शिक्षा एवं रोजगार समाचार 22.06.2020


1.*B.Ed., B.A.-B.Ed., B.Sc,-B.Ed के विद्यार्थी होंगे प्रमोट*
*प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी होंगे प्रमोट, अंतिम वर्ष के विद्यार्थी नहीं होंगे प्रमोट, B.Ed., M.Ed., BP.Ed., MP.Ed.के विद्यार्थी होंगे प्रमोट*
*#Bikaner : शिक्षा संकाय के स्टूडेंट्स के लिए बड़ी खबर*
*आगामी कक्षाओं में प्रोविजनली क्रमोन्नत करने के आदेश, अंतिम वर्ष स्टूडेंट्स को छोड़कर सभी होंगे क्रमोन्नत, उच्च शिक्षा मंत्री @BSBhatiInc ने दी जानकारी, इंटर्नशिप नहीं करने वाले आगामी सत्र में कर सकेंगे इंटर्नशिप*


2.*राजस्थान के सरकारी स्कूलों में 24 जून से शिक्षकों को देनी होगी उपस्थिति*
स्कूल तो खुलेंगे लेकिन अभी शुरू नहीं होगी विद्यार्थियों की स्कूल में पढ़ाई....
जयपुर।
राजस्थान प्रदेश के सभी सरकारी स्कूल 24 जून से खुल जाएंगे। हालांकि स्कूल तो खोल दिए जाएंगे लेकिन विद्यार्थियों की स्कूल में पढ़ाई शुरू नहीं होगी। 24 जून से स्कूल खोले जाने के बाद शिक्षकों और कर्मचारियों को स्कूल में आना होगा। विदयार्थियों को कब से स्कूल में आना है, इसको लेकर कोई दिशा निर्देश अभी जारी नहीं किए गए हैं। स्कूल खोले जाने के संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने निर्देश जारी किए है।
निर्देशों के अनुसार स्कूल खुलने के बाद शिक्षक सबसे पहले विदयार्थियों के क्रमोन्नति प्रमाण पत्र तैयार करेंगे। गौरतलब है कि लॉकडाउन के चलते शिक्षा विभाग ने पहले ही सत्र 2019-20 में अध्ययनरत कक्षा 1 से 9 और कक्षा 11 के विद्यार्थियों को क्रमोन्नत कर दिया हैं। शिक्षक स्कूल खुलते ही सबसे पहले इन क्रमोन्नत विदयार्थियों का परिणाम तैयार कर विदयार्थियों को क्रमोन्नत प्रमाण पत्र देने का काम करेंगे।
शिक्षा विभाग के कैलेंडर के अनुसार 24 जून से स्कूल खुल जाएंगे लेकिन विद्यार्थियों का आना कब शुरू होगा यह अभी तय नहीं है। 24 जून से केवल स्कूलों में आने वाला स्टाफ प्रमाण पत्र वितरण के बाद प्रवेशोत्सव की तैयारियों में जुटेगा।
*ऑनलाइन माध्यम से हो सकते है प्रवेश*
कोरोना वायरस के चलते शिक्षा विभाग विद्ययालों में समय पर पढ़ाई शुरू करवाने को लेकर आगे की रूपरेखा तय करने में जुटा है। शिक्षा विभाग इस कोशिश में जुटा है कि स्कूलों में एडमिशन की प्रकिया जल्द शुरू हो जाए। जिससे की विदयार्थियों का शैक्षणिक सत्र समय पर पूरा हो सके। इसी को लेकर विभाग इस बार एडमिशन की प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से शुरू करने की योजना पर काम कर रहा हैं। वहीं विदयार्थियों के स्कूल में पहुंचने पर कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर भी कार्ययोजना तैयार करने में जुटा है।
-हिमांशु शर्मा


