्तौडगढ़़ और बांसवाड़ा में कोरोना जांच लैब खोलने का जिम्मा


उदयपुर. आरएनटी मेडिकल कॉलेज को चित्तौडगढ़़ और बांसवाड़ा जिले के जिला हॉस्पिटल में कोरोना जांच लैब खोलने का राज्य सरकार ने जिम्मा सौंपा है। इससे पहले आरएनटी कॉलेज ने डूंगरपुर जिले में भी लैब स्थापित करवाई थी। लैब खोलने के लिए सरकार ने 90-90 लाख रुपए संसाधनों के लिए और 15-15 लाख रुपए इसके कक्ष स्थापित करने के लिए स्वीकृत किए हैं। लैब खुलने के साथ ही इन दोनों जिलों के मरीजों के टेस्ट घर बैठे होंगे साथ ही कुछ ही घंटों में उसके परिणाम भी आ जाएंगे, जिससे पॉजिटिव मरीजों का समय पर उपचार हो सकेगा, उनकी जांच बचेगी।
*अब जिला चिकित्सालयों की बारी*
 पहला फेज: राज्य सरकार ने पहले फेज में बड़े सरकारी मेडिकल कॉलेज जिसमें जयपुर एसएमएस, उदयपुर, अजमेर, कोटा , बीकानेर, जोधपुर में मेडिकल कॉलेज में कोरोना जांच लैब खोली। दूसरा फेज: राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी की ओर से चलाई जा रही मेडिकल कॉलेज जिसमें डूंंगरपुर, भीलवाड़ा, भरतपुर, बाड़मेर, चूरू, पाली और सीकर शामिल हैं उसमें लैब खोलने की प्रक्रिया की।तीसरे फेज: ऐसे जिले जहां अधिक संख्या में मरीज सामने आ रहे है, जिसमें भले ही मेडिकल कॉलेज नहीं है, फिर भी वहां जिला चिकित्सालयों में ये लैब शुरू की जा रही है।
डूंगरपुर में भी हमने शुरू करवाई उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज के माध्यम से डूंगरपुर के मेडिकल कॉलेज में लैब शुरू करवाई गई वहां पर संसाधन मंगवाकर लगवाने से लेकर स्टाफ प्रशिक्षण का कार्य भी यही से करवाया गया। फिलहाल यहां करीब 400 नमूने रोजाना जांचे जा रहे हैं।
ये लगेंगे साधन - आरटी पीसीआर मशीन - बायोसेफ्टी केबिनेट- हीट ब्लॉक - लेमिनार फ्लो - ऑटोक्लेव सहित करीब 16 प्रकार की मशीनों को लगाया जाएगा।
-ये हमारी उपलब्धि है कि सरकार ने हमें ये काम सौंपा है, हम ना केवल इन दो जिलों में लैब खुलवाएंगे बल्कि उनके कार्मिकों को प्रशिक्षण भी देंगे। लैब के सभी संसाधन भी हम पुरानी ही दर पर खरीद रहे हैं।
डॉ लाखन पोसवाल, प्राचार्य आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर
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4. विश्वविद्यालयों-कॉलेजों में एक अगस्त से शुरू होगा नया शैक्षणिक सत्र 2020-21: यूजीसी
  

यूजूसी ने सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को अगस्त में नया सत्र शुरू करने के लिए आदेश दिया है.
नई दिल्ली. देश जब कोरोना महामारी से जूझ रहा है ऐसे में यूजीसी ने छात्रों के खुश करने वाला निर्णय लिया है. इससे स्टूडेंट्स की फाफी हद तक परेशानी और निराशा दोनों दूर होगी. यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को एक अगस्त से शैक्षणिक सत्र 2020-21 शुरू करने के लिए कहा है.


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की अकादमिक कैलेंडर समिति ने प्रवेश प्रक्रिया को 1 से 31 अगस्त तक शुरू करने की सिफारिश की है. समिति ने अपनी सिफारिश में कहा, "अकादमिक सत्र: 2020-21 पुराने / नये छात्रों के लिए 1.8.2020-1 1.09.2020 से शुरू होगा. इसके अनुसार समिति सत्र 2020-21 के लिए अकादमिक कैलेंडर का पालन करने की सिफारिश करती है.


