शिक्षा एवं रोजगार समाचार 11.06.2020


1.*स्कूलों का न्यू नॉर्मल / बच्चे ऑड-ईवन के आधार पर हफ्ते में 3 दिन स्कूल आएंगे, दो शिफ्टों में भी बुलाए जा सकते हैं; कमरे के बजाय खुले में पढ़ाई हो तो बेहतर*
कक्षा के हिसाब से स्कूल पहुंचने के समय में 10-10 मिनट का अंतराल होगा, मॉर्निंग असेंबली नहीं होगी, मौसम खराब होने पर कमरे में क्लास लगानी पड़े तो एयर कंडिशनर बंद रखना होगा....
नई दिल्ली।
NCERT ने स्कूल खोलने की तैयारियों को लेकर सरकार को गाइडलाइन का ड्राफ्ट सौंप दिया है। ड्राफ्ट के अनुसार, स्कूल खुलने के बाद एक कक्षा के बच्चों को एक साथ स्कूल नहीं बुलाया जाएगा। इसके लिए रोलनंबर के आधार पर ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू किया जाएगा या फिर दो शिफ्टों में कक्षाएं लगेंगी। बच्चों के स्कूल पहुंचने के समय में भी कक्षाओं के हिसाब से 10-10 मिनट का अंतराल होगा। ड्राफ्ट में यह भी कहा गया है कि सोशल डिस्टेंसिंग के लिए कक्षाएं खुले मैदान में लगाई जाएं तो बेहतर होगा।
*स्कूल खोलने के 6 चरण*
पहला चरण- 11वीं-12वीं की कक्षाएं शुरू होंगी।
1 हफ्ते बाद- 9वीं-10वीं की कक्षाएं शुरू होंगी।
2 हफ्ते बाद- 6वीं से 8वीं तक कक्षाएं शुरू होंगी
3 हफ्ते बाद- तीसरी से 5वीं तक शुरू होंगी।
4 हफ्ते बाद- पहली-दूसरी की कक्षाएं शुरू होंगी
5 हफ्ते बाद- अभिभावकों की सहमति से ही नर्सरी-केजी की कक्षाएं शुरू की जा सकेंगी।
लेकिन, कंटेनमेंट जोन के स्कूल तब तक बंद ही रहेंगे, जब तक इलाका ग्रीन जोन नहीं बन जाता।
*स्कूल: क्लास में बच्चों के बीच 6 फीट की दूरी जरूरी*
क्लास रूम में 30 या 35 बच्चे ही बिठाए जा सकेंगे। छात्रों के बीच 6 फीट की दूरी जरूरी होगी।
क्लासरूम में एसी नहीं चलेंगे। दरवाजे-खिड़कियां खुली रहेंगी।
छात्रों को ऑड-ईवन के आधार पर बुलाना होगा। लेकिन, होम असाइनमेंट रोज देना होगा।
*डेस्क पर नाम लिखा होगा, ताकि बच्चे रोज एक ही जगह बैठ सके*
हर 15 दिन में बच्चे की प्रोग्रेस पर अभिभावकों से बात करनी होगी।
प्रबंधन सुनिश्चित करेगा कि कमरे रोज सैनिटाइज हो रहे हैं।
आयोजन नहीं होंगे। जैसे मॉर्निंग एसेंबली और वार्षिकोत्सव आदि।
स्कूल के बाहर किसी भी तरह के खाने-पीने के स्टाल नहीं लगेंगे।
स्टाफ और छात्रों के प्रवेश करने से पहले स्क्रीनिंग अनिवार्य होगी।
बच्चे: काॅपी, पेन, पेंसिल, खाना शेयर नहीं कर सकेंगे
*हर बच्चे के लिए मास्क जरूरी*
छात्र काॅपी, पेन, पेंसिल, इरेजर आदि शेयर नहीं कर सकेंगे।
छात्र पानी साथ लाएंगे। खाना किसी से शेयर नहीं कर सकेंगे। 
जो छात्र स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखेंगे, उनके अभिभावकों को सूचित किया जाएगा।
*अभिभावक: फ्रंटलाइन पर हैं तो बताना होगा*
जो अभिभावक चिकित्सा, सुरक्षा या सफाई के कामों से जुड़े हैं, उन्हें इसके बारे में स्कूल को पहले ही सूचित करना होगा।
शिक्षकों से वही मिल सकेंगे, जो फोन पर संपर्क नहीं कर सकते।
पीटीएम नहीं होगी, हर 15 दिन में स्कूल से बच्चे की प्रोग्रेस रिपोर्ट पर बात कर सकते हैं।
*ट्रांसपोर्ट*: एक सीट पर एक ही बच्चा बिठाना होगा
ट्रांसपोर्ट को लेकर जल्द ही विस्तृत गाइडलाइन जारी होगी। एक सीट पर एक ही बच्चा बैठेगा।
*हॉस्टल: 6-6 फीट की दूरी पर बेड लगाने होंगे*
क्षमता के 33% छात्र हॉस्टल में रहेंगे। बेड 6-6 फीट की दूरी पर लगेंगे। वे बाजार नहीं जा सकेंगे।