3.*बच्चों का स्कूल आना बन सकता है बड़ा खतरा*
1 जुलाई से खुल सकेंगे स्कूल...बच्चों का स्कूल आना बन सकता है बड़ा खतरा....
श्री गंगानगर।
प्रदेश भर में अब जल्द ही स्कूल खुलने वाले हैं। पिछले काफी दिनों से स्कूल खुलने की खबरों के बीच अब शिक्षा मंत्री गोविंद्र सिंह डोटासरा ने अपना बयान दिया है। इसके अनुसार राज्य में स्कूल 1 जुलाई से खुलना शुरू हो जाएंगे, जबकि स्कूलों में शिक्षकों के आने की प्रक्रिया 24 जून से शुरू होगी। ग्रीष्मावकाश की समाप्ति के तुरंत बाद शिक्षकों की ओर से स्कूल में आकर विद्यार्थियों की अंक तालिका व क्रमोन्नति प्रमाण पत्र सभी कक्षाओं को वितरित करने संबंधी कार्य किए जाने हैं। इसके साथ-साथ ऑनलाइन कंटेंट तैयार करना व कक्षाओं की पूर्व तैयारी भी करनी है जिसके चलते शिक्षक विद्यार्थियों से 6 दिन पूर्व स्कूल में उपस्थित होंगे।
*विभाग बरतेगा सावधानियां--*
शिक्षा विभाग का कहना है कि बच्चों के लिए स्कूल खोलने के लिए विद्यालय में कोरोना के बचाव के लिए उपाय और सावधानियां बरती जाएगी। उनको पूरी तरह से अमल में लाया जाएगा। साथ ही कोविड-19 के लिए जारी पूरी गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। इसके अन्तर्गत विद्यालय में सेनेटाइजर की व्यवस्था, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना, मास्क की अनिवार्यता और कैंटीन व खान-पान संबंधी पाबंदिया शामिल है।
*अभिभावकों की बढ़ी परेशानी--*
राज्य भर में बढ़ते हुए कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या ने अभिभावकों को अपने बच्चों के लिए और ज्यादा चिंतित कर दिया है। यदि 1 जुलाई से स्कूल खुलते भी हैं तो लगभग कोई भी अभिभावक अपने बच्चों को विद्यालय में भेजने को तैयार नहीं होगा। इसका मुख्य कारण कोविड-19 का खौफ और इसकी भयावता है। स्कूल में किस परिवार का कौनसा विद्यार्थी कहां से आ रहा है। इसकी पूर्ण और सटीक जानकारी रखना विभाग के लिए संभव नहीं होगा।
बच्चों का स्वास्थ्य हमारे लिए सर्वोपरि है। विभाग को अभी स्कूल नहीं खोलने चाहिए, बच्चों में भी डर है कि पढ़ाई बाद में है स्वस्थ जीवन पहली प्राथमिकता है। हम वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए बच्चों को स्कूल भेजने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं है।
कुलदीप सहारण, अभिभावक व युवा व्यापारी 13 क्यू, श्रीगंगानगर
विभाग के आदेशानुसार स्कूल 1 जूलाई से शुरू किए जाएंगे। सभी शिक्षा अधिकारियों को विद्यार्थियों की सुरक्षा और कोविड-19 की एडवाइजरी का पालना करवाने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।
-धर्मेन्द्र कुमार जोशी, संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा, बीकानेर