यूजीसी ने कहा कि दूसरे और तीसरे वर्ष के छात्रों के लिए कक्षाएं 1 अगस्त से शुरू होंगी, जबकि प्रथम सेमेस्टर के लिए नया बैच 1 सितंबर से शुरू होगा. परीक्षाएं 1 जनवरी, 2021 से 25 जनवरी तक आयोजित की जाएंगी. दूसरा सेमेस्टर 27 जनवरी से शुरू होगा और 25 मई तक होगा.


बता दें कि यूजीसी ने 6 अप्रैल को समिति का गठन किया था ताकि परीक्षा और शैक्षणिक कैलेंडर से संबंधित मुद्दों के बारे में विचार-विमर्श किया जा सके. पैनल की अध्यक्षता यूजीसी के पूर्व प्रोफेसर और हरियाणा के वीसी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आरसी कुहाड़ ने की थी.


रिपोर्ट में आगे कहा गया है, "विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों और अनुसंधान कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय / राज्य स्तर पर सामान्य प्रवेश परीक्षा आयोजित की जा सकती है."विश्वविद्यालय 31-21.2020 तक नवीनतम सत्र 2020-21 के लिए यूजी और पीजी कार्यक्रमों में प्रवेश लेंगे."


*विश्वविद्यालय छह-सप्ताह के पैटर्न का पालन करें*

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि प्रत्येक विश्वविद्यालय को किसी भी तरह के परिश्रम से निपटने की मांग करने की स्वतंत्रता के लिए कार्रवाई की एक आकस्मिक योजना तैयार करनी चाहिए. समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि "2019 -2020 के शेष सत्र और नए सत्र 2020-2021 के नुकसान की भरपाई के लिए सभी विश्वविद्यालय छह-सप्ताह के पैटर्न का पालन करें.



समिति ने कहा कि छात्रों/शोधार्थियों के लिए न्यूनतम प्रतिशत उपस्थिति की आवश्यकता के संबंध में, लॉकडाउन की अवधि में सभी को उपस्थित माना जाए. क्योंकि मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर, विश्वविद्यालयों को परियोजनाओं/शोध प्रबंधों को आगे बढ़ाने वाले यूजी/ पीजी छात्रों की सुविधा के लिए उचित रणनीति अपनाने की सिफारिश की गई है.


*विश्वविद्यालय स्काइप से लें व्यवहारिक परीक्षा*

समिति ने कहा कि विश्वविद्यालय स्काइप या अन्य मीटिंग ऐप्स के माध्यम से व्यावहारिक परीक्षाएं और वाइवा ले सकते हैं. मध्यवर्ती सेमेस्टर के मामले में, आगामी सेमेस्टर के दौरान व्यावहारिक परीक्षाएं आयोजित की जा सकती हैं.

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5. बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा मंत्री ने दिए 42.78 करोड़ रुपये

शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा.
जयपुर: बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए गार्गी एवं बालिका शिक्षा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्य की 1 लाख 2 हजार 624 बालिकाओं को 42.78 करोड़ रुपये की राशि उनके खातों में स्थानान्तरित करने के निर्देश दिए थे.

शिक्षा मंत्री के निर्देश पर बैंक द्वारा बालिकाओं के खातों में उनकी पात्रता अनुसार राशि स्थानान्तरित किए जाने की शुरूआत भी हो चुकी है. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर द्वारा आयोजित कक्षा 10वीं एवं कक्षा 12वीं परीक्षा 2019 में 75 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त करने वाली बालिकाओं को गार्गी एवं बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार दिए जाने हेतु यह राशि उनके खातों में स्थानान्तरित की जा रही है.

शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ हुई बैठक में उनकी पहल पर यह तय किया गया था कि कोरोना के इस विकट दौर में भी बालिका शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा जाए और उनकी शिक्षा में किसी तरह की बाधा नहीं आनी चाहिए और इसी के चलते बालिकाओं के खातों में राशि स्थानांतरित करना शुरू किया. 