2.*राजस्थान / कोरोना के कारण कम होगा स्कूल का सिलेबस, जून अंत तक जारी हो सकती हैं गाइडलाइन*
सेशन 2020-21 में स्कूल सिलेबस को कम करने की योजना है....
जयपुर।
सेशन 2020-21 में स्कूल सिलेबस को कम करने की योजना है। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को एक ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा, वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए व बहुत से पेरेंट्स व टीचर्स की रिक्वेस्ट के बाद हम आने वाले एकेडमिक ईयर के लिए सिलेबस घटाने व इंस्ट्रक्शनल घंटे कम करने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं।
कोविड-19 के चलते लंबे समय से स्कूल बंद हैं। संसाधनों की कमी से बड़ी संख्या में छात्र ऑनलाइन क्लासेस अटेंड नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में लगातार सिलेबस कम करने की मांग उठ रही थी। बता दें, सेक्रेटरी ऑफ स्कूल एजुकेशन एंड लिटरेसी, अनिता करवाल द्वारा स्टेट एजुकेशन सेक्रेटरीज की मीटिंग लेने के बाद यह घोषणा की गई। प्रदेश से शिक्षा सचिव मंजू राजपाल इस मीटिंग में शामिल हुई।
उनके अनुसार, स्कूल कब खुलेंगे यह फैसला गृह मंत्रालय को लेना है। कोरोना को लेकर हर राज्य की स्थिति अलग है, स्कूल वहां कितने समय से बंद हैं, इसी अनुसार रिडक्शन होगा।
*JEE व NEET का सिलेबस भी कम होने की संभावना*
हाल में दिल्ली के डिप्टी सीएम व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी एमएचआरडी मिनिस्टर को सुझाव देते हुए लिखा है कि स्कूल के साथ ही जेईई मेन व नीट में भी कोर्स कम किया जाना चाहिए। 10वीं व 12वीं के लिए सभी विषयों में 30 प्रतिशत तक सिलेबस कम होना चाहिए। ताकि लर्निंग पर छात्र फोकस कर पाएं।


3.*प्रदेश के पहले कॉचिंग हब की डिजाइन मंजूर, दो फेज में होगा निर्माण*
प्रदेश के पहले कॉचिंग हब की डिजाइन मंजूर, दो फेज में होगा निर्माण, 231 करोड़ रूपये होंगे खर्च, आवासन मंडल को मिलेगा 416 करोड़ का राजस्व....
जयपुर।
राजस्थान आवासन मंडल ने प्रताप नगर के सेक्टर 16 में बनने वाले प्रदेश के पहले कोचिंग हब की डिजाइन को मंजूर कर दिया है। कोचिंग हब करीब 68 हजार वर्गमीटर में बनाया जाएगा। इसमें 40 प्रतिशत क्षेत्र में ही निर्माण कराया जाएगा, 60 प्रतिशत क्षेत्र खुला रहेगा। कोचिंग हब का निर्माण दो फेज में कराया जाएगा, जिस पर 231 करोड़ रुपए का खर्च होगा। मंडल को इस प्रोजेक्ट से करीब 416 करोड़ रुपए की आय होगी।
आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि प्रताप नगर में करीब 70 हजार विद्यार्थियों की क्षमता वाले प्रदेश के पहले कोचिंग हब का निर्माण किया जाएगा। कोचिंग हब में कुल 8 सांस्थानिक टॉवर बनेंगे। इनमें प्रथम फेज में 5 और द्वितीय फेज में 3 टॉवर बनेंगे। प्रत्येक टॉवर 7 मंजिल का होगा, जिसमें कुल 1 लाख वर्ग फीट क्षेत्रफल निर्मित किया जाएगा। इन सभी भवनों के नीचे भूतल में पार्किंग विकसित की जाएगी। निर्माण के बाद कोचिंग संस्थानों को प्रत्येक निर्मित मंजिल बेची जाएगी।
कोचिंग हब में 50 हजार वर्गफीट क्षेत्र में 7 मंजिला लाइब्रेरी का निर्माण कराया जाएगा। इसके साथ ही 800 लोगों की क्षमता वाले ऑडिटोरियम का निर्माण भी कराया जाएगा। छात्रों को रहने के लिए 1100-1100 वर्गमीटर के हॉस्टल व पीजी के लिए 4 भूखंड विकसित किए जाएंगे। यह प्राजेक्ट 42 माह में बनकर तैयार हो जाएगा। कोचिंग हब का निर्माण जुलाई में शुरू हो होगा, जो दिसम्बर 2023 में पूर्ण हो जाएगा। इसका पहला फेज सितम्बर 2022 में पूरा हो जाएगा।


4.*ऑल इंडिया NEET पीजी मेडिकल डेंटल काउंसलिंग : द्वितीय राउंड का शेड्यूल बदला*
11 जून तक की जा सकेगी चॉइस फिलिंग/लॉकिंग.....
कोटा।
मेडिकल काउंसलिंग कमेटी नई दिल्ली की ओर से नीट पीजी मेडिकल/डेंटल काउंसलिंग के द्वितीय राउंड के शेड्यूल में परिवर्तन किया गया है। रिवाइज्ड शेड्यूल कमेटी की ऑफि शियल वेबसाइट पर जारी कर दिया गया।
एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि विद्यार्थी अब 9 जून के स्थान पर 11 जून तक चॉइस फिलिंग तथा लॉकिंग की प्रक्रिया पूर्ण कर सकते हैं। सीट अलॉटमेंट का कार्य 13 जून तक समाप्त कर 14 जून को परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। विद्यार्थियों को 15 जून से 22 जून के मध्य आवंटित सीट पर रिपोर्टिंग एवं ज्वॉइनिंग की प्रक्रिया पूर्ण करनी होगी।
*22 जून को राज्यों को स्थानांतरित की जाएगी सीटें*
22 जून को रिपोर्टिंग एवं ज्वॉइनिंग की समय सीमा समाप्त होने के बाद ऑल इंडिया 50 प्रतिशत कोटा की नॉन रिपोर्टिंग, नॉन ज्वॉइनिंग तथा रिक्त सीटें आनुपातिक तौर पर राज्यों को स्थानांतरित कर दी जाएंगी।