4.*Govt Jobs: 2000 पदों पर निकली वैकेंसी, यूं करें अप्लाई*
इन पदों पर उम्मीदवारों का चयन परीक्षा के जरिए किया जाएगा। इसके लिए परीक्षा 12 जुलाई 2020 को ली जाएगी....
कोटा।
मेडिकल क्षेत्र में अपना कॅरियर संवारने की उम्मीद रखने वालों के लिए अच्छी खबर है। राजस्थान सरकार मेडिकल ऑफिसर के 2000 पदों पर भर्ती करने जा रही है। राजस्थान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने इसके लिए वैकेंसी निकाली है। इस वैकेंसी के लिए राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेस की ओर से आधिकारिक अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। इसके लिए आवेदन और योग्यता समेत अन्य जरूरी जानकारी विभाग की वेबसाइट Www.Ruhsraj.Org पर देखी जा सकती है।
*यह होगा परीक्षा शुल्क*
सामान्य या ईडब्ल्यूएस सभी श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए 5000 रुपए परीक्षा शुल्क देय होगा जबकि एससी, एसटी या दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए 2500 रुपए शुल्क देना होगा। इसका भुगतान ऑनलाइन माध्यम से क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड अथवा नेट बैंकिंग के जरिए कर सकते हैं। किसी भी स्थिति में फीस रिफंड नहीं की जाएगी।
*एक्जाम की डेट*
इन पदों पर उम्मीदवारों का चयन परीक्षा के जरिए किया जाएगा। इसके लिए परीक्षा 12 जुलाई 2020 को ली जाएगी। उम्मीदवार एक बात का ध्यान रखें कि आवेदन करने के पहले फॉर्म को अच्छी तरह से पढऩे के बाद ही आवेदन करें, क्योंकि यदि आवेदन फॉर्म में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो एप्लीकेशन फॉर्म रिजेक्ट कर दिया जाएगा।
*पद और शैक्षणिक योग्यता*
मेडिकल ऑफिसर के पद पर नौकरी पाने के लिए उम्मीदवार का एमबीबीएस उत्तीर्ण होना जरूरी है। आवेदन से पहले आरएमसी में रजिस्ट्रेशन कराना भी अनिवार्य है। उम्मीदवारों की उम्र न्यूनतम 22 साल और अधिकतम 47 साल होनी चाहिए। इसकी गणना 19 जनवरी 2020 तक की जाएगी। आरक्षित वर्ग को छूट का लाभ मिलेगा। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 8 जून से प्रारंभ हो चुकी है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 जून निर्धारित की गई है।


5.*CBSE Pending Exams: बिना परीक्षा के 12वीं के स्टूडेंट्स को पास कर सकता है CBSE बोर्ड*
विश्वस्त सूत्रों से मिली खबर के अनुसार सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन क्लास 12 के बचे विषयों की परीक्षाएं कैंसिल करने पर विचार कर रहा है.....

अजमेर।
विश्वस्त सूत्रों से मिली खबर के अनुसार सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन क्लास 12 के बचे विषयों की परीक्षाएं कैंसिल करने पर विचार कर रहा है. आपकी जानकारी के लिये बता दें कि आने वाली 01 से 15 जुलाई के मध्य सीबीएसई बोर्ड की पेंडिंग परीक्षाएं आयोजित होनी है, लेकिन कोरोना के तेजी से बढ़ते हुये केसेस को देखकर बोर्ड, इस निर्णय पर पुनः विचार कर सकता है. संभावना है कि स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा के ही पास कर दिया जाए।
दरअसल जब लॉकडाउन शुरू हुआ था तब कोरोना के केसेस आज की तुलना में बहुत कम थे. वर्तमान स्थिति बहुत भयावह है, जहां कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इस वजह से स्टूडेंट्स और पैरेंट्स की चिंता बढ़ती जा रही है. कुछ अभिभावकों के समूह ने तो परीक्षा कैंसिल कराने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल करी है. उनका कहना है कि स्टूडेंट्स की सेफ्टी इस समय सबसे अधिक जरूरी है.
*बोर्ड और पोस्टपोन नहीं कर सकता परीक्षाएं-*
दरअसल कोरोना की स्थिति को देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि हालात कब तक सामान्य होंगे और हालात के सामान्य होने तक परीक्षा टाली नहीं जा सकती. इसलिए बोर्ड के पास परीक्षा कैंसिल करना ही एकमात्र चारा बचा है. दरअसल बिहार, तेलांगना, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, केरला, झारखंड, तमिलनाडु, कर्नाटक पहले ही अपने यहां 12वीं की परीक्षाएं आयोजित कर चुके हैं।
ऐसे में इन राज्यों के स्टूडेंट्स का रिजल्ट भी आ जाएगा और सीबीएसई बोर्ड के स्टूडेंट्स कॉलेज एडमीशन के लिए बहुत लेट हो जाएंगे. सीबीएसई बोर्ड के स्टूडेंट्स पीछे न रह जाएं इसलिए बोर्ड इस बारे में विचार कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका का जवाब भी मंगलवार को बोर्ड को देना है. ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि जल्द ही स्थिति साफ हो जाएगी।