डोटासरा ने बताया कि गार्गी पुरस्कार हेतु कक्षा 10वीं की आवेदन करने वाली पात्र 42 हजार 644 बालिकाओं को प्रति बालिका 3 हजार रुपये के आधार पर  12.79 करोड रुपये की राशि प्रदान की जा रही है. इसी तरह कक्षा 12वीं की आवेदन करने वाली पात्र  59 हजार 980 बालिकाओं  को 5 हजार रुपये प्रति के आधार पर 29.99 करोड़ रुपये राशि उनके खातों में स्थानान्तरित करने की कार्यवाही की जा रही है

गौरतलब है कि गार्गी एवं बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार के लिए शिक्षा विभाग की ओर से माह फरवरी-मार्च 2020 में शाला दर्पण पर ऑनलाइन आवेदन पत्र भरवाये गए थे.
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6. IGNOU ने असाइनमेंट जमा करने की अंतिम तिथि फिर आगे बढ़ाई

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (Indira Gandhi National Open University) (इग्नू) (IGNOU) ने जून 2019 के टर्म एंड परीक्षा (June 2019 term-end examination) के लिए असाइनमेंट जमा करने की अंतिम तिथि एक बार फिर बढ़ा दी है। उम्मीदवार अब 15 जून तक ऑनलाइन असाइनमेंट जमा करवा सकते हैं। पहले असाइनमेंट जमा करने की आखिरी तारीख 31 मई थी।

इग्नू की ओर से जारी आधिकारिक नोटिफिकेशन में कहा गया है कि कोरोनावायरस महामारी (CoronaVirus pandemic) के कारण लॉकडाउन (Lockdown) के विस्तार के कारण इग्नू के टर्म एंड परीक्षाओं के लिए सभी असाइनमेंट जमा करने की आखिरी तारीख को 15 जून, 2020 तक बढ़ा दिया गया है। उम्मीदवार मेल के जरिए अपने असाइनमेंट जमा करवा सकते हैं।

June 2020 term end examination को भी स्थगित कर दिया गया है, जो 1 जून को आयोजित की जानी थी। कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण उत्पन्न स्थितियों का संज्ञान लेते हुए परीक्षा की संशोधित तारीखों की घोषणा बाद में की जाएगी। स्टूडेंट्स आधिकारिक लिंक exam.ignou.ac.in के माध्यम से फॉर्म भरने के लिए दिशा-निर्देश और निर्देशों का उपयोग कर सकते हैं। छात्र पुन: प्रवेश प्रक्रिया के लिए 31 मई तक आवेदन कर सकते हैं।
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7. राजस्थान में 11 हजार बेरोजगारों का पूरा होगा नौकरी का सपना, प्रशासनिक सुधार विभाग ने भेजा पत्र

सीकर. प्रदेश के बेरोजगारों के लिए राहतभरी खबर है। एलडीसी भर्ती में पुराने नियमों के आधार पर जिला आवंटन करने पर सीएम तक पहुंची शिकायतों के बाद अब प्रशासनिक सुधार विभाग ने नए नियमों के साथ चयनितों को नियुक्ति देने के लिए सभी विभागों को पत्र लिखा है। ऐसे में प्रदेश के 11 हजार से अधिक बेरोजगारों की नौकरी की राह जल्द खुलेगी। सूत्रों की माने तो जून महीने के पहले सप्ताह तक कई विभागों की ओर से नए सिरे से आदेश जारी किए जा सकते हैं। नए नियमों से पदस्थापन होने से बेरोजगारों की नौकरी की राह आसान हो सकेगी। क्योंकि पिछले दिनों एलडीसी भर्ती के चयनितों को विभाग आवंटित कर दिए गए थे। लेकिन पदस्थापन में कई पेच की वजह से मामला उलझ गया था। इस दौरान अभ्यर्थियों ने न्यायालय में जाने की तैयारी भी कर ली थी। अब सरकार स्तर पर पेच सुलझने से बेरोजगारों को काफी राहत मिली है। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने पिछले दिनों ही अटकी भर्तियों से जल्द खुलेगा लॉकडाउन शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद सरकारी महमकों ने बेरोजगारों को राहत देने के लिए तैयारी तेज कर दी है।