5.*पाठ्य पुस्तक मंडल के पेपर खरीद घोटाले के मामले में हाईकोर्ट ने मांगी एसीबी से प्रगति रिपोर्ट*
राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल में अधिक दरों पर कागज की खरीद व 50 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में एसीबी से 14 जुलाई तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी है....
जयपुर।
राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल में अधिक दरों पर कागज की खरीद व 50 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में एसीबी से 14 जुलाई तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। न्यायाधीश गोरधन बाढ़दार और न्यायाधीश सी.के.सोनगरा की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश पब्लिक अंगेस्ट करप्शन संस्था की जनहित याचिका पर दिए।
एडवोकेट पी.सी.भंडारी ने बताया कि 25.10.2019 को करीब 224 करोड़ रूपये की पेपर खरीद का टेंडर जारी किया और कुछ विशेष कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए उनके टेंडर में वर्जिन पेपर पल्प तथा पेपर के उत्पादन से सम्बंधित दो अनावश्यक शर्ते डाल दी। जिन कंपनियों को टेंडर दिया उनसे पेपर 60 रुपए किलो की दर से खरीदा गया जबकि एनसीआरटी ने यही पेपर 44 रुपए व हिन्दी ग्रंथ अकादमी ने 53 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदा।
इस तरह राज्य सरकार ने यह पेपर सबसे ज्यादा दर पर खरीदा। इस घोटाले की शिकायत एसीबी में की गई, लेकिन एसीबी ने मामले में कोई जांच नहीं की है इसलिए मामले की जांच करके कार्रवाई के आदेश दिए जाएं।


6.*सरकार विद्यार्थियों के करियर, स्वास्थ्य को लेकर गंभीर - उच्च शिक्षा मंत्री*
उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी का कहना है कि राज्य सरकार अपने विद्यार्थियों के करियर और स्वास्थ्य के प्रति गंभीर है....
जयपुर।
उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी का कहना है कि राज्य सरकार अपने विद्यार्थियों के करियर और स्वास्थ्य के प्रति गंभीर है। मंत्री भाटी ने बुधवार को राज्य के 51 स्व वित्त पोषित विश्वविद्यालयों के चेयरपर्सन, प्रेसीडेंट और प्रतिनिधियों के साथ वीसी के जरिए संवाद के दौरान यह बात कही। वीसी के दौरान भाटी ने कहा कि राज्य में मध्य जुलाई से पहले स्नातक और स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष की परीक्षाएं और उसके बाद चरणबद्ध रूप से बाकी कक्षाओं की परीक्षाओं का आयोजन करवा जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य उच्च शिक्षण संस्थानों की दृष्टि से देश में पहले पायदान पर हैं। संख्यात्मक वृद्धि के साथ ही गुणात्मकता का विकास करना चाहिए। वीसी में विश्वविद्यालयों की बाकी रही परीक्षाओं, प्रवेश प्रकिया, आगामी सत्र के साथ अन्य बिंदुओं पर भी चर्चा की गई।
*मंत्री ने कई निर्देश दिए*
मंत्री ने विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए कि सभी पाठ्यक्रमों का संचालन राज्य सरकार और नियामक संस्थाओं के नियमानुसार ही किया जाए। सभी विवि अपने रिकॉर्ड को डिजिटलाइज करें और प्राध्यापकों की नियुक्ति के लिए निर्धारित योग्यता और प्रक्रिया को सुनिश्चित किया जाए। राज्य सरकार की कर्मचारी कल्याण नीति को लागू किया जाए। मंत्री ने निर्देश दिए कि कोरोना संकट को देखते हुए विश्वविद्यालय विद्यार्थियों की फीस को लेकर सहानुभूति पूर्ण रूख अपनाए।
*अच्छा काम करने की दी नसीहत*
मंत्री भाटी ने कहा कि कुछ विश्वविद्यालयों में अच्छा काम हो रहा है तो कुछ में अनियमितताओं की शिकायतें भी सामने आ रही हैं। इससे विद्यार्थियों के साथ ही अभिभावकों का भी नुकसान हो रहा है। विधानसभा में भी कई माननीय सदस्य भी इस बारे में चिंता जाहिर कर चुके हैं। कई शिकायतों पर कार्रवाई भी की गई है।
*विश्वविद्यालयों ने रखीं ये मांग*
वीसी में निजी विश्वविद्यालयों ने कृषि संकाय में बिना एंट्रेस परीक्षा के प्रवेश की व्यवस्था करने, आॅनलाइन परीक्षा करवाने, पदनाम परिवर्तन करने जैसी कई मांग रखीं। मंत्री ने कोरोना संकट के दौरान विश्वविद्यालयों की ओर से किए गए सहयोग के प्रति उनका आभार भी जताया। वीसी में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के शासन सचिव, शिक्षा ग्रुप 4 के अधिकारी भी शामिल हुए।