6.*JEE मेंस, CBSE, CTET और NEET 2020 परीक्षाओं की तिथि बढ़ सकती है आगे*
कोरोना वायरस के वजह से CBSE की बाकी बची हुई परीक्षाएं रद्द हो सकती हैं। वहीं इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रतियोगी परीक्षाएं भी आगे बढ़ सकती हैं....
अजमेर।
कोरोना वायरस के वजह से CBSE की बाकी बची हुई परीक्षाएं रद्द हो सकती हैं। वहीं इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रतियोगी परीक्षाएं भी आगे बढ़ सकती हैं। इन परीक्षाओं पर सोमवार तक निर्णन आने की संभावना है। वहीं मानव संसाधन विकास मंत्रालय का रुख साफ है कि इन परीक्षाओं पर आखरी फैसला गृह मंत्रालय की राय के बाद लिया जाएगा। सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की बाकी बची परीक्षाओं के लिए मानव संसाधन मंत्रालय ने 01 से 15 जुलाई के बीच कराने का ऐलान किया था।
सीबीएसई आईसीएसई की छूटी परीक्षाओं पर बने गतिरोध के बीच सीबीएसई की ओर से पांच जुलाई को प्रस्तावित केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) को लेकर संकट खड़ा हो गया है। पांच जुलाई को सीटीईटी के साथ ही 18 से 23 जुलाई को मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट को लेकर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
कोरोना संकट की वजह से मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से यदि सीबीएसई, आईसीएसई की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं नहीं हुई, तो सरकार के लिए सीटीईटी, जेईई मेंस और नीट कराना संभव नहीं होगा।
सीटीईटी, जेईई मेंस और नीट जैसी परीक्षाओं में लाखों की संख्या में परीक्षार्थी शामिल होते हैं, इनका देश के अलग-अलग भागों में केंद्र बनाया जाता है। इसमें शामिल होने हॉटस्पाट क्षेत्र और कंटेनमेंट जोन के परीक्षार्थी भी आएंगे। ऐसे में परीक्षा में शामिल होने वाले दूसरे परीक्षार्थियों को संक्रमण से बचाना आसान नहीं होगा। जेईई मेंस के बाद 23 अगस्त को जेईई एडवांस की तिथि तय की गई है। इस सभी परीक्षाओं को कराने के दौरान संक्रमण फैलने का खतरा बना रहेगा।


7.*NCERT: जारी हुई नई गाइडलाइन, लॉकडाउन के बाद स्कूल खुलने पर ये होंगे बदलाव*
लॉकडाउन के बाद स्कूल खुलने पर बच्चों पर कोर्स का बोझ न पड़े, इसके लिए विषयवार चैप्टर को कम किया जाएगा। इसके लिए स्कूलों को दिशा निर्देश दिए जाएंगे....
जयपुर।
NCERT की ओर से कुछ गाइडलाइन तैयार की गई है। बता दें कि लॉकडाउन के बाद स्कूल खुलने पर बच्चों पर कोर्स का बोझ न पड़े, इसके लिए विषयवार चैप्टर को कम किया जाएगा। इसके लिए स्कूलों को दिशा निर्देश दिए जाएंगे। जानें क्या है नई योजना...
1. नई योजना के अनुसार हर विषय से तीन से चार चैप्टर को कम किया जाएगा।
2. पहली से बारहवीं तक के कोर्स सेे 25 से 30 फीसदी कोर्स कम किया गया है। इसका मतलब यह हुआ कि 20 चैप्टर से  16 ही पढ़ाए जाएगे।
3. जुलाई में स्कूल खुलने पर कम समय मे कोर्स पूरा करना मुश्किल हो सकता है। कोर्स पूरा करने के लिए समय कम मिलेगा। इसके लिए सेकेंड और थर्ड टर्म के के कोर्स में कई चैप्टर हटाए जाएंगे।
4. जो चैप्टर रखे जाएंगे उसी के आधार पर परीक्षा होगी। जुलाई में फर्स्ट टर्म होने के बाद इसे लागू किया जाएगा।
5. सेकेंड और थर्ड टर्म की पढ़ाई बदले हुए चैप्टर के अनुसार होगी।
6. क्लास की पढ़ाई अधिक से अधिक हो, इसके लिए कक्षा में दी जाने वाली होमवर्क नोट व्यवस्था को बदला जाएगा।
7. होमवर्क नोट लिखने में छात्रों का समय अधिक न खर्च हो इसके लिए प्रिंटेंड वर्कशीट दिया जाएगा।