*यह अटका था पेच, सीएम तक पहुंची थी शिकायत*

प्रशासनिक सुधार विभाग ने कई अभ्यर्थियों को ऐसे जिले आवंटित कर दिए, जहां रिक्त पदों की संख्या कम थी। ऐसे में जिला अधिकारियों के सामने उनकी नियुक्ति करवाना भी चुनौती बना हुआ था। मामला सीएमओ तक पहुंचा। कई जनप्रतिनिधियों ने भी इस संबंध में आपत्ति दर्ज कराई। इससे पहले स्वास्थ्य विभाग कार्यकर्ताओं की नियुक्तियों में भी लापरवाही सामने आई थी।

*शहीद परिवारों के आश्रितों को भी वरीयता*
नए भर्ती नियमों के तहत शहीद परिवार के आश्रितों को भी नियुक्ति में वरीयता दी जाएगी। यदि प्रथम नियुक्ति के समय उस जिले में पद रिक्त नहीं है तो बाद में पद रिक्त होने पर पहली वरीयता शहीद परिवार को दिए जाने का प्रावधान किया गया है। असाध्य रोग से पीडि़त चयनितों को भी वरीयती श्रेणी में शामिल किया गया है।

*अब इन नियमों के आधार पर नियुक्ति*

दिव्यांग, विधवा, परित्यक्ता, एकल महिला, भूतपूर्व सैनिक, खिलाड़ी व पति-पत्नी के प्रकरणों के अभ्यर्थियों को पहले वरीयता से नियुक्ति दी जाएगी। इसके बाद शेष अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के आधार पर बुलाकर प्रथम नियुक्ति दी जानी है।
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8. SSC 1 जून को घोषित कर सकता है लंबित परीक्षाओं की नई तिथि

कर्मचारी चयन आयोग (Staff Selection Commission) (SSC) 1 जून को संयुक्त उच्चतर माध्यमिक स्तर की परीक्षा (combined higher secondary level exam) (CHSL) tier-I 2019, जूनियर इंजीनियर परीक्षा, स्टेनोग्राफर ग्रेड सी और डी परीक्षा (stenographer grade C and D exam) सहित लंबित भर्ती परीक्षाओं संशोधित परीक्षा तिथियों की घोषणा करेगा। हाल ही में जारी नोटिस में आयोग ने कहा, कर्मचारी चयन आयोग ने 21 मई को कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की है। गौर करने वाली बात है कि सरकार ने देश में लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ा दिया है। नोटिस में कहा गया है कि आयोग ने निर्णय लिया है कि परीक्षाओं के कार्यक्रम की घोषणा के संबंध में निर्णय लेने से पहले 1 जून को स्थिति की समीक्षा की जाएगी।

परीक्षाओं को स्थगित करते हुएए एसएससी ने कहा था कि परीक्षा की तारीख और तैयारियों के लिए पर्याप्त समय देने की घोषणा के बीच कम से कम एक महीने का समय दिया जाएगा। परिणाम घोषणा कार्यक्रम भी बदला जाएगा। आयोग ने जूनियर इंजीनियर, मल्टी टास्किंग स्टाफ परीक्षा पेपर-II पदों के लिए आयोजित भर्ती परीक्षा और संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (सीजीएल) 2018 की टियर-III परीक्षा और टियर-I के परीणामों को जारी करने की तारीखों को टाल दिया है।

इस बीच, संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा (Union Public Service Commission) (UPSC) ने सिविल सेवा परीक्षा (civil services exam) (CSE) के लिए परीक्षा तिथि की घोषणा को भी स्थगित कर दिया है। यूपीएससी 20 मई को संशोधित तारीखों की घोषणा करने वाली थी, हालांकि, आयोग अब 5 जून को नई तारीखों की घोषणा कर सकता है। आयोग ने आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि स्थिति की समीक्षा करने के बाद क्कस्ष्ट ष्टस्श्व और अन्य लंबित परीक्षाओं की तारीखों की घोषणा 5 जून को की जा सकती है।
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9. कोरोना खौफ: राजस्थान विश्वविद्यालय के शिक्षकों का आंसर शीट जांचने से इनकार
  