7.*NEET JEE Main 2020: इंजीनियरिंग व मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे 10 लाख स्टूडेंट्स दे चुके हैं अभ्यास एप पर फ्री मॉक टेस्ट*
JEE मेन और NEET प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया 'नेशनल टेस्ट अभ्यास एप अभ्यर्थियों को खूब भा रहा है....
कोटा।
JEE मेन और NEET प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया 'नेशनल टेस्ट अभ्यास एप अभ्यर्थियों को खूब भा रहा है। आंकड़ों से पता चला है कि अभी तक 10 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं इंजीनियरिंग मेडिकल प्रवेश परीक्षा की फ्री ऑनलाइन कोचिंग देने वाले इस एप का इस्तेमाल कर चुके हैं। इनमें से 45 फीसदी स्टूडेंट्स अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से ताल्लुक रखते हैं। 37 फीसदी स्टूडेंट्स ऐसे हैं जिनके आसपास प्राइवेट कोचिंग की सुविधा नहीं है।
टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक 19 मई से 4 जून के बीच स्टूडेंट्स एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) के इस एप पर 7 लाख से ज्यादा घंटे बिता चुके हैं। कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन के चलते विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स की पढा़ई पर बुरा असर पड़ा है। ऐसे माहौल में जब स्टूडेंट्स घर पर रहकर पढ़ाई करने के लिए मजबूर है, डिजिटल एजुकेशन एग्जाम की तैयारी करवाने में उनकी काफी मदद कर रही है।
खासतौर पर गांव और दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले विद्यार्थी, जहां कोचिंग सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, इस एप का काफी फायदा उठा रहे हैं। कोचिंग करने में आर्थिक रूप से असमर्थ विद्यार्थियों को भी इस एप से तैयारी में काफी लाभ हो रहा है। इससे पता चलता है कि सामान्य स्थिति में भी एजुकेशन का डिजिटलीकरण और ऑनलाइन टूल्स विद्यार्थियों की काफी मदद कर सकते हैं।
जेईई मेन परीक्षा 18 जुलाई से 23 जुलाई के बीच आयोजित होगी, जबकि नीट यूजी परीक्षा 26 जुलाई को आयोजित होगी।
*क्या है नेशनल टेस्ट अभ्यास एप में खास*
यह JEE (Mains) और NEET की तैयारी कर रहे  विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी एप है।' इस पर स्टूडेंट्स को रोजाना JEE Main और NEET का एक फुल लेंथ पेपर मिलता है। पेपर को सोल्व करने के लिए तीन घंटे का समय दिया जाता है। छात्र किसी भी समय टेस्ट दे सकता है। टेस्ट के बाद फौरन बाद मोबाइल स्क्रीन पर स्कोर कार्ड आ जाएगा। इतना ही नहीं, मॉक टेस्ट के बाद एक्सप्लेनेशन के साथ सही उत्तर भी बताया जाएगा। एप में यह भी बताया जाएगा कि आप किस विषय पर कितना समय लगा रहे हैं। कहां आप कमजोर हैं और कहां आपकी स्ट्रेंथ है। इसके अलावा एप आपको आपका सब्जेक्ट वाइज स्कोर भी बताएगी।
फिलहाल इस एप को सिर्फ एंड्रॉयड के लिए लॉन्च किया गया है। जल्द ही इसे ios प्लेटफॉर्म के लिए भी लाया जाएगा। स्टूडेंट्स इस एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। एप को डाउनलोड करने के बाद आपको अपना नाम, स्ट्रीम, मोबाइल नंबर / ईमेल-आईडी डालकर साइन इन करना होगा। 


8.*राजस्थान बोर्ड ने कहा, नए प्रश्न पत्रों की छपाई से नहीं बढ़ेगा आर्थिक बोझ*
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डी पी जारोली ने स्पष्ट किया है कि नये प्रश्न पत्रों की छपाई से बोर्ड पर आर्थिक भार नहीं बढ़ेगा....
अजमेर।
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डी पी जारोली ने स्पष्ट किया है कि नये प्रश्न पत्रों की छपाई से बोर्ड पर आर्थिक भार नहीं बढ़ेगा। जारोली ने अजमेर में एक अखबार में प्रश्न पत्र छपाई से बढ़ने वाले आर्थिक भार पर आधारित खबर के बाद स्पष्टीकरण देते हुये कहा कि कक्षा 12 के प्रश्न पत्रों के लिफाफों में कुछ केंद्रों पर संख्यात्मक एवं अन्य त्रुटियां पाई गई थी जिसका दायित्व प्रिंटर का है और वही पुन: निशुल्क नये प्रश्न पत्र छापकर देगा।
बोर्ड ने उच्च न्यायालय व राज्य सरकार के निर्देशों के बाद कोरोना संक्रमण गाइडलाइन के तहत सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए नये परीक्षा केंद्रों का गठन किया है। राज्य के विभिन्न जिलों के लिए करीब 521 नये परीक्षा केंद्र गठित किए गए है। इनमें सर्वाधिक 40 केंद्र जयपुर में तथा सबसे कम दो केन्द्र हनुमानगढ़ में है जबकि अजमेर में 24 केंद्र गठित किए गए है।
ये नये उपकेंद्र वैकल्पिक स्थानों पर बनाए जाएंगे। इन नये केंद्रों पर परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा प्रवेश पत्र बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध कर दिए हैं। डॉ. जारोली ने बताया कि 18 जून से पुन: प्रारंभ हो रही बोर्ड की परीक्षाओं के लिए कोरोना सुरक्षा के व्यापक उपाए किए गए है। बोर्ड प्रत्येक परीक्षा केंद्र को परीक्षार्थियों के लिए सैनेटाइज व्यवस्था के लिए 300 रुपये का भुगतान करेगा। 


9.*12 साल बाद फिर शुरू होगा राजस्थान का फलाईंग स्कूल - पीपीपी मॉडल पर होगा संचालित*
आयोजना विभाग की मंजूरी का इंतजार....
जयपुर।
प्रदेश का एक मात्र फ्रलाईंग स्कूल के फिर से शुरू होने में कुछ ही समय का इंतजार है। इस स्कूल को पीपीपी मॉडल पर शुरू करने के लिए वित्त विभाग ने अपनी मंजूरी दे दी है और अब आयोजना विभाग से स्वीकृति मिलने का इंतजार है। सिविल एविएशन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आने वाले कुछ महीनों में स्कूल को फिर से शुरू कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 12 साल से बंद स्टेट फ्रलाईंग स्कूल को फिर से शुरू करने की बजट घोषणा की थी। इस पर सिविल एविएशन विभाग ने पीपीपी मॉडल पर शुरू करने का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज दिया था। वित्त विभाग ने तमाम परीक्षण के बाद प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए इसे आयोजना विभाग को भेज दिया है। प्रदेश में संचालित सभी पीपीपी प्रोजेक्ट की मंजूरी आयोजना विभाग ही जारी करता है।
सिविल एविएशन विभाग के अधिकारियों के अनुसार पीपीपी मॉडल पर संचालित करने वाला सेवा प्रदाता ही सभी संसाधन उपलब्ध कराएगा। राज्य सरकार की ओर से इसके संचालन के लिए जगह और एयरक्राफृट उपलबध कराया जाएगा। स्कूल में प्रदेश के युवा हवाई जहाज चलाने का व्यवसायिक प्रशिक्षण ले सकेंगे और रोजगार भी प्राप्त कर सकेंगे।
वर्ष 2008 में इस स्कूल पर एसीबी का छापा पड़ा था और कमर्सियल पायलेट लाइसेंस जारी करने में जम कर अनियमिताएं हुई थी। अनियमिताओं के बाद इस इस स्कूल को बंद कर दिया था। लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रयास से इस स्कूल को फिर से शुरू किया जा रहा है।