8.*निजी स्कूल के 'गुरूओं पर पगार का संकट , तीन माह से नहीं मिला वेतन*
बच्चों का भविष्य बनाने वाले निजी विद्यालय के टीचर्स का वर्तमान संकट में है, योग्य बनाने का हुनर रखने वाले घर-परिवार चालने में अयोग्य....
धौलपुर।
बच्चों का भविष्य बनाने वाले निजी विद्यालय के टीचर्स का वर्तमान संकट में है। तीन महीने से पगार नहीं मिलने के कारण परेशानी बढऩे लगी है। ऐसे में कई टीचर्स तो एकत्र होकर प्रशासन के दस्तक देकर पगार की गुहार लगाने को मजबूर हो रहे है। लेकिन निजी विद्यालयों में भी लॉक डाउन के बाद तीन महीने की फीस नहीं पहुंची है, ऐसे में निजी विद्यालय संचालकों पर भी टीचर्स को पगार देने के लिए संकट खड़ा हुआ है।
उल्लेखनीय है कि जिले में 412 प्राथमिक व उ'च प्राथमिक, 250 माध्यमिक, उ'च माध्यमिक निजी विद्यालय संचालित है, इन विद्यालय में करीब डेढ़ हजार शिक्षक तैनात है। इन निजी विद्यालय के शिक्षकों को मार्च, अप्रेल व मई माह का वेतन नहीं मिलने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, निजी विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की ओर से भी बीते तीन माह की फीस नहीं दी गई है। ऐसे में वेतन की मांग को लेकर निजी विद्यालय के टीचर्स जिला प्रशासन से गुहार लगा कर वेतन दिलाने की मांग करने को मजबूर बने हुए है।
*ग्रामीण क्षेत्र में निजी संकट बड़ा*
जिले के ग्रामीण क्षेत्र में संचालित निजी विद्यालयों पर संकट बड़ा है। यहां गांव में फसल कटाई के दौरान निजी विद्यालयों की ओर से अध्ययनरत विद्यार्थियों की ओर से मार्च-अप्रेल माह में एक मुश्त ही फीस दी जाती है। लेकिन इस बार मार्च माह में लॉक डाउन लगने के बाद ग्रामीण क्षेत्र के निजी विद्यालयों को विद्याार्थियों की फीस प्राप्त नहीं हुई, जिसके कारण विद्यालयों के शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है। ऐसे में शिक्षकों पर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
*शहरी शिक्षकों को भी स्कूल खुलने का इंतजार*
शहरी क्षेत्र के निजी विद्यालयों के शिक्षकों को भी तीन महीने का वेतन नहीं मिला है। ऐसे में उन्हें भी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा रहा है। शहर निजी विद्यालयों के संचालकों ने बताया कि उन्हें अध्ययरत विद्यार्थियों की फीस प्राप्त नहीं हुइ है, जिसके कारण वे विद्यालय के शिक्षकों को वेतन देने में असमर्थ है। ऐसे में विद्यालय खुले के बाद ही फीस मिलने पर शिक्षकों को वेतन का भुगतान एक मुश्त किया जाएंगा। शहरी क्षेत्र के शिक्षक विद्यालय खुलने के इंतजार में बैठे हुए है।
*आरटीई तक का भुगतान नहीं*
सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशन में निजी विद्यालय 25 फीसदी छात्रों को मुफ्त प्रवेश देते है लेकिन उनकी मामूली फीस तक का पुनर्भरण पिछले कई वर्षों से नही हुआ है ऐसे में उनपर दोहरी मार उनके अस्तित्व के लिए खतरा पैदा कर रही है।
*योग्यता के अनुरूप नहीं मिलता वेतन*
सूत्रों ने बताया कि बरसों से निजी विद्यालय के टीचर्स को उनकी योग्यता के अनुरूप वेतन नहीं दिया जा रहा है। हाल में निजी विद्यालय को जो वेतन दिया जा है, शिक्षक उसी में संतोष कर रहे है। निजी विद्यालयों में टेड्र व अनटेड्र टीचर्स से काम चलाया जा रहा है। वैसे बरसों पहले बने नियम के अनुसार बीएड, एसटीसी होल्डर को ही टीचर्स के तौर पर रखने का नियम है।