आरयू ने परीक्षाओं के बाद से ही काॅपियों के मूल्यांकन के लिए 50 से अधिक शिक्षकों की स्वीकृति मांगी थी। इनमें से आधे से भी कम ने रूचि दिखाई है और महज 20 शिक्षकों ने काॅपियां जाचंने के लिए सहमति दी है।

कोरोना खौफ: राजस्थान विश्वविद्यालय के शिक्षकों का आंसर शीट जांचने से इनकार
राजस्थान विश्वविद्यालय (आरयू) के शिक्षकों में कोरोना का भय इस प्रकार बढ़ता जा रहा है कि वे कोरोना संक्रमण से पहले हो चुकी परीक्षाओं की आंसर शीट जांचने से भी मना कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि लाॅकडाउन के चलते यूजी-पीजी की कई परीक्षाएं अटक गई थी। अतः अब प्रशासन इन परीक्षाओं के आयोजन को लेकर चिंतित दिखाई दे रहा है। कोरोना को लेकर व्याप्त कई तरह की भ्रांतियों ने भी आंसर शीट जांचने की गति कम कर दी है। हालांकि प्रशासन काॅपियों के बंडल को सेनेटाइज कर शिक्षकों के घर भिजवा रहा है।

आरयू ने परीक्षाओं के बाद से ही काॅपियों के मूल्यांकन के लिए 50 से अधिक शिक्षकों की स्वीकृति मांगी थी। इनमें से आधे से भी कम ने रूचि दिखाई है और महज 20 शिक्षकों ने काॅपियां जाचंने के लिए सहमति दी है। अनेकों ने तो काॅपियों से कोरोना फैलने के संदेह के चलते दूरी बना ली है। इसके कारण मूल्यांकन को गति नहीं मिल पाई। लेकिन आगामी दिनों में सेमेस्टर परीक्षाओं के लिए आरयू प्रशासन केंद्रीय मूल्यांकन की योजना बना रहा है।
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10. जेईई मेन 18 तथा नीट 26 जुलाई से

कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नेशनल इलेजिब्लिटी कम ऐंट्रेंस टेस्ट (नीट यूजी ) तथा सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन का कार्यक्रम घोषित कर दिया है। इन दोनों परीक्षाओं में 26 लाख से अधिक विद्यार्थी शामिल होंगे।

*नीट यूजी*
कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट पारिजात मिश्रा ने बताया कि नीट यूजी 26 जुलाई को दोपहर 2 से शाम 5 बजे के बीच ऑफ लाइन मोड में होगी। परीक्षा के 15 दिन पहले प्रवेश पत्र जारी किए जाएंगे। जिसमें परीक्षा केन्द्र का शहर व स्थान बताया जाएगा।
इस मेडिकल प्रवेश परीक्षा के माध्यम से ऑल इंडिया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज की 15 प्रतिशत, स्टेट कोटे की 85 प्रतिशत, सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी की 100 प्रतिशत, एएफ एमसी की 100 प्रतिशत, प्राइवेट डीम्ड यूनिवर्सिटी की एमबीबीएस की सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा। एम्स व जिपमैर जैसे सेन्ट्रल इंस्टीट्यूट के प्रवेश भी इस वर्ष पहली बार इसी परीक्षा के माध्यम से होंगे।
आयुष कोर्स की 100 प्रतिशत तथा वेटेनरी कोर्स की 15 प्रतिशत सीटों पर भी इसी परीक्षा के माध्यम से प्रवेश होंगे। इस वर्ष 543 मेडिकल कॉलेजों की 79 हजार 855 एमबीबीएस सीटों तथा 313 डेंटल कॉलेज की 26 हजार 949 सीटों के लिए होने वाली इस परीक्षा के लिए 15 लाख 93 हजार 452 स्टूडेंट्स ने आवेदन किया है। परीक्षा तीन घंटे की होगी। जिसमें 45 प्रश्न फि जिक्स, 45 कैमेस्ट्री, 90 प्रश्न बॉयलॉजी के पूछे जाएंगे। हर प्रश्न 4 अंक का होगा, गलत होने पर एक अंक की माइनस मार्किंग होगी।