10.*राजस्थान होमगार्ड भर्ती 2020: 2500 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र आमंत्रित*
राजस्थान सरकार ने होमगार्ड के ढाई हजार रिक्त पदों पर नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र आमंत्रित किए हैं.....
जयपुर। 
राजस्थान सरकार ने होमगार्ड के ढाई हजार रिक्त पदों पर नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र आमंत्रित किए हैं। पुलिस महानिदेशक होमगार्ड राजीव दासोत ने बुधवार को बताया कि इसके लिए योग्य अभ्यर्थी आगामी 9 जुलाई की देर रात बारह बजे तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। राजीव दासोत ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा पूर्व में गत चार मार्च को राजस्थान गृह रक्षा दल की बटालियनों की विभिन्न कम्पनियों में होमगार्ड स्वयंसेवकों के दो हजार पांच सौ रिक्त पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी।
बाद में कोरोना महामारी के कारण आवेदन पत्र आमंत्रित करने की तिथि आगामी सूचना तक स्थगित कर दी गई । उन्होंने बताया कि अब केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा शिथिलता प्रदान किये जाने के परिप्रेक्ष्य आवेदन के लिए तिथि घोषित की गई है। उन्होंने बताया कि आवेदक नामांकन के समस्त चरणों जैसे पंजीकरण एवं प्रमाणपत्रों की जांच, शारीरिक माप-तोल परीक्षण, शारीरिक दक्षता परीक्षा तथा विशेष योग्यता का विवरण विभाग की वेबसाइट पर देख सकते हैं।


11.*प्रदेश के 7 हजार से अधिक सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालयों में हिन्दी-अंग्रेजी विषय के पद ही स्वीकृत नहीं*
स्कूल क्रमोन्नति के नाम पर विद्यार्थियों से छलावा, द्वितीय श्रेणी शिक्षकों के भरोसे उच्च माध्यमिक स्कूलों में हिन्दी व अंग्रेजी विषयों की पढ़ाई....
नागौर।
सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता का स्तर सुधारने एवं नामांकन बढ़ाने के नाम पर सरकार हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च करती है, बावजूद इसके ‘नाव में सुराख’ की तरह कुछ ऐसी कमियां छोड़ दी जाती हैं, जिसके कारण सरकारी स्कूलों में शिक्षा की नैया तैरने की बजाए डूबती जा रही है। जी हां, शिक्षा विभाग ने करीब छह वर्ष पूर्व प्रदेश भर में छह हजार से अधिक माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत किया था।
इसमें वर्ष 2013-14 में 1086 तथा वर्ष 2014-15 में एक साथ पांच हजार विद्यालयों को क्रमोन्नत किया गया। इसके बाद भी विधायकों एवं मंत्रियों की डिजायर पर सैकड़ों विद्यालय क्रमोन्नत किए गए हैं, जिनको मिलाकर अब तक सात हजार से अधिक विद्यालय क्रमोन्नत किए जा चुके हैं, लेकिन इनमें अनिवार्य विषय हिन्दी और अंग्रेजी के व्याख्याता के पद स्वीकृत नहीं किए गए हैं। ऐसे में शिक्षा का हश्र क्या होगा, यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। हालात यह है कि न तो विभाग के जिम्मेदार अधिकारी एक्शन ले रहे हैं और न ही सरकारी नीतिगत निर्णय से इन पर मोहर लगा पा रहे हैं। शायद सरकार पैसा बचाने के चक्कर में बच्चों के भविष्य से खेलकर उन्हें गर्त में धकेल रही है।
*ये कैसी शर्त: 80 विद्यार्थी होंगे तो ही पद स्वीकृत*
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2014 में सरकार ने स्टाफिंग पैटर्न लागू कर दिया, जिसमें कहा गया कि जिन उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 11 व 12 में नामांकन 80 (40-40) से अधिक होगा, वहां अनिवार्य विषयों के पद स्वीकृत किए जाएंगे। ऐसे में क्रमोन्नत विद्यालयों में करीब 6 वर्षों से हिन्दी व अंग्रेजी व्याख्याताओं के पद रिक्त होने से विद्यार्थी इन विषयों को भली प्रकार नहीं पढ़ पा रहे हैं। जहां हिन्दी साहित्य के व्याख्याता हैं, वे विद्यार्थी तो हिन्दी का अध्ययन व्याख्याता से कर रहे हैं, शेष बच्चों को मजबूरी में वरिष्ठ अध्यापक या अध्यापक से ही पढकऱ संतुष्ट होना पड़ता है। ऐसे में विषय विशेषज्ञता प्राप्त करना व भाषायी दक्षता हासिल करना उनके लिए आज भी दूर की कौड़ी नजर आता है।
*प्रदेश में 16 हजार से अधिक पद रिक्त*
राजस्थान में वर्तमान में अनिवार्य विषय व्याख्याताओं के करीब 14 हजार से अधिक पद स्वीकृत नहीं है। दूसरी ओर इन विषयों के पहले से दो हजार पद रिक्त चल रहे हैं। इस प्रकार इन दोनों अनिवार्य विषयों के करीब 16 हजार से अधिक पद रिक्त होने से कक्षा 9 से 12 के करीब 17 लाख विद्यार्थियों का भविष्य स्वयं अध्ययन करने अथवा वरिष्ठ अध्यापकों व अध्यापकों पर टिका है। राजस्थान में वैसे भी जरूरतमंद एवं ग्रामीण बच्चे सरकारी विद्यालयों में अध्ययन करते हैं और अंग्रेजी विषय से कतराते हैं। ऐसे में उन पर दोहरी मार किंचित उनके भविष्य से महज खिलवाड़ के सिवा कुछ नहीं है।
*समय रहते ध्यान देना होगा*
शिक्षा विभाग में नवाचार और बदलाव का दौर तो निरंतर जारी है, लेकिन संसाधन व शिक्षकों की कमी उसे पूर्णता प्रदान नहीं करने देती। एक और कम्प्यूटर व तकनीकी शिक्षा का दंभ भरा जाता है वहीं अंग्रेजी ज्ञान के नाम पर खानापूर्ति होने से ये ख्वाबों के महल ताश के पत्तों की तरह ढहते नजर आ रहे हैं। समय रहते इस विकट समस्या का निराकरण नहीं किया गया तो बच्चे सरकारी विद्यालयों से दूरी बना लेंगे एवं नामांकन घटना अवश्यंभावी होगा।
- मनोज कुमार व्यास, व्याख्याता, हिन्दी
*ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों की अंग्रेजी कमजोर*
कॉलेज में ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्रों की अंग्रेजी काफी कमजोर रहती है, इसलिए वे कॉलेज में भी अंग्रेजी से दूर भागते हैं। हर वर्ष लगाए जाने वाले विशेष शिविर में भी विद्यार्थियों की संख्या बहुत कम रहती है। यदि स्कूल स्तर पर अंग्रेजी मजबूत होगी तो कॉलेज में उन्हें परेशानी नहीं होगी।
- सुरेन्द्र कागट, असिस्टेंट प्रोफेसर, बीआर मिर्धा कॉलेज, नागौर
*सरकार के स्तर का मामला है*
प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर क्रमोन्नत किए गए विद्यालयों में हिन्दी-अंग्रेजी विषय के पद स्वीकृत नहीं होने से वरिष्ठ अध्यापक ही पढ़ा रहे हैं। यह सरकार के स्तर का मामला है।
- सुरेश कुमार सोनी, एडीईओ, माध्यमिक शिक्षा, नागौर