9.*शिक्षा संकाय के विद्यार्थियों को बड़ी राहत -उच्च शिक्षामंत्री*
राज्य सरकार ने शिक्षा संकाय के विभिन्न पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों को राहत दी है....
जयपुर।
राज्य सरकार ने शिक्षा संकाय के विभिन्न पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों को राहत दी है। सरकार ने शिक्षा संकाय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में अंतिम वर्ष को छोड़कर बाकी वर्ष के विद्याथ्रियों को आगामी कक्षा में अस्थाई रूप से क्रमोन्नत करने के आदेश जारी किए हैं। उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि सरकार ने बी.एड, बीए बीएड/बीएससी बीएड (एकीकृत चार वर्षीय पाठ्यक्रम) एमएड, बीएड एमएड (एकीकृत तीन वर्षीय पाठ्यक्रम) बीपीएड, एमपीएड में अध्ययनरत अन्तिम वर्ष के विद्यार्थियों को छोड़कर शेष कक्षाओं के विद्यार्थियों को उनकी आगामी कक्षाओं में प्रोविजनली क्रमोन्नत करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
साथ ही कोविड-19 महामारी के कारण उक्त पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत जिन विद्यार्थियों ने इन्टर्नशिप पूर्ण नहीं की है, उन्हें आगामी कक्षा/सत्र में इन्टर्नशिप करने की इजाजत प्रदान कर दी गई है। ऐसे विद्यार्थियों का अन्तिम परीक्षा परिणाम इन्टर्नशिप पूर्ण करने का प्रणाम-पत्र प्राप्त होने के बाद जारी कर दिये जाने के लिए निर्देशित कर दिया गया हैं।