*जेईई मेन*
कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि जेईई मेन 18 से 23 जुलाई के मध्य आयोजित होगी। यह परीक्षा प्रत्येक दिन दो शिफ्टों में नए समय पर सुबह 9 से दोपहर 12 और दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक होगी। परीक्षाएं कुल 10 शिफ्टों में होने की संभावना है, क्योंकि परीक्षा की तिथियां 18, 20, 21,22 एवं 23 जुलाई प्रस्तावित है, साथ ही जनवरी जेईई मेन परीक्षा 4 दिन में 8 शिफ्टों में हुई थी। विद्यार्थी 31 मई तक पुन: अपने परीक्षा केन्द्र बदलने एवं आवेदन में हुई त्रुटियों के सुधार कर सकते हैं।
जेईई.मेन जुलाई की आवेदन तिथि समाप्त होने के साथ 2 लाख 85 हजार नए विद्यार्थी आवेदन कर चुके हैं। 19 मई से 24 मई तक 20 हजार विद्यार्थियों ने आवेदन किए हैं। ये ऐसे विद्यार्थी माने जा सकते हैं, जो भारत के बाहर पढऩे के इच्छुक थे। इस प्रकार जेईई मेन जुलाई में 9 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों के बैठने की संभावना है। विद्यार्थी दिए गए समयान्तराल में अपनी सुविधानुसार परीक्षा केन्द्रों को बदल सकते हैं, जिससे उन्हें कम से कम यात्रा करनी पड़े। जेईई मेन जुलाई के प्रवेश पत्र परीक्षा से 15 दिन पूर्व जारी किए जाएंगे।
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11. विद्यार्थियों की छुट्टियां, पर पहुंची नई पाठ्य-पुस्तकें


विद्र्यािर्थयों की छुट्टियां, पर पहुंची नई पाठ्य-पुस्तकें
अब नोडल नहीं ब्लॉक नोडल लेने आएंगे पुस्तकें
- लॉकडाउन के बीच नए शिक्षण सत्र की दस्तक
- राज्य पाठ्य-पुस्तक मण्डल ने की तैयारियां

डूंगरपुर. वैश्विक महामारी कोरोना के चलते जिले सहित पूरे प्रदेश के सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों में शिक्षण कार्य ठप है। कक्षा एक से आठ तक एवं 11वीं के विद्यार्थियों को सीधे क्रमोन्नत कर दिया है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने नए शिक्षण सत्र की दस्तक दे दी है। राज्य पाठ्य-पुस्तक मण्डल के जिला कार्यालयों में नि:शुल्क एवं सशुल्क पुस्तकों के सेट आने शुरू हो गए हैं। मण्डल की ओर से जल्द ही नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकों के वितरण का समय चक्र घोषित किया जाएगा। हालांकि, कोरोना संक्रमण के चलते यहां आने शिक्षकों आदि को सोशल डिस्टेसिंग की पालना के साथ ही सेनेटाइज संबंधित औपचारिकताओं को पहले पूर्ण करना पड़ेगा।
*व्यवस्था बदली, मिलेगी राहत*
अब तक नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तकें प्राप्त करने के लिए शिक्षकों को काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। लेकिन, अब पाठ्य-पुस्तक मण्डल ने शिक्षकों को राहत दे दी है। अब पूर्व की तरह नोडल विद्यालय पुस्तकें लेने नहीं आकर अब ब्लॉक स्तरीय नोडल केन्द्र ही पुस्तकें लेने के लिए आएंगे। ब्लॉक नोडल से नोडल केन्द्रों तक पुस्तकें पहुंचेगी और नोडल से संबंधित विद्यालय तक पुस्तकें पहुंचेगी।