12.*आरपीएससी : भर्ती परीक्षाओं और साक्षात्कार का कैलेंडर तैयार*
राजस्थान लोक सेवा आयोग ने भर्ती परीक्षाओं और साक्षात्कार का कैलेंडर बना लिया है। जून अंत अथवा जुलाई से आयोग परीक्षाएं और साक्षात्कार शुरू करना चाहता है....
अजमेर।
राजस्थान लोक सेवा आयोग ने भर्ती परीक्षाओं और साक्षात्कार का कैलेंडर बना लिया है। जून अंत अथवा जुलाई से आयोग परीक्षाएं और साक्षात्कार शुरू करना चाहता है। उधर राज्य सरकार की ओर से बॉर्डर पर सख्ती बढ़ाने से आयोग सतर्क हो गया है। अब परिस्थितियों का आकलन कर कैलेंडर जारी किया जाएगा। आयोग को जनसम्पर्क अधिकारी, पुलिस सब इंस्पेक्टर-प्लाटून कमाडंर और अन्य भर्तियों के साक्षात्कार कराने हैं।
इसके अलावा प्राध्यापक भर्ती, सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष और अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं करानी हैं। इनके तिथियां और कार्यक्रम तैयार हो चुका है।
*बॉर्डर पर सख्ती से परेशानी*
बुधवार सुबह सरकार ने राज्य के बॉर्डर सील कर दिए थे। बाद में इसमें संशोधन कर सख्ती बढ़ाने के आदेश जारी हुए। इससे आयोग और अभ्यर्थियों की परेशानी बढऩा तय है। दरअसल दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी भी आयोग की परीक्षा-साक्षात्कार में शामिल होंगे। दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी सुगमता से आएं इसके इंतजाम देखने जरूरी हैं। आयोग परीक्षाओं-साक्षात्कार का कैलेंडर जारी करने से पहले परिस्थितियां सामान्य होने और विभिन्न राज्यों के मुख्य सचिवों, डीजीपी से बातचीत करेगा।
*स्क्रीनिंग, मेडिकल सर्टिफिकेट जरूरी*
कोरोना संक्रमण को देखते हुए आयोग अभ्यर्थियों की स्वास्थ्य-जांच, मेडिकल सर्टिफिकेट लाना जरूरी कर सकता है। साक्षात्कार से पहले परिसर में भी मेडिकल टीम से अभ्यर्थियों की जांच कराई जाएगी। परीक्षा केंद्रों की उपलब्धता, सेनेटाइजेशन अति संक्रमित इलाकों के हालात को भी परखा जाएगा।
*कार्यक्रम तय*
परीक्षा-साक्षात्कार कार्यक्रम तैयार हो चुका है। तमाम परिस्थितियों को देखते हुए विभिन्न राज्यों के मुख्य सचिवों-अधिकारियों से बातचीत करेंगे। ताकि किसी को परीक्षा या इंटरव्यू के लिए दिक्कतें नहीं हों।
-दीपक उप्रेती, अध्यक्ष आरपीएससी