10.*अंग्रेजी मीडियम स्कूलों को इस पॉलिसी से नहीं मिले शिक्षक !*
राज्य सरकार की अंग्रेजी माध्यम के महात्मा गांधी स्कूलों से जुड़ी महत्वकांक्षी योजना में शिक्षा विभाग को अधिकांश स्कूलों के लिए विभाग को जरूरत के मुताबिक शिक्षक एवं अन्य स्टॉफ नहीं मिल पाए हैं....
जयपुर
राज्य सरकार की अंग्रेजी माध्यम के महात्मा गांधी स्कूलों से जुड़ी महत्वकांक्षी योजना में शिक्षा विभाग को अधिकांश स्कूलों के लिए विभाग को जरूरत के मुताबिक शिक्षक एवं अन्य स्टॉफ नहीं मिल पाए हैं। कई ब्लॉकों में इन स्कूलों के लिए जितने पद रिक्त हैं, उस अनुपात में भी शिक्षक नहीं पहुंचे हैं। इसके पीछे शिक्षा विभाग की चयन पॉलिसी भी वजह रही है, जिसके चलते इन शिक्षकों को पर्याप्त संख्या में शिक्षक तक नहीं मिल पाएं हैं।
पांच दिन तक चले साक्षात्कार के बावजूद महात्मा गांधी स्कूलों के लिए पर्याप्त संख्या में शिक्षक एवं अन्य स्टॉफ के चयन प्रक्रिया रिक्त पदों की तुलना में अधूरी ही रह गई है। इसके लिए शिक्षक संगठनों ने शिक्षा विभाग की चयन पॉलिसी पर सवाल उठाते हुए इसमें बदलाव की मांग की है। दरअसल, विभाग की ओर से लिए राज्य में नवगठित 167 सरकारी अंग्रेजी माध्यम से इन स्कूलों में चयन के लिए गए इंटरव्यू में कई स्कूलों के लिए निकाली गई वैंकेसी के मुकाबले में थर्ड ग्रेड लेवल वन और टू के शिक्षक पहुंचे ही नहीं।
राजस्थान प्राथमिक माध्यमिक शिक्षक संघ के महामंत्री महेन्द्र पांडे का कहना है कि शिक्षकों के नहीं पहुंचने की मुख्य वजह यह है कि संबंधित जिले के स्कूलों के लिए सिर्फ उसी जिले के अध्यापकों को ही चयन के लिए पात्र माना जाना है।
*शिक्षक प्रतिनिधियों का यह कहना*
संगठन का यह भी कहना है कि अब शिक्षा विभाग को खाली रहे पदों के लिए जुलाई में वॉक इन इंटरव्यू रखकर सभी जिलों के शिक्षकों को चयन का अवसर दिया जाना चाहिए। मिली जानकारी के मुताबिक 167 स्कूलों में करीब 40 में सैकंड ग्रेड पुस्तकालय अध्यक्ष के पद हैं। विभाग के निर्देश पर इस पद पर चयन के लिए पुस्तकालय अध्यक्ष ग्रेड थर्डके ही वॉक इन इंटरव्यू लिए गए।
ऐसे में स्कूलों में कायर्रत सैकंड ग्रेड को अंग्रेजी का ज्ञान होने के बावजूद हटना पड़ेगा। ऐसे में संगठन ने सरकार के सामने यह बात रखी है कि 167 में से सैंकड ग्रेड पुस्तकालय अध्यक्ष पद स्वीकृत वाली स्कूलों के साक्षात्कार में पुस्तकालय अध्यक्ष ग्रेड सैकंड को शामिल किया जाए। गौरतलब है कि शुरूआत में राज्य के हर जिले में एक अंग्रेजी माध्यम के स्कूल के गठन के बाद इन स्कूलों में पुस्तकालय अध्यक्ष के नाम से साक्षात्कार लिए गए थे। उस दौरान सैकंड ग्रेड का चयन भी किया गया था।


11.*प्रमोट हुए विद्यार्थी जमा कराएंगे ई-मित्र पर फीस*
लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के चलते उच्च शिक्षा विभाग ने द्वितीय, तृतीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर उत्तराद्र्ध के विद्यार्थियों को प्रोविजनल प्रवेश देने का फैसला किया है....
जयपुर।
कोरोना संक्रमण स्थिति को देखते हुए राज्य के सरकारी कॉलेज में सोमवार से ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया जारी है। एसपीसी-जीसीए ने प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट कर दिया है। लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के चलते उच्च शिक्षा विभाग ने द्वितीय, तृतीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर उत्तराद्र्ध के विद्यार्थियों को प्रोविजनल प्रवेश देने का फैसला किया है। सभी कॉलेज में प्रक्रिया जारी है।
एसपीसी-जीसीए के प्राचार्य डॉ. एम.एल. अग्रवाल ने बताया कि बीए, बी.कॉंम और बीएससी संकाय के नियमित विद्यार्थियों ने मदस विश्वविद्यालय की वर्ष 2020 की परीक्षाओं के लिए फॉर्म भरा था। तीनों संकाय के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को द्वितीय, द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को अस्थाई तौर पर प्रमोट किया गया है। यह विद्यार्थी मोबाइल पर एसएमएस मिलने पर ई-मित्र पर फीस जमा करा सकेंगे। कॉलेज में कोई रसीद अथवा प्रमाण पत्र जमा नहीं होंगे।
*1 जुलाई से पढ़ाई*
कॉलेज शिक्षा आयुक्त प्रदीप बोरड़ ने बताया कि सभी सरकारी कॉलेज में स्नातक पार्ट द्वितीय, तृतीय और स्नातकोत्तर उत्तरार्² में 1 जुलाई से पढ़ाई शुरू होगी। राज्य सरकार के आदेशानुसार यह तिथि लागू की जाएगी। सभी कॉलेज को विद्यार्थियों की दुर्घटना बीमा कार्रवाई तत्काल करनी होगी।


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