*सरकारी धन की बचत*
पूर्व की व्यवस्था के दौरान यह देखने में आ रहा था कि पाठ्य-पुस्तक मण्डल की ओर से वाहन की व्यवस्था होने के बावजूद विद्यालय उसमें पुस्तकें नहीं ले जाते थे। वह वाहन देर रात्रि तक नोडल में पहुंचता था। ऐसे में शिक्षक स्वयं अपने वाहनों में पुस्तके ले जाते और यह बिल स्कूल फण्ड या फिर भामाशाह बन स्वयं वहन करते थे। लेकिन, न्रई व्यवस्था से इस तरह के व्यर्थ खर्च से राहत मिलेगी।
*कक्षावार इतनी आएगी पुस्तकें*
कक्षा ...........सेट
एक.............. 18788
दो ................23732
तीन............ 21485
चार ............14729
पांच............ 157829
छह............. 29544
सात ...........27429
आठ.............. 26202
(तृतीय भाषा की पुस्तकों को मिलाकर विभिन्न विषयों की नौ लाख 47 हजार 21 पुस्तकें प्राप्त होगी।)

*माध्यमिक कक्षाओं की अलग पुस्तकें*
माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए भी अलग-अलग पुस्तकें प्राप्त हो रही है। इसमें कक्षा नौ में 30 हजार 222, दस में 12 हजार छह सौ 10 सहित कक्षा 11 एवं 12वीं में अलग-अलग संकाय एवं विषयवार अलग-अलग पुस्तकों के सेट प्राप्त हो रहे हैं। यहां सात लाख 30 हजार 667 पुस्तकें प्राप्त हो रही हैं।
*ब्लॉक नोडल वितरण की तिथि घोषित*
ब्लॉक .........तिथि
साबला....... एक जून
आसपुर........ दो जून
दोवड़ा .........तीन जून
चीखली......... चार जून
गलियाकोट....... पांच जून
सागवाड़ा........... छह जून
सागवाड़ा............. सात जून
सीमलवाड़ा........... आठ जून
झौथरी.................. नौ जून
बिछीवाड़ा............... 10 जून
बिछीवाड़ा.................. 11 जून
डूंगरपुर.................... 12 जून
(सागवाड़ा एवं बिछीवाड़ा ब्लॉक के दो भाग है। सागवाड़ा में पहले दिन राउमावि सागवाड़ा तथा द्वितीय दिन राउमावि तलैया नम्बर छह आएंगे। वहीं, बिछीवाड़ा में प्रथम दिन राउमावि बिछीवाड़ा एवं द्वितीय दिन राउमावि गामड़ी अहाड़ा आएगा।)
*एसीबीईओ की रहेगी मौजूदगी*
नवीन व्यवस्था के तहत ब्लॉक नोडल विद्यालय पुस्तक लेने आएंगे, तो उनके साथ संबंधित एसीबीईओ की उपस्थिति अनिवार्य रहेगी। पुस्तक वितरण सुबह साढ़े नौ बजे राज्य पाठ्य-पुस्तक वितरण मण्डल कार्यालय से होगा। साथ में ब्लॉक नोडल केन्द्र प्रभारी स्टॉक रजिस्ट्रर एवं सील में साथ में लेकर आनी होगी। वाहन के बंदोबस्त पाठ्यपुस्तक मण्डल की ओर होगा।
*इन्होंने कहा...*
राज्य पाठ्य-पुस्तक मण्डल ने नई व्यवस्थाओं के अनुरुप कार्य करना शुरू कर दिया है। समय चक्र घोषित कर दिया है।
 फिलहाल सोशल डिस्टेसिंग के साथ सशुल्क पुस्तकों का वितरण शुरू हो गया है। एक जून से नि:शुल्क पुस्तकों का कार्य शुरू होगा। पुस्तकों के सेट आने शुरू हो गए हैं। आने वाले दिनों में और सेट आएंगे। कक्षा एक से पांच का पाठ्यक्रम भी बदला है।
- जशिला मेणात, प्रबंधक, राज्य पाठ्य-पुस्तक मण्डल
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