13.*स्टूडेंट्स और पैरेंट्स की दुविधा दूर करने के लिए बोर्ड ने जारी किए FAQ*
*CBSE 10वीं-12वीं की परीक्षाएं 1 जुलाई से 15 जुलाई तक आयोजित की जाएंगी*
*परीक्षा को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब के लिए जारी किए फ्रीक्वेंटली आस्क्ड क्वेश्चन*
दैनिक भास्कर
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) की 10वीं- 12वीं कक्षा की बची परीक्षाएं देशभर में 1 जुलाई से दोबारा शुरू होने जा रही हैं। लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए परीक्षा को लेकर स्टूडेंट्स, पैरेंट्स और टीचर्स के मन में कई तरह सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में CBSE ने इन सवालों का जवाब देने के लिए फ्रीक्वेंटली आस्क्ड क्वेश्चन (FAQ) जारी किए है।
*23 सवालों के दिए जवाब*
सवालों की इस लिस्ट में बोर्ड ने 23 सवाल और उनके जवाब दिए हैं। ये वो 23 सवाल हैं, जो सबसे ज्यादा लोगों द्वारा पूछे गए हैं। इन सवालों के जरिए अभ्यर्थ‍ियों को अपने एग्जाम सेंटर से लेकर परीक्षा के पैटर्न तक हर सवाल का जवाब मिल जाएगा। इन सवालों के जवाब में CBSE ने यह भी बताया है कि स्टूडेंट्स किस तरह अपने परीक्षा केंद्र बदलाव कर सकते हैं। साथ ही बोर्ड ने हेल्पलाइन नंबर की भी जानकारी दी है, जिस पर बोर्ड परीक्षा से जुड़े सवाल पूछ सकते हैं।
*1 जुलाई से शुरू होगी परीक्षा*
देशभर में 1 जुलाई से होने वाली CBSE बोर्ड की परीक्षाओं के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है। इस दौरान संक्रमण से सुरक्षा के मद्देनजर सख्त दिशा-निर्देश तैयार किए जा रहे हैं। इसी बीच केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने CBSE 10वीं-12वीं बोर्ड एग्जाम रिजल्ट 2020 और कोरोना के माहौल में स्कूल खोले जाने को लेकर भी जरूरी जानकारियां दी हैं। 10वीं-12वीं की यह परीक्षाएं 1 जुलाई से 15 जुलाई तक आयोजित की जाएंगी। इनमें 12वीं की 29 मेन विषयों की परीक्षाएं शामिल हैं, जबकि 10वीं की परीक्षा सिर्फ नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली स्टूडेंट्स के लिए ही आयोजित की जाएगी।


14.*10 लाख बेरोजगारों में जगी नौकरी की उम्मीद, शिक्षा मंत्री ने रीट को लेकर ली बैठक*
सीकर.
शिक्षक भर्ती के इंतजार में बैठे प्रदेश के दस लाख से अधिक बेरोजगारों की उम्मीद फिर जगी है। शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET) को लेकर मंगलवार को शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा की मौजूदगी में बैठक हुई। इसमें रीट प्रथम व द्वितीय लेवल के रिक्त पद, भर्ती के पैर्टन, वैटेज, वाणिज्य संकाय के विद्यार्थियों को शामिल करने, राजस्थान का सिलेबस शामिल, भर्ती की तिथि, परीक्षा एजेंसी आदि मुद्दों को लेकर चर्चा हुई। इधर, कोरोना की वजह से बोर्ड परीक्षा भी उलझ गई है। बैठक में विभाग की शासन सचिव मंजू राजपाल, समग्र शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक अभिषेक भगोतिया, शिक्षा निदेशक सौरव स्वामी, विधि परामर्शी सतीश पाराशर, उप सचिव ज्योति चौहान, अनीता मीणा और राजस्थान बोर्ड सचिव अरविंद कुमार सेंगवा मौजूद रहे।

*पहले सुलझाए पेंच, ताकि बाद में नहीं हो दिक्कत*
बैठक में शिक्षा मंत्री ने कहा कि भर्ती के सभी कानूनी पक्षों का पहले सुलझाया जाए ताकि चयनित अभ्यर्थियों को बाद में नौकरी के लिए इंतजार नहीं करना पड़े। पंचायतीराज विभाग का एक मुद्दा सामने आया है जिसे जल्द सुलझाया जाएगा।

*इन बिन्दुओं पर हुई चर्चा*
बैठक में शिक्षक पात्रता परीक्षा के अलावा एक और प्रश्न पत्र कराने, विषय का पेपर कराने या नहीं कराने, एनसीटीई 2011 की बदली गाइडलाइन, बीएड और एसटीसी के विद्यार्थियों की रीट में भागीदारी को लेकर चर्चा हुई।

*31 हजार से अधिक पदों के लिए भर्ती*
रीट के जरिए तृतीय श्रेणी शिक्षकों के 31 हजार से अधिक पदों के लिए भर्ती होनी है। रीट की तिथि तय होने के बाद सबसे पहले राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड या सरकार की ओर से तय एजेंसी की ओर से विज्ञप्ति जारी की जाएगी। इस दौरान पंचायतीराज विभाग की ओर से प्रथम व द्वितीय लेवल के रिक्त पदों के आधार पर अलग से विज्ञप्ति जारी होगी।

*शेखावाटी के तीन लाख से अधिक अभ्यर्थी*
रीट भर्ती में शेखावाटी के तीन लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल होंगे। पिछली भर्ती में शेखावाटी के सवा दो लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे।

*तैयारियों की समीक्षा, जल्द निर्णय*
बैठक में अब रीट भर्ती को लेकर अब तक की तैयारियों की समीक्षा की है। रीट की तैयारी में जुटे लाखों विद्यार्थियों के हित में जल्द निर्णय लिया जाएगा। भर्ती के कानूनी पेंचों को पहले सुलझाया जा रहा है ताकि भविष्य में अभ्यर्थियों को परेशान नहीं होना पड़े।
गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री


15.*घर पर बैठकर भी लग रहा स्कूल में ले रहे शिक्षा*
*सैनिक स्कूल की लाइव ऑनलाइन कक्षाएं*

चित्तौडग़ढ़.
देश में सैन्य आधारित शिक्षा के प्रमुख केन्द्र चित्तौडग़ढ़ सैनिक स्कूल में भी कोरोना वायरस कोविड-१९ महामारी ने शिक्षण का तरीका बदल दिया। लॉकडाउन के बाद छात्रों के साथ साथ अभिभावकों की भी उनके बच्चो की पढ़ाई के प्रति चिंता बढ़ रही थी। इसी बीच सैनिक स्कूल चित्तौडग़ढ़ के प्राचार्य कर्नल राजेश राघव के निर्देशन में सैनिक स्कूल में लाइव ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की गई । डिजिटल तकनीक की मदद से ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन करना चुनौतीपूर्ण था क्योंकि इससे पूर्व कभी इस तरह की तकनीकी का इस्तेमाल नहीं किया गया था । स्कूल के उप प्राचार्य लेफ्टिनेंट कमांडर मनीष चौधरी के प्रयासों से ऑनलाइन कक्षाओं को मूर्त रूप दिया गया ।
स्कूल में लाइव ऑनलाइन कक्षाएं 26 मई से शुरू की गई । कक्षाएं शुरू करने से पूर्व सभी शिक्षकों को लाइव ऑनलाइन कक्षाओं की ट्रेनिंग दी गई । सभी छात्रों को जो देश के कोने कोने में बैठे हैं उन्हें स्कूल द्वारा एक आईडी उपलब्ध कराई गई जिसके माध्यम से छात्र अपनी कक्षा में लॉगिन कर सकते हैं। स्कूल के जनसंपर्क अधिकारी बाबूलाल शिवरान ने बताया कि स्कूल की वेबसाइट पर कक्षावार टाइमटेबल, लेसन प्लान, सेल्फ रीडिंग मैटेरियल लिंक, महत्वपूर्ण सूचनाएं, कैडेट्स के लिए आवश्यक निर्देश आदि की जानकारी दी गई । कक्षा अध्यापकों ने व्हाटसग्रुप बनाकर सभी विद्यार्थियों को उनकी कक्षा के ग्रुप से जोड़ा गया । कक्षाओं का पूरा शेड्यूल स्कूल की वेबसाइट और व्हाट्सएप ग्रुप पर जारी किया गया जिसके माध्यम से छात्रों के साथ.साथ उनके अभिभावक भी देख सकते हैं। लाइव ऑनलाइन कक्षाओं से विद्यार्थियों की ना सिर्फ अध्ययन संबंधित समस्याओं का निराकरण हो पा रहा है वहीं अन्य ऑनलाइन प्रतियोगिताओ में भी शामिल होकर छात्रों को तनाव से मुक्ति मिल रही है।
*ऑनलाइन पेटिंग, योग, निंबध आदि प्रतियोगिताएं*
छात्रों के लिए ऑनलाइन पेंटिंग, योगा,निबंध आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है।ऑनलाइन कक्षाओं में छात्र अपने विषय अध्यापक से कक्षा के दौरान कोई भी प्रश्न पूछ सकता है एवं अपनी जिज्ञासाओं को शांत कर सकता है। छात्रों को इन ऑनलाइन कक्षाओं को बाद में देखने का भी ऑप्शन उपलब्ध कराया गया है जिससे छात्र कभी भी अपने अकाउंट में लॉगिन करके पिछली कक्षाओं की वीडियो देख सकता है। नव प्रवेश कक्षा 6 के छात्रों के लिए ओरिएंटेशन कक्षाओं का आयोजन किया गया है जिनके माध्यम से उन्हें स्कूल की गतिविधियों के बारे में बताया जा रहा है।
*एनडीए की तैयारी के लिए अलग से कक्षाएं*
कक्षा बारहवीं के छात्रों को एनडीए की तैयारी के लिए शाम को अलग से विषयवार ऑनलाइन कक्षाएं लगाई जा रही है । साप्ताहिक टेस्ट के माध्यम से उनके तैयारी को परखा जा रहा है। विषय अध्यापकों द्वारा सभी कक्षाओं के ग्रुप पर शाम को 1 घंटे का डाउट क्लीयरिंग सेशन रखा गया है जिसके माध्यम से छात्रों को उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया जा रहा है। स्कूल में दो सेनेटाइजर मशीन लगाई गई है । स्कूल के मुख्य द्वार पर थर्मल मशीन लगाई गई है । स्कूल में सभी मुख्य स्थानों पर हैंड सैनिटाइजर रखे गए हैं।
*भविष्य को ध्यान में रखते हुए लाइव ऑनलाइन कक्षाएं*
कोविड 19 महामारी के कठिन समय में छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए लाइव ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की गई जिसका सकारात्मक परिणाम सामने आ रहा है। इन लाइव ऑनलाइन कक्षाओं को अभिभावकों ने काफी सहारा है । लाइव ऑनलाइन कक्षाओं को ज्यादातर छात्र अटेंड कर रहे है ।
कर्नल राजेश राघव, प्राचार्य, सैनिक स्कूल
*डिजिटल तकनीक से ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन*
डिजिटल तकनीक की मदद से ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन करना चुनौतीपूर्ण था क्योंकि इससे पूर्व कभी इस तरह की तकनीकी का इस्तेमाल नहीं किया गया था । सैनिक स्कूल के सभी छात्रों को जो देश के कोने.कोने में बैठे हैं आज इन लाइव ऑनलाइन कक्षाओं से जोड़कर पढ़ाया जा रहा है ।
लेफ्टिनेंट कमांडर मनीष चौधरी, उप प्राचार्य, सैनिक स्कूल